30 जनवरी 2024 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 76वीं पुण्य तिथि (Mahatma Gandhi 76th Death Anniversary) पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस दिन को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. 30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या कर दी गई थी.
देश के स्वतंत्रता, कल्याण और प्रगति के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में यह दिन शहीद दिवस (शहादत दिवस) मनाया जाता है.
भारत में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि उसी दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.
शहीद दिवस पर महात्मा गांधी और उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को कृतज्ञता के साथ याद किया जाता है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था.
महात्मा गांधी: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.
गांधीजी ने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात से उच्च शिक्षा बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ली थी. उन्होंने वकालत की पढ़ाई लंदन में की थी.
1893 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका गए थे. वहां वह भेद-भाव के शिकार हुए.
1915 में भारत लौटे और अपना पूरा जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया.
1918 में शुरू किया गया चंपारण आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी पहली उपलब्धि थी.
1920 में उन्होंने असहयोग आंदोलन चलाया था. इस आंदोलन के दौरान हिंसा की कुछ घटना के कारण इसे असफल माना गया.
1930 में गांधीजी ने सिविल अवज्ञा आंदोलन चलाया जिसे दांडी यात्रा के नाम से जाना जाता है.
1942 में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया और जिसे उनके जीवन का सबसे सफल और सबसे बड़ा आंदोलन कहा जाता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-30 16:25:042024-02-12 16:36:3230 जनवरी 2024: शहीद दिवस, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि
प्रत्येक वर्ष जनवरी के अंतिम रविवार को विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस (World Leprosy Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य, कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की सहायता तथा इस रोग से पीड़ित लोगों की देखभाल करने वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने के बारे में जागरूकता पैदा करना हैं.
वर्ष 2024 के World Leprosy Day का विषय (थीम) ‘कुष्ठ रोग को हराएं’ (Beat Leprosy) है.
कुष्ठरोग क्या है?
कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री (बैक्टीरिया) के कारण होने वाला एक रोग है. इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर घाव हो जाते हैं तथा हाथों और पैरों की तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इस रोग को हैन्सेन का रोग (इस रोग के बैक्टीरिया की खोज़ करने वाले चिकित्सक डॉ. आर्मोर हैन्सेन के नाम रखा गया है) के रूप में भी जाना जाता है. कुष्ठ रोग को मल्टी ड्रग थेरेपी (MTD) द्वारा उपचारित किया जा सकता हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-29 16:19:352024-02-12 16:23:08जनवरी माह का अंतिम रविवार: विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस
प्रत्येक वर्ष 27 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस (International Holocaust Remembrance Day) के तौर पर मनाया जाता है. यह दिवस होलोकॉस्ट के पीड़ितों की याद में मनाया जाता है.
इस वर्ष यानी 2024 के अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस की थीम ‘धर्म की स्वतंत्रता और आत्म-पहचान की स्वतंत्रता’ (Freedom of religion and freedom to self-identify) है.
संयुक्त राष्ट्र ने होलोकॉस्ट में मारे गए 6 मिलियन यहूदियों को सम्मानित करने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस’ चिह्नित किया था.
इस दिन का इतिहास
1933-1945 के दौरान नाजी जर्मनी द्वारा प्रलय के परिणामस्वरूप एक तिहाई यहूदी (लगभग 6 मिलियन) और अन्य अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी गई थी. संयुक्त राष्ट्र ने 27 जनवरी को इस दिन को मनाने के लिए चुना था, क्योंकि इसी तारीख को रेड आर्मी ने 1945 में ऑशविट्ज़ उत्पीडन शिविर को मुक्त कराया था.
नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (NSDAP) को नाज़ी कहा जाता था. यह एक राजनीतिक पार्टी थी जो 1919 के पहले विश्व युद्ध के बाद स्थापित की गई थी.
जर्मनी में यहूदी धर्म (Judaism) विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से है, तथा दुनिया का प्रथम एकेश्वरवादी धर्म माना जाता है. यह इस्राइल और हिब्रू भाषियों का राजधर्म है.
होलोकॉस्ट को शोह (Shoah) के नाम से भी जाना जाता है. यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोपीय यहूदियों का नरसंहार था. 1941 और 1945 के दौरान, नाजी जर्मनी ने जर्मनी के कब्जे वाले यूरोप में लगभग 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-27 16:58:032024-02-10 17:08:1227 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस मनाया गया
26 जनवरी 2024 को 75वां गणतंत्र दिवस मनाया गया. इस अवसर पर मुख्य समारोह राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ (राजपथ) पर आयोजित किया गया था. यहां हर साल की तरह देश की संस्कृति को दिखाने वाली झाकियों के साथ भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया.
75वां गणतंत्र दिवस: मुख्य बिन्दु
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में समग्र राष्ट्र का नेतृत्व किया.
