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31 मई: विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ (World No-Tobacco Day) मनाया जाता है. इस दिवस के मानाने का उद्देश्य देश और दुनिया भर में तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दे कर लोगों को जागरूक करना है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की थीम

WHO ने इस वर्ष यानी 2023 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘We need food, not tobacco’ रखा है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1987 में की थी. दरअसल, तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों की वजह से मृत्युदर में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए साल WHO ने इसे एक महामारी घोषित किया.

WHO ने पहली बार 7 अप्रैल 1988 को अपनी स्थापना की वर्षगांठ पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया था. बाद में इसके लिए एक तारीख ’31 मई’ निर्धारित की गई.

30 मई: गोवा स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस (Goa Statehood Day) मनाता है. यह दिवस गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1987 में इसी दिन गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.

भारतीय संसद ने 1963 में 12वें संविधान संशोधन पारित कर गोवा को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल किया था. इस संविधान संशोधन के द्वारा गोवा, दमन व दिउ तथा दादरा व नगर हवेली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. 30 मई 1987 को गोवा को दमन व दिउ से अलग करके गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था. गोवा देश का 25वां राज्य बना था.

19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस

भारत के आजाद होने के 14 साल बाद तक भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा था. 19 दिसंबर 1961 को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया था. इस उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस (Annexation of Goa) मनाया जाता है.

गोवा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है.
  • गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था. पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 वर्षों तक शासन किया था.
  • इस शहर पर मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ.
    1815 से 1947 तक गोवा में अंग्रेजों का शासन रहा.
  • आजादी के समय अंग्रेजों की दोहरी नीति व पुर्तगाल के दबाव के कारण गोवा पुर्तगाल को हस्तांतरित कर दिया गया.
  • 1961 में, भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) शुरू किया और दमन व दीव, द्वीपों और गोवा को भारतीय मुख्य भूमि के साथ जोड़ लिया.
  • इस तरह 19 दिसंबर 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए.
  • गोवा में चुनाव हुए और 20 दिसंबर, 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.
  • वर्ष 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया.
  • बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना.

29 मई: अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस

प्रत्येक वर्ष 29 मई को अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस (International Day of United Nations Peacekeepers) मनाया जाता है. यह दिन उन सभी को समर्पित है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में कार्य किया है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 29 मई को अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस को मनाने का प्रस्ताव 2003 में पारित किया था. 1948 में 29 मई के दिन ही पहला संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन स्थापित किया गया था। इस शांति रक्षा मिशन की स्थापना युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिए की गई थी.

वर्ष 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 के अन्तर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘Peace begins with me’ है.

शांति रक्षक अभियानों में भारत की भूमिका

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक विभिन्न शांति रक्षक अभियानों में, 1948 से अब तक 3,737 शांतिरक्षकों की जान गई हैं जिसमें से 163 भारत के हैं. यह आंकड़ा किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक है. इस समय भारत संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षकों के मामले में योगदान करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है.

22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 22 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस’ (International Day for Biological Diversity) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव-विविधता के महत्व के प्रति जागरुकता बढाना है.

अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 के अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का मुख्य विषय (Theme) ‘From Agreement to Action: Build Back Biodiversity’ है.

जैव-विविधता क्या है?

  • जैव-विविधता (Biological Diversity) पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतुओं की प्रजातियों में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की विभिन्नताएं या विशेषताएं ही जैव-विविधता कहलाती है.
  • जैव-विविधता के कारण ही पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतुओं के खाद्य पदार्थों का संतुलन बना हुआ है. जैवविविधता हमारे वस्त्र, औषधि निर्माण, पृथ्वी की सुंदरता के लिए भी उपयोगी है.
  • अन्तर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस के दिन विशेष तौर पर वनों की सुरक्षा, संस्कृति, जीवन कला, वस्त्र-भोजन, औषधीय पौधों के महत्व आदि को प्रदर्शित करके जैव-विविधता के महत्व एवं उसके न होने पर होने वाले खतरों के बारे में जागरूक किया जाता है.
  • संयुक्त राष्ट्र ने सन् 2010 को जैव-विविधता का अन्तर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया था.

अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2000 को एक प्रस्ताव पारित करके 22 मई को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाये जाने का संकल्प लिया था.

