Tag Archive for: Important Days-December

27 दिसंबर: महामारी की तैयारी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

27 दिसंबर 2023 को महामारी की तैयारी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Epidemic Preparedness) मनाया गया था. यह दिन महामारी के खिलाफ वैश्विक साझेदारी के महत्व को रेखांकित करता है.

इस दिवस को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव को 2020 में मंज़ूरी दी थी. पहली बार यह दिवस 27 दिसंबर, 2020 को मनाया गया था.

महामारी में ज्यादातर संक्रामक रोग शामिल हैं. इसमें कैंसर और हृदय रोग और अन्य गैर-संचारी रोग शामिल नहीं हैं. एक महामारी वह बीमारी है जो कम समय के भीतर बड़े पैमाने पर लोगों में तेजी से फैलती है.

26 दिसंबर 2023: दूसरा वीर बाल दिवस मनाया गया

26 दिसंबर 2023 को दूसरा वीर बाल दिवस (Veer Bal Diwas) मनाया गया. श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के दो पुत्रों के बलिदान की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है.

मुख्य बिन्दु

  • जनवरी 2023 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व वाले दिन प्रधानमंत्री ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
  • वीर बाल दिवस श्री गुरू गोविंद सिंह के पुत्रों साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है.
  • गुरू गोबिन्‍द सिंह जी के चार बेटे साहिबजादा बाबा अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे.

25 दिसम्बर: सुशासन दिवस, अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस (Good Governance Day) के रूप में मनाया जाता है. इसके साथ ही 19-25 दिसम्बर के सप्ताह को ‘सुशासन सप्ताह’ मनाया जाता है. सुशासन दिवस/सप्ताह का मुख्य उद्देश्य जनता को पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और जिम्मेदार प्रशासन देना है.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्‍म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. 25 दिसम्बर 2023 को अटल बिहारी वाजपेयी की 99वीं जयंती थी.

अटल बिहारी वाजपेयी: एक दृष्टि

  • श्री वाजपेयी लोकसभा के लिए दस बार और राज्‍यसभा के लिए दो बार चुने गए थे.
  • वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने. पहली बार 1996 में वे केवल 13 दिन तक प्रधानमंत्री रहे. दूसरा कार्यकाल 1998 से 1999 तक 11 महीने का रहा और इसके बाद 1999 से 2004 तक उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की.
  • श्री वाजपेयी के नेतृत्व में ही भारत ने 1998 में दूसरा पोखरण परमाणु परीक्षण किया था और परमाणु संपन्न देश के रूप में अपनी स्थिति सुदृढ कर ली थी.
  • अटल बिहारी वाजपेयी को 1992 में पद्म विभूषण और 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से अलंकृत किया गया था.
  • अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ. उनकी समाधि ‘सदैव अटल’ नई दिल्ली में स्थित है.

25 दिसंबर 2023: पंडित मदनमोहन मालवीय की 162वीं जयंती

25 दिसंबर को महान शिक्षाविद, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती मनाई जाती है. उनका जन्म 1861 में इसी दिन इलाहबाद में हुआ था. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष उनकी 162वीं जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में ‘पण्डित मदनमोहन मालवीय सम्पूर्ण वाङ्ग्मय’ की 11 खंडों की पहली श्रृंखला का विमोचन किया.

पंडित मदन मोहन मालवीय: एक दृष्टि

  • पंडित मदन मोहन मालवीय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष रहे थे. उन्होंने वर्ष 1909 में लाहौर, 1918 और 1930 में दिल्ली तथा 1932 में कोलकाता में कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता की थी.
  • वह ‘हिन्दोस्तान’ नामक हिंदी दैनिक और ‘इंडियन ओपिनियन’ के संपादक रहे थे. 1907 में उन्होंने स्वयं हिंदी साप्ताहिक पत्रिका ‘अभ्युदय’ और 1910 में ‘मर्यादा’ नामक हिंदी समाचार पत्र की शुरुआत की.
  • उन्‍होंने देश में आधुनिक शिक्षा को बढावा दिया था. मालवीय जी ने 1916 में वाराणसी में काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय (BHU) की स्‍थापना की थी.
  • 1924 में उन्होंने लाला लाजपत राय, एमआर जयकर तथा घनश्याम दास बिरला की सहायता से हिंदुस्तान टाइम्स का अधिग्रहण किया था. वे 1924 से 1946 तक इसके संपादक रहे. उनके प्रयासों से ही 1936 में हिंदुस्तान टाइम्स का हिंदी संस्करण ‘हिंदुस्तान’ शुरू किया गया.
  • पंडित मदन मोहन मालवीय का निधन 1946 में इलाहबाद में हुआ था. उन्‍हें 2015 में मरणोपरांत भारत-रत्‍न से सम्‍मानित किया गया.

