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न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी का नया निदेशक नियुक्त किया गया

उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस को राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (NJC), भोपाल का नया निदेशक नियुक्त किया है. इसकी घोषणा भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने 10 अप्रैल को की थी. न्यायमूर्ति बोस इसी दिन उच्चतम न्यायालय से सेवा निवृत हुए थे.

राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (NJC): मुख्य बिन्दु

  • राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (National Judicial Academy) भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रशिक्षण संस्थान है जो मुख्य रूप से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में काम करने वाले न्यायिक अधिकारियों के लिए है.
  • संस्थान को 17 अगस्त 1993 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत किया गया था. एनआर माधव मेनन इसके संस्थापक निदेशक थे.
  • यह संस्थान भोपाल में स्थित है. इसके संस्थान भवन का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति ने 5 सितंबर, 2002 को किया था. संस्थान के शासी निकाय के अध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश होते हैं.
  • NJA का प्राथमिक उद्देश्य देश भर में ट्रायल कोर्ट और संवैधानिक न्यायालयों के न्यायाधीशों को प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना है.

नौ नये न्‍यायाधीशों ने उच्‍चतम न्‍यायालय के न्‍यायाधीश के रूप में शपथ ली

तीन महिला न्‍यायाधीशों सहित नौ नये न्‍यायाधीशों ने 31 अगस्त को उच्‍चतम न्‍यायालय में न्‍यायाधीश के रूप में शपथ ली. प्रधान न्‍यायाधीश एन.वी. रमन्‍ना ने नई दिल्‍ली में एक विशेष समारोह में नये न्‍यायाधीशों को शपथ दिलाई. नौ नये न्‍यायाधीशों के नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों की कुल संख्या 33 हो गयी है.

शपथ लेने वालों में कर्नाटक उच्‍च न्‍यायालय के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका, गुजरात उच्‍च न्‍यायालय के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश विक्रमनाथ, सिक्किम उच्‍च न्‍यायालय के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति जितेन्‍द्र कुमार महेश्‍वरी, तेलंगाना उच्‍च न्‍यायालय न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति हिमा कोहली, और कर्नाटक उच्‍च न्‍यायालय की पूर्व न्‍यायाधीश बीवी नागरत्‍ना शामिल हैं.

इनके अलावा केरल उच्‍च न्‍यायालय के पूर्व न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति सी टी रवि कुमार, मद्रास उच्‍च न्‍यायालय के पूर्व न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति एम एम सुन्‍दरेश, गुजरात उच्‍च न्‍यायालय के पूर्व न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और पूर्व अपर सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्‍हा को न्‍यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई.

महिला न्यायाधीश

उच्‍चतम न्‍यायालय में तीन महिला न्‍यायाधीशों की नियुक्ति की गयी है. इस नियुक्ति के बाद उच्‍चतम न्‍यायालय में महिला न्यायाधीशों की संख्या चार हो गयी है. न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी सर्वोच्च न्यायालय में सेवारत महिला न्यायाधीश हैं. उच्‍चतम न्‍यायालय में पहली महिला न्यायाधीश एम. फातिमा बीवी थीं, जिन्हें 1989 में नियुक्त किया गया था.

बॉम्बे, मेघालय और उड़ीसा उच्च न्यायालयों में नए मुख्य न्यायाधीशों की सिफारिश

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे, मेघालय और उड़ीसा उच्च न्यायालयों में नए मुख्य न्यायाधीशों के नियुक्ति की सिफारिश की है.

  1. कॉलेजियम ने वर्तमान में कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया है.
  2. इसके अलावा न्यायमूर्ति बिस्वनाथ सोमादर जो वर्तमान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश हैं, को मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है.
  3. कॉलेजियम ने मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक को उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है.

कॉलेजियम प्रणाली (Collegium System of Supreme Court): एक दृष्टि

  • देश की न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रणाली को कॉलेजियम प्रणाली कहा जाता है.
  • 1990 में सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों के बाद कॉलेजियम प्रणाली बनाई गई थी.
  • कॉलेजियम प्रणाली के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश के नेतृत्‍व में बनी वरिष्ठ न्यायाधीशों की समिति न्यायाधीशों के नाम तथा नियुक्ति का फैसला करती है.
  • सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा तबादलों का फैसला भी कॉलेजियम ही करता है.
  • हाईकोर्ट के कौन से जज पदोन्‍नत होकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे यह फैसला भी कॉलेजियम ही करता है.
  • कॉलेजियम प्रणाली का उल्‍लेखन न तो मूल संविधान में है और न ही उसके किसी संशोधन में.

