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रोमानिया और बुल्गारिया शेंगेन क्षेत्र में शामिल हुए, जानिए क्या है शेंगेन क्षेत्र

बुल्गारिया और रोमानिया  शेंगेन (Schengen ) सदस्य बन गए हैं. यूरोपीय आयोग के अनुसार, दोनों देश 31 मार्च 2024 को आंशिक रूप से शेंगेन क्षेत्र (Schengen Area) में शामिल हो गए. यह दोनों देशों के यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ एकीकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है.

मुख्य बिन्दु

  • शेंगेन नियम दोनों सदस्य देशों में लागू होंगे, जिसमें शेंगेन वीजा जारी करना भी शामिल है और आंतरिक वायु और समुद्री सीमाओं पर नियंत्रण हटा दिया जाएगा. इन दो सदस्य देशों का शेंगेन में शामिल होने से इस क्षेत्र का विस्तार हुआ है.
  • इसके साथ ही यात्रियों को उनके और दर्जनों अन्य यूरोपीय देशों के बीच स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति मिल गई. हालांकि ऑस्ट्रिया के विरोध के कारण भूमि सीमा पर जांच जारी रहेगी. प्रतिदिन लगभग 3.5 मिलियन लोग शेंगेन क्षेत्र की आंतरिक सीमा पार करते हैं.
  • यूरोपीय आयोग ने एक दशक से भी ज़्यादा समय से कहा है कि रोमानिया और बुल्गारिया शेंगेन क्षेत्र में पूर्ण प्रवेश के लिए तकनीकी मानदंडों को पूरा करते हैं. पूर्ण प्रवेश के लिए सभी सदस्य देशों से सर्वसम्मति से समर्थन की आवश्यकता होती है.
  • बुल्गारिया की राजधानी सोफ़िया हवाई अड्डा शेंगेन उड़ानों के लिए सबसे बड़े केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो सभी उड़ानों का 70% हिस्सा है. आसान नियमों से दोनों देशों के पर्यटन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
  • रोमानिया दक्षिण-पूर्वी यूरोप में है. इसकी राजधानी बुखारेस्ट है. यह देश कार्पेथियन पर्वत, डेन्यूब नदी और काला सागर तट का घर है. रोमानिया की आबादी लगभग 19 मिलियन है और यह यूरोपीय संघ का सदस्य है. आधिकारिक भाषा रोमानियाई है.
  • बुल्गारिया यूरोप के बाल्कन क्षेत्र में स्थित है, जिसकी सीमा उत्तर में रोमानिया और दक्षिण में तुर्की से लगती है. इसकी राजधानी सोफिया है. बुल्गारिया की आबादी लगभग 7 मिलियन है और यह काला सागर तट के किनारे ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है.

शेंगेन क्षेत्र क्या है?

  • शेंगेन क्षेत्र (Schengen Area) यूरोप के 27 देशों का एक समूह है. इस क्षेत्र में शामिल देशों के बीच सीमा नियंत्रण खत्म कर दिया गया है. यह दुनिया का सबसे बड़ा मुफ़्त यात्रा क्षेत्र है.
  • शेंगेन क्षेत्र के देशों की बीच, वीज़ा नीति, शरण नीति, और अपने पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के बीच सहयोग के लिए समझौते हैं.
  • शेंगेन क्षेत्र की शुरुआत 1985 में पांच यूरोपीय संघ देशों – फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग – के बीच एक अंतर सरकारी परियोजना के रूप में हुई थी. धीरे-धीरे इसका विस्तार हुआ.
  • शेंगेन क्षेत्र के देशों के बीच आम तौर पर कोई पासपोर्ट नियंत्रण नहीं होता. अगर किसी के पास इनमें से किसी एक देश का वैध वीज़ा है, तो वह अन्य शेंगेन देशों की भी यात्रा कर सकता है.
  • शेंगेन क्षेत्र में शामिल देश: ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, क्रोएशिया, चेकिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ़िनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, और स्विट्जरलैंड.

विदेश मंत्री की साइप्रस और ऑस्ट्रिया यात्रा

विदेश मंत्री डॉ. सुब्रमण्‍यम जयशंकर 29 दिसम्बर से 3 जनवरी तक साइप्रस और ऑस्ट्रिया की आधिकारिक यात्रा पर थे. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत की और कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए.

