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भारत और अमरीका के बीच पांचवां ‘टू प्‍लस टू’ संवाद आयोजित किया गया

भारत और अमरीका के बीच पांचवां 2+2 (टू प्‍लस टू) मंत्रि‍स्‍तरीय संवाद 10 नवंबर को नई दिल्‍ली आयोजित किया गया था. इस संवाद में भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने भाग लिया था. अमरीका का प्रतिनिधित्व वहाँ के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने किया था.

पांचवां टू-प्लस-टू मंत्रि‍स्‍तरीय संवाद: मुख्य बिन्दु

  • संवाद के दौरान रक्षा और सुरक्षा सहयोग, प्रौद्योगिकी सहयोग तथा दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढाने में भी हुई प्रगति की समीक्षा की गई.
  • इस वर्ष जून और सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई बातचीत के अनुरूप भारत-अमरीका साझेदारी को आगे बढाने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ.
  • दोनों देश सामरिक क्षेत्रीय मुद्दों की समीक्षा किए और बहुपक्षीय मंचों और क्‍वाड जैसे ढांचे के माध्यम से सहयोग बढाने की प्राथमिकताएं साझा किए.

भारत-अमरीका टू-प्लस-टू वार्ता: एक दृष्टि

  • भारत-अमरीका टू-प्लस-टू वार्ता में दोनों देशों के दो-दो मंत्री (विदेश और रक्षा) और उनके प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेते हैं.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की स्वीकृति के बाद पहली टू-प्लस-टू वार्ता सितंबर 2018 में नई दिल्ली में हुई थी. इस वार्ता में दोनों देशों के बीच विदेश नीति और रक्षा के क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई थी.
  • यह वार्ता बैठक दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर का संस्थागत तंत्र है जो विदेश नीति, रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर दोनों के विचारों को एक साथ लाता है.
  • टू-प्लस-टू संवाद के माध्यम से भारत-अमरीका वैश्विक रणनीतिक भागीदारी और मजबूत हो रही है.

अमरीका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत की यात्रा संपन्न की

अमरीका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन 4-5 जून तक भारत की यात्रा पर थे.वे प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की जून में होने वाली अमरीका यात्रा से पहले द्विपक्षीय सामरिक सम्‍पर्क बढ़ाने के मुख्य उद्देश्य से यह यात्रा की थी.

मुख्य बिन्दु

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और श्री ऑस्टिन के बीच 5 जून को बैठक हुई थी.इस बैठक में रक्षा सहयोग से जुड़़ी विभिन्न नई परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया.बैठक में युद्ध और निगरानी प्रणाली के क्षेत्रों में आपसी सहयोग की रूपरेखा तय की गई है.
  • दोनों नेताओं की बातचीत में टेक्नॉलजी ट्रांसफर के जरिए भारत में ही GE-414 फाइटर जेट इंजन का निर्माण, भारतीय सेना के लिए अमेरिका से हाइटेक ड्रोन की खरीद, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात सहित कई मुद्दों पर चर्च हुई.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून 2023 में होने वाली चार दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान भारत में GE-414 इंजन बनाने की डील की घोषणा की जा सकती है.
  • यह इंजन हल्के लड़ाकू विमान (LCA) Mk-2 समेत भारत के अन्य स्वदेशी लड़ाकू विमानों को ताकतवर बनाएगा.
  • इनमें एडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (AMCA) और ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF) भी शामिल हैं.

भारत और अमेरिका के बीच ‘टाइगर ट्रायम्फ’ अभ्यास आयोजित किया गया

भारत और अमेरिका के बीच 18 से 20 अक्तूबर तक टाइगर ट्रायम्फ (Tiger Triumph) अभ्यास आयोजित किया गया था. यह अभ्यास आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था. इस अभ्यास में दोनों देशों के 50 सैनिकों ने हिस्सा लिया.

इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने का प्रशिक्षण शामिल था. यह अमेरिका और भारत के बीच पहला त्रि-सेवा अभ्यास था.