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों गणतंत्र दिवस परेड समारोह में मुख्य अतिथि थे.
75वीं गणतंत्र दिवस परेड ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ विषय के साथ, महिला नेतृत्व पर केंद्रित थी.
गणतंत्र दिवस समारोह में यह पहली बार था जब परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकार भारतीय संगीत वाद्य यंत्र बजाते हुए किया.
सोलह राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की झांकियों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और विरासत की झलक देखने को मिली.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया था.
गणतन्त्र दिवस क्या है?
गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिवस 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के आधिकारिक रूप से लागू होने की याद में मनाया जाता है. इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था.
किसी देश को गणतंत्र तब माना जाता है जब उस देश के प्रमुख का निर्वाचन जनता द्वारा किया जाए. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान-सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था.
गणतन्त्र दिवस समारोह का इतिहास
पहला गणतंत्र दिवस समारोह 1950 में दिल्ली के इरविन एम्पीथियेटर में मनाया गया था. जिसे वर्तमान में मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के रूप में जाना जाता है. बाद के वर्षों में यह समारोह परेड़ किंग्जवे, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित की गई.
1955 में कर्तव्य पथ (राजपथ) परेड़ के लिए स्थायी स्थल बन गया. उस समय राजपथ को किंग्जवे नाम से जाना जाता था. 1955 में जब राजपथ पर परेड़ हुई तब पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.
बीटिंग रीट्रिट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन
हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर होने वाले समारोह ‘बीटिंग रीट्रिट’ के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है. यह 1950 के दशक की शुरूआत में उस समय शुरू हुआ जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बैंड द्वारा प्रदर्शन का अनूठा तरीका विकसित किया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-26 17:53:512024-02-10 18:15:4526 जनवरी 2024: भारत का 75वां गणतंत्र दिवस
प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ (National Voters’ Day) के रूप में मनाया जाता है. इसे दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य लोगों को अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना है.
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 का मुख्य विषय (theme) – Nothing Like Voting, I Vote for Sure है.
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में वर्ष 2023 का सर्वोत्तम चुनावी पद्धति पुरस्कार प्रदान किए. यह पुरस्कार राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों को पिछले वर्ष चुनाव संचालन में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया.
भारतीय चुनाव आयोग का स्थापना दिवस
राष्ट्रीय मतदाता दिवस, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के स्थापना दिवस के दिन मनाया जाता है. भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) का गठन 25 जनवरी 1950 को किया गया था. पहली बार यह दिवस 2011 में मनाया गया था.
देश का संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया. लेकिन भारत निर्वाचन आयोग को एक संवैधानिक संस्था के रूप में स्थापित करने वाला संविधान का अनुच्छेद 324 उन गिने-चुने प्रावधानों में से है जिन्हें पूरे दो महीने पहले 26 नवम्बर 1949 को लागू कर दिया गया था. भारत निर्वाचन आयोग का गठन भारत के गणतंत्र बनने के एक दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हो गया था.
25 जनवरी: राष्ट्रीय पर्यटन दिवस
25 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय पर्यटन दिवस (National Tourism Day) मनाया जाता है. देश की विविधता को रेखांकित करने के लिए प्रत्येक वर्ष यह दिवस मनाया जाता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-25 16:48:082024-02-10 16:55:4925 जनवरी: राष्ट्रीय मतदाता दिवस, राष्ट्रीय पर्यटन दिवस
25 जनवरी 2024 को हिमाचल प्रदेश ने अपना 53वां स्थापना दिवस (Himachal Pradesh 53rd Foundation Day) मनाया. ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे 25 जून 1971 को भारत का 18वाँ राज्य बनाया गया था.
हिमाचल प्रदेश: एक दृष्टि
1948 में लगभग 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश का गठन मुख्य आयुक्त के प्रांत के रूप में किया गया था. 1 नवम्बर, 1956 को इस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था.
यह प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है. इस प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है. यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है.
आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, हिमाचल प्रदेश ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया था. सन् 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-25 16:03:392024-02-10 16:42:3425 जनवरी 2024: हिमाचल प्रदेश ने अपना 53वां स्थापना दिवस मनाया
प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश अपना स्थापना दिवस (Uttar Pradesh Diwas) मनाता है. 1950 में इसी दिन उत्तर प्रदेश को यह नाम मिला था. 24 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश ने अपना 75वाँ स्थापना दिवस मनाया.
उत्तरप्रदेश: एक दृष्टि
उत्तरप्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या (लगभग 20 करोड़) वाला राज्य है. यह 1 अप्रैल 1937 को ब्रिटिश शासन के दौरान संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के रूप में स्थापित किया गया था. ब्रिटिश शासनकाल में इसे यूनाइटेड प्रोविंस कहा जाता था जो कि 1950 में बदलकर उत्तर प्रदेश हो गया. 9 नवंबर 2000 को, उत्तरप्रदेश से अलग कर एक नया राज्य उत्तराखंड बनाया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-24 20:42:312024-02-08 20:46:2824 जनवरी: उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस
प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज में लोगों के बीच बेटियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करना और बेटियों को सामाजिक व आर्थिक विकास के नए अवसर मुहैया कराना है.
