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‘महिला सुरक्षा छत्र’ योजना को 2025-26 तक जारी रखने का फैसला

केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना ‘महिला सुरक्षा छत्र’ (Umbrella Scheme on Safety of Women) को 2025-26 तक जारी रखने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 21 फ़रवरी को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

मुख्य बिन्दु

  • यह योजना 2021-22 से चल रही है. इस योजना पर होने वाले कुल व्यय 1,179.72 करोड़ रुपये में से 885.49 करोड़ रुपये गृह मंत्रालय अपने बजट से प्रदान करेगा जबकि 294.23 करोड़ रुपये निर्भया फंड से दिए जाएंगे.
  • इस योजना का मकसद भारत में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की घटनाओं को रोकना है. साल 2022 में महिलाओं के ख़िलाफ़ 4,45,256 मामले दर्ज किए गए थे.
  • देश के 13557 पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क और 827 मानव तस्करी रोधी इकाइयां स्थापित की गई हैं. शेष 3329 पुलिस थानों में भी महिला हेल्प डेस्क स्थापित किये जाएंगे.

प्रधानमंत्री ने महिला किसान ड्रोन केंद्र ‘ड्रोन दीदी योजना’ का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 नवंबर को महिला किसान ड्रोन केंद्र ‘ड्रोन दीदी योजना’ का शुभारंभ किया था. इस पहल के अंतर्गत महिला स्‍व-सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान किए जाएंगे, ताकि इस प्रौद्योगिकी का उपयोग आजीविका के लिए किया जा सके.

मुख्य बिन्दु

  • इस योजना के तहत 1261 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ महिलाओं को 15 हजार ड्रोन वितरित किए जाएंगे. महिलाओं को ड्रोन की उडान और इसके उपयोग से संबंधित आवश्‍यक प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रहे अभियान को ड्रोन दीदी से अधिक मजबूती मिलेगी. इससे आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध होंगे.
  • इस योजना से किसानों को बहुत ही कम कीमत पर ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक मिल पाएगी. जिसकी मदद से समय, दवा, उर्वरक की बचत होगी. इसके साथ ही खेती में ड्रोन का इस्तेमाल बढने से खेती भी उन्नत होगी.
  • ड्रोन के इस्तेमाल से यूरिया, डीएपी और पेस्टीसाइड का छिड़काव समान ढंग से होगा जिससे शरीर पर दुष्प्रभाव कम होगा और उर्वरक की खपत भी कम हो जाएगी.

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना को पांच वर्ष के लिए बढाया गया

सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना (PMGKAY)  को 1 जनवरी 2024 से पांच वर्ष के लिए बढा दिया है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 28 नवंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस योजना के अंतर्गत देश में 81 करोड से अधिक गरीबों को प्रतिमाह पांच किलोग्राम और अंत्‍योदय परिवारों को 35 किलोग्राम अनाज निशुल्क दिया जाता है.
  • कोरोना काल में लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए इस योजना को शुरू किया गया था.
  • इससे पांच वर्ष तक 11.80 लाख करोड रुपये की अनुमानित लागत से खाद्य और पोषण सुरक्षा दी जाएगी.

पीएम-श्री के अंतर्गत साढ़े चौदह हजार स्कूलों को उन्नत बनाये जाने की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने उभरते भारत के लिए प्रधानमंत्री विद्यालय योजना ‘पीएम-श्री’ (PM-SHRI) के अंतर्गत देश भर में साढ़े चौदह हजार स्कूलों को उन्नत बनाये जाने की घोषणा की है.

मुख्य बिन्दु

  • श्री मोदी ने कहा कि पीएम-श्री विद्यालय देश के मॉडल स्कूल बनेंगे, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की मूल भावना के अनुरूप होंगे. पीएम-श्री विद्यालयों में शिक्षा की आधुनिक और सशक्त नीति अपनायी जाएगी.
  • इन स्कूलों में पढ़ाई के दौरान एक खोज उन्मुखी, सीखने पर केंद्रित शिक्षण के तरीके पर जोर दिया जाएगा. इन स्कूलों में नवीनतम तकनीक, स्मार्ट क्लासरूम, खेल और अन्य सहित आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दिया जाएगा.