अमरीका और भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र पर सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे

अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का अवर्गीकृत संस्करण 12 अक्तूबर को जारी किया गया था. इसके अनुसार अमरीका और भारत स्वतंत्र और मुक्त हिंद प्रशांत क्षेत्र के अपने साझा दृष्टिकोण पर सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे.

मुख्य बिन्दु

  • अमरीका ने कहा है कि भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और प्रमुख रक्षा साझेदार है, इसलिए दोनों देश द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय तरीके से मिलकर कार्य करेंगे.
  • अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के अनुसार चीन को प्रमुख खतरे के रूप में पहचाना गया है. अमरीका ने कहा कि वह अपने सहयोगियों के साथ संबंध प्रगाढ़ बनाता रहेगा.
  • चीन दक्षिणी चीन सागर पर सभी विवादित स्थानों पर ताइवान, फिलीपीन्‍स, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम के माध्यम से अपना दावा करता रहा है.

भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ का आयोजन

भारत और अमेरिका के विशेष बलों के बीच हाल ही में संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ (Vajra Prahar) 2022 का आयोजन 8 से 28 अगस्त तक किया गया था. यह आयोजन हिमाचल के चंबा जिले के बकलोह में किया गया था. यह ‘वज्र प्रहार’ का यह 13वां संस्करण था.

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त मिशन योजना और परिचालन रणनीति जैसे क्षेत्रों में अनुभव साझा करना था. इस अभ्यास का आयोजन बारी-बारी से अमेरिका और भारत में किया जाता है.

भारतीय सेना का विशेष बल 1966 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बनाया गया था. पैराशूट रेजिमेंट, भारतीय सेना के विशेष बल की पहली इकाई थी. विशेष बल ऑपरेशन ब्लू स्टार, ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन कैक्टस और कारगिल युद्ध में शामिल थे.

अमेरिका ने भारत को रूस के साथ हथियार खरीदने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों से छूट दी

अमेरिका ने भारत को रूस के साथ हथियार (एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली) खरीदने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों से छूट दी है. इसके लिए अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने CAATSA प्रतिबंधों से खास छूट दिलाने वाले एक संशोधित विधेयक को पारित किया था.

इस विधेयक को भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने पेश किया था. इस संशोधित विधेयक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से भारत को चीन जैसे आक्रामक रुख वाले देश को रोकने में मदद करने के लिए CAATSA से छूट दिलाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है.

CAATSA क्या है?

  • CAATSA का पूरा नाम Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act है. यह अमेरिकी कानून है जो वर्ष 2017 में लागू किया गया था. इसके तहत रूस से रक्षा और खुफिया लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है.
  • इसे 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मॉस्को के कथित हस्तक्षेप के जवाब में लाया गया था.

भारत-रूस एस-400 सौदा

एस-400 रूस द्वारा निर्मित सतह से सतह पर मार करने वाली वायु मिसाइल रक्षा प्रणाली है. भारत ने 5 बिलियन अमरीकी डालर में पांच एस-400 की खरीद के लिए रूस के साथ समझौता किया था.

भारत-अमरीका चौथी टू प्‍लस टू वार्ता, प्रधानमंत्री की अमरीकी राष्ट्रपति के साथ शिखर बैठक

भारत और अमरीका के बीच चौथी ‘टू प्‍लस टू वार्ता’ 11 अप्रैल को वाशिंगटन में हुई थी. इस वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉक्‍टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने जबकि अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्‍लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अमरीकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. इस वर्ष की टू-प्लस-टू मन्त्रिस्तरीय वार्ता दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हुई.

