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15 सितम्बर: अभियंता दिवस, एम विश्वेश्वरैया की जन्म तिथि

प्रत्येक वर्ष 15 सितंबर को देश में अभियन्ता दिवस (Engineer’s Day) के रूप में मनाया जाता है. भारत सरकार द्वारा 1968 में विश्वेश्वरैया की जन्म तिथि को ‘अभियंता दिवस’ घोषित किया गया था.

विश्वेश्वरैया की जन्म तिथि

यह दिवस भारत के महान अभियन्ता एवं भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की याद में मनाया जाता है. इसी दिन उनका जन्मदिन है. उनका जन्म 15 सितम्बर को 1860 में मैसूर रियासत में हुआ था, जो आज कर्नाटक राज्य है. उन्हें ‘आधुनिक मैसूर के जनक’ के रूप में जाना जाता है.

एम विश्वेश्वरैया भारत के महान इंजिनियरों में से एक थे, इन्होंने ही आधुनिक भारत की रचना की और भारत को नया रूप दिया. उन्हें आमतौर पर सर एम.वी. के नाम से जाना जाता है.

उन्हें 1955 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था. किंग जॉर्ज पंचम ने जनता की भलाई के लिए उनके योगदान के लिए उन्हें ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य (KCIE) के नाइट कमांडर के रूप में नाइट की उपाधि दी थी.

15 सितम्बर: अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 15 सितम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस (International Day of Democracy) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस लोगों के लोकतंत्र को याद रखने का अवसर प्रदान करता है.

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2023 का मुख्य विषय (theme) ‘अगली पीढ़ी को सशक्त बनाना’ (Empowering the next generation) है.

अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी सरकारें नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करे और लोगों को लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण और सार्थक भागीदारी का अवसर प्रदान करे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाने के लिए 15 सितंबर का दिन तय किया था. पहली बार वर्ष 2008 में अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाया गया था.

14 सितंबर: हिंदी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष के 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के रूप में मानया जाता है. 1949 में इसी दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था.

पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था. हिन्दी दिवस को पूरे एक सप्ताह तक मनाया जाता है, जिसे हिन्दी पखवाड़ा के नाम से जानते हैं.

भारत में आधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा का उपयोग किया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है.

हिंदी दिवस: एक दृष्टि

  • संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में हिंदी को राजभाषा बनाने का फैसला किया था.
  • हिन्दी भाषा को अनुच्छेद 343 के अंतर्गत देवनागरी लिपि में 1950 में राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया.
  • अनुच्छेद 343 (2) के अंतर्गत यह भी व्यवस्था की गई है कि संविधान के लागू होने के समय से 15 वर्ष की अवधि तक, अर्थात वर्ष 1965 तक संघ के सभी सरकारी कार्यों के लिए पहले की भांति अंग्रेजी भाषा का प्रयोग होता रहेगा.
  • संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है.
  • 2011 की जनसँख्या के अनुसार 43.63% भारतीय हिंदी भाषा का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं.
  • भारत में हिंदी भाषा को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर बोला जाता है.
  • बिहार, देश का पहला राज्य था, जिसने अपनी एकमात्र आधिकारिक भाषा के रूप में हिन्दी को अपनाया.
  • हिन्दी भाषा विश्व में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. विश्व के कई अन्य देशों जैसे पाकिस्तान, मॉरिशस, त्रिनिदाद और सूरीनाम में भी हिंदी भाषा बोली जाती है.
  • अंग्रेजी और फीजियन के साथ हिंदी फिजी की भी राष्ट्रीय भाषा है.
  • हिन्दी की पहली कविता प्रख्यात कवि ‘अमीर खुसरो’ ने लिखी थी.
  • 1977 में विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को हिन्दी में संबोधित किया था.
  • ‘नमस्ते‘ शब्द हिन्दी भाषा में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला शब्द है.
  • अमेरिका के 45 विश्वविद्यालय सहित पूरे विश्व के लगभग 176 विश्वविद्यालयों में हिन्दी की पढ़ाई जारी है.

12 सितंबर: दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस

संयुक्त राष्ट्र, प्रत्येक वर्ष 12 सितम्बर को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for South-South Cooperation) मनाया जाता है. यह दिवस हाल के वर्षों में दक्षिण क्षेत्रों में स्थित देशों द्वारा किए गए आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

1978 में ‘विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग’ (TCDC) पर वैश्विक दक्षिण (Global South) का सम्मेलन ब्यूनस आयर्स में आयोजित किया गया था.

इस सम्मेलन में दक्षिण-दक्षिण सहयोग के मुख्य स्तंभों में से एक ‘ब्यूनस आयर्स कार्य योजना’ (BAPA) को अपनाया गया था. यह कार्य योजना विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने और कार्यान्वित करने के लिए था.

क्या है दक्षिण-दक्षिण सहयोग?