पटवाई में देश का पहला अमृत सरोवर का उद्घाटन, जानिए क्या है मिशन अमृत सरोवर

उत्तर प्रदेश में रामपुर के पटवाई में देश का पहला अमृत सरोवर बनाया गया है. इसका उद्घाटन केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एवं राज्यसभा में उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने 13 मई को किया था. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पटवाई स्थित एक तालाब को अमृत सरोवर के रूप में सजाया-संवारा गया है.

क्या है मिशन अमृत सरोवर?

  • ‘मिशन अमृत सरोवर’ जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार की अनूठी योजना है. इस मिशन के तहत देश के प्रत्येक जिले में 75 सरोवरों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है. आजादी का अमृत महोत्सव के तहत इन तालाबों का निर्माण 15 अगस्त 2023 तक पूरा किया जाना है.
  • जल संरक्षण के लिए इस अनूठी योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी. जिस पर अमल के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को नोडल मंत्रालय नामित किया गया है. केंद्र के साथ अमृत सरोवरों के निर्माण में राज्य व जिला प्रशासन की सक्रिय हिस्सेदारी होगी.
  • लक्ष्य को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए इसमें ग्रामीण विकास, जलशक्ति, पंचायती राज, वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन, भूसंसाधन, पेयजल व स्वच्छता मंत्रालयों के अलावा तकनीकी पार्टनर के रूप में भाष्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फार स्पेस एप्लीकेशन एंड जियो इन्फार्मेटिक्स को शामिल किया गया है.
  • सरोवरों के लिए मानक निर्धारित कर दिए गए हैं. इस मिशन के तहत 50,000 जल निकाय बनाए जाएंगे. इसके तहत एक एकड़ अथवा इससे अधिक जमीन पर तालाबों की खोदाई की जानी है. इसकी गहराई तीन मीटर तय की गई है, ताकि इसमें कम से कम 10 हजार क्यूबिक मीटर जल भंडारण हो सके.

मानचित्रण योजना ‘स्वामित्व’ के दो वर्ष पूरे, जानिए क्या है स्वामित्व योजना

ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से मानचित्रण योजना ‘स्वामित्व’ के दो वर्ष पूरे हो गये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2020 को इस योजना का शुभारंभ किया था.

स्‍वामित्‍व (SVAMITVA) योजना: एक दृष्टि

  • SVAMITVA, Survey of villages and mapping with improvised technology in village areas का संक्षिप्त रूप है.
  • भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोगों के पास उनकी संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं. अंग्रेजों के समय से ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों का बंदोबस्त होता आया है. यही बंदोबस्त ग्राम विवाद का मुख्य कारण होता है. स्वामित्व योजना के माध्यम से ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना प्रमाण-पत्र (संपत्ति कार्ड) दिया जाएगा.
  • यह केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की योजना है. पहली बार इस योजना के तहत भूस्वामियों के वास्तविक संपत्तियों का मानचित्रण करने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.
  • स्वामित्व योजना पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है और इसमें देश के लगभग 6.62 लाख गांव को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत अब तक 36.68 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किये जा चुके हैं और 1.31 लाख गांव में ड्रोन सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है.
  • इस योजना के माध्यम से गांव के लोग भी शहरी क्षेत्रों की तरह अपने संपत्ति कार्ड के जरिये वित्तीय संस्थाओं के ऋण सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 2025-26 तक जारी रखने की स्‍वीकृति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्यसमिति ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (Rashtriya Gram Swaraj Abhiyan) योजना को 2025-26 तक जारी रखने की स्‍वीकृति दी है. अब यह योजना 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना का विस्तार किया जाएगा.

