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28 जुलाई: विश्व हेपेटाइटिस दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day) के रूप में मनाया जाता है. विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाने का उद्देश्य हेपेटाइटिस के विषय में जागरूकता बढ़ाना है.

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से विश्व हेपेटाइटिस दिवस की थीम (मुख्य विषय)- ‘एक जिंदगी, एक यकृत’ (One Life, One Liver) है.

हेपेटाइटिस: एक दृष्टि
  • हेपेटाइटिस, विषाणु (virus) के कारण फैलता है जो यकृत (लीवर) को प्रभावित करता है. हेपेटाइटिस के कारण लिवर कैंसर सहित अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्‍पन्‍न हो जाती है.
  • हेपेटाइटिस A, B, C, D और E हेपेटाइटिस के प्रकार हैं. हेपेटाइटिस A और E दूषित भोजन और जल के सेवन से होता है. हेपेटाइटिस B, C और D आमतौर पर संक्रमित रक्त और शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क से होता है.
  • भारत में हैपेटाइटिस को 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है.

डॉ. बारुख ब्लंबरबर्ग का जन्मदिन

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पहल पर हर वर्ष 28 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है. यह दिवस नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारुख ब्लंबरबर्ग के जन्मदिन पर मनाया जाता है, जिन्होंने हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) की खोज की थी और टीका विकसित किया था.

26 जुलाई 2023: करगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ मनाई गयी

प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. यह दिन वर्ष 1999 में करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय और देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों की याद में मनाया जाता है. इस वर्ष 2023 में करगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ मनाई गयी.

26 जुलाई, 1999 को भारत ने ऊंचे इलाकों की उन सभी चैकियों की कमान सफलतापूर्वक हासिल कर ली थी जिन पर पाकिस्तानी आक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया था. यह युद्ध 60 दिन से अधिक समय तक चला.

करगिल विजय दिवस: मुख्य तथ्य

  • साल 1999 में करगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा जमा लिया था. करगिल को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराने के भारतीय सेना के अभियान को ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया गया था.
  • भारतीय सेना को कारगिल के युद्ध में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे और हमारे सैनिकों को गहरी खाई में रहकर उनसे मुकाबला करना था.
  • भारतीय नौसेना ने तेल और ईंधन की आपूर्ति को रोकने के लिए कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी बंदरगाहों, विशेष रूप से कराची में नाकाबंदी करने के लिए ऑपरेशन तलवार शुरू किया था.
  • ऑपरेशन विजय 8 मई को शुरू हुआ था और 26 जुलाई को खत्म. ‘ऑपरेशन विजय’ में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए थे.
  • कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे.

24 जुलाई: भारत में आयकर दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 24 जुलाई को भारत में आयकर दिवस (Income Tax Day) मनाया जात है. इस अवसर पर कर-भुगतान को बढ़ावा देने और इसे नागरिकों के कर्तव्य के रूप में स्थापित करने के लिए अनेक लोक संपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

मुख्य बिन्दु

  • भारत में वर्ष 2010 में आयकर प्रणाली के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयकर दिवस की शुरुआत की गई थी. वर्ष 1860 में पहली बार एक शुल्क के रूप में आयकर लगाया गया था, उसी वर्ष 24 जुलाई को आयकर प्राधिकरण शुरू हुआ था.
  • 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए 24 जुलाई, 1860 को सर जेम्स विल्सन द्वारा भारत में भारत में आयकर पेश किया गया था.

23 जुलाई: बाल गंगाधर तिलक और चन्द्रशेखर आजाद की जयंती

23 जुलाई को देश के दो वीर सपूतों लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्र शेखर आजाद की जयंती है. इन दोनों सपूतों में देश की आजादी में अहम योगदान दिया था.

बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य तिलक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता थे. बाल गंगाधर तिलक ने ही सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थी.

23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक ब्राह्मण परिवार में जन्में तिलक ने अंग्रेजों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी थी. अंग्रेजों ने तिलक को 1906 में विद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर 6 साल की सजा सुनाई और बर्मा के एक जेल में डाल दिया था.

उन्होंने बर्मा के जेल में रहते हुए महान किताब ‘गीता रहस्य’ लिखी थी. भारत का यह महान सपूत 1 अगस्त 1920 को हमें अलविदा कह गया.