21 मई: राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस, राजीव गांधी की पुण्यतिथि

भारत में प्रत्येक वर्ष 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस (National Anti-Terrorism Day) मनाया जाता है. यह दिवस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के पथ से दूर रखना, शांति और मानवता का संदेश फैलाना, लोगों को जागरूक करना, एकता को बढ़ावा देना, युवाओं में देशभक्ति जगाना और आम लोगों की पीड़ा को उजागर करना है.

आतंकवाद विरोधी दिवस का इतिहास

21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में आयोजित एक रैली के दौरान भारत के 6ठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या LTTE (श्रीलंकाई तमिल अलगाववादी संगठन) की महिला सुसाइड बॉम्बर ने की थी. इस हमले के बाद ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया था.

21 मई: अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस, संयुक्त राष्ट्र ने भारत की पहल पर घोषित किया है

प्रत्येक वर्ष 21 मई को अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य चाय मजदूरों की काम की स्थिति, मजदूरों के अधिकार, दिहाड़ी, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर चर्चा को भी प्रोत्साहित करना है.

अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस एक आदर्श वाक्य के साथ मनाया जाता है जो ‘फील्ड से लेकर कप तक’ (From Field to Cup) है. अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस 2023 की थीम ‘Bee engaged in pollinator-friendly agricultural production’ है.

वर्ष 2019 तक देश के पांच प्रमुख चाय उत्पादक देश चीन, भारत, केन्या, वियतनाम और श्रीलंका के अलावा मलावी, तंजानिया, बांग्लादेश, यूगांडा, इंडोनेशिया और मलयेशिया सहित कई देशों में है यह दिवस मनाया जाता था.

अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास

वर्ष 2004 में मुंबई में हुई व्यापार संघों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की बैठक में ‘अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया था. पहली बार यह दिवस 15 दिसंबर, 2005 को मनाया गया था. वर्ष 2020 से यह दिवस 21 मई को मनाया जाने लगा.

भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को यह दिवस घोषित किया
  • भारत की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया है. यह दिवस को मनाने का प्रस्ताव भारत ने अक्टूबर 2015 में मिलान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की बैठक के दौरान रखा था.
  • दरअसल चाय उत्पादन का मौसम मई माह में शुरू होता है, जिस कारण भारत ने इस दिवस को 15 दिसम्बर की जगह मई माह में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को दिया था.
  • इससे पहले भारत की पहल पर ही 21 जून का दिन अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए तय किया गया था.

20 मई: विश्व मेट्रोलॉजी दिवस

प्रत्येक वर्ष 20 मई को विश्व मेट्रोलॉजी दिवस (World Metrology Day) मनाया जाता है.  इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य मेट्रोलॉजी, माप के विज्ञान और इसके अनुप्रयोग के बारे में जागरूकता पैदा करना है. यह दिन वैज्ञानिक क्षेत्रों, नवाचार, उद्योगों, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में मेट्रोलॉजी के उपयोग पर प्रकाश डालता है.

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस 2023 का मुख्य विषय (theme) ‘Measurements supporting the global food system’ है.

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस का इतिहास

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस मीटर कन्वेंशन (Metre Convention) पर हस्ताक्षर करने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस कन्वेंशन पर 20 मई 1875 को हस्ताक्षर किया गया था.

कन्वेंशन ने माप के विज्ञान और इसके औद्योगिक, वाणिज्यिक और सामाजिक अनुप्रयोगों में वैश्विक सहयोग के लिए रूपरेखा निर्धारित की थी.

20 मई 2023 को छठा विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 20 मई को ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ (World Bee Day) मनाया जाता है. मानवीय गतिविधियों के कारण मधुमक्खी और अन्य परागणकों जैसे तितलियों, चमगादड़ और हमिंग-बर्ड का जीवन खतरे में है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मधुमक्खी और अन्य परागणकों के महत्व, तथा संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

मधुमक्खियां सबसे बड़ी परागणकर्ता (pollinator) हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व की लगभग 35% कृषि अभी भी परागणकों पर निर्भर है.

इस अवसर पर मध्यप्रदेश के बालाघाट में एक राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में कई प्रकार की शहद और मधुमक्खी पालन क्षेत्र से जुड़े उत्पादों को प्रदर्शित किया गया.

विश्व मधुमक्खी दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में विश्व मधुमक्खी दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘Bee engaged in pollinator-friendly agriculture production’ है.

