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FATF बैठक: पाकिस्तान ग्रे-लिस्ट से बाहर, म्यांमार काली सूची में शामिल

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की बैठक 20-21 अक्तूबर को पेरिस में आयोजित की गई थी. यह बैठक सिंगापुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें 200 से अधिक सदस्य देशों ने भाग लिया.

FATF बैठक, अक्तूबर 22: मुख्य बिन्दु

  • FATF ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे-लिस्ट से बाहर कर दिया है. आतंकी वित्त पोषण की वजह से पाकिस्तान को 2018 में इस सूची में शामिल किया गया था.
  • इस लिस्ट से हटने के बाद अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय यूनियन जैसी संस्थाओं से वित्तीय मदद पाने में आसानी होगी.
  • FATF ने पहली बार म्यांमार को ‘कार्रवाई के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकारों’ में रखा है. इसे FATF की काली सूची भी कहा जाता है.
  • आतंकवाद और आतंकवादियों के लिए वित्‍त पोषण पर निपटने में असफल रहने वाले देशों को काली-सूची में रखा जाता है. उत्तर कोरिया और ईरान के बाद म्‍यामां इस सूची में शामिल होने वाला तीसरा देश है.
  • FATF ने रूस को अपनी भविष्य की परियोजनाओं में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है. यह कदम यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की वजह से उठाया गया है.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब FATF की पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • भारतीय मूल के सिंगापुर के टी राजा कुमार FATF के वर्तमान अध्यक्ष हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब.

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

भारतीय मूल के सिंगापुर के टी राजा कुमार FATF के अध्यक्ष नियुक्त किये गये

भारतीय मूल के सिंगापुर के टी राजा कुमार FATF के अध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं. FATF एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की निगरानी करने वाली संस्था है.

मुख्य बिंदु

  • राजा कुमार FATF के प्रमुख के रूप में जर्मनी डॉ मार्कस प्लीयर की जगह लेंगे. उनका कार्यकाल दो साल का रहेगा.
  • नए अध्यक्ष राजा कुमार ग्लोबल एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद विरोधी वित्त पोषण उपायों की प्रभावशीलता को बढ़ाने, संपत्ति की वसूली में सुधार और अन्य मामलों की निगरानी करेंगे.
  • कुमार सिंगापुर में गृह मंत्रालय और सिंगापुर पुलिस बल में 35 से अधिक सालों तक सीनियर लीडरशिप में रहे हैं. इंटरपोल और संयुक्‍त राष्‍ट्र के साथ काम करने का भी टी राजाकुमार को गहन अनुभव है.
  • उन्होंने सिंगापुर में नए कैसीनो के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा तैयार किया. जिससे एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और टेररिज्म फाइनेंसिंग का मुकाबला किया जा सके.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF की बैठक: UAE ग्रे लिस्ट में शामिल, पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का वर्चुअल सत्र 1-4 मार्च को पेरिस में आयोजित की गयी थी. सत्र की अध्यक्षता जर्मनी के डॉक्‍टर मार्कस प्लीयर ने की थी. इसमें दुनियाभर के दो सौ ज्‍यादा सदस्‍यों और पर्यवेक्षक संगठनों ने हिस्‍सा लिया था. इनमें अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष, संयुक्‍त राष्‍ट्र और एगमोंट ग्रुप ऑफ फाइनेंशियल इंटेलिजेंस इकाइयां शामिल थीं.

बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. आठ बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है. FATF ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को भी अपनी ग्रे लिस्ट में शामिल किया है.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी: Dr. Marcus Pleyer

FATF की बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का वर्चुअल सत्र 21-25 जून को पेरिस में आयोजित की गयी थी. बैठक की अध्यक्षता जर्मनी ने की थी. बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे-लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. छह बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है.

FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर पाकिस्तान को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में कठिनाई होगी.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी: Dr. Marcus Pleyer

FATF की बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक हाल ही में आयोजित की गयी थी. इस बैठक की अध्यक्षता जर्मनी ने की थी. बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में बरकरार रखने का निर्णय लिया.

इस निर्णय के बाद, अब पाकिस्तान को जून 2021 में होने वाली FATF की अगली बैठक तक इस सूची में ही रहना होगा. उल्लेखनीय है कि छह बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है.

ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में रखे गये देशों को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में कठिनाई होती है.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी (अध्यक्ष: Dr. Marcus Pleyer)

FATF की बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक हाल ही में आयोजित की गयी थी. इस बैठक की अध्यक्षता चीन ने की थी. बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. इस निर्णय के बाद, अब पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक में होने वाली FATF की अगली बैठक तक निगरानी सूची में ही रहना होगा.

उल्लेखनीय है कि पांच बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है.

FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर पाकिस्तान को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में कठिनाई होगी.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

Argentina, Australia, Austria, Belgium, Brazil, Canada, China, Denmark, European Commission, Finland, France, Germany, Greece, Gulf Co-operation Council, Hong Kong, China, Iceland, India, Ireland, Israel, Italy, Japan, Republic of Korea, Luxembourg, Malaysia, Mexico, Netherlands, New Zealand, Norway, Portugal, Russian Federation, Singapore, South Africa, Spain, Sweden, Switzerland, Turkey, United Kingdom, United States and Saudi Arabia

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

चीन

FATF की वर्चुअल बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वर्चुअल (विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से) बैठक 21-24 जून को आयोजित की गयी थी. इस बैठक की अध्यक्षता चीन ने की थी.

पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में रखने का निर्णय

बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. लश्कर-ए-तय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के आर्थिक स्रोतों को समाप्त करने में पाकिस्तान की नाकामी को देखते हुए, संस्था ने यह फैसला लिया. इस फैसले के बाद, अब पाकिस्तान को अक्तूबर 2020 में होने वाली FATF की अगली बैठक तक निगरानी सूची में ही रहना होगा.

उल्लेखनीय है कि चार बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है. FATF ने इससे पहले अक्टूबर 2019, जून 2019 और फरवरी 2020 में हुई बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था.

FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर पाकिस्तान को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में कठिनाई होगी.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

Argentina, Australia, Austria, Belgium, Brazil, Canada, China, Denmark, European Commission, Finland, France, Germany, Greece, Gulf Co-operation Council, Hong Kong, China, Iceland, India, Ireland, Israel, Italy, Japan, Republic of Korea, Luxembourg, Malaysia, Mexico, Netherlands, New Zealand, Norway, Portugal, Russian Federation, Singapore, South Africa, Spain, Sweden, Switzerland, Turkey, United Kingdom, United States and Saudi Arabia

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

चीन

FATF की पैरिस में बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला बरकरार रखा गया

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक पैरिस में 16 से 21 फरवरी तक आयोजित की गयी. बैठक में 205 देशों के 800 से अधिक प्रतिनिधि, संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और अन्य संगठन अपराध और आतंकवाद को बढ़ावा देने की गतिविधियों के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई पर विचार-विमर्श किया.

पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में रखने की घोषणा

इस बैठक में पाकिस्तान और वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए खतरा बने कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को धन मुहैया कराने की रोकथाम में प्रगति की समीक्षा की गयी. बैठक में समापन में FATF ने पाकिस्तान को प्रतिबंधित सूची यानी ग्रे-लिस्ट में रखने की आधिकारिक घोषणा की. इस बैठक में पाकिस्तानी दल का नेतृत्व पाकिस्तान के वित्तमंत्री हम्माद अजहर ने किया था.

जून 2020 तक टैरर फंडिंग पर प्रतिबंधन लगाने की नई समय-सीमा

FATF घोषणा के तहत पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए जून 2020 तक टैरर फंडिंग पर प्रतिबंधन लगाने की नई समय-सीमा दी गयी. इस समय अवधि में उसे 27 प्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करना होगा. अगर वह इसमें कामयाब हो जाता है तो ग्रे-लिस्ट से बाहर आ सकता है. लेकिन अगर वह इस पर अमल करने में विफल रहा तो ब्लैक-लिस्ट में जा सकता है.

भारत का पक्ष

भारत यह कहता रहा है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों को नियमित सहायता देता है, जिसका प्रमुख लक्ष्य भारत में हमला करना है. ऐसे में भारत FATF से पाक के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाता रहा है.

पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है

उल्लेखनीय है कि तीन बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है. FATF ने इससे पहले अक्टूबर और जून 2019 में हुई बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

Argentina, Australia, Austria, Belgium, Brazil, Canada, China, Denmark, European Commission, Finland, France, Germany, Greece, Gulf Co-operation Council, Hong Kong, China, Iceland, India, Ireland, Israel, Italy, Japan, Republic of Korea, Luxembourg, Malaysia, Mexico, Netherlands, New Zealand, Norway, Portugal, Russian Federation, Singapore, South Africa, Spain, Sweden, Switzerland, Turkey, United Kingdom, United States and Saudi Arabia

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

चीन

FATF की पैरिस में बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला बरकरार रखा

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक पैरिस में 14 से 18 अक्टूबर तक आयोजित की गयी. इस बैठक में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए फरवरी 2020 तक टैरर फंडिंग पर प्रतिबंधन लगाने की समय-सीमा दी गयी. साथ ही उसके ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला बरकरार रखा है.

FATF के अनुसार, पाकिस्तान ने लश्कर, जैश, हिज्बुल जैसे आतंकी संगठन को होने वाली फंडिंग पर रोक लगाने के लिए 27 में से 5 टारगेट को ही पूरा किया है.

बैठक में FATF ने ग्लोबल फाइनैंस इंस्टिट्यूशंस को कहा है कि यदि पाकिस्तान अपने टारगेट के पूरा करने में विफल रहता है तो वे अपनी कार्रवाई करें.

