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भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

भारत ने 11 मार्च को अग्नि-5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. इस परीक्षण को ‘मिशन दिव्यास्त्र’ नाम दिया गया था. यह परीक्षण ओडिशा स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड से किया गया था. अग्नि-5 मिसाइल कई वॉरहेड को ले जाने और कई ठिकानों पर निशाना लगाने में सक्षम है.

अग्नि-5 मिसाइल: मुख्य बिन्दु

  • अग्नि-5 मिसाइल भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज 5000 किमी है. स्वदेश विकसित इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है.
  • यह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत विकसित सतह-से-सतह पर मार करने वाली लंबी दूरी की एक अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल है.
  • यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस है. यानी इसे एक साथ कई टारगेट्स पर लॉन्च किया जा सकता है. इसका पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में MIRV के बिना हुआ था.
  • यह 1.5 टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है. इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा.
  • मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास MIRV क्षमता है.

भारत ने स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल को नौसेना में शामिल किया

भारत ने 26 दिसम्बर को एक समारोह में नवीनतम स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल (INS Imphal) को नौसेना में शामिल किया था. यह समारोह डॉकयार्ड, मुंबई में आयोजित किया गया था. इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि थे.

मुख्य बिन्दु

  • इस युद्धपोत की लंबाई 535 फीट और वजन 7, 400 टन है. आईएनएस इंफाल को 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ तैयार किया गया है. इसका निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई ने किया है.
  • आईएनएस इंफाल विध्वंसक पहला युद्धपोत है जिसे पूर्वोत्तर के किसी शहर का नाम दिया गया है. युद्धपोत का नामकरण पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा और समृद्धि को दर्शाता है.
  • सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस आईएनएस इंफाल को हिंद महासागर में चीन को चुनौती देने के लिए तैयार किया गया है.
  • यह युद्धपोत परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध स्थितियों के तहत लड़ने के लिए सुसज्जित है. गुप्त विशेषताएं इसकी युद्ध क्षमता को बढ़ाती है.
  • इस युद्धपोत में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार गिराने वाली मिसाइलों को भी इंस्टॉल किया गया है. यह 30 समुद्री मील (56 किमी/घंटा) से ऊपर की गति से चल सकता है.
  • इसमें पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी सुपर रैपिड गन को भी युद्धपोत में इंस्टॉल किया गया है. यह हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज-रोधी मिसाइलों और टॉरपीडो सहित अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से सुसज्जित है.
  • इस युद्धपोत से निकलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री पर घूमकर दुश्मन कर हमला करने की ताकत रखती है.
  • इस युद्धपोत में स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं, जो दुश्मन के हथियारों का पता लगा सकता है. इन सैंसर्स का पता लगाना दुश्मनों के लिए टेढ़ी खीर है.

आठवीं हिन्‍द महासागर नौसेना संगोष्‍ठी बैंकाक में सम्‍पन्‍न हुई

आठवीं हिन्‍द महासागर नौसेना संगोष्‍ठी (8th Indian Ocean Dialogue) 22 दिसम्बर को थाइलैंड के बैंकाक में सम्‍पन्‍न हुई थी. इसमें 27 सदस्‍य देशों और पर्यवेक्षकों देशों के नौसेना प्रमुखों तथा वरिष्‍ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्‍मेलन का आयोजन थाइलैंड की रॉयल थाई नेवी ने किया था. इसमें भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार ने तीन सदस्‍यीय नौसेना शिष्‍ट मंडल के साथ भाग लिया.
  • नौसेना प्रमुखों के सम्‍मेलन के दौरान थाइलैंड ने हिन्‍द महासागर नौसेना संगोष्‍ठी का प्रभार संभाला तथा अगले दो वर्ष के लिए कार्य योजना तय की.
  • इस दौरान भारत द्वारा डिजाइन किए गए ध्‍वज को हिन्‍द महासागर नौसेना संगोष्‍ठी का ध्‍वज चुना गया.