मुख्य बिन्दु

  • साइप्रस की 29-31 दिसंबर तक की अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की अध्यक्ष और कार्यवाहक राष्ट्रपति अनिता डेमेत्रिओ से मुलाकात की थी.
  • दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों, परस्पर हित से जुड़े क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई.
  • इस वर्ष भारत और साइप्रस के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. इस अवसर पर साइप्रस डाक द्वारा जारी स्मारक डाक टिकटों का सेट जयशंकर को भेंट किया.
  • साइप्रस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग पर सहमति-पत्र और ‘डिक्लरेशन ऑफ इंटेंट ऑन माइग्रेशन एंड मोबिलिटी’ पर भी हस्ताक्षर हुए.
  • साइप्रस के बाद जयशंकर दूसरे चरण में 31 दिसंबर से 3 जनवरी तक ऑस्ट्रिया की यात्रा पर रहे और वहां के विदेश मंत्री एलेक्सजेंडर शालेनबर्ग के आधिकारिक आमंत्रण पर ‘न्यू ईयर कंसर्ट’ में भी शामिल हुए.
  • बतौर विदेश मंत्री जयशंकर की यह पहली ऑस्ट्रिया यात्रा थी. पिछले 27 साल में पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रिया की यात्रा की.
  • अपनी इस यात्रा के दौरान जयशंकर ने ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति एलेक्सजेंडर वान दे बेलेन, ऑस्ट्रियाई संसद के अध्यक्ष वुल्फगैंग सोबोत्का से भेंट की. उन्होंने ऑस्ट्रिया के चांलसर कार्ल नेहारमर से भी मुलाकात की और विदेश मंत्री शालेनबर्ग से चर्चा की.

लियो वराडकर दूसरी बार आयरलैंड के प्रधानमंत्री बने

भारतीय मूल के लियो वराडकर दूसरी बार आयरलैंड के प्रधानमंत्री बन गए हैं. देश की मध्यमार्गी गठबंधन सरकार के साथ बारी-बारी से सत्ता संभालने के समझौते के अंतर्गत वराडकर ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है.

43 साल के लियो आयरलैंड के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं. ये उनका दूसरा कार्यकाल है. 2017 में 38 साल की उम्र में वो पहली बार प्रधानमंत्री बने थे. उनका ये कार्यकाल 2020 तक चला था.

लियो वराडकर का जन्म 18 जनवरी 1979 को आयरलैंड की राजधानी डबलिन में हुआ था. भारत के मुंबई में रहने वाले उनके पिता अशोक 1973 में आयरलैंड शिफ्ट हो गए थे. उनकी मां मरियम का संबंध आयरलैंड से ही था.

ब्रदर्स ऑफ इटली गठबंधन की जियोर्जिया मेलोनी इटली की अगली प्रधानमंत्री होंगी

इटली में हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रीय चुनाव में ‘ब्रदर्स ऑफ इटली’ (Brothers of Italy) को बहुमत मिला है. ब्रदर्स ऑफ इटली वहाँ की धुर दक्षिणपंथी और अति राष्ट्रवादी गठबंधन है.

मुख्य बिन्दु

  • ब्रदर्स ऑफ इटली की अध्यक्ष जियोर्जिया मेलोनी अगली प्रधानमंत्री होंगी. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश की पहली महिला प्रधानमंत्री होंगी.
  • 1945 में देश के तानाशाह रहे मुसोलिनी के बाद उसकी पार्टी की समर्थक रही मेलोनी को प्रवासियों को देश में प्रवेश देने का विरोधी माना जाता है.
  • इससे पहले स्वीडन के संसदीय चुनावों (सितम्बर 2022) में धुर दक्षिणपंथी ‘स्वीडन डेमोक्रैट्स’ देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.
  • रूस के मामले पर मेलोनी के गठबंधन के सहयोगियों का सुर अलग हैं. उनके सहयोगी बर्लुस्कोनी और साल्विनी दोनों के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ रिश्ते रहे हैं, लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण का उन्होंने समर्थन नहीं किया था.

विदेश मंत्री स्लोवाकिया और चेक गणराज्य की यात्रा संपन्न की

विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर 2 से 6 जून तक स्लोवाकिया और चेक गणराज्य की यात्रा पर थे. श्री जयशंकर स्लोवाकिया में ग्लोबसेक फोरम में भाग लिया और “मैत्री अगले चरण तक: हिंद- प्रशांत क्षेत्र में सहयोग” विषय पर अपने विचार रखे.

इस यात्रा के दौरान उन्होंने स्लोवाकिया के ब्रैतिस्लावा में स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री एडवर्ड हेगर से मिले और विदेश मंत्री इवान कॉरकॉक के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.