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति: मुख्य तथ्य

  • संविधान के अनुच्छेद 214 से 237 तक में राज्य की न्यापालिका का उल्लेख है. संविधान का अनुच्छेद 214 यह बतलाता है कि प्रत्येक राज्य में एक न्यायालय होगा.
  • संविधान के अनुच्छेद 216 के अनुसार राष्ट्रपति आवश्यकतानुसार प्रत्येक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या निर्धारित करता है.
  • अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से सम्बंधित है. राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा सम्बंधित राज्य के राज्यपाल के परामर्श से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करता है.

भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शरद अरविंद बोबडे ने शपथ ली

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में 18 नवम्बर को शपथ ली. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्‍ट्रपति भवन में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. न्‍यायमूर्ति रंजन गोगोई के 17 नवम्बर को सेवानिवृत्‍त हो जाने के बाद श्री बोबड़े भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश बने हैं. न्‍यायमूर्ति बोबड़े का कार्यकाल 23 अप्रैल, 2021 तक होगा.

न्यायमूर्ति बोबड़े 12 अप्रैल, 2013 में उच्‍चतम न्‍यायालय के न्‍यायाधीश के रूप में नियुक्‍त किये गये थे. वे ऐतिहासिक अयोध्‍या फैसला सुनाने वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में शामिल थे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस बोबडे के मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने को 29 अक्टूबर को मंजूरी दे दी थी. प्रक्रिया के अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले मुख्य न्यायधीश अगले मुख्य न्यायधीश के नाम की अनुशंसा विधि मंत्री को भेजते हैं. विधि मंत्री इस नाम को मंत्रीपरिषद् के समक्ष प्रस्तुत करते हैं और मंत्रीपरिषद् की सहमति से राष्ट्रपति मंजूरी प्रदान करते हैं.

न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही ने मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली

न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही ने 11 नवम्बर को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली. तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उन्हें पद की शपथ दिलायी.

मौजूदा नियुक्ति के पहले साही पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे. साही ने विजया ताहिलरमानी का स्थान लिया है. ताहिलरमानी ने मेघालय स्थानांतरण किए जाने पर पुनर्विचार के लिए उनके आग्रह पर उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम के इनकार के बाद इस्तीफा दे दिया था.

जस्टिस संजय करोल ने पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली

जस्टिस संजय करोल ने 11 नवम्बर को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई.

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एपी शाही का स्थानांतरण मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद पर होने के बाद जस्टिस करोल पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए हैं.

जस्टिस करोल इससे पूर्व त्रिपुरा हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस थे. साल 1998 से 2003 तक वे हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता रहे थे. 25 अप्रैल 2017 से 5 अक्टूबर 2018 तक हिमाचल प्रदेश के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम किया और 14 नवम्बर 2018 को त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने थे.

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति: मुख्य तथ्य

  • संविधान के अनुच्छेद 214 से 237 तक में राज्य की न्यापालिका का उल्लेख है. संविधान का अनुच्छेद 214 यह बतलाता है कि प्रत्येक राज्य में एक न्यायालय होगा.
  • संविधान के अनुच्छेद 216 के अनुसार राष्ट्रपति आवश्यकतानुसार प्रत्येक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या निर्धारित करता है.
  • अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से सम्बंधित है. राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा सम्बंधित राज्य के राज्यपाल के परामर्श से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करता है.

सुप्रीम कोर्ट के 47वें मुख्य न्यायधीश के रूप में जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की सिफारिश की गयी

सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने जस्टिस शरद अरविंद बोबडे को सुप्रीम कोर्ट के 47वें मुख्य न्यायधीश बनाने की केंद्र सरकार से सिफारिश की है. जस्टिस शरद अरविंद बोबडे सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं.

प्रक्रिया के मुताबिक वर्तमान मुख्य न्यायधीश ही अगले मुख्य न्यायधीश की सिफारिश करता है. सुप्रीम कोर्ट 46वें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

देश के सात उच्च न्यायालय में नये मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी गयी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के सात उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) में नये मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति को 4 अक्टूबर को मंजूरी दी. ये नियुक्ति इस प्रकार है:

  1. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति रवि शंकर झा
  2. गुवाहाटी उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति अजय लाम्बा
  3. राजस्थान उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति इंद्रजीत महंती
  4. केरल उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति ए मनि कुमार
  5. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति एलएन स्वामी
  6. आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी
  7. सिक्किम उच्च न्यायालय: न्यायमूर्ति एके गोस्वामी

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति: मुख्य तथ्य

  • संविधान के अनुच्छेद 214 से 237 तक में राज्य की न्यापालिका का उल्लेख है. संविधान का अनुच्छेद 214 यह बतलाता है कि प्रत्येक राज्य में एक न्यायालय होगा.
  • संविधान के अनुच्छेद 216 के अनुसार राष्ट्रपति आवश्यकतानुसार प्रत्येक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या निर्धारित करता है.
  • अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से सम्बंधित है. राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा सम्बंधित राज्य के राज्यपाल के परामर्श से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करता है.