चन्द्रशेखर आजाद

महान क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 के दिन अलीराजपुर जिला के भाबरा गांव में पिता पण्डित सीताराम तिवारी और माता जगरानी देवी के यहां हुआ था. महज 14 साल के थे जब गांधीजी जी के सन् 1921 में असहयोग आन्दोलन में भाग लेने पर वे पहली बार गिरफ़्तार हुए थे. यही से चन्द्रशेखर के साथ आजाद नाम जुड गया.

9 अगस्त 1925 में काकोरी काण्ड को अंजाम दिया. चन्द्रशेखर आज़ाद ने 8 सितम्बर 1928 को दिल्ली के फीरोजशाह कोटला मैदान में हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसियेशन की स्थापना की. 27 फ़रवरी 1931 को अल्फ्रेड पार्क में चन्द्रशेखर आजाद और पुलिस बल के बीच भयंकर गोलीबारी हुई आखीरी गोली बचने पर चन्द्रशेखर आजाद ने खूद को गोली मार ली और इस तरह देश का सच्चा सपूत शहीद हो गया.

23 जुलाई: राष्ट्रीय प्रसारण दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (National Broadcasting Day) मनाया जाता है.

1927 में आज के ही दिन देश का पहला रेडियो प्रसारण एक निजी कंपनी- इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) के तहत बॉम्बे (बम्‍बई) केंद्र से किया गया था. 1930 में सरकार ने इस कंपनी को अपने नियंत्रण में ले लिया और ‘भारतीय प्रसारण सेवा’ के नाम से उन्‍हें परिचालित करना शुरू कर दिया. 8 जून 1936 को भारतीय प्रसारण सेवा को ‘ऑल इंडिया रेडियो’ नाम दिया गया. 1956 में इसे ‘आकाशवाणी’ नाम दिया गया.

आकाशवाणी जन जन को सूचना पहुंचाने, शिक्षा और मनोरंजन प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है. वर्तमान में आकाशवाणी के 414 केन्‍द्र हैं, जो 23 भाषाओं और 179 बोलियों में प्रसारण उपलब्‍ध कराते हैं. आकाशवाणी का आदर्श वाक्य – ‘बहुजन हिताय : बहुजन सुखाय’ है.

22 जुलाई: राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस, राष्ट्रीय झण्डा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

प्रत्येक वर्ष 22 जुलाई को राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस (National Flag Adoption Day) मनाया जाता है. इसी दिन 1947 में भारतीय संविधान सभा की बैठक में तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था.

राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

  • स्‍वतंत्रता संग्राम के दौरान कई अलग-अलग ध्वजों का प्रयोग किया गया. प्रथम राष्‍ट्रीय ध्‍वज 7 अगस्‍त 1906 को पारसी बागान चौक कलकत्ता में फहराया गया था. इस ध्‍वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था. पीली पट्टी पर कमल बना हुआ था.
  • कांग्रेस के बेजवाड़ा (वर्तमान विजयवाड़ा) सत्र में आंध्र प्रदेश के एक युवक पिंगली वेंकैया ने एक झंडा बनाया. यह दो रंगों लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व करता है. गांधी जी ने सुझाव दिया कि भारत के शेष समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और राष्ट्र की प्रगति का संकेत देने के लिए एक चलता हुआ चरखा होना चाहिए.
  • 1931 ध्‍वज के इतिहास में एक यादगार वर्ष रहा. तिरंगे ध्‍वज को राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्‍ताव पारित किया गया. यह ध्‍वज केसरिया, सफेद और मध्‍य में चलते हुए चरखे के साथ था.
  • 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे मुक्‍त भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया. स्स्वतंत्रता मिलने के बाद इसके रंग और उनका महत्‍व बना रहा. केवल ध्‍वज में चलते हुए चरखे के स्‍थान पर सम्राट अशोक के धर्म चक्र को दिखाया गया.
  • वर्तमान में भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है. बीच में स्थित सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्‍य का प्रतीक है. निचली हरी पट्टी हरियाली, उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है.
  • 2002 से पहले, भारत की आम जनता के लोग केवल गिने चुने राष्ट्रीय त्योहारों को छोड़ सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहरा नहीं सकते थे. लेकिन एक याचिका पर 26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्‍वज संहिता में संशोधन किया गया और स्‍वतंत्रता के कई वर्ष बाद भारत के नागरिकों को अपने घरों, कार्यालयों और फैक्‍ट‍री में न केवल राष्‍ट्रीय दिवसों पर, बल्कि किसी भी दिन बिना किसी रुकावट के फहराने की अनुमति मिल गई.
  • सुविधा की दृष्टि से भारतीय ध्‍वज संहिता, 2002 को तीन भागों में बांटा गया है. संहिता के पहले भाग में राष्‍ट्रीय ध्‍वज का सामान्‍य विवरण है. संहिता के दूसरे भाग में जनता, निजी संगठनों, शैक्षिक संस्‍थानों आदि के सदस्‍यों द्वारा राष्‍ट्रीय ध्‍वज के प्रदर्शन के विषय में बताया गया है. संहिता का तीसरा भाग केन्‍द्रीय और राज्‍य सरकारों तथा उनके संगठनों और अभिकरणों द्वारा राष्‍ट्रीय ध्‍वज के प्रदर्शन के विषय में जानकारी देता है.