आकाश प्रणाली का परीक्षण, एक साथ चार लक्ष्‍यों को नष्ट करने वाला पहला देश बना

भारत ने 17 दिसम्बर को आकाश हथियार प्रणाली (Akash Weapon System) का सफल परीक्षा किया था. DRDO ने यह परीक्षण भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित अस्त्रशक्ति 2023 अभ्यास कार्यक्रम के दौरान किया था. अस्त्रशक्ति 2023 अभ्यास का आयोजन आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका वायु सेना स्टेशन पर हुआ था.

मुख्य बिन्दु

  • इस परीक्षण में आकाश हथियार प्रणाली के जरिए 30 किमी की रेंज पर 4 लक्ष्यों को हवा में ही नष्ट कर दिया गया. भारत ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने सिंगल फायरिंग यूनिट के जरिए एक साथ 4 लक्ष्‍यों को नष्ट किया हो.
  • आकाश हथियार प्रणाली को फायरिंग लेवल रडार, फायरिंग कंट्रोल सेंटर और दो आकाश एयरफोर्स लॉन्च के साथ तैनात किया गया. इन लॉन्चर्स में 5 मिसाइलें लगी हुई थीं.
  • आकाश हथियार प्रणाली सिस्टम स्वदेशी है. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है. पिछले ही दशक में इसे आर्मी और वायुसेना में तैनात किया गया है.
  • वर्तमान में जिस सिस्टम से इसकी फायरिंग की गई, उसका रिपीट ऑर्डर सितंबर 2019 में वायुसेना की तरफ से दिया गया था. डीआरडीओ लगातार इसे अपग्रेड कर आधुनिक बना रहा है.
  • इससे पहले डीआरडीओ ने स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग यूएवी, ऑटोनोमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर का सफल परीक्षण किया था.

भारत ने हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग UAV का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

भारत ने 15 दिसम्बर को हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग (High Speed Flying Wing) UAV का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (Aeronautical Test Range ATR) से किया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस परीक्षण के बाद भारत भी उन देशों के क्लब में शामिल हो गया है, जिन्होंने फ्लाइंग विंग कॉन्फ़िगरेशन (Flying wing configuration) को कंट्रोल करने में महारत हासिल कर ली है.
  • इस परीक्षण में डीआरडीओ ने ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator) का प्रयोग कर स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग यूएवी को सफलतापूर्वक उड़ाया.
  • इस स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग यूएवी, एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता को दिखाता है. इसकी खासियत है कि इसे हल्के कार्बन प्रीप्रेग से बनाया गया है.

DAC ने 2.23 लाख करोड रुपये के रक्षा सौदे के प्रस्तावों को अनुमति दी

रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने सशस्त्र बलों की संचालन क्षमता बढाने के लिए 30 नवंबर को 2.23 लाख करोड रुपये के रक्षा सौदे के प्रस्तावों को अनुमति दी थी. इसमें 65 हजार करोड़ रुपए के 97 LCA मार्क 1A फाइटर जेट के अधिग्रहण का प्रस्ताव शामिल है. यह मंजूरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दी गई थी.

मुख्य बिन्दु

  • इसी के साथ भारतीय वायुसेना को ये आधुनिक फाइटर जेट मिलने का रास्ता साफ हो गया है. यही नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 156 LCH प्रचंड हेलिकॉप्टर और  84 Su-30MKI फाइटर्स को खरीदने के अपग्रेड प्लान को मंजूरी दी है.
  • गौरतलब है कि DAC द्वारा मंजूरी दिए गए प्रोजेक्ट्स में से रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के लिए 98 फीसदी घरेलू उद्योगों से प्राप्त किया जाएगा.
  • DAC ने दो प्रकार के एंटी-टैंक युद्ध सामग्री, एरिया डेनियल म्यूनिशन (ADM) टाइप-2 और टाइप-3 की खरीद के लिए मंजूरी दी है. ये टैंक और बख्तरबंद वाहन और दुश्मन के सैनिकों को बेअसर करने में सक्षम हैं.
  • स्वदेशी कैटेगरी के तहत T-90 टैंकों के लिए स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर (ATT) और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर (DBC) की खरीद और एकीकरण के लिए मंजूरी दी गई है. ये प्रतिद्वंद्वी प्लेटफार्मों पर टी-90 टैंकों को मजबूत बनाए रखने में मदद करेगा.