मुख्य बिंदु

  • इस वार्ता में दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय स्थिरता और कानून का शासन बढाने की प्रतिबद्धता दोहराई. भारत के खिलाफ आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने की कुछ देशों की नीति पर भी चर्चा हुई.
  • भारत के अंतरिक्ष विभाग और अमेरिका के रक्षा विभाग ने ‘स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस’ समझौता पूरा कर लिया है. डिफेंस स्पेस और डिफेंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी समझौता हुआ है.
  • यूक्रेन में जारी संघर्ष और उससे उत्‍पन्‍न स्‍थि‍ति के बारे में बातचीत हुई. भारत बातचीत और कूटनीति का पक्षधर है तथा हिंसा तत्काल समाप्त करना चाहता है.
  • भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्‍यक ऊर्जा रूस से खरीदता है. डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत की एक महीने की खरीद यूरोप की एक दिन की खरीद से कम होगी.
  • भारत, अमरीका के महत्‍वपूर्ण रक्षा मंचों को हासिल करता रहेगा, क्योंकि अमरीका भार‍त को हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रक्षा उत्पादक देश मानता है.
  • सभी देश, विशेष रूप से रूस से जुडे देश रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर युद्ध समाप्त करने के लिए दबाव डालें. भारत को यूक्रेन चुनौती से निपटने के बारे में अपने फैसले खुद करने होंगे.

भारत-अमरीका के मन्त्रियों की टू-प्लस-टू वार्ता

भारत-अमरीका के मन्त्रियों की पहली टू-प्लस-टू वार्ता सितंबर 2018 में नई दिल्ली में हुई थी. उस समय अमरीका के तत्कालीन विदेश मंत्री माइकल पॉम्पियो और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन के साथ बातचीत करने भारत आये थे.  उसके बाद से अब तक इस वार्ता के तीन दौर हो चुके हैं.

प्रधानमंत्री की अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ शिखर बैठक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति जो. बाइडेन ने 11 अप्रैल को बैठक की थी. यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई थी. यह शिखर बैठक भारत और अमरीका के विदेश और रक्षा मंत्रियों की ‘टू प्लस टू वार्ता’ से पहले हुई थी.

इस बैठक में दोनों नेताओं ने कोविड महामारी, वैश्विक आर्थिक बहाली, जलवायु गतिव‍िधि, दक्षिण एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों और यूक्रेन की स्थिति जैसे कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्‍यापक विचार-विमर्श किया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमरीका की चार दिन की यात्रा संपन्न की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 से 26 सितम्बर तक अमरीका की यात्रा पर हैं. वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करने गये थे. इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था.

 अमरीका में वे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के साथ बातचीत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 सितम्बर को अमेरिका के राष्‍ट्रपति के साथ पहली आमने-सामने की बैठक की थी. इस बैठक में दोनों नेताओं ने कोविड महामारी के खिलाफ संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव सहयोग का संकल्प लिया.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और अमरीकी उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस के बीच बैठक हुई थी. दोनों नेताओं ने कोविड की स्थिति और इससे निपटने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा की.

कई अमरीकी कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितम्बर को कई अमरीकी कंपनियों के प्रमुखों (CEO) से मुलाकात किया था. इन कंपनियों में क्‍यलकोम, एडोबी, फर्स्ट सोलर, ब्लैकस्टोन और जनरल एटॉमिक्स शामिल थे.

क्वाड शिखर सम्‍मेलन

प्रधानमंत्री ने वाशिंगटन डीसी में क्वाड शिखर सम्‍मेलन में भी हिस्सा लिया था. इस सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने हिस्सा लिया था.

सम्‍मेलन में कोविड के टीकों की सप्‍लाई, भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र को मुक्‍त और खुला रखने तथा एमर्जिंग टेक्‍नॉलोजीज और साइबर स्‍पेस में भागीदारी बनाने की योजनाएं आदि पर चर्चा हुई. क्वाड सम्मेलन में अपने संबोधन में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय विश्व का कोई भी हिस्सा हिंद-प्रशांत क्षेत्र से अधिक संवेदनशील नहीं है.

क्वाड क्या है? क्वाड भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच एक संगठन है जिसका उद्देश्‍य दुनिया में सप्‍लाई चेन को निर्बाध जारी रखना है और जो किसी एक ही एशियाई देश पर निर्भर ना रहें यह सुनिश्चित करता है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 76वां सत्र

श्री मोदी 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित किया. संयुक्त राष्ट्र का 76वां महाधिवेशन 21 सितम्बर को न्यूयॉर्क में आरंभ हुआ था. अमरीका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन परम्परा के अनुसार अधिवेशन के पहले वक्ता थे.