10 सितम्बर: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस

प्रत्येक वर्ष 10 सितम्बर को दुनियाभर में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) मनाया जाता है. आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोकथाम लगाने एवं इस समस्या के प्रति लोगों में जागरुकरता लाने के उद्देस्य से यह दिवस मनाया जाता है.

WHO ने 2004 में औपचारिक रूप से इसे दिवस के रूप मे मान्यता दी थी. इसे पहली बार 10 सितंबर, 2003 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) की एक पहल के रूप में चिह्नित किया गया था.

WHO का अनुमान है कि 8 लाख लोग हर साल आत्महत्या से मर जाते हैं, यानि हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या से मरता है. इससे 25 गुना लोग आत्महत्या का प्रयास भी करते हैं.

8 सितंबर: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 8 सितम्बर को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है.

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2023 का विषय (थीम) ‘परिवर्तनशील विश्व के लिए साक्षरता को बढ़ावा देना: टिकाऊ और शांतिपूर्ण समाजों की नींव का निर्माण करना’ (Promoting literacy for a world in transition: Building the foundation for sustainable and peaceful societies) है.

17 नवम्बर 1965 को युनेस्को ने 8 सितम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी. पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितम्बर 1966 में मनाया गया था.

2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में कुल 74.04% जनसँख्या साक्षर हैं. पिछले दशक (2001-11) की तुलना में इसमें 9.2% की वृद्धि हुई.

5 सितंबर: शिक्षक दिवस, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्‍णन का जन्मदिवस, राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार

प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day) के रूप में पर मनाया जाता है. यह दिवस देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्‍णन के जन्मदिवस के अबसर पर मनाया जाता है. शिक्षक दिवस मानाने की शुरुआत 1962 से हुई थी.

राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार

  • शिक्षक दिवस के मौके पर देश में हर साल शिक्षकों को ‘राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार’ से सम्मानित करने की परंपरा है. इस मौके पर राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75 शिक्षकों को राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार 2023 से सम्मानित किया.
  • राष्‍ट्रीय शिक्षक पुरस्‍कार प्राथमिक, माध्‍यमिक और उच्‍च शिक्षा मुहैया कराने वाले स्‍कूल के शिक्षकों को दिया जाता है.
  • यह पुरस्‍कार उन श्रेष्‍ठ शिक्षकों को दिये जाते हैं, जिन्‍होंने अपनी प्रतिबद्धता से न केवल स्‍कूली शिक्षा के स्‍तर में सुधार किये, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी बेहतर बनाया.
  • पुरस्‍कार स्‍वरूप एक रजत पदक, एक प्रमाण-पत्र और पचास हजार रुपये प्रदान किया जाता है.
  • शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पहली बार 1958 में शुरू किए गए थे.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन: एक दृष्टि

  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर, 1888 को हुआ था. वे देश के पहले उप-राष्ट्रपति (1952-1962) और दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967) रहे.
  • डॉ. राधाकृष्णन, सी राजगोपालाचारी तथा सीवी रमण देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ पाने वाले प्रथम व्यक्ति थे. यह सम्मान 1954 में दिया गया था. उन्हें 1963 में ब्रिटिश रॉयल आर्डर ऑफ़ मेरिट से सम्मानित किया गया था.

2 सितंबर: विश्व नारियल दिवस

प्रत्येक वर्ष 2 सितंबर को विश्व नारियल दिवस (World Coconut Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नारियल की उपज को बढ़ाने के लिए जागरूकता पैदा करना है.

विश्‍व नारियल दिवस 2023 की थीम

इस वर्ष यानी 2023 में विश्‍व नारियल दिवस की थीम ‘नारियल: जीवन बदल रहा है’ (Coconuts: Transforming Lives) है.

एशिया-प्रशांत नारियल समुदाय (APCC)

यह दिन एशिया-प्रशांत नारियल समुदाय (APCC) के गठन दिवस के उपलक्ष्य में 2009 से मनाया जा रहा है.  APCC 18 सदस्य देशों का एक अंतर-सरकारी संगठन है.

यह संगठन एशियाई प्रशांत क्षेत्र की नारियल विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने, समन्वय और सामंजस्य स्थापित करने का कार्य करता है. भारत APCC के संस्थापक सदस्यों में से एक है.

भारत में नारियल का उत्‍पादन

वैश्विक नारियल उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है. भारत में, केरल में नारियल का सबसे अधिक उत्पादन होता है. केरल के अलावा इसका उत्पादन तमिलनाडु और कर्नाटक में भी किया जाता है.

भारत में राष्‍ट्रीय नारियल बोर्ड भी नारियल के उत्पादन और विकास के साथ ही इससे जुड़े अन्‍य उत्‍पादों जैसे सॉफ्ट ड्रिंक, चिप्‍स और जैम पर भी काम कर रहा है.

