भारत में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के जनक दिग्गज प्रबंधक एवं नेतृत्वकर्ता फकीर चंद कोहली का 26 नवम्बर को निधन हो गया. वे 96 वर्ष के थे. कोहली देश की शीर्ष सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) के संस्थापक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रहे थे. उन्होंने देश में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति की नींव रखी.
कोहली का जन्म 1924 में पेशावर में हुआ था. उन्होंने कनाडा की क्वीन्स यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री ली और फिर अमेरिका की प्रतिष्ठित मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की.
1969 में टाटा ग्रुप के चेरमैन जेआरडी टाटा ने कोहली से TCS को शुरू करने के लिए उनसे मदद मांगी थी. बता दें कि उस समय TCS दुनिया की तीसरी कंपनी थी, जिसमें कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा था. उन्हें देश में तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-11-27 21:48:462020-11-27 21:49:03भारत में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के जनक फकीर चंद कोहली का निधन
अमेरिकी महिला कैथरीन सुलिवन (Kathy Sullivan) पृथ्वी के महासागर में सबसे गहरे ज्ञात स्थान ‘मरियाना ट्रेंच’ पर पहुंचने वाली पहली महिला बन गई हैं. सुलिवन ने एक सबमर्सिबल में मरियाना ट्रेंच स्थित ‘चैलेंजर डीप’ (Challenger Deep) की तली तक करीब 11 किलोमीटर नीचे पहुंचीं.
कैथरीन सुलिवन ने मरियाना ट्रेंच (प्रशांत महासागर) तक पहुचने की यह कामयाबी EYOS Expeditions नाम की लॉजिस्टिक्स कंपनी के साथ मिलकर किया. उनके साथ एक्सप्लोरर विक्टर एल वेस्कोवो भी गए थे. दोनों ने चैलेंजर डीप पर करीब डेढ़ घंटा बिताया.
अंतरिक्ष में चलने वाली पहली अमेरिकी महिला
68 साल की कैथरीन सुलिवन ने 1978 में NASA को जॉइन किया था. वह उस पहले अमेरिकी ऐस्ट्रोनॉट्स के ग्रुप का हिस्सा थीं जिसमें महिलाओं को शामिल किया गया था. 11 अक्टूबर, 1984 को वह अंतरिक्ष (स्पेस) में चलने वाली पहली अमेरिकी महिला बनीं थीं.
कैथरीन स्पेस के अपने दूसरे मिशन में Discovery स्पेस शटल से गई थीं. इस मिशन के दौरान Hubble Space Telescope को लॉन्च किया गया था. Hubble पृथ्वी की कक्षा में घूमती ऑब्जर्वेटरी है जिसने पिछले 30 साल में अद्भुत नजारे कैमरे में कैद किए हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-06-16 22:09:382020-06-16 22:09:38अमेरिकी महिला कैथरीन सुलिवन मरियाना ट्रेंच पहुंचने वाली पहली महिला बनी
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 7 मई को स्टायरीन (Styrene) गैस के रिसाव की दुर्घटना घटी. इस गैस का रिसाव विशाखापत्तनम में गोपालापट्टनम के पास आर आर वेंकटपुरम गांव (Vizag) में स्थित LG पॉलीमर लिमिटेड (LG Polymers Limited) कंपनी के संयंत्र से हुआ था. इस दुर्घटना से कई लोगों की मौत हो गई और बीमार पड गये.
दुर्घटना (Vizag Gas Leak) से संयंत्र के आस-पास के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों पर इसका असर पड़ा. रिसाव के कारण लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी, उल्टी आने और शरीर में चकत्ते पड़ने की शिकायत की.
यह दुर्घटना उस समय हुई, जब संयंत्र के कुछ मजदूर लॉकडाउन की पाबंदियों के आंशिक रूप से हटने के बाद एक इकाई को फिर से चालू करने का प्रयास कर रहे थे. इसी क्रम में स्टायरिन गैस लीक हुई, जो प्लाटिक का कच्चा माल है.