मुख्य बिंदु

  • यह निर्णय पंचायती राज संस्थानों की शासन क्षमता विकसित करने के लिए लिया गया है. इस निर्णय से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
  • इस योजना के माध्‍यम से 2.78 लाख रूरल लोकल बॉडीज को सस्‍टेनेबल डेवलपमेंट गोल्‍स के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में सुविधा मिलेगी.
  • इस योजना के अंतर्गत 1.36 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका हैं और आगे अब 1.65 करोड़ लोगों को और प्रशिक्षित किया जायेगा.
  • नई तकनीक को भी कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग से जोड़ा जायेगा और कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग के लक्ष्‍य के पूर्ण होने पर उनको इन्‍सेन्‍टेवाइज करने का काम भी किया जाएगा.
  • इस योजना पर 5911 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. इसमें केंद्र का हिस्सा 3700 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 2211 करोड़ रुपये होगा.

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के सात वर्ष पूरे, जानिए क्या है मुद्रा योजना

8 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के सात वर्ष पूरे हो गये. प्रधानमत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को इस योजना का शुभारम्‍भ किया था.

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY): एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का उद्देश्‍य गैर-निगमित और गैर-कृषि, लघु या सूक्ष्‍म उद्यमों को दस लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना है.
  • योजना की शुरुआत से अब तक कुल 18.60 लाख करोड़ रूपये के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं. अब तक 34.42 करोड से अधिक उद्यमियों को यह ऋण दिया गया है, इनमें से 68 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए हैं. लगभग 22 प्रतिशत ऋण नए उद्यमियों को दिया गया है.
  • इस योजना से छोटे कारो‍बार के लिए अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिली है और बिल्‍कुल निचले स्‍तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार अवसर सृजित हुए हैं.

प्रधानमंत्री ने वाराणसी में आयुष्मान भारत बुनियादी ढांचा मिशन का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री ने 25 अक्तूबर को वाराणसी में आयुष्मान भारत बुनियादी ढांचा मिशन (Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission) का शुभारंभ किया था. इस मिशन का उद्देश्‍य अगले पांच वर्ष में स्‍वास्‍थ्‍य नेटवर्क को मजबूत करना है. इस परियोजना की कुल लागत 64.180 हजार करोड रुपये है.

आयुष्मान भारत बुनियादी ढांचा मिशन: मुख्य बिंदु

  • इसके माध्यम से आने वाले चार-पांच सालों में देश के गांव से लेकर ब्‍लॉक, जिला, रीजनल और नेशनल लेवल तक क्रिटिकल हेल्‍थ केयर नेटवर्क को सशक्‍त किया जायेगा. अंतर्गत गांवों और शहरों में स्‍वास्‍थ्‍य तथा अरोग्‍य केंद्र खोले जाएंगे जहां फ्री मेडिकल कंसलटेशन, फ्री टेस्‍ट, फ्री दवा, ऐसी सुविधायें भी मिलेंगी.
  • इस मिशन से देश के स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में विभिन्‍न कमियों को दूर किया जा सकेगा और यह निदान तथा उपचार के लिए व्‍यापक सुविधाएं उपलब्‍ध कराएगा. गंभीर बिमारियों के लिए 600 जिलों में 30 हजार नए बिस्‍तर जोडे जायेंगे
  • आयुष्मान भारत हेल्‍थ इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर मिशन के तीन बड़े पहलू हैं. पहला, डायगनिस्टिक और ट्रीटमेंट के लिये विस्तृत सुविधाओं के निर्माण से जुड़ा है.

कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए ‘प्रधानमंत्री केयर्स बाल-योजना’

कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए प्रधानमंत्री केयर्स बाल-योजना की घोषणा की गयी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 मई को इस योजना के अंतर्गत कई कल्याणकारी कदमों को मंजूरी दी. इन बच्चों को निशुल्क शिक्षा और 23 वर्ष की आयु होने पर दस लाख रुपये दिए जाएंगे.

