वाहनों से पथकर वसूलने के लिए स्वचालित भुगतान व्यवस्था ‘फास्टैग’ (FASTag) 15 दिसम्बर से लागू हो गई. यह सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है. ‘फास्टैग’ के माध्यम से टोल प्लाज़ा पर भुगतान करने के लिए लोगों को अब अपने वाहन रोकने की आवश्यकता नहीं होगी. इससे समय तथा ईंधन की बचत, प्रदूषण में कमी और यातायात का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा.
निर्बाध आवागमन के लिए फास्टैग के माध्यम से पथकर वसूलने की राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक पथकर संग्रह प्रणाली लागू की गई है. फास्टैग में रेडियो तरंगों के जरिये वाहन की पहचान होती है और चलते वाहन से सीधे पथकर का भुगतान हो जाता है. यदि कोई चालक फास्टैग के बिना इलेक्ट्रॉनिक पथकर लेन में चला जाता है तो उसे दोगुने शुल्क का भुगतान करना होगा.
क्या है फास्टैग?
फास्टैग प्री-पैड री-चार्जेबल टैग है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. टोल प्लाजा पर लगी डिवाइस इस टैग को रीड कर टोल का गेट खोल देती है.
फास्टैग चेक 100 रुपये से 1 लाख रुपये तक की राशि से रीचार्ज कराया जा सकता है. टोल प्लाजा पर फास्टैग का इस्तेमाल होते ही राशि कट जाती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-15 23:00:272019-12-15 23:00:27वाहनों से पथकर वसूलने के लिए स्वचालित भुगतान व्यवस्था ‘फास्टैग’ लागू हुआ