LG पॉलीमर लिमिटेड: एक दृष्टि
1961 में हिंदुस्तान पॉलीमर ने पॉलीस्टायरीन और इससे जुड़े दूसरे उत्पादों को बनाने के लिए विजाग में यह प्लांट लगाया था. 1978 में मक्डॉवेल एंड कम्पनी में इसका विलय हो गया. 1997 में दक्षिणी कोरिया की कम्पनी LG केम ने इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया. इसका नाम बदलकर LG पॉलीमर रखा गया.
स्टायरीन क्या है?
स्टायरीन (Styrene) एक कार्बनिक यौगिक है. इसका रासायनिक सूत्र C6H5CH=CH2 है. यह गैस श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है. इस गैस के संपर्क में आने के कारण फेफड़ों की मांसपेशियां पक्षाघात का शिकार हो सकता है. इससे ऑक्सीजन की कमी होने से मौत भी हो सकती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-05-07 23:36:292020-05-08 23:23:59विशाखापत्तनम में LG पॉलीमर लिमिटेड के संयंत्र से स्टायरीन गैस का रिसाव की दुर्घटना घटी
जाने-माने फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर का 30 अप्रैल को मुंबई में निधन हो गया. वे 67 वर्ष के थे और ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) से पीड़ित थे.
ऋषि कपूर ने अपने पिता राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ में बाल कलाकार के रूप में वे पहली बार फिल्म में अभिनय किया था. उसके बाद ‘मेरा नाम जोकर’ फिल्म के लिए बाल कलाकार के रूप में उन्होंने अपना राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता. वर्ष 1973 में फिल्म ‘बॉबी’ में उन्होने मुख्य नायक के रूप में पहली बार अभिनय किया था.
लैला मजनू, रफू चक्कर, कर्ज़, चांदनी, हीना और सागर जैसी फिल्मों में रोमांटिक नायक के रूप में उनके अभिनय को काफी सराहा गया.
वर्ष 2008 में उन्हें ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वर्ष 2011 में ‘दो दुनी चार’ में अभिनय के लिए उन्होने ‘फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड’ दिया गया, वही वर्ष 2017 में ‘कपूर एंड संस’ में अपनी भूमिका के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-30 22:15:052020-04-30 22:15:05जाने-माने फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर का निधन
जाने-माने अभिनेता इरफ़ान खान का 29 अप्रैल को मुंबई में निधन हो गया. 54 वर्षीय इरफान, कैंसर से पीडि़त थे. 2018 में उनमें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था. इरफान खान पेट की समस्या से जूझ रहे थे, उन्हें कोलोन इंफेक्शन हुआ था. इरफान को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए याद किया जाएगा.
इरफान ने National School of Drama से 1984 में अभिनय (एक्टिंग) की पढ़ाई की थी. उन्होंने ‘चाणक्य’, ‘भारत एक खोज’, ‘सारा जहां हमारा’, ‘बनेगी अपनी बात’, ‘चंद्रकांता’ और ‘श्रीकांत’ जैसे सीरियल में काम किया.
इरफ़ान खान का बॉलीवुड में सफर 1988 में मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे से शुरू हुआ था. उन्होंने पहली बार 2005 की फिल्म ‘रोग’ में लीड रोल किया था. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन मकबूल, लाइफ इन ए मेट्रो, पान सिंह तोमर और पीकू, हिंदी मीडियम, अंग्रेगी मीडियम जैसी फिल्मों से उन्हें खास पहचान मिली.
इरफ़ान खान ने स्लम डॉग मिलेनियर, अ माइटी हार्ट, जुरासिक वर्ल्ड और द अमेजिंग स्पाइडर मैन जैसी अनेक अन्तर्राष्ट्रीय फिल्मों में भी काम किया. उनकी फिल्म लाइफ ऑफ पाय ने बड़े पैमाने पर सफलता हासिल की.
फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. उन्हें कला और सिनेमा में दिए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने 2011 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-29 22:01:402020-04-30 21:27:21जाने-माने फिल्म अभिनेता इरफ़ान खान का निधन
ब्रिटेन के मशहूर कॉमेडियन टिम ब्रुक-टेलर का 13 अप्रैल को निधन हो गया. वे 79 वर्ष के थे. उनकी मौत कोरोना वायरस (कोविड 19) के संक्रमण से हुआ.
ब्रुक ‘गुडीज’ (The Goodies) नामक मशहूर हास्य कलाकारों की तिकड़ी का हिस्सा थे. ‘गुडीज’ में ब्रुक के अलावा ग्रीम गार्डन और बिल ऑडी भी थे. ब्रुक ने 1960 में टीवी और रेडियो पर कॉमेडी शुरू की थी. वहीं 1975 में ब्रुक के गाने ‘फंकी गिबन’ काफी लोकप्रिय था. ब्रुक टीवी शो ‘एट लास्ट द 1948 शो’ का अहम हिस्सा रहे थे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-13 23:44:512020-04-13 23:44:51ब्रिटेन के मशहूर कॉमेडियन टिम ब्रुक-टेलर का निधन
हॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री ऑनर ब्लैकमैन (Honor Blackman) का 6 अप्रैल को निधन हो गया. वे 94 वर्ष की थीं. ब्लैकमैन ने कई फिल्मों में अपने दमदार अभिनय का परिचय दिया है, हालांकि उनके सुपरहिट किरदारों में फिल्म ‘गोल्डफिंगर’ और टीवी शो ‘एवेंजर्स’ का बड़ा हिस्सा शामिल है.
ऑनर ब्लैकमैन 1964 की जेम्स बॉन्ड फिल्म ‘गोल्डफिंगर’ में सीन कॉनरी के साथ ‘Pussy Galore’ की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता था. उन्होंने 1960 के दशक की लोकप्रिय टीवी शो ‘एवेंजर्स’ में ‘कैथी गेल’ का किरदार निभाया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-09 23:19:112020-04-09 23:19:11हॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री ऑनर ब्लैकमैन का निधन
भारतीय वायुसेना के पूर्व सैनिक चंदन सिंह राठौड़ का 29 मार्च को 95 साल की आयु में निधन हो गया. वे 1980 में सेवानिवृत हुए थे. चंदन सिंह को अति विशिष्ट सेवा मेडल, 1965 की जंग में उल्लेखनीय योगदान के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. उन्हें 1971 में बांग्लादेश बनाने में अहम भूमिका निभाने पर महावीर चक्र प्रदान किया गया था. यह परमवीर चक्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार है.
एयर मार्शल सिंह उन योद्धाओं में शामिल थे, जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध से लेकर देश की आजादी के बाद 1948 के कबायली आक्रमण, 1962 में भारत-चीन तथा 1965 व 1971 की भारत-पाक लड़ाइयों में बहादुरी के साथ हिस्सा लिया था.
असम के जोरहट एयरफोर्स स्टेशन के एओसी रहते हुए ग्रुप केप्टन चंदन सिंह ने 1971 के भारतीय-पाकिस्तान युद्ध में मुश्किल माने जाने वाली ढाका पोस्ट पर रात को अपने हेलीकॉप्टर्स से 3 हजार से अधिक सैनिकों और 40 टन से अधिक हथियार व अन्य उपकरण पहुंचाकर पाकिस्तान की जीती हुई बाजी को पलट दिया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-30 23:55:182020-03-31 00:29:36महावीर चक्र से सम्मानित भारतीय वायुसेना के पूर्व सैनिक चंदन सिंह राठौड़ का निधन
ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का 27 मार्च को निधन हो गया. वे 104 साल की थीं. वे 140 देशों में फैले अन्तर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान का संचालन कर रही थीं.