20 जुलाई: अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस

प्रत्येक वर्ष 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस (International Chess Day) मनाया जाता है. वर्ष 1924 में इसी दिन इंटरनेशनल चेस फेडरेशन की स्थापना हुई थी.

शतरंज, खेलों के इतिहास में सबसे प्राचीन और सबसे लोकप्रिय होने के कारण यह राष्ट्रों के बीच निष्पक्षता, समानता, आपसी सम्मान और समझ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

FIDE का स्थापना दिवस

1924 में इसी दिन इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) की स्थापना हुई थी. इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस के रूप में मनाने का विचार यूनेस्को (UNESCO) द्वारा प्रस्तावित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर एक दिवस के रूप में मनाने की मान्यता 2019 में दी थी.

शतरंज: एक दृष्टि

  • शतरंज का आविष्कार भारत में पांचवीं शताब्दी में किया गया था.  इसे मूल रूप से ‘चतुरंग’ नाम दिया गया था.
  • पहला आधुनिक शतरंज टूर्नामेंट 1851 में लंदन में आयोजित किया गया था और जर्मन एडॉल्फ एंडरसन ने जीता था.
  • विश्व शतरंज संघ (FIDE) की स्थापना 20 जुलाई, 1924 को पेरिस में हुई थी.

18 जुलाई: नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस

प्रत्येक वर्ष दुनियाभर में नेल्सन मंडेला के जन्मदिवस 18 जुलाई को ‘नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस’ (Nelson Mandela International Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस लोकतंत्र के लिए संघर्ष और दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देने में नेल्सन मंडेला के योगदान की स्मृति में मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2023 में नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस ‘विरासत आपके माध्यम से जीवित रहती है: जलवायु, भोजन और एकजुटता’ (The Legacy Lives on Through You: Climate, Food and Solidarity) थीम पर मनाया गया.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिवस को मनाये जाने का निर्णय नवंबर 2009 में लिया था. पहला नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस 18 जुलाई 2010 को मनाया गया था.

नेल्सन मंडेला: एक दृष्टि

नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे. मंडेला को 1962 में नस्लभेद शासन के तहत जेल में डाल दिया गया था और उन्हें 1990 में रिहा किया गया. जब उनकी पार्टी नेशनल कांग्रेस पार्टी 1994 में पहला बहु-जातीय चुनाव जीती, वह राष्ट्रपति बने और 1999 में अपना कार्यकाल पूरा कर पद छोड़ा. मंडेला 2013 में चल बसे.

17 जुलाई: विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस

प्रत्येक वर्ष 17 जुलाई को विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस (World Day for International Justice) मनाया जाता है. यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्याय दिवस के रूप में भी जाना जाता है.

अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस लोगों को न्याय के समर्थन के लिए जागरूक और एकजुट करने के लिए मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य पीड़ितों को उनके अधिकारों के लिए बढ़ावा देना है.

रोम संविधि की वर्षगांठ

यह दिन 17 जुलाई 1998 को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के रोम संविधि नामक एक संधि पर हस्ताक्षर करने के वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है. इस संधि द्वारा ही अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (International Court of Justice) बनाया गया था.

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय एक स्थाई और स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक संगठन है, जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय और मानव अधिकारों के सबसे गंभीर उल्लंघन के आरोपियों को न्याय करता है.

