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प्रधानमंत्री ने देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज ‘सुदर्शन सेतु’ का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फ़रवरी को सुदर्शन सेतु (Sudarshan Setu) का लोकार्पण किया था. इस सेतु को ओखा-बेयट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज भी कहा जाता है जो देश का सबसे लंबा केबल पुल (ब्रिज) है.

मुख्य बिन्दु

  • सुदर्शन सेतु, ओखा मुख्य भूमि और गुजरात में बेयट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाला, भारत का सबसे लंबा केबल-आधारित पुल है.
  • यह पुल तकनीकी रूप से एक समुद्री लिंक है, जो गुजरात के लिये पहला पुल है, जिसकी कुल लंबाई 4,772 मीटर है, जिसमें 900 मीटर लंबा केबल-आधारित पुल है.
  • 980 करोड़ रुपये की लागत से बना यह ब्रिज देवभूमि द्वारका आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक पर्यटन का केंद्र भी बनेगा.
  • इसमें फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली उत्पन्न होती है.
  • बेट द्वारका, केंद्रशासित प्रदेश दीव के बाद गुजरात तट पर दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है.
  • ‘अटल सेतु’ भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है और साथ ही यह देश का सबसे लंबा पुल भी है.

वित्तीय प्रौद्योगिकीय कार्यक्रम ‘इंफिनिटिव फोरम’ का आयोजन

वित्तीय प्रौद्योगिकीय कार्यक्रम ‘इंफिनिटिव फोरम’ के दूसरे संस्करण (Infinity Forum 2.0) का आयोजन गुजरात के गिफ्ट सिटी में 9 दिसम्बर को किया गया था. आयोजन का विषय था- गिफ्ट- अंतरराष्ट्रीय केंद्र -नए युग के वैश्विक वित्तीय सेवा के केंद्र. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम के दूसरे संस्करण को संबोधित किया.

मुख्य बिन्दु

  • यह कार्यक्रम एकसाथ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूप में आयोजित किया गया था. अर्थात् गिफ्टसिटी में  न केवल आमंत्रित अतिथि ही शामिल हुए बल्कि वर्चुअल तरीके से दुनिया भर से लोगों की भागीदारी की.
  • इसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय़ वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण और गुजरात अंतर्राष्ट्रीय वित्त टेकसिटी अर्थात् गिफ्टसिटी ने मिलकर किया था.
  • इंफिनिटिव फोरम वित्तीय मामलों का एक वैश्विक चिंतन मंच है जिसमें मौजूदा समस्याओं और उनके समाधान के लिए नई तकनीकों के उपयोग पर विचार-विमर्श किया जाता है.

गृह मंत्री की अध्यक्षता में पश्चिम क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक आयोजित की गयी

पश्चिम क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक 28 अगस्त को गुजरात के गांधीनगर में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता गृह मंत्री अमित शाह ने की थी.

  • पश्चिम क्षेत्रीय परिषद में गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र दादरा नगर हवेली और दमण-दीव शामिल हैं. बैठक में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा के मुख्यमंत्रियों तथा दादरा व नगर हवेली और दमन व दीव के प्रशासक, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्रीगण उपस्थित रहे थे.
  • श्री अमित शाह ने राज्यों को सशक्त बनाने और केंद्र तथा राज्यों के बीच नीतिगत संरचना की बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिए सहकारी संघवाद के दृष्टिकोण पर बल दिया है.
  • गृहमंत्री ने क्षेत्रीय परिषद के सदस्‍य राज्‍यों से पोषण अभियान, बच्‍चों के स्‍कूल छोडने की दर में कमी लाना तथा आयुष्‍मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना के लाभ हर गरीब तक पहुंचाने के तीन राष्‍ट्रीय महत्‍व के मुद्दों पर संवेदनशील होकर काम करने को कहा.
  • बैठक में भूमि संबंधी मुद्दों का हस्तांतरण, जलापूर्ति, गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, 5जी शुरू करने की सुविधा, मोटर वाहन नियम, कृषि ऋण समितियों आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ.

गुजरात में सुजलाम-सुफलाम जल अभियान का छठा चरण शुरू

गुजरात में 17 फ़रवरी को सुजलाम-सुफलाम जल अभियान का छठा चरण शुरू हुआ. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गांधीनगर के खुरज में इस राज्यव्यापी अभियान का शुभारंभ किया.

अभियान का उद्देश्य भूजल स्तर को ऊपर उठाना और वर्षा जल का अधिकतम उपयोग करना है. यह अभियान 31 मई तक चलेगा.

राज्य भर में झीलों को गहरा करने, पुराने बांधों और जलाशयों को सूची में शामिल करने, नए बांधों, तालाबों के निर्माण, नहरों की सफाई के लिए विभिन्न विकास कार्य किए जाएंगे.