दादी जानकी महज 21 साल की उम्र में ब्रह्माकुमारी संस्थान के संपर्क में आईं थीं. चौथी तक पढ़ी दादी जानकी ने ईश्वरीय सेवाओं के लिए पश्चिमी देशों को चुना. 1970 में पहली बार लंदन गईं और 35 वर्षों तक वहीं रहकर सौ से ज्यादा देशों में ईश्वरीय संदेश को पहुंचाया. हजारों-लाखों लोगों को जीवन जीने की कला सिखाई.
दादी जानकी ने नारी शक्ति को आगे बढ़ाते हुए 46 हजार बहनों को तैयार किया, जो लोगों में आध्यात्मिकता के जरिए ज्ञान, राजयोग और साधना से मूल्यनिष्ठता को स्थापित करने में जुटी हैं. ब्रह्माकुमारी संस्थान दुनिया की एकमात्र संस्था है जिसके सभी केंद्रों की प्रमुख महिलाएं होती हैं.
दादी जानकी स्वच्छता के संदर्भ में हमेशा से सक्रीय रही हैं. देश और विदेश में इसके लिए अभियान चलाती रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एम्बेसडर बनाया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-27 23:56:272020-03-28 00:16:30ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का निधन
FIFA (Federation Internationale de Football Association) ने भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री को ‘COVID-19’ महामारी के खिलाफ चलाये जा रहे जागरूकता अभियान में शामिल किया है. FIFA ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर जागरूकता अभियान ‘Pass the message to kick out coronavirus’ शुरू किया है.
इस अभियान में विश्व के 28 मौजूदा और पूर्व फुटबॉल सितारों को शामिल किया गया है, जिनमें छेत्री के अलावा लियोनेल मेसी, विश्व कप विजेता फ्लिप लाम, इकेर सेसिलास और कार्लेस पुयोल शामिल हैं.
ये फुटबॉलर लोगों को बीमारी के संक्रमण से बचाव के लिए पांच कदम उठाने का आग्रह कर रहे हैं. अभियान में लोगों को हाथ धोने, खांसते समय मुंह पर कपड़ा रखने, चेहरा नहीं छूने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और घरों में रहने के लिए कहा जा रहा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-25 23:46:212020-03-26 22:03:14फीफा ने भारतीय फुटबॉलर सुनील छेत्री को ‘COVID-19’ जागरूकता अभियान में शामिल किया
महान फुटबॉलर और पूर्व कोच प्रदीप कुमार बैनर्जी का 20 मार्च को कोलकाता में निधन हो गया. वे 83 वर्ष के थे. 1961 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार और 1990 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. वे अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले फुटबॉलर थे. फीफा ने उन्हें 2004 में शताब्दी आर्डर आफ मेरिट प्रदान किया था.
प्रदीप कुमार बनर्जी भारतीय फुटबॉल के स्वर्णिम दौर के साक्षी थे. वे 1962 की एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता टीम का अहम हिस्सा थे. उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए 84 मैच में 65 अन्तर्राष्ट्रीय गोल किये थे. उन्होंने 1960 के रोम ओलंपिक में भारत का नेतृत्व किया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-21 23:55:402020-03-23 19:54:20फुटबॉलर और पूर्व कोच प्रदीप कुमार बैनर्जी का निधन
प्रसिद्ध एथलेटिक्स कोच जोगिंदर सिंह सैनी का 1 मार्च को पटियाला में निधन हो गया. वे 90 वर्ष के थे. वे 1978 में बैंकॉक एशियाई खेलों में आठ स्वर्ण सहित 18 पदक जीतने वाली एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच थे. उन्हें 1997 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
सैनी को भारत के कुछ प्रतिष्ठित ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों को निखारने का श्रेय जाता है. वह 1970 से 1990 के दशक के बीच कई वर्षों तक राष्ट्रीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच रहें. सैनी 1954 में एथलेटिक्स कोच बने थे. वह 1990 में तत्कालीन भारतीय एमेच्योर एथलेटिक्स महासंघ के मुख्य कोच बने.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-02 22:49:182020-03-02 22:51:45प्रसिद्ध एथलेटिक्स कोच जोगिन्दर सिंह का निधन