स्‍वदेशी एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण, सीकिंग 42 बी हेलीकॉप्‍टर से किया गया

भारत ने 21 नवंबर को एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण भारतीय नौसेना और DRDO ने बंगाल की खाड़ी में किया था. स्वदेश निर्मित एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • यह देश की पहली एंटी शिप मिसाइल है, जिसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने बनाया है.
  • इस एंटी शिप मिसाइल की स्पीड 980 किलोमीटर प्रति घंटा है, और रेंज 5 से 55 किलोमीटर है. यह मिसाइल दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आती है.
  • इस परीक्षण में मिसाइल की Seeker और Guidance तकनीक का भी परीक्षण किया गया. किसी भी मिसाइल का उसके तय लक्ष्य को भेदना ही गाइडेंस तकनीक का हिस्सा है. कोई मिसाइल कितनी प्रभावी है, यह उसकी गाइडेंस तकनीक पर ही निर्भर करता है.
  • अभी भारत में इंटीग्रेटिड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के जरिए चार मिसाइल सिस्टम देश में विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें पृथ्वी मिसाइल, आकाश मिसाइल, त्रिशूल और नाग मिसाइल सिस्टम शामिल हैं.

सी-295 एम.डब्‍ल्‍यू परिवहन विमान वायुसेना में शामिल, भारत ड्रोन शक्ति का उद्घाटन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 25 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन में वायुसेना के एयरबेस पर औपचारिक रूप से पहले सी-295 एम.डब्‍ल्‍यू परिवहन विमान को वायुसेना में शामिल किया था. यह एचएस-748 ए.वी.आर.ओ. विमान की जगह लेगा. यह सामरिक विमान, लैंडिंग ग्राउंड तैयार नहीं होने पर भी उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है.

भारत ड्रोन शक्ति – 2023 का उद्घाटन

  • रक्षा मंत्री ने हिंडन भारतीय वायु सेना अड्डे पर भारत ड्रोन शक्ति – 2023 का उद्घाटन भी किया. भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया कार्यक्रम का संयुक्‍त रूप से आयोजन कर रहे हैं.
  • इससे मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा. इस कार्यक्रम में 75 से अधिक ड्रोन स्‍टार्टअप और कंपनियां भाग लेंगी.
  • दो दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में भारतीय ड्रोन की क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें सर्वेक्षण, ड्रोन कृषि, ड्रोन अग्रिसवन ड्रोन, निगरानी ड्रोन शामिल हैं.
  • भारत में सैन्‍य और असैन्‍य क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग लगातार बढ रहा है. भारत में ड्रोन का इस्‍तेमाल फोटोग्राफी करने, आर्मी द्वारा निगरानी करने, राहत एवं बचाव अभियान के अलावा कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है.

सरकार ने 45 हजार करोड़ रुपये मूल्य के सैन्य साजो-सामान की खरीद को मंजूरी दी

सरकार ने 45 हजार करोड़ रुपये मूल्य के सैन्य साजो-सामान की खरीद को मंजूरी दी है. यह मंजूरी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने 15 सितम्बर को दी थी. ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ये सभी खरीद भारत के विक्रेताओं से की जाएंगी.