चेक गणराज्य की यात्रा के दौरान डॉ. जयशंकर वहां के विदेश मंत्री यान लिपवस्की के साथ वार्ता कर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की.

UNHRC में रूस के स्थान पर चेक गणराज्य को शामिल करने को मंजूरी

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में रूस के स्थान पर चेक गणराज्य को शामिल करने को मंजूरी दी है. यह मंजूरी संयुक्त राष्ट्र महासभा में सदस्य देशों के मतदान के आधार पर किया गया.

इसके पहले यूक्रेन में रूसी सैनिकों द्वारा मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के आरोपों पर हुए मतदान के बाद रूस को इस निकाय से निलंबित कर दिया गया था. चेक गणराज्य 31 दिसंबर 2023 तक UNHRC सीट पर बना रहेगा.

मुख्य बिंदु

  • चेक गणराज्य 47 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की रिक्त सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था. जिनेवा स्थित परिषद की सीटों को क्षेत्रीय समूहों में विभाजित किया गया है और रूस के स्थान पर पूर्वी यूरोप से किसी देश को शामिल किया जाना था.
  • गुप्त मतदान में महासभा के 193 सदस्यों में से 180 सदस्यों ने मतपत्र जमा किए. नतीजा यह रहा कि 157 देश चेक गणराज्य के पक्ष में रहे और 23 अनुपस्थित रहे.
  • महासभा ने 7 अप्रैल को रूस को मानवाधिकार परिषद से निलंबित करने के लिए 24 के मुकाबले 93 वोट से मंजूरी दी थी. इस दौरान 58 सदस्य अनुपस्थित रहे. परिषद से रूस को निलंबित करने का प्रस्ताव अमेरिका ने रखा था.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC): एक दृष्टि

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने मानवाधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से UNHRC को 2006 में स्थापित किया था. UNHRC का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है.
  • UNHRC में अफ्रीका के लिए 13, एशिया के लिए 13, पूर्वी यूरोप के लिए 6, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के लिए 8, और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य समूह (WEOG) के लिए 7 सीटें आवंटित हैं.

प्रधानमंत्री ने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा संपन्न की

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 2 से 4 मई तक यूरोप के तीन देशों की यात्रा पर थे. इस दौरान उन्होंने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा की थी. उन्होंने इस यात्रा की शुरुआत जर्मनी से की थी, जबकि यात्रा के अंतिम चरण में फ्रांस गये थे.

जर्मनी

  • पीएम 2 मई को बर्लिन पहुंचे थे. वहां उन्होंने चांसलर ओलाफ शूल्ज से द्वपक्षीय वार्ता की. इसके बाद वह 6ठे भारतीय-जर्मनी अंतर सरकारी परामर्श में शामिल हुए. उन्होंने कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता भी की.
  • इस दौरान भारत और जर्मनी के बीच कुल 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इनमें हरित और सतत विकास साझेदारी, दोनों विदेश मंत्रालयों के बीच वर्गीकृत सूचनाओं का आदान-प्रदान, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, कृषि, शामिल हैं.
  • प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शॉल्‍ज ने हरित और सतत विकास साझेदारी के संयुक्त आशय घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षर किये. जर्मनी ने सतत विकास और जलवायु सहयोग के लिये वर्ष 2030 तक दस अरब यूरो की अतिरिक्‍त विकास सहायता की अग्रिम प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की.