एंटोन जनसा के जन्म दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है

यह दिवस 18वीं शताब्दी में आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक का नेतृत्व करने वाले एंटोन जनसा (Antone Jansa) के जन्म दिन (20 मई) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

विश्व मधुमक्खी दिवस का इतिहास

स्लोवेनिया के बीकीपर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र के सम्मुख 20 मई को प्रतिवर्ष विश्व मधुमक्खी दिवस’ मनाने का प्रस्ताव रखा गया था. इस प्रस्ताव को 7 जुलाई, 2017 को इटली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के सत्र में अनुमोदित किया गया था.

पहला ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ 20 मई 2018 को मनाया गया था. इस वर्ष यानी 2023 में छठा विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया.

18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (International Museum Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आम जनता में संग्रहालयों के प्रति जागरुकता फैलाना और उन्हें संग्रहालयों में जाकर अपने इतिहास को जानने के प्रति जागरुक बनाना है.

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद (ICOM) द्वारा इस दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. ICOM दुनियाभर के सभी देशों की संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए कटिबद्ध है. इसकी स्थापना 1977 में की गई थी.

अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2023 की थीम

अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद प्रत्येक वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने के लिए एक खास विषय (थीम) बनाता है. इस वर्ष यानी 2023 में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस की थीम- ‘Museums, Sustainability and Well-being’ है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र ने संग्रहालयों की विशेषता और उनके महत्व को समझते हुए 18 मई को ‘अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय 1983 में लिया था.

18 मई: विश्व एड्स वैक्सीन दिवस

दुनिया भर में 18 मई को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस (World AIDS Vaccine Day) मनाया जाता है. इस दिन को HIV वैक्सीन जागरुकता दिवस के रूप में जाता है. इस मौके पर एड्स की प्रभावी और सुरक्षित वैक्सीन की तलाश के लिए एक साथ काम कर रहे वैज्ञानिक, स्वास्थ्य पेशेवर और वॉलेंटियर का शुक्रिया अदा किया जाता है.

विश्व एड्स वैक्सीन दिवस का इतिहास

विश्व एड्स दिवस की परिकल्पना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के मोर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में 18 मई, 1997 को दिए भाषण से आई. क्लिंटन ने दुनिया को नए लक्ष्य निर्धारित करने और अगले दशक के अंदर एड्स की वैक्सीन विकसित करने की चुनौती दी थी. इसके नतीजे में उनके भाषण का वर्षगांठ मनाने के लिए पहली बार विश्व एड्स वैक्सीन दिवस 18 मई, 1998 को मनाया गया.

एड्स (AIDS)

  • एड्स (AIDS) का पूरा नाम Acquired Immune Deficiency Syndrome है. यह Human immunodeficiency viruses (HIV) के संक्रमण से होता है. एक ऐसी बीमारी है, जिसमें मनुष्य का प्रतिरक्षा प्रणाली (संक्रमण से लड़ने की क्षमता) कम हो जाती है.
  • HIV इसी प्रतिरक्षा प्रणाली कि कोशिकाओं पर हामला कर इसे कमजोर करता है. यह कोशिकाएं एक प्रकार कि श्वेत रक्त कोशिकाएं होती है जिन्हे CD4 सेल्स भी कहा जाता है.
  • HIV के केवल शरीर में प्रवेश से आपको एड्स नहीं हो जाता. जिस व्यक्ति को HIV है, उसे एड्स होने की संभावना ज्यादा रहती है. HIV संक्रमण तब होता है जब एक सामान्य व्यक्ति HIV संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आता है.

17 मई: विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस, विश्व हाइपरटेंशन दिवस

प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (World Telecommunication and Information Society Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य इंटरनेट और नई प्रौद्योगिकियों द्वारा लाया गया सामाजिक परिवर्तनों की वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है.

विश्व दूरसंचार दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में विश्व दूरसंचार दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘Enabling the least developed nations through information and communication technologies’ है.

विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास

17 मई 1865 को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union- ITU) की स्थापना की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है. 17 मई 1969 को पहली बार विश्व दूरसंचार दिवस मनाया जाता था.

17 मई: विश्व हाइपरटेंशन दिवस

प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पूरी दुनिया के लोगों को इसके बारे में जागरूक करना है.

