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फरवरी माह का अंतिम दिन: विश्व दुर्लभ रोग दिवस

प्रत्येक वर्ष फरवरी माह के अंतिम दिन को ‘विश्व दुर्लभ रोग दिवस’ (World Rare Disease Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुर्लभ बीमारी के प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना जिनके बारे में ज्‍यादा लोगों को जानकारी नहीं होती. ऐसा इसलिए है क्‍योंकि ये बीमारियां बहुत कम लोगों को होती हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार इस समय दुनिया में लगभग 7000 ऐसे रोग हैं जिन्‍हें दुर्लभ माना जाता है. इनमें कुछ जाने-माने नाम हैं: सिस्टिक फाइब्रोसिस, जो श्‍वसन तंत्र और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है. हटिन्‍गटन्‍स डिजीज, जो ब्रेन और नर्वस सिस्‍टम को प्रभावित करता है. मस्‍क्‍युलर डिस्‍ट्रॉफी, जो मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं.

इंडियन सोसायटी फॉर क्लीनिकल रिसर्च (ISCR) के मुताबिक, भारत में 70 मिलियन और दुनिया भर में 350 मिलियन लोग दुर्लभ बीमारियों के शिकार हैं. 6,000 से ज्यादा अलग-अलग तरह के दुर्लभ और आनुवंशिक रोग (Genetic Diseases) हैं.

28 फरवरी: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, रमन प्रभाव की खोज की स्‍मृति में मनाया जाता है

प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों के जीवन में विज्ञान के महत्व के प्रति जागरुकता फैलाना और विज्ञान व प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना है. यह दिवस रमन प्रभाव की खोज की स्‍मृति में मनाया जाता है. सर सीवी रमन ने 1928 में इसी दिन रमन प्रभाव की खोज की घोषणा की थी

इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य विषय- विज्ञान में महिलायें (Women in Science) है.

भारत सरकार ने 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी. पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था.

भारतीय वैज्ञानिक सर चन्द्रशेखर वेंकटारमन ने फोटॉन कणों के लचीले वितरण के अद्वीतीय घटना की खोज की थी जिसे बाद में ‘रमन प्रभाव’ के नाम से जाना गया. इस खोज के दो वर्ष बाद ही 1930 में सीवी रमन को उनकी इस बेहतरीन खोज के लिए नोबल पुरस्कार दिया गया था. विज्ञान के क्षेत्र में किसी भारतीय को दिया जाने वाला ये पहला नोबल पुरस्कार था.

27 फरवरी: विश्व NGO दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 27 फरवरी को ‘विश्व NGO दिवस’ (World NGO Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को NGO के अंदर सक्रिय रूप से शामिल होने और NGO तथा सार्वजनिक व निजी क्षेत्र दोनों के बीच अधिक सहजीवन को प्रोत्साहित करना है. NGO, Non-Governmental Organisation का संक्षिप्त रूप है.

2010 में बाल्टिक सागर के राज्यों की काउंसिल के ‘NGO फोरम’ के 12 सदस्य राष्ट्रों द्वारा आधिकारिक रूप से इस दिवस को मान्यता दी थी. बाल्टिक सागर के NGO फोरम के सदस्य राष्ट्र बेलारूस, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, जर्मनी, आइसलैंड, लटविया, लिथूनिया, पोलैंड, रूस, नॉर्वे और स्वीडन थे. संयुक्त राष्ट्र संघ, यूरोपीय संघ के नेताओं और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों ने 2014 में पहली बार इसे दिवस के रूप में चिह्नित किया था.

24 फ़रवरी: केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 24 फ़रवरी को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस (Central Excise Day) मनाया जाता है. यह दिवस केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग द्वारा मनाया जाता है. यह दिवस 24 फ़रवरी, 1944 को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक क़ानून लागू किए जाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आम लोगों में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत बताना है. देश का औद्योगिक विकास तभी संभव है जब देशवासी उत्पाद शुल्क उत्पाद कर भरते हैं, इसके प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत को समझते हुए यह दिन मनाया जाता है.

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग 1855 में अंग्रेज़ों द्वारा स्थापित भारत के सबसे पुराने विभाग में से एक है. वर्ष 1996 से पहले ‘केंन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम’ को ‘केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम’ के रूप में जाना जाता था.

21 फरवरी: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भाषायी और सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करना है.

इस वर्ष यानी 2020 के अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का विषय (थीम) ‘भाषाओँ की कोई सीमा नहीं’ (Languages without borders) है.

संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को मनाये जाने की स्वीकृति 17 नवम्बर 1999 को दी थी.

21 फरवरी, 1952 को ढाका में कई छात्रों ने ‘बांग्ला’ को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग को लेकर आंदोलन में पुलिस की गोलियों से शहादत हासिल की थी. संयुक्त राष्ट्र ने इसकी स्मृति में प्रतिवर्ष इस दिन दिवस मनाने का निर्णय किया. बांग्लादेश में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है.