24 दिसम्बर: राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता दिवस

प्रत्येक वर्ष 24 दिसम्बर को ‘राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता दिवस’ (National Consumer Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य उपभोक्‍ता आन्‍दोलन के महत्‍व और उपभोक्‍ताओं के अधिकारों तथा दायित्‍वों के बारे में जागरूक करना है.

भारत सरकार ने 24 दिसम्बर को राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता दिवस घोषित किया है, क्योंकि भारत के राष्‍ट्रपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को मंजूरी दी थी.

इसके अतिरिक्‍त 15 मार्च को प्रत्‍येक वर्ष ‘विश्‍व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस’ के रूप में मनाया जाता हैं.

उपभोक्‍ता संरक्षण विधेयक-2019

संसद ने 2019 में एक महत्‍वपूर्ण उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-2019 को अपनी मंजूरी दी थी. यह अधिनियम ‘उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986’ का जगह लिया था.

यह अधिनियम उपभोक्‍ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए एक ‘केंद्रीय उपभोक्‍ता संरक्षण प्राधिकरण’ (CCPA) की स्‍थापना करता है. CCPA अनुचित व्‍यापार तरीकों से उपभोक्‍ताओं को होने वाली परेशानियों को रोकने के लिए काम करेगा. यह उत्‍पादों की वापसी और पैसा वापस दिलाने के लिए भी कार्रवाई कर सकता है.

23 दिसम्बर: राष्ट्रीय किसान दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 दिसम्बर को भारत में राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किसानों के योगदान को सराहना, सम्मान देना और देश में इस अवसर पर किसान जागरूकता को लेकर कार्यक्रम आयोजित करना है. इस अवसर पर देश में किसानों के कल्याण के लिए उनके योगदान का स्मरण किया जाता है.

चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन

यह दिवस पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन पर मनाया जाता है. उनका जन्म इसी दिन 1902 में हुआ था. वह खुद एक किसान परिवार से थे. भारतीय किसानों की स्थिति में सुधार लाने का श्रेय उन्हें जाता है. भारत सरकार ने 2001 में किसान दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया था.

चौधरी चरण सिंह, जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक देश के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की थी. इससे पहले 3 अप्रैल 1967 से 25 फरवरी 1968 के बीच वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे.

22 दिसंबर: राष्ट्रीय गणित दिवस, महान गणितज्ञ रामानुजन का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 22 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ (National Mathematics Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य गणित के शिक्षकों और छात्रों को इस विषय को आसान बनाना और लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ाना है.

वर्ष 2012 में महान गणितज्ञ रामानुजन की 125वीं वर्षगाठ के मौके पर उनके जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ के रूप में घोषित किया था. पहला ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ 22 दिसंबर 2012 को मनाया गया था.

श्रीनिवास रामानुजन का जन्मदिन

यह दिवस महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन पर मनाया जाता है. इसी दिन 1887 में श्रीनिवास रामानुजन का जन्म ईरोड नगर (तमिलनाडु) में हुआ था.

श्रीनिवास रामानुजन ने किसी भी तरह की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली थी लेकिन उन्होंने अपने जीवन में ऐसी-ऐसी खोजें कीं कि बड़े-बड़े गणितज्ञ हतप्रभ रह गए. रामानुजन ने 12 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और बिना किसी की सहायता के खुद से कई प्रमेय (Theorems) भी विकसित किए. उन्होंने संख्या सिद्धांत, गणितीय विश्लेषण, अनंत श्रृंखला और निरंतर अंशों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

रामानुजन धर्म और आध्यात्म में केवल विश्वास ही नहीं रखते थे बल्कि उसे तार्किक रूप से प्रस्तुत भी करते थे. वे कहते थे कि “मेरे लिए गणित के उस सूत्र का कोई मतलब नहीं है जिससे मुझे आध्यात्मिक विचार न मिलते हों.”

20 दिसम्बर: अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 20 दिसम्बर को विश्व अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस (International Human Solidarity Day) मनाया जाता है. इसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) द्वारा किया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को विविधता में एकता का महत्व बताते हुए जागरूकता फैलाना है.

संयुक्त राष्ट्र ने एकता का संदेश देने के लिए 20 दिसम्बर को ‘अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा 22 दिसंबर 2005 को की थी. इस दिवस को विविधता में एकता के सम्मान में मनाया जाता है.