15 जुलाई: विश्व युवा कौशल दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) मनाया जाता है. युवाओं को अधिक से अधिक कौशल विकास के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.

विश्व युवा कौशल दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 के विश्व युवा कौशल दिवस की थीम (विषय)- ‘परिवर्तनकारी भविष्य के लिए शिक्षकों, प्रशिक्षकों और युवाओं को कुशल बनाना’ (skilling teachers, trainers, and youth for a transformative future) है.

इतिहास

विश्व युवा कौशल दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 नवंबर 2014 को की गयी थी. पहली बार 15 जुलाई 2015 को यह दिवस मनाया गया था.

11 जुलाई: विश्व जनसंख्या दिवस

प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) के रूप में मनाया जाता है. बढ़ती आबादी से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.

विश्व जनसंख्या दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 के विश्व जनसंख्या दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘लैंगिक समानता की शक्ति को उजागर करना: हमारी दुनिया की अनंत संभावनाओं को खोलने के लिए महिलाओं और लड़कियों की आवाज़ को ऊपर उठाना’ (Unleashing the power of gender equality: Uplifting the voices of women and girls to unlock our world’s infinite possibilities) है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा 1989 में की थी. पहली बार 11 जुलाई 1990 को यह दिवस मनाया गया था. उस समय विश्व की जनसंख्या लगभग 5 अरब थी. विश्व बैंक में कार्यरत डॉ के सी ज़कारिया ने विश्व की आबादी 5 अरब होने की स्थिति में यह दिवस मनाने का सुझाव दिया था. वर्तमान में विश्व की जनसंख्या लगभग 8 अरब है.

आषाढ़ पूर्णिमा: धम्म चक्र दिवस, महात्मा बुद्ध से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

प्रत्येक वर्ष आषाढ़ पूर्णिमा को धम्म चक्र दिवस (Dhamma Chakra Day) के रूप में मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा के बाद, धम्म चक्र दिवस बौद्ध धर्म में दूसरा सबसे पवित्र दिन है. इस वर्ष यानी 2023 में यह दिवस 3 जुलाई को मनाया गया था.

धम्म चक्र दिवस क्या है?

यह दिवस गौतम बुद्ध द्वारा अपने प्रथम पांच तपस्वी शिष्यों को दिए गए ‘प्रथम उपदेश’ की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है. गौतम बुद्ध ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट वर्तमान समय के सारनाथ में ऋषिपटन स्थित हिरण उद्यान में आषाढ़ पूर्णिमा के दिन अपने पांच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था. गौतम बुद्ध द्वारा पहला उपदेश बौद्ध ग्रन्थ- धम्मचक्क पवत्तन सुत्त में दर्ज है.

यह दिन दुनिया भर के बौद्धों द्वारा धर्म चक्र प्रवर्तन या ‘धर्म के चक्र के घूमने’ के दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

महात्मा बुद्ध के बुद्धत्व की प्राप्ति: बुद्ध पूर्णिमा

वैशाख पूर्णिमा को महात्मा बुद्ध के बुद्धत्व की प्राप्ति दिन (बुद्ध पूर्णिमा) के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था.

महात्मा बुद्ध: महत्वपूर्ण तथ्य

  • महारानी माया देवी ने 563 ईसा पूर्व मे सिद्धार्थ गौतम (महात्मा बुद्ध) को नेपाल के लुंबिनी में जन्म दिया था.
  • विश्व प्रसिद्ध माया देवी मंदिर उसी जगह पर स्थित है जहां गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था.
  • सम्राट अशोक 249 ईसा पूर्व में लुंबिनी आए थे और उनकी इस यात्रा के प्रतीक के रूप में एक स्तंभ लगाया गया था. बलुआ पत्थर और अवसादी शैल से बना यह स्तंभ शाक्यमुनी बुद्ध के जन्म से जुडा पहला पुरालेख प्रमाण है.
  • माया देवी मंदिर के पास ही ईसा पूर्व पहली शताब्दी से 5 वीं शताब्दी के बीच कुषाण से लेकर गुप्त काल के बीच बने कई स्तूप भी हैं.
  • महात्मा को बोध गया, बिहार में पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. ज्ञान प्राप्त करने के बाद गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया था.