योजना के मुख्य बिंदु

  • वे सभी बच्चे, जो अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता महामारी के कारण खो चुके हैं, उन सभी की प्रधानमंत्री केयर्स बाल-योजना के जरिये मदद की जाएगी.
  • प्रत्‍येक बच्‍चे के लिये 10 लाख रुपये का एक विशेष कोष बनाया जायेगा. इस कोष में 18 वर्ष की आयु तक पीएम केयर्स फंड द्वारा योगदान दिया जायेगा. लाभार्थी बच्‍चों को 18 वर्ष की आयु से 23 वर्ष पूर्ण होने तक पांच वर्ष के लिये मासिक सहायता धनराशि दी जायेगी.
  • 23 वर्ष की आयु प्राप्‍त करने पर लाभार्थी को उसके पेशेवर या व्‍यक्तिगत उपयोग के लिये 10 लाख रुपये की पूरी राशि हस्‍तांतरित कर दी जायेगी.
  • दस वर्ष से कम आयु के बच्‍चों को केन्‍द्रीय विद्यालयों या निजी विद्यालयों में प्रवेश दिया जायेगा. जबकि 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्‍चों को सैनिक्‍स विद्यालयों या नवोदय सहित अन्‍य आवासीय विद्यालयों में शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है.
  • सभी लाभार्थी बच्‍चों का पांच लाख रूपये स्‍वास्‍थ्‍य बीमा भी आयुष्‍मान भारत योजना के अन्‍तर्गत कराया जायेगा. जिसके प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स फंड द्वारा किया जाना है.

देश के 6 राज्यों में लाइट हाउस परियोजनाओं की आधारशिला रखी गयी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जनवरी को छह राज्यों में लाइट हाउस परियोजनाओं (LHPs) की आधारशिला रखी. केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने शहरी कमजोर वर्गों को ध्यान में रखते हुए छह राज्यों मध्यप्रदेश में इंदौर, गुजरात में राजकोट, तमिलनाडु में चेन्नई, झारखंड में रांची, त्रिपुरा में अगरतला और उत्तरप्रदेश में लखनऊ को लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत आवास बनाने के लिए चुना है.

आधारशिला के इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने ASHA-India (Affordable Sustainable Housing Accelerators) के विजेताओं की भी घोषणा की. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) के क्रियान्वयन के लिए उत्कृष्टता का वार्षिक पुरस्कार भी दिया.

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने नवप्रर्वतक निर्माण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नए पाठ्यक्रम की भी शुरुआत की. इस पाठ्यक्रम का नाम ‘NAVARITIH’ (New, Affordable, Validated, Research Innovation Technologies for Indian Housing) रखा गया है.

लाइट हाउस परियोजना क्या है?

लाइट हाउस परियोजना का उद्देश्य गरीबों को शहरों में सस्ती दरों पर आवास मुहैया करवाना है. यह वैश्विक आवास निर्माण प्रौद्योगिकी चुनौती-भारत (Global Housing Technology Challenge-India) के तहत किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री का संकल्प है कि 2022 तक हर गरीब के पास अपना मकान हो. वहीं लाइट हाउस परियोजना के तहत चुनी गई जगहों पर प्रत्येक जगह में एक हजार से ज्यादा घर बनाए जाएंगे. इस परियोजना के तहत सस्ते और मजबूत मकान बनाए जाते हैं. इस योजना में निर्माण कार्य से वक्त की बचत होती है और लागत कम आती है. इसके तहत बने मकान भूकंपरोधी होते हैं.

प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजना का शुभारंभ किया गया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 10 सितम्बर को डिजिटल माध्यम से ‘प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजना’ का उद्घाटन किया. उन्‍होंने ई-गोपाला ऐप की भी शुरूआत की. इसका उद्देश्‍य मत्‍स्‍य पालन, मत्‍स्‍य बीज में व्‍यापक बेहतरी, संबंधित बाजार और सूचना पोर्टल की व्‍यवस्‍था करना है. इस ऐप को किसान सीधे तौर पर इस्‍तेमाल कर सकते हैं. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बिहार में मत्‍स्‍य पालन और पशुपालन क्षेत्रों से संबंधित अनेक कार्यक्रमों की शुरूआत की.

प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजना पर 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि निवेश की जायेगी. अब तक मत्‍स्‍य पालन क्षेत्र में निवेश की जाने वाली ये सबसे बड़ी राशि है. इसका उद्देश्‍य वर्ष 2024-25 तक अतिरिक्‍त 70 लाख टन मछली उत्‍पादन बढ़ाना है.