गुजरात में देश के सबसे बड़े भूल-भुलैया पार्क का उद्घाटन हुआ

गुजरात के एकता नगर (केवड़ि‍या) में देश का सबसे बड़ा भूल-भुलैया पार्क (मेज गार्डन) बनाया गया है. इस पार्क का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • यह भूल-भुलैया पार्क, दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति (सरदार पटेल की) ‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’ (Statue of Unity) के पास ही बनाई गई है.
  • तीन एकड़ में श्रीयंत्र के आकार में बनाया गया यह बगीचा, लगभग 1.8 लाख पौधे लगाए गए हैं. इस भूल-भुलैया से स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी मूर्ति भी देखी जा सकती है.
  • इस भूल भुलैया पार्क को इस तरह से तैयार किया गया है कि यहां आए पर्यटकों के लिए घूमना काफी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसमें पजल गेम की तरह रास्तों को बनाया गया है.

सेमीकंडक्‍टर विनिर्माण के लिए वेदान्‍ता और फोक्‍सकॉन समूह के साथ समझौता

वेदान्‍ता और फोक्‍सकॉन समूह गुजरात में सेमीकंडक्‍टर और डिस्‍पले फैब विनिर्माण इकाई स्थापित करने जा रही है. इसके लिए इसके लिए गुजरात सरकार ने वेदान्‍ता और फोक्‍सकॉन समूह के साथ 1.54 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं.

मुख्य बिन्दु

  • गांधीनगर में 13 सितम्बर को केन्द्रीय संचार, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और गुजरात के मुख्‍यमंत्री भूपेन्‍द्र पटेल की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे.
  • वेदान्‍ता और फोक्‍सकॉन गुजरात में इकाई के निर्माण के लिए 1.54 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इससे, लगभग दस लाख नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
  • यह समझौता भारत के महत्वाकांक्षी सेमीकंडक्‍टर विनिर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे देश में सहायक उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनेगा और सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों को मदद मिलेगी.
  • वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) एक भारतीय बहुराष्ट्रीय खनन कंपनी है (Indian Multinational Mining Company). फोक्‍सकॉन (Foxconn) एक ताइवानी बहुराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स अनुबंध विनिर्माण कंपनी है.
  • सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में किया जाता है. दुनिया में इस्तेमाल होने वाले सभी सेमीकंडक्टर (चिप) का आठ प्रतिशत ताइवान में बनता है. इसके बाद चीन और जापान का स्थान है. फिलहाल भारत में इसका निर्माण नहीं किया जाता है.

भुज में भूकंप के पीड़ितों की याद में ‘स्मृति वन’ का लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 अगस्त को गुजरात में कच्छ के भुज में स्मृति वन का लोकार्पण किया. स्मृति वन एक संग्रहालय है जो वर्ष 2001 में भूकम्प के बाद गुजरात की जनता की सद्भावना का प्रतीक है. इसके अंदर बनाए गए स्मारक में भूकम्प से मरने वालों के नाम लिखे गये हैं. यह संग्रहालय 11500 वर्गमीटर में फैला है. इसमें आठ खंड, एक दीर्घा और एक थिएटर मौजूद है.

470 एकड़ में फैला स्मृति वन मेमोरियल प्रोजेक्ट भुज में भुजियों पहाड़ी के ऊपर बनाया गया है जो 2001 के गुजरात भूकंप के पीड़ितों के लिए एक श्रद्धांजलि है. 12,000 से अधिक लोगों ने इस विनाशकारी भूकंप में अपनी जान गंवाई थी.

प्रधानमंत्री ने भूकंप से संबंधित एक और स्मारक “वीरबालक स्मारक” का भी वर्चुअली लोकार्पण किया. यह स्मारक अंजार शहर में 185 बच्चों और 20 शिक्षकों की याद में बनाया गया है जो भूकंप में मलबे में जिंदा दब गए थे.

गुजरात के दाहोद में विभिन्‍न परियोजनाओं का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया गया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 20 अप्रैल को गुजरात के दाहोद में कल 22 हजार करोड रुपये की विभिन्‍न परियोजनाओं का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया. इनमें दाहोद में रेल उत्‍पादन ईकाई में नौ हजार हॉर्सपावर की विद्युत ईंजन विनिर्माण परियोजना शामिल है.

जिन मुख्य परि़योजनाओं का उद्घाटन हुआ उनमें एक पेयजल से जुड़ी योजना है और दूसरी दाहोद को स्मार्ट सिटी बनाने से जुड़े कई परियोजना हैं. श्री मोदी ने 66 किलोवाट घोडिया सब-स्‍टेशन, पंचायत भवनों और आंगनवाडि़यों का उद्घाटन भी किया.