डेनमार्क

  • यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री कोपेनहेगन पहुंचे. उनकी डेनमार्क की यह पहली यात्रा थी. वे डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट फ्रेड्रिकसन के निमंत्रण पर गये थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कारोबार समेत कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई.
  • श्री मोदी डेनमार्क की मेजबानी में दूसरे भारत-नोर्डिक शिखर सम्मेलन (India-Nordic Summit) 2022 में भाग लिया. इस सम्मेलन में डेनमार्क के अतिरिक्त आइसलैंड, नार्वे, स्वीडन और फिनलैंड के प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया. इन पांच देशों को उत्‍तरी यानी नॉर्डिक देश कहा जाता है. नॉर्डिक देश नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटलीकरण और नवाचारों में भारत के महत्‍वपूर्ण साझेदार हैं.
  • प्रधानमंत्री ने कोपेनहेगन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेड्रिकसन के साथ शिष्‍टमण्‍डल स्‍तर की वार्ता की. दोनों नेताओं ने हरित रणनीतिक भागीदारी की प्रगति की समीक्षा की. भारत और डेनमार्क के बीच यह अपनी तरह का पहला समझौता है.
  • दोनों देशों के बीच विभिन्‍न क्षेत्रों में नौ समझौतों पर हस्‍ताक्षर हुए. इनमें भारत में उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र और स्‍मार्ट प्रयोगशालाओं सहित सुरक्षित तथा स्‍वच्‍छ जल के बारे में सहयोग का समझौता शामिल है.
  • नॉर्डिक देशों ने विस्‍तारित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्‍थायी सदस्‍यता के लिए अपना समर्थन दोहराया. इन देशों ने जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा विविधिता, स्‍मार्ट ग्रिड और ऊर्जा दक्षता के क्षेत्रों में भी सहयोग की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की.
  • पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित किया गया था. अमेरिका के अलावा, भारत एकमात्र अन्य देश है जिसके साथ नॉर्डिक देशों का शिखर-स्तरीय जुड़ाव है.
  • भारत और डेनमार्क के बीच पिछले छह वर्षों के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 78 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. 2016 में जहां दोनों देशों के बीच 2.8 बिलियन डॉलर व्यापार हुआ था वह 2021 में बढ़कर पांच बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. भारत से डेनमार्क को निर्यात किये जाने वाले प्रमुख उत्पादों में कपड़ा,  वाहन,  धातु के सामान, लोहा और अन्य वस्तुएं शामिल हैं.

फ्रांस

  • यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने फ्रांस की यात्रा की. उन्होंने पेरिस में फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ता की.
  • उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. इसमें भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा ताकत और सफलता को बढ़ाने की बात भी हुई. भारत और फ्रांस ने माना कि वो एक दूसरे को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख साझेदार के रूप में देखते हैं.
  • इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया.

यूरोपीय संघ-भारत व्यापार और प्रौद्योगिक परिषद के गठन का निर्णय

भारत और यूरोपीय संघ (EU) ने व्यापार और प्रौद्योगिक परिषद (India-EU Trade and Technology Council) के गठन का निर्णय लिया है. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की यात्रा पर आयीं यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच हुई 25 अप्रैल को हुई वार्ता में लिया गया था. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष को इस साल के रायसीना डायलॉग के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.

मुख्य बिंदु’

  • यह ऐसी रणनीतिक व्‍यवस्‍था है जो व्यापार, विश्वसनीय टेक्‍नोलॉजी और सुरक्षा की मिलीजुली चुनौतियों से निपटने में मदद करेगी.
  • दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल के मद्देनजर संयुक्त और विस्तृत सामरिक सहयोग की आवश्यकता है.
  • व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद राजनीतिक मार्ग के साथ ही राजनीतिक फैसलों के क्रियान्वयन के लिए एक आवश्यक प्रारूप प्रदान करेगा.
  • यह तकनीकी काम में सहयोग करेगा तथा यूरोपीय और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं की टिकाऊ प्रगति के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्रियान्वयन और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक स्तर पर रिपोर्ट करेगा.
  • व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद स्थापित करने का फैसला भारत के लिए पहला और यूरोपीय संघ के लिए दूसरा होगा. यूरोपी संघ ने अमेरिका के साथ इस प्रकार की एक परिषद की स्थापना की है.

विक्टर ओर्बन चौथी बार हंगरी के नए प्रधानमंत्री चुने गये

विक्टर ओर्बन (Viktor Orban) को हंगरी का नया प्रधानमंत्री चुना गया है. हंगरी में 3 अप्रैल को संसदीय आम चुनाव हुए थे, जिसमें विक्टर ओर्बन के ‘फ़ाइड्ज़ पार्टी’ को स्पष्ट बहुमत मिला था. वह लगातार चौथे कार्यकाल के लिए हंगरी के प्रधानमंत्री चुने गये हैं.

प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भी बड़ा समर्थक माना जाता है. ओर्बन की अकसर यूरोपीय संघ द्वारा लोकतंत्र को कमजोर करने और कथित भ्रष्टाचार कृत्यों पर गौर ना करने के लिए आलोचना की जाती है.

हंगरी मध्य यूरोप में स्थित एक देश है और इसकी सीमा स्लोवाकिया, यूक्रेन, रोमानिया, सर्बिया, क्रोएशिया, स्लोवेनिया और ऑस्ट्रिया से लगती है.

