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12-18 फरवरी: राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह, राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का 66वां स्थापना दिवस

12 से 18 फरवरी को ‘राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह’ (National Productivity Week) मनाया गया था. इसका उद्देश्य भारत के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता जागरूकता को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना है. यह सप्ताह राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) द्वारा अपने स्थापना दिवस के अवसर पर मनाया जाता है. 2024 के राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह का थीम ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) – आर्थिक विकास के लिए उत्पादकता इंजन’ (Artificial Intelligence (AI) – Productivity Engine for Economic Growth) है.

12 फरवरी: उत्पादकता दिवस
इस वर्ष 12 फरवरी, 2024 को NPC का 66वां स्थापना दिवस था. NPC अपने स्थापना दिवस को ‘उत्पादकता दिवस’ के रूप में मनाती है.

राष्ट्रीय उत्‍पादकता परिषद: एक दृष्टि

  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद, औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (DIPP) के अधीन एक राष्‍ट्रीय स्‍वायत्‍त संगठन है.
  • राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का गठन भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्‍पादकता को प्रोत्साहन देने के लिये किया गया था. इसके अलावा NPC सरकार की उत्‍पादकता संवर्द्धन योजनाओं को भी कार्यान्‍वित करता है.
  • भारत सरकार ने वर्ष 1958 में एक पंजीकृत सोसाइटी के तौर पर इसकी स्‍थापना की थी. यह एक बहुपक्षीय, गैर-लाभकारी संगठन है.
  • NPC टोक्यो स्थित ‘एशियन प्रोडक्‍टिविटी आर्गेनाईज़ेशन’ (APO) के एक घटक के रुप में इसके कार्यक्रमों को भी कार्यान्‍वित करता है. APO एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसका भारत एक संस्‍थापक सदस्‍य है.

गोवा में भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 आयोजित किया गया

गोवा में 6 से 9 फ़रवरी तक भारत ऊर्जा सप्ताह (India Energy Week) 2024 का आयोजन किया गया था. यह भारत की एकमात्र ऊर्जा प्रदर्शनी और सम्मेलन है, जो संपूर्ण ऊर्जा मूल्य श्रृंखला को एक मंच प्रदान करती है. यह भारत के ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों के लिए उत्प्रेरक का काम करती है.

मुख्य बिन्दु

  • भारत ऊर्जा सप्ताह आयोजन में 120 से ज़्यादा देशों के 4,000 से ज़्यादा प्रतिनिधि और विभिन्न देशों के 17 ऊर्जा मंत्रियों ने हिस्सा लिया था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत ऊर्जा सप्‍ताह के दौरान ऊर्जा क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से बातचीत की. उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि को और प्रोत्साहन देने के लिए सुधारों की प्रक्रिया तेज करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई.
  • इससे पहले कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अगले पांच से छह वर्ष में ऊर्जा क्षेत्र में 67 अरब डॉलर का निवेश होगा.
  • प्रधानमंत्री गोवा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में 1330 करोड रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास भी किया.

9-25 नवंबर: विश्व धरोहर सप्ताह

प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर से 25 नवंबर तक के सप्ताह को विश्व धरोहर सप्ताह (World Heritage Week) के रूप में मनाया जाता है. यह सप्ताह सांस्कृतिक धरोहरों और स्मारकों के संरक्षण और सुरक्षा के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करने और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

यह सप्ताह यूनेस्को और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा मनाया जाता है. भारत में विश्व धरोहर सप्ताह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा मनाया जाता है.

इसके विश्व धरोहर दिवस अथवा विश्व विरासत दिवस, (World Heritage Day) प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को मनाया जाता है.

नई दिल्‍ली में वर्ल्‍ड फूड इंडिया 2023 प्रदर्शनी का आयोजन किया गया

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 3 से 5 नवंबर तक वर्ल्‍ड फूड इंडिया (World Food India) 2023 प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था.