यह दिन केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2008 से प्रति वर्ष मनाया जाता है. राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंग अनुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अलग-अलग तरह के अभियान चलाए जाते हैं.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत
सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 2015 में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के जरिए लड़कियों और महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाता है. महिलाओं के प्रति होने वाली कई अमानवीय प्रथाओं जैसे भ्रूण हत्या अब कम हो गए हैं.
प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ (International Day of Education) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य शांति और विकास में शिक्षा की भूमिका को रेखांकित करना है.
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 का मुख्य विषय (theme) ‘स्थायी शांति के लिए सीखना’ (learning for lasting peace) है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 जनवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ मनाने के लिए एक प्रस्ताव 3 दिसंबर 2018 को पारित किया था. 24 जनवरी 2019 को पहला अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया था. इस प्रकार इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का तीसरा संस्करण था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-24 20:34:132024-02-08 20:36:5824 जनवरी: अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस
प्रत्येक वर्ष 21 जनवरी को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा अपना स्थापना दिवस मनाया जाता है. वर्ष 1972 में इसी दिन तीनों राज्यों को उत्तर-पूर्व क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के अन्तर्गत पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.
भारत की आजादी (15 अगस्त, 1947) से पहले, भारत की सीमाओं से लगे हुए लगभग सभी राज्यों को शांतिपूर्ण वार्ताओं के ज़रिये, भारतीय संघ में मिलाने का प्रयास किया गया. अधिकांश राज्यों के शासकों ने भारत में विलय के दस्तावेज (Instrument of Accession) दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये.
स्वतंत्रता के समय भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को तीन भागों में विभाजित किया गया था- ब्रिटिश भारत का असम प्रांत, मणिपुर और त्रिपुरा के देशी रियासतें और उत्तर-पूर्व सीमान्त प्रांत (NEFA).
मणिपुर: सितंबर 1949 में भारत सरकार ने मणिपुर को भारत में शामिल करने के लिये विलय समझौते पर हस्ताक्षर करवाने में सफलता प्राप्त की थी.
त्रिपुरा: भारत संघ में त्रिपुरा रियासत का विलय 15 नवंबर 1949 को हुआ था. रानी कंचन प्रभा ने त्रिपुरा रियासत के भारतीय संघ के साथ विलय में अहम भूमिका निभाई थी.
मेघालय: मेघालय, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक छोटा पहाड़ी राज्य है जो 2 अप्रैल 1970 को असम राज्य के भीतर एक स्वायत्त राज्य के रूप में अस्तित्व में आया.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-21 17:08:152024-02-06 17:11:0221 जनवरी: मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का स्थापना दिवस
प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस (National Startup Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत के युवाओं के लिए नवाचार और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान पर चर्चा करने के लिए स्टार्टअप उद्यमियों को एक मंच प्रदान करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 में देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को सेलिब्रेट करने के लक्ष्य से इसकी शुरुआत की थी. देश में स्टार्टअप्स का कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुचाने के लिए इसे दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था.
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2016 में भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 471 थी, जोकि 2022 में बढ़कर 72,993 हो गई. यानी इस दौरान स्टार्टअप की संख्या में रिकॉर्ड 15,400% की ग्रोथ दर्ज की गई.
प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करना है. भारतीय सेना का आदर्श वाक्य ‘service before self’ है.
इस अवसर पर थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की और सेना की आठ मार्चिंग टुकडि़यों का निरीक्षण किया.
15 जनवरी 2024 को इस अवसर पर लखनऊ में पहली बार भारतीय सेना की केन्द्रीय कमान 76वीं सेना दिवस परेड आयोजित किया था. सूर्या कमान के नाम से जाने वाली इस कमान की परेड 11 गोरखा राइफल रेजिमेंटल केन्द्र में आयोजित हुई.
आजादी के बाद यह दूसरी बार है जब सेना दिवस दिल्ली के बाहर आयोजित किया गया. 75वां सेना दिवस का आयोजन बेंगलुरु में हुआ था.
केएम करियप्पा के सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता
यह दिवस फ़ील्ड मार्शल केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1949 में इसी दिन देश के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ एफआरआर बुशर से सैन्य कमान अपने हाथों में ली थी. करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी.
इस वर्ष यानी 2024 में 76वां सेना दिवस है. इस अवसर पर थलसेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडिमरल करमबीर सिंह ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किये.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-15 19:44:012024-01-30 19:52:4415 जनवरी 2024: 76वां सेना दिवस मनाया गया