सर्जियो मातारेला इटली के दोबारा राष्ट्रपति चुने गए

सर्जियो मातारेला को इटली का दोबारा राष्ट्रपति चुन लिया गया है. वह पहली बार 2015 में राष्ट्रपति बने थे. अब उन्हें दोबारा 7 साल के कार्यकाल के लिए चुना गया है. उन्हें कुल 1,009 मतों में से उन्हें 759 मत मिले. मातारेला के नाम पर दक्षिणपंथी और वामपंथियों समेत ज्यादातर पार्टियां राजी थीं. इटली में राष्ट्रपति चुनाव 24 जनवरी से 29 जनवरी, 2022 के बीच रोम में संपन्न हुआ था.

इटली में राष्ट्रपति

इटली में राष्ट्रपति का कार्यकाल 7 साल का होता है. भारत की तरह ही इटली में भी राष्ट्रपति की भूमिका आमतौर पर रस्मी ही होती है. हालांकि, राष्ट्रपति के पास संसद भंग करने, नया प्रधानमंत्री चुनने और पार्टियों के कमजोर गठबंधनों को सरकार बनाने की अनुमति ना देने जैसी कई बड़ी शक्तियां होती हैं.

भारत और यूरोपीय संघ के बीच नौसैनिक अभ्यास ‘EU NAVFOR’ आयोजित किया गया

भारत और यूरोपीय संघ के तीन देशों के बीच 19-20 जून को नौसैनिक अभ्यास ‘EU NAVFOR’ आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का आयोजन अदन की खाड़ी में किया गया था जिसमें भारत के साथ इटली, स्पेन व फ्रांस की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया. इसका उद्देश्य प्रमुख जलमार्गों में परिचालन संबंधी अंतर-क्षमता में सुधार और शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना था.

चार नौसेनाओं के पांच युद्धपोत इस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में भाग लिया. इसमें उन्नत वायु रक्षा और पनडुब्बी रोधी अभ्यास के अलावा खोज और बचाव मिशन शामिल थे. भारतीय नौसेना ने अभ्यास में अपने युद्धपोत INS त्रिकंद को तैनात किया है. फ्रांस ने अपने दो युद्धपोत भेजे थे.

अभ्यास में आधुनिक वायु रक्षा और पनडुब्बी रोधी अभियाओं के अलावा ‘क्रॉस डेक’ हेलीकॉप्टर परिचालन, ‘बोर्डिंग’ परिचालन, खोज और बचाव और अन्य समुद्री सुरक्षा अभियान शामिल थे.

EU NAVFOR क्या है?

EU NAVFOR, The European Union Naval Force का संक्षिप्त रूप है. यह सोमालिया के तट पर यूरोपीय संघ का समुद्री डकैतों के खिलाफ मिशन है.

यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच ब्रेक्जिट बाद का व्यापार समझौता

यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच ब्रेक्जिट (ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से अलग होने) बाद का व्यापार समझौता हो गया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस समझौते की घोषणा 24 दिसम्बर को की. ब्रिटेन की संसद 30 दिसम्‍बर को इस समझौते पर मतदान करेगा.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है कि एक साल में 668 अरब पाउंड का सबसे बडा समझौता किया गया है. यह देश में रोजगार सुनिश्चित करेगा और ब्रिटेन को यूरोपीय बाजार में शुल्क और कोटा के बिना सामान बेचने में सक्षम बनाएगा.

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस समझौते को उचित और संतुलित बताया है. उन्होंने कहा कि समझौते के बाद ब्रिटेन एक भरोसेमंद पार्टनर बना रहेगा.

यूरोपीय संघ के नेताओं, यूरोपीय संसद और ब्रिटेन सरकार से अनुमोदित किए जाने के बाद समझौते से सुनिश्चित होगा कि 1 जनवरी 2021 को यूरोपीय संघ से पूरी तरह अलग होने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के 27 सदस्‍य देशों के साथ शुल्क या कोटा के बिना अपने सामान का व्यापार जारी रख सकेगा. समझौता अनुमोदित नहीं होने की स्थति में ब्रिटेन आधिकारिक तौर पर 31 दिसम्‍बर 2020 को यूरोपीय संघ के व्यापारिक नियमों से बाहर हो जायेगा.

ब्रेक्जिट (Brexit) क्या है?

ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से बाहर जाने को संक्षिप में Brexit यानी (Britain+Exit) कहते हैं. साल 2016 में एक जनमत संग्रह के आधार पर ब्रिटेन ने यूरोपियन यूनियन से अलग होने की घोषणा की थी. संसद की मंजूरी के बाद 31 जनवरी 2020 को ब्रिटेन औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ से अलग हो गया था. ब्रेक्जिट समझौते के तहत 31 दिसम्‍बर 2020 वह यूरोपीय संघ के व्यापारिक नियमों का पालन करेगा.