  • इस कार्यक्रम का आयोजन खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय द्वारा किया गया था. इसका लक्ष्‍य विश्‍व को भारत की समृ‍द्ध भोजन संस्‍कृति से परिचित करना था.
  • वर्ल्ड फूड इंडिया का उद्देश्य भारत को दुनिया की खाद्य टोकरी के रूप में प्रदर्शित करना है और 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाना भी है.

4-10 अक्टूबर: विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह, स्पुतनिक-1 के प्रक्षेपण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है

प्रत्येक वर्ष 4 से 10 अक्टूबर को विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह (World Space Week) के रूप में मनाया जाता है. यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक अन्तर्राष्ट्रीय वार्षिक उत्सव है.

इस वर्ष यानी 2023 के विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह का विषय ‘अंतरिक्ष और उद्यमिता’ (Space and Entrepreneurship) है.

विश्व अन्तरिक्ष सप्ताह, विश्व के पहले मानव निर्मित उपग्रह स्पुतनिक-1 के प्रक्षेपण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. स्पुतनिक-1 का प्रक्षेपण 4 अक्टूबर 1957 को तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा किया गया था.

1 से 30 सितंबर: राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है

1 से 30 सितंबर 2023 तक के छठा राष्ट्रीय पोषण माह (6th National Nutrition Month) के रूप में मनाया जा रहा है. इस वर्ष का उद्देश्य जीवन-चक्र दृष्टिकोण के माध्यम से कुपोषण से व्यापक रूप से निपटना है. इस वर्ष का विषय ‘सुपोषित, साक्षर और सशक्त भारत’ है.

पोषण माह का केंद्र बिंदु गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन और किशोरावस्था सहित मानव जीवन के महत्वपूर्ण चरणों के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना है. इस दौरान कई स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिसमें सबसे प्रमुख है बच्चे का पोषण युक्त स्वास्थ्य.

पोषण अभियान (POSHAN Abhiyaan)

पोषण अभियान गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली मां, बच्चों और किशोरियों के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार के लिए भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है. यह अभियान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 मार्च 2018 को शुरू किया गया था. पोषण (POSHAN) का पूर्ण रूप ‘Prime Minister’s Overarching Scheme for Holistic Nutrition’ है.

1-7 अगस्त: विश्व स्तनपान सप्ताह से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week- WBW) मनाया जाता है. इसका उद्देश्य स्तनपान को प्रोत्साहन तथा समर्थन देना है. स्तनपान, बच्चे के जीवन और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण व कम लागत वाला प्रयास है.

विश्व स्तनपान सप्ताह 2023 की थीम

इस वर्ष (2023) के स्तनपान सप्ताह की थीम (मुख्य विषय)- ‘आइए स्तनपान कराएं और काम करें, काम करें!’ (Let’s make breastfeeding and work, work!) है.

यह दिवस UNICEF, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और उनके सहयोगी संस्थाओं द्वारा मनाया जाता है. पहला विश्व स्तनपान सप्ताह 1992 में World Alliance for Breastfeeding Action (WABA) द्वारा मनाया गया था.

बाल अधिकारों पर WHO के कन्वेंशन के अनुसार प्रत्येक नवजात शिशु को अच्छे पोषण का अधिकार है.

2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है

2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (International Year of Millets – IYM) के रूप में मनाया जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष की शुरुआत केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और भारतीय दूतावासों की गतिविधियों के साथ हुई.

मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल और भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है. यह भारत के साथ-साथ विश्व स्तर पर उत्साह के साथ मनाया जाएगा.
  • मोटे छोटे बीज वाली घास हैं जिन्हें अक्सर “न्यूट्री-अनाज” कहा जाता है. रागी, ज्वार और बाजरा जैसे मोटे अनाजों का लंबे समय से इस्तेमाल होता रहा है. सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं जिससे यह पता चलता है कि मोटे अनाज भारत की प्राचीन फसलें रही थीं.
  • बाजरा प्रोटीन, फाइबर खनिज, लोहा और कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है. एक अनुमान के अनुसार अफ्रीका और एशिया में 9 करोड़ से अधिक लोग अपने आहार के लिए बाजरा पर निर्भर हैं.
  • भारत बाजरे का एक प्रमुख उत्पादक है जिसका एशिया के उत्पादन में 80% और वैश्विक उत्पादन में 20% का योगदान है.

वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है

वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. इस दौरान भारत में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों का अग्रिम शुभारंभ हाल ही में नई दिल्ली में हुआ था.

इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिये विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सरकार की तैयारियों की रूपरेखा प्रस्तुत किए हैं.

मुख्य बिन्दु

  • एक अनुमान के अनुसार अफ्रीका और एशिया में 90 मिलियन से अधिक लोग अपने आहार के लिए मोटे अनाजों पर निर्भर हैं.
  • मोटे अनाजों को काफी पोषणकारी और स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक माना जाता है. मोटे अनाजों में प्रोटीन, फाइबर, खनिज, लोहा और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.
  • भारत इन अनाजों के उत्पादन में प्रमुख स्थान रखता है. मोटे अनाजों के एशिया में कुल उत्पादन में 80 प्रतिशत और वैश्विक उत्पादन में 20 प्रतिशत का योगदान भारत का है.
  • बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पारंपरिक मोटे अनाज के लाभों का उल्लेख करते हुए कहा था कि इनसे कुपोषण और भूख की वैश्विक समस्या हल हो सकती है.

9-25 नवंबर: विश्व धरोहर सप्ताह

प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर से 25 नवंबर तक के सप्ताह को विश्व धरोहर सप्ताह (World Heritage Week) के रूप में मनाया जाता है. यह सप्ताह सांस्कृतिक धरोहरों और स्मारकों के संरक्षण और सुरक्षा के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करने और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

यह सप्ताह यूनेस्को और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा मनाया जाता है. भारत में विश्व धरोहर सप्ताह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा मनाया जाता है.

ग्रेटर नोएडा में सातवें भारतीय जल सप्ताह का आयोजन

सातवें भारतीय जल सप्ताह (IWW) 2022 का आयोजन ग्रेटर नोएडा में 1 से 5 नवंबर तक किया गया था. इसका आयोजन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने जल संसाधनों के संरक्षण और उनके एकीकृत उपयोग के प्रयासों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से किया गया था. इस कार्यक्रम का उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • IWW 2022 का विषय था- सतत विकास के लिए जल सुरक्षा. कार्यक्रम के दौरान संगोष्ठियों, पैनल चर्चाओं, प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. इसमें डेनमार्क, सिंगापुर और फिनलैंड भागीदार देश थे.
  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसके समापन भाषण में भारतीय संस्कृति और ग्रामीण पारिस्थतकीय व्यवस्था में तालाबों और प्राकृतिक जलाशयों की महत्ता और इन्हें पुनर्जीवित करने पर बल दिया.
  • उन्होंने देश के प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग पर बल दिया है. श्री धनखड़ ने प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुन दोहन पर चिंता व्यक्त की.

31 अक्टूबर से 6 नवम्‍बर 2022: सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह

केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग(CVC) प्रति वर्ष ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ (Vigilance Awareness Week) का आयोजन करता है. इस वर्ष यानी 2022 में यह सप्ताह 31 अक्टूबर से 6 नवम्‍बर तक आयोजित किया गया था. इसका उद्देश्य लोगों के सहयोग से सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और सत्‍यनिष्‍ठा को बढ़ावा देना है.

सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह 2022 का विषय- ‘विकसित राष्ट्र के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ (Corruption-free India for a developed nation) रखा गया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3 नवंबर को केन्द्रीय सतर्कता आयोग के नये शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल का शुभारंभ किया. श्री मोदी सार्वजनिक खरीददारी पर “विजआई-वाणी” का विशेष अंक भी जारी किया.

केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC)
CVC एक शीर्ष भारतीय सरकारी निकाय है, जिसे 1964 में सरकारी भ्रष्टाचार पर अंकुस लगाने के लिए स्थापित किया गया था. इसे 2003 में संसद के एक अधिनियम द्वारा वैधानिक दर्जा दिया गया था. यह एक स्वायत्त निकाय है और किसी भी कार्यकारी प्राधिकरण के नियंत्रण से मुक्त है.