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने उत्‍तरी गुजरात के बनासकांठा में दियोदर स्थित बनास डेरी संकुल में अनेक विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी. उन्‍होंने छह सौ करोड रुपये की लागत से दियोदर में निर्मित नया डेरी परिसर और आलू प्रसंस्‍करण संयंत्र भी राष्‍ट्र को समर्पित किया.

गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 16 अप्रैल को हनुमान जन्‍मोत्‍सव के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया.

‘हनुमानजी चार धाम’ परियोजना के तहत देश की चारों दिशाओं में बन रही ऐसी चार मूर्तियों में से यह दूसरी प्रतिमा है. देश के पश्चिम में मोरबी में बापू केशवानंद जी के आश्रम में यह मूर्ति स्थापित की गई है.

इस श्रृंखला की पहली प्रतिमा उत्तर प्रदेश में हिमाचल प्रदेश के शिमला में 2010 में स्थापित की गई थी. दो अन्‍य मूर्तियों को दक्षिण में रामेश्‍वरम और पश्चिम बंगाल में स्‍थापित करने का कार्य चल रहा है.

भूपेन्द्र पटेल ने गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

भूपेन्द्र पटेल ने 13 सितम्बर को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वह प्रदेश के 17वें मुख्यमंत्री होंगे. राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत उन्हें शपथ दिलाई. वह अहमदाबाद की घाटलोदिया विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं.

इससे पहले गुजरात के मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने 11 सितम्बर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद भूपेन्द्र पटेल को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया था. पटेल ने राजभवन जाकर राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

देश में पहली बार गुजरात में छोटे विमानों और हेलीकॉप्टरों का उत्पादन शुरू किया जाएगा

देश में पहली बार गुजरात में छोटे विमानों और हेलीकॉप्टरों का उत्पादन शुरू किया जाएगा. इसके लिए राज्य के नागरिक उड्डयन विभाग ने निजी कंपनी एयरो फ्रेयर इंक के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. कंपनी ने अमरेली एयर स्ट्रिप के पास एक निर्माण इकाई शुरू करने का काम शुरू कर दिया है.

यह इकाई अक्टूबर तक चालू होने की उम्मीद है. कंपनी का पहला विमान साल 2021 के अंत तक बाजार में आ सकता है. इसके लिए कंपनी पहले चरण में 150 करोड़ रुपए और उसके बाद में 500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. इसमें 2-सीटर, 4-सीटर, एयर एंबुलेंस, हेलीकॉप्टर और फिक्स्ड विंग ग्लाइडर का उत्पादन शुरू किया जाएगा.

कंपनी इन सभी विमानों के निर्माण के लिए सर्बिया, इटली, जर्मनी, स्लोवेनिया और अमेरिकी तकनीक का इस्तेमाल करेगी.

हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया

संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने गुजरात के हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है. अब तक भारत के कुल 40 स्थलों को विश्व धरोहर में शामिल किया जा चुका है.

गुजरात में धोलावीरा को लेकर अबतक चार स्थल को शामिल किया जा चूका है. अन्य तीस स्थल में पावागढ़ के निकट चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और एतिहासिक शहर अहमदाबाद शामिल हैं.

रूद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर विश्व धरोहर स्थल में शामिल

यूनेस्को ने हाल ही में भारत के तेलंगाना में रूद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया था.  रामप्पा मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में किया गया था और इसका नाम इसके शिल्पकार रामप्पा के नाम पर रखा गया है. सरकार ने 2019 के लिए यूनेस्को को इसे विश्व धरोहर स्थल के तौर पर मान्यता देने का प्रस्ताव दिया था.

धोलावीरा: एक दृष्टि

धोलावीरा की खोज 1968 में की गयी थी.  यह गुजरात के कच्छ के ग्रेट रण में खादिर द्वीप पर स्थित है. यह सिंधु घाटी सभ्यता का पांचवां सबसे बड़ा पुरातात्विक स्थल है. यह शहर लगभग 3,000 ईसा पूर्व का है.

इस साइट पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा खुदाई से पता चला है कि शहर के घरों का निर्माण चूने के पत्थरों से किया गया था और ये सभी एक सीवेज नेटवर्क से जुड़े थे. खुदाई के दौरान यहाँ पर बारिश के पानी को स्टोर करने के लिए टैंक, सजावटी मोती, लाल मिट्टी के बर्तन और सूक्ष्म पाषाण उपकरण मिले हैं.

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

1983 में पहली बार भारत के चार ऐतिहासिक स्थलों को यूनेस्को ने ‘विश्व धरोहर स्थल’ में शामिल किया था. ये चार स्थल थे – ताज महल, आगरा किला, अजंता और एलोरा गुफाएं. वर्तमान में, भारत की कुल 40 साइटें विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं, जिनमें से 28 को सांस्कृतिक श्रेणी में, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित श्रेणी में स्थान दिया गया है. भारत दुनिया की धरोहरों में छठे स्थान पर है.