विश्व हाइपरटेंशन दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में ‘विश्व हाइपरटेंशन दिवस’ का मुख्य विषय (थीम)- ‘अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें’ (Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, Live Longer) है.

हाइपरटेंशन क्या है?

  • हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो हार्ट-अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेल और अंधेपन के जोखिम को बढ़ाती है. यह दुनिया भर में समय से पूर्व होने वाली मौत के प्रमुख कारणों में से एक है.
  • WHO के अनुसार दुनियाभर में 1.13 बिलियन लोगों को हाइपरटेंशन है. हाइपरटेंशन के मुख्य कारण में खराब खान-पान, व्यायाम न करना, शराब और तंबाकू का सेवन करना माना जाता है.
  • हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ लेना लाभकारी होता है.

16 मई 2023: सिक्किम का 48वां स्थापना दिवस, 1975 में भारत का 22वां राज्य बना था

प्रत्येक वर्ष 16 मई को सिक्किम स्थापना दिवस (Sikkim Statehood Day) मनाया जाता है. सिक्किम 1975 में इसी दिन भारतीय गणराज्य का 22वां राज्य बना था. इस वर्ष यानी 2023 में इस राज्य ने अपना 48वां स्थापना दिवस मनाया.

सिक्किम से संबंधित संवैधानिक तथ्य

भारतीय संविधान के 35वें संशोधन से सिक्किम को भारतीय गणराज्य में 22वें सह-राज्य के रूप में शामिल किया गया था. सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा 36वें संविधान संशोधन से दिया गया.

सिक्किम का संक्षिप्त इतिहास

  1. सिक्किम में राजशाही की स्थापना वर्ष 1642 में हुई थी. यहां पर चोग्याल वंश का शासन था. इसके बाद 1890 में ब्रिटिश इंडिया के अंतर्गत सिक्किम को ‘प्रोटेक्टोरेट स्टेट’ बनाया गया.
  2. भारत की स्वतंत्रता के समय वर्ष 1947 में सिक्किम की भारत के साथ संधि हुई, जिसके अंतर्गत सिक्किम की रक्षा, संचार और विदेश मामले भारत की ओर से देखा जाना तय हुआ.
  3. 1975 में हुए जनमत संग्रह के बाद इस राज्य का विलय भारत में हुआ और 16 मई 1975 को भारतीय गणराज्य का 22वां राज्य बना था.

सिक्किम: मुख्य तथ्य

  • अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल, उत्तर और पूर्व में चीनी तिब्बत क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व में भूटान से घिरा हुआ है. भारत का पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है.
  • अंग्रेज़ी, नेपाली, लेप्चा, भूटिया, लिंबू तथा हिन्दी इसकी आधिकारिक भाषाएँ हैं, परन्तु शासकीय कार्य में अंग्रेज़ी का ही प्रयोग होता है.
  • हिन्दू धर्म और वज्रयान बौद्ध धर्म यहाँ के प्रमुख धर्म है.
  • सिक्किम की राजधानी और सबसे बड़ा शहर ‘गंगटोक’ है.
  • जनसंख्या के मामले में भारत का सबसे छोटा राज्य और क्षेत्रफल के मामले में गोआ के पश्चात दूसरा सबसे छोटा राज्य है.
  • इसका क्षेत्रफल 7,096 वर्ग किलोमीटर है.
  • सिक्किम का ‘राज्य पशु’ लाल पांडा, ‘राज्य पक्षी’ लाल तीतर, ‘राज्य फूल’ नोबल डेंड्रोबियम और ‘राज्य वृक्ष’ रोडोडेंड्रोन है.
  • सिक्किम भारत का पहला ऑर्गेनिक राज्य है. 2016 में, सिक्किम विश्व में पहला पूर्ण जैविक राज्य बना था.
  • काजी लेंडुप दोरजी भारतीय गणराज्य में शामिल हुए इस राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे.
  • चीन के साथ भारत का सबसे पहला खुला जमीनी रास्ता ‘नाथू ला दर्रा’ सिक्किम में ही है.
  • सिक्किम में विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा भी है. यह एक विश्व धरोहर स्थल है.
  • तीस्ता नदी इस राज्य में बहने वाली प्रमुख नदी है. ल्होनक, लाचुंग और तालुंग तीस्ता की सहायक नदियाँ हैं. तीस्ता नदी ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी है.