  • DAC ने हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहनों और एकीकृत निगरानी प्रणाली की खरीद के लिए स्वीकृति प्रदान की. इसमें तोप और रडार की तैनाती शामिल है.
  • DAC ने नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दे दी.
  • स्वदेशी रूप से निर्मित कम दूरी की हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल-ध्रुवास्त्र की खरीद को मंजूरी दे दी गई है.
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से संबंधित उपकरणों के साथ 12 सुखोई-30 विमानों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई.

भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कृपाण को उपहार स्वरुप वियतनाम को सौंपा गया

भारत ने नौसेना युद्धपोत ‘आईएनएस कृपाण’ को 22 जुलाई को सेवामुक्त कर वियतनाम पीपुल्स नेवी (VPN) को सौंप दिया. युद्धपोत को संपूर्ण हथियारों से लैस वियतनाम पीपुल्स नेवी को सौंपा गया.

मुख्य बिन्दु

  • जहाज को वियतनाम के कैम रैन नौसैनिक अड्डे पर आयोजित एक समारोह में वियतनाम को सौंपा गया.
  • यह पहला अवसर है जब भारत किसी मित्र देश को पूर्ण-परिचालित युद्धपोत उपहार स्वरूप सौंपा गया है.
  • भारतीय नौसेना ने वियतनाम पीपुल्स नेवी को आईएनएस कृपाण का स्थानांतरण हिंद महासागर क्षेत्र में ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ होने की भारतीय नौसेना की स्थिति का प्रतीक है.
  • अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के हिस्से के रूप में, भारत का लक्ष्य इसमें सक्रिय मित्रवत नौसेनाओं के लिए क्षमताएं तैयार करना है.
  • 1991 में भारतीय सेना में कमीशन होने के बाद से ही आइएनएस कृपाण, भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक अभिन्न अंग रहा है और पिछले 32 वर्षों में कई ऑपरेशनों में भाग लिया है.
  • लगभग 12 अधिकारियों और 100 नाविकों द्वारा संचालित यह युद्धपोत 90 मीटर लंबा और 10.45 मीटर चौड़ा है और इसकी अधिकतम  मालवाहक क्षमता 1450 टन है.

भारत ने फ्रांस से 26 राफेल विमान और 3 पनडुब्बियां खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

भारत ने नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल लड़ाकू विमान और तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पारंपरिक पनडुब्बियां खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह मंजूरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 14 जुलाई को दी थी.

  • DAC ने भारतीय नौसेना के लिए तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के साथ 26 राफेल राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. भारतीय वायु सेना के लिए फ्रांस से पहले ही 36 राफेल विमान खरीदे जा चुके हैं.
  • DAC ने यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़्रांस यात्रा के दौरान दी थी. DAC रक्षा खरीद पर निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई है.
  • भारतीय नौसेना स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और विक्रांत पर तैनात करने के लिए पुराने मिग-29 के स्थान पर एक उपयुक्त लड़ाकू विमान की तलाश कर रही थी.
  • नौसेना ने खरीद के लिए बोइंग एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांसीसी कंपनी दासॉल्ट एविएशन के राफेल एम विमान के बारे में विचार किया. बाद में राफेल एम इस दौड़ में विजेता रहा.
  • इस बीच, तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों को नौसेना द्वारा प्रोजेक्ट-75 के हिस्से के रूप में रिपीट क्लॉज के तहत हासिल किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें मुंबई में मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड में बनाया जाएगा.

आईएनएस विक्रांत के डेक पर मिग-29 लड़ाकू विमान की पहली नाइट लैंडिंग

भारतीय नौसेना ने आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत के डेक पर ‘मिग-29K’ लड़ाकू विमान की पहली नाइट लैंडिंग कराकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की.

भारतीय नौसेना ने कहा है कि आईएनएस विक्रांत पर मिग-29K की पहली नाइट लैंडिंग आत्मनिर्भर भारत की दिशा में नौसेना की शक्ति का संकेत है.

आईएनएस विक्रांत, भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है. यह पोत 2 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था.