20 फरवरी: विश्व सामाजिक न्याय दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 20 फरवरी को विश्व भर में ‘सामाजिक न्याय दिवस’ (World Day of Social Justice) मनाया जाता है. इस अवसर पर विभिन्न संगठनों, जैसे- संयुक्त राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा लोगों से सामाजिक न्याय हेतु अपील जारी की जाती है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2007 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गयी थी. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सामाजिक न्याय का अर्थ है लिंग, आयु, धर्म, अक्षमता तथा संस्कृति की भावना को भूलकर समान समाज की स्थापना करना.

वर्ष 2020 में इस दिवस का विषय (थीम) “सामाजिक न्याय हासिल करने के लिए असमानता को कम करना” (Closing the Inequalities Gap to Achieve Social Justice) है.

15 फरवरी: अन्तर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 15 फरवरी को अन्तर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस (International Childhood Cancer Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को बाल कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है. बच्चों में होने वाले कैंसर में सबसे आम ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मस्तिष्क या पेट में ट्यूमर हैं.

13 फरवरी: राष्ट्रीय महिला दिवस, सरोजिनी नायडू का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को ‘राष्ट्रीय महिला दिवस’ (National Women’s Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस भारत के स्वतंत्रता सेनानी और कवि सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर मनाया जाता है. सरोजिनी नायडू का जन्म इसी दिन 1879 में हुआ था.

सरोजिनी नायडू: एक दृष्टि

  • सरोजिनी नायडू ने देश की आजादी के लिए भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था. वह कांग्रेस पार्टी की पहली महिला अध्यक्ष थी.
  • उनकी कविताओं के कारण उन्हें ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया (भारत कोकिला’)’ के उपनाम से भी जाना जाता है.
  • सरोजिनी नायडू संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) की पहली महिला राज्यपाल भी बनीं थीं.
  • उन्हें 1928 के दौरान भारत में प्लेग महामारी के दौरान उनके काम के लिए ‘कैसर-ए-हिंद’ पदक से सम्मानित किया गया था.
  • उन्होंने महिला सशक्तीकरण की भी वकालत करते हुए 1917 में महिला भारतीय संघ (WIA) की स्थापना में मदद की.
  • उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन का प्रमुखता से नेतृत्व किया था.

सरोजिनी नायडू के मुख्य कोट्स

  1. हम अपनी बीमारी से भारत को साफ करने से पहले पुरुषों की एक नई नस्ल चाहते हैं.
  2. एक देश की महानता, बलिदान और प्रेम उस देश के आदर्शों पर निहित करता है.
  3. हम गहरी सच्चाई का मकसद चाहते हैं, भाषण में अधिक से अधिक साहस और कार्यवाही में ईमानदारी.
  4. श्रम करते हैं हम कि समुद्र हो तुम्हारी जागृति का क्षण, हो चुका जागरण अब देखो, निकला दिन कितना उज्ज्वल.

12-18 फरवरी: राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह, राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का 62वां स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 12-18 फरवरी को ‘राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह’ मनाया जाता है. यह सप्ताह राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (National Productivity Council- NPC) द्वारा अपने स्थापना दिवस के अवसर पर मनाया जाता है. इस वर्ष 12 फरवरी, 2020 को NPC का 62वां स्थापना दिवस है. NPC अपने स्थापना दिवस को ‘उत्पादकता दिवस’ के रूप में मनाती है.

राष्ट्रीय उत्‍पादकता परिषद: एक दृष्टि

  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद, औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (DIPP) के अधीन एक राष्‍ट्रीय स्‍वायत्‍त संगठन है.
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का गठन भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्‍पादकता को प्रोत्साहन देने के लिये किया गया था. इसके अलावा NPC सरकार की उत्‍पादकता संवर्द्धन योजनाओं को भी कार्यान्‍वित करता है.
  • भारत सरकार ने वर्ष 1958 में एक पंजीकृत सोसाइटी के तौर पर इसकी स्‍थापना की थी. यह एक बहुपक्षीय, गैर-लाभकारी संगठन है.
  • NPC टोक्यो स्थित ‘एशियन प्रोडक्‍टिविटी आर्गेनाईज़ेशन’ (APO) के एक घटक के रुप में इसके कार्यक्रमों को भी कार्यान्‍वित करता है. APO एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसका भारत एक संस्‍थापक सदस्‍य है.

13 फरवरी: विश्व रेडियो दिवस से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य जनता और मीडिया में रेडियो के महत्‍व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. यह दिन रेडियो की अनोखी क्षमता को याद करने के लिए भी मनाया जाता है, यह आम लोगों के जीवन से सीधा जुड़ा है और दुनिया के सभी भागों के लोगों को जोड़ता है.

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरस ने इस अवसर पर अपने संदेश में लोगों से अनुरोध किया है कि वे विविधता को बढ़ावा देने के लिए रेडियो की ताकत को समझें और अधिक शांतिपूर्ण तथा समावेशी विश्‍व के निर्माण में मदद करें.

यूनेस्को ने साल 2011 में विश्व-स्तर पर रेडियो दिवस मनाने का फैसला लिया था. 13 फरवरी का दिन विश्व रेडियो दिवस के रूप में इसलिए चुना गया क्योंकि 13 फ़रवरी 1946 से ही रेडियो संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) द्वारा अपने रेडियो प्रसारण की शुरुआत की गई थी.