30 सितंबर: अन्तर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 30 सितंबर को अन्तर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस (International Translation Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस बाइबल के अनुवादक सेंट जीरोम की स्मृति में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विभिन्न देशों में अनुवाद कार्य का महत्व प्रदर्शित करना है.

इस वर्ष यानी 2022 के अन्तर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस की थीम (मुख्य विषय) ‘बाधाओं के बिना एक दुनिया’ (A World without Barriers) है.

1991 में FIT (International Federation of Translators) ने एक आधिकारिक तौर पर अन्तर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस का विचार शुरू किया था, ताकि दुनिया भर में अनुवाद समुदाय की एकता को बढ़ावा मिले.

सितम्बर माह का अंतिम बृहस्पतिवार: विश्व समुद्री दिवस

प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह के अंतिम बृहस्पतिवार को “विश्व समुद्री दिवस” (World Maritime Day) के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष यानी 2022 में यह दिवस 29 सितम्बर को मनाया गया. इस दिवस के मनाने के उद्देश्य समुद्री सुरक्षा तथा समुद्री उद्योग पर प्रकाश डालना है.

विश्व समुद्री दिवस 2022 की थीम

इस वर्ष विश्व समुद्री दिवस का विषय (थीम) ‘हरित शिपिंग के लिए नई प्रौद्योगिकियां’ (New technologies for greener shipping) है.

पहली बार इस दिवस को 1978 में मनाया गया था. यह दिवस अंतरराष्ट्रीय सामुद्रिक संगठन (IMO) द्वारा मनाया जाता है. IMO की स्थापना संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी के रूप में वर्ष 1959 में हुई थी. इसका मुख्यालय लंदन में है.

विश्व का लगभग 80% व्यापार समुद्र के माध्यम से होता है. यह कम लागत वाला परिवहन प्रदान करता है और इस प्रकार सतत समुद्री विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है.

29 सितम्बर: विश्व हृदय दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने के उद्देश्य हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर जागरूकता फैलाना है.

विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2000 में की गई थी. तब यह तय किया गया था कि हर साल सितंबर माह के अंतिम रविवार को विश्व हृदय दिवस मनाया जाएगा, लेकिन 2014 में इसके लिए 29 सितंबर की तारीख तय कर दी गई.

विश्व हृदय दिवस 2022 का विषय (थीम) “यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट” (Use Heart for Every Heart) है.

28 सितम्बर: भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती

28 सितम्बर को क्रांतिकारी स्‍वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह को उनकी जयंती पर नमन किया गया. भगत सिंह को शहीद-ए-आज़म के नाम से भी जाना जाता है. उनके पिताजी का नाम किशन सिंह तथा उनकी माता जी का नाम विद्यावती था.

भगत सिंह: एक दृष्टि

  • भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था. यह मौजूदा पाकिस्तान का हिस्सा है. 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह पर अमिट छाप छोड़ा.
  • भगत सिंह महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे अहिंसा आंदोलन और भारतीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य थे. लेकिन जब 1921 में हुए चौरा-चौरा हत्याकांड के बाद गांधीजी ने हिंसा में शामिल सत्याग्रहियों का साथ नहीं दिया. इस घटना के बाद भगत सिंह का गांधी जी से मतभेद हो गया. इसके बाद अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में बने गदर दल में शामिल हो गए.
  • 9 अगस्त, 1925 को सरकारी खजाने को लूटने की घटना में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभाई थी. यह घटना इतिहास में काकोरी कांड नाम से मशहूर है. इसमें उनके साथ रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद जैसे कई क्रांतिकारी शामिल थे.
  • भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज जेपी सांडर्स की हत्या कर दी थी. इस हत्या को अंजाम देने में चंद्रशेखर आजाद ने उनकी पूरी मदद की.
  • अंग्रेजों की सरकार को ‘नींद से जगाने के लिए’ उन्होंने 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली के सभागार में बम और पर्चे फेंके थे. इस घटना में भगत सिंह के साथ क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त भी शामिल थे.
  • लाहौर षड़यंत्र केस में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी की सजा सुनाई गई और बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास दिया गया. भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 की शाम सात बजे सुखदेव और राजगुरू के साथ फांसी पर लटका दिया गया. तीनों ने हंसते-हंसते देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया.

भगत सिंह का लेखन और संपादन

भगत सिंह एक अच्छे वक्ता, पाठक, लेखक और पत्रकार भी थे. उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखा और संपादन भी किया. उन्होंने ‘अकाली’ और ‘कीर्ति’ दो अखबारों का संपादन भी किया. उनकी कृतियों के कई संकलन भी प्रकाशित हुए. उनमें ‘एक शहीद की जेल नोटबुक, सरदार भगत सिंह : पत्र और दस्तावेज, भगत सिंह के संपूर्ण दस्तावेज प्रमुख हैं.