2021 के संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र का विषय था ‘उम्मीद के माध्यम से लचीलापन बनाना – कोविड -19 से उबरना, स्थायी रूप से पुनर्निर्माण करना, ग्रह की जरूरतों का जवाब देना, लोगों के अधिकारों का सम्मान करना और संयुक्त राष्ट्र को पुनर्जीवित करना था.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र संगठन में सुधार, कोविड महामारी, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन की चुनौती जैसे अनेक महत्वपूर्ण मुद्दे पर बल दिया

द्विपक्षीय बैठकें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापानी के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा से अलग-अलग द्विपक्षीय बातचीत की थी. क्वाड नेताओं के शिखर सम्‍मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री सुगा योशीहिदे से मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना पर चर्चा की.

ग्‍लोबल सिटीजन लाइव कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 25 सितम्बर को ग्‍लोबल सिटीजन लाइव कार्यक्रम को भी वर्चुअल माध्‍यम से सम्‍बोधित किया था. ग्‍लोबल सिटीजन अंतरराष्‍ट्रीय संगठन है जो अत्‍यधिक गरीबी को खत्‍म करने के लिए कार्य कर रहा है. इसके अन्‍तर्गत मुम्‍बई, न्‍यूयॉर्क, पेरिस, रियो डी जनेरो, सिडनी, लॉस एंजलिस, लागोस और सोल सहित प्रमुख शहरों में लाइव कार्यक्रम होंगे.

जलवायु और पर्यावरण पर सहयोग के लिए भारत और अमेरिका ने CAFMD संवाद शुरू किया

भारत और अमेरिका ने ‘क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग’ (Climate Action and Finance Mobilization Dialogue – CAFMD) शुरू किया है. इस संवाद की शुरुआत नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्री भूपेंद्र यादव और श्री जॉन केरी, जलवायु के लिए अमेरिका के विशेष राष्ट्रपति दूत ने की. यह संवाद, जलवायु और पर्यावरण पर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

CAFMD संवाद भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी के तहत शुरू किया गया है. यह संवाद, पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कार्यों को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाईडेन द्वारा की गई घोषणा की पृष्ठभूमि में शुरू की गई है.

अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा

अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 27-28 जुलाई को भारत यात्रा पर आये थे. विदेश मंत्री का पद सम्‍भालने के बाद श्री ब्लिंकन की यह पहली भारत यात्रा थी. यात्रा के दौरान परस्‍पर हित के विभिन्‍न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई.

एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा: मुख्य बिंदु

  • अमरीका के विदेश मंत्री ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. श्री मोदी ने चार देशों के समूह-क्वाड को मजबूत करने, कोविड महामारी से निपटने और जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रयासों के लिए अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सराहना की.
  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्री एंटनी के साथ बैठक की. बैठक दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि तथा अफगानिस्‍तान में लोकतांत्रिक स्थिरता के लिए प्रयास करने, क्‍वाड्रिलेटरल सिक्‍योरिटी डायलॉग – क्‍वाड को प्रगाढ करने और समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर बल दिया.
  • अमरीका ने भारत के कोविड रोधी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए ढाई करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की.

अतुल केशप ने भारत में अमरीका के नए राजदूत का कार्यभार संभाला

अतुल केशप ने भारत में अमरीका के नए राजदूत का कार्यभार संभाल लिया है. हाल ही में उन्होंने श्रीलंका और मालदीव में अमरीका के राजदूत के रूप में कार्य किया था.

अमरीकी विदेश विभाग ने कहा है कि भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक अतुल केशप काफी समय से राजनयिक रहे हैं और उनकी नियुक्ति से दोनों देशों के बीच निकट संबंध मज़बूत करने में मदद मिलेगी.

श्री केशप ने कहा कि भारत में अमरीकी मिशन में काम करना उनके लिए सम्