पाकिस्तान द्वारा समय-सीमा तक टैरर फंडिंग पर प्रतिबंधन नहीं लगाने पर उसे ब्लैकलिस्ट किये जाने की भी बात कही गयी है. हालांकि ग्रे लिस्ट में होने के बाद भी पाक के लिए IMF, वर्ल्ड बैंक, ADB और यूरोपियन यूनियन से मदद लेना काफी मुश्किल होगा.

उल्लेखनीय है कि FATF ने जून 2019 में अमेरिका के फ्लोरिडा में हुई बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था. इस बैठक में उसे 27 टारगेट को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2019 तक का समय दिया गया था.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

Argentina, Australia, Austria, Belgium, Brazil, Canada, China, Denmark, European Commission, Finland, France, Germany, Greece, Gulf Co-operation Council, Hong Kong, China, Iceland, India, Ireland, Israel, Italy, Japan, Republic of Korea, Luxembourg, Malaysia, Mexico, Netherlands, New Zealand, Norway, Portugal, Russian Federation, Singapore, South Africa, Spain, Sweden, Switzerland, Turkey, United Kingdom, United States and Saudi Arabia

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

चीन

FATF के एशिया प्रशान्‍त ग्रुप की बैठक: पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को धन मुहैया कराने की प्रतिबद्धताओं की समीक्षा

फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के एशिया प्रशान्‍त ग्रुप की बैठक 10 से 13 सितम्बर तक बैंकॉक में आयोजित की गयी. इस बैठक में पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और धन शोधन पर रोकथाम की उसकी प्रतिबद्धताओं के पालन की समीक्षा की गयी.

बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर एक रिपोर्ट जारी की गयी है. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान पर निशाना साधा गया है. मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई के 10 मानदंडों में पाकिस्तान ने 9 में का पालन नहीं करने की बात खाई गयी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल रिजोल्यूशन 1267 को लागू करने के लिए सही कदम नहीं उठाए. पाकिस्तान सरकार ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा, फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन और इनके सरगना हाफिज सईद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है.

रिपोर्ट में पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक और बाज़ार नियामक द्वारा आतंकी फंडिंग पर कार्रवाई नहीं करने की कड़ी निंदा की गई है.

FATF: एक दृष्टि
एशिया-प्रशांत समूह आतंकवादियों को धन मुहैया कराने वालों पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था-वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (Financial Action Task Force- FATF) की क्षेत्रीय शाखा है. FATF ने जून 2018 में आतंकवादियों को धन मुहैया करने के खिलाफ अपनी कार्रवाईयों में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को निगरानी सूची (ग्रे सूची) रखा था. FATF द्वारा दिए गए अनुपालन के 40 में से 32 मानदंडों में पाकिस्तान विफल रहा है और उसकी कार्रवाईयों पर एक साल के लिए नजर रखी गई है.

FATF ने पाकिस्तान को आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और धन शोधन पर रोकथाम के लिए अक्तूबर 2019 तक का समय-सीमा तय किया था. बैठक की समाप्ति पर संस्था यह फैसला करेगी कि पाकिस्तान को निगरानी सूची में बरकरार रखा जाए या उसे काली सूची में डाल दिया जाए. अंतिम निर्णय के लिए समूह की सिफारिशें वित्तीय कार्रवाई कार्यदल के समक्ष रखी जाएंगी. इस कार्यदल की बैठक पेरिस में 13 और 14 अक्तूबर को होगी.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स के एशिया-पैसिफिक ग्रुप ने पाकिस्‍तान को काली सूची में डाला

वित्‍तीय कार्यवाही कार्यबल (Financial Action Task Force- FATF) के एशिया प्रशांत समूह (Asia/Pacific Group- APG) ने पाकिस्‍तान को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया है. ऑस्‍ट्रेलिया के केनबरा में 22-23 अगस्त को हुई APG की बैठक में यह निर्णय लिया गया. APG ने पाकिस्‍तान द्वारा आतंक के लिए धन जुटाने और धन-शोधन से जुड़े निर्धारित मानक पूरे न कर पाने के कारण इसको काली सूची में डाला है.

पाकिस्तान APG के 40 मानकों में से 32 का पालन कर पाने में विफल रहा है, जबकि वित्तीय पोषण और धन शोधन के 11 ‘प्रभावशाली मानक’ में से 10 का पालन कर पाने में विफल रहा.

FATF अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था है. इसके विश्व में 9 क्षेत्रीय केंद्र हैं. APG, FATF के इन 9 क्षेत्रिय केंद्रों में से एक है. APG के 41 सदस्य देश हैं.

गौरतलब है कि जून 2018 से ही पाकिस्तान, वैश्विक संस्था के – ग्रे लिस्ट में शामिल है. APG के इस फैसले पर, फाइनेंशियल एक्शन टाक्स फोर्स, अक्टूबर में होने वाली बैठक में विचार करेगा. यह संस्था यह सुनिश्चित करती है कि सदस्य देश मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और व्यापक तबाही के हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए, तय अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपने यहां प्रभावी तरीके से लागू करें.


FATF ने पाकिस्तान को ‘ग्रे-लिस्ट’ में बरकरार रखने का फैसला किया