19 दिसंबर: गोवा मुक्ति दिवस, गोवा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को गोवा अपना मुक्ति दिवस (Annexation of Goa) मनाता है. 1961 में इसी दिन को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया था. 19 दिसंबर 2023 को 62वां मुक्ति दिवस मनाया गया. यह दिवस गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्‍त कराने के लिए भारतीय सशस्‍त्र सेना के ऑपरेशन विजय की सफलता के उपलक्ष्‍य में मनाया जाता है.

भारत के आजाद होने के 14 साल बाद तक भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा था. भारतीय संसद ने 1963 में 12वें संविधान संशोधन पारित कर गोवा को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल किया था. इस संविधान संशोधन के द्वारा गोवा, दमन व दिउ तथा दादरा व नगर हवेली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. 1987 में गोवा को दमन व दिउ से अलग करके एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.

गोवा स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस मनाता है. यह दिवस गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 30 मई 1987 में गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.

गोवा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है.
  • गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था. पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया.
  • इस शहर पर मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ.
  • 1815 से 1947 तक गोवा में अंग्रेजों का शासन रहा.
  • आजादी के समय अंग्रेजों की दोहरी नीति व पुर्तगाल के दबाव के कारण गोवा पुर्तगाल को हस्तांतरित कर दिया गया.
  • भारतीय सेना ने 2 दिसंबर को ‘गोवा मुक्ति’ अभियान शुरू कर दिया. वायु सेना ने 8 और 9 दिसंबर को पुर्तगालियों के ठिकाने पर अचूक बमबारी की.
  • इस तरह 19 दिसंबर, 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए.
  • गोवा में चुनाव हुए और 20 दिसंबर, 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.
  • वर्ष 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया.
  • बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना.

18 दिसम्बर: अल्पसंख्यक अधिकार दिवस

प्रत्येक वर्ष 18 दिसंबर को विश्व में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस (Minorities Rights Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य अल्पसंख्यक लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है.

संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को मनाये जाने की घोषणा 1992 में की थी. अल्पसंखयकों के साथ धर्म, भाषा, राष्ट्रीय तथा नस्ल के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 18 दिसम्बर, 1992 को “राष्ट्र, नस्ल, धर्म तथा भाषा के आधार पर लोगों के अधिकारों की घोषणा” को जारी किया था.

संयुक्त राष्ट्र ने तब कहा था कि देशों को अल्पसंख्यकों की संस्कृति, धर्म आदि की रक्षा करने के लिए कदम उठाने होंगे, ताकि उनका अस्तित्व खतरे में न आए. अल्पसंख्यक धर्म, भाषा, राष्ट्रीयता या जाति के आधार पर होते हैं.

18 दिसम्बर: अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस

प्रत्येक वर्ष 18 दिसम्बर को दुनियाभर में ‘अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ (International Migrants Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य प्रवासी कामगारों से जुड़े आजादी के साथ काम और मानवाधिकार जैसे मुद्दे पर लोगों के विचार साझा करना है.

इस वर्ष यानी 2023 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘सुरक्षित प्रवासन को बढ़ावा देना’ (Promoting Safe Migration) है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक सम्मलेन में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस को मनाये जाने से संबंधित प्रस्ताव को 1990 में स्वीकार किया था. यह सम्मेलन प्रवासी कामगारों और उनके परिवार के सदस्यों के अधिकार और सुरक्षा के लिए आयोजित की गई थी.

16 दिसम्बर: विजय दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 16 दिसम्बर को भारत और बांग्लादेश में विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाया जाता है. यह दिवस वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में मिली जीत का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है. इस वर्ष 16 दिसम्बर 2023 को विजय दिवस की 52वीं वर्षगांठ थी.

बंगलादेश भी इस दिन विजय दिवस के रूप में मनाती

भारत की पाकिस्तान पर इस जीत के बाद ही पूर्वी पाकिस्तान को अलग कर बांग्लादेश बनाया गया था. बंगलादेश भी इस दिन विजय दिवस (बिजॉय दिबॉश) के रूप में मनाती है.

पाकिस्‍तानी सेना के आत्‍मसमर्पण के साथ ही मुक्ति संग्राम का अंत और बंगलादेश का निर्माण हुआ था. 13 दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े. आज़ादी की ये लड़ाई इतिहास में मुक्ति संग्राम के नाम से दर्ज है.

1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी. इस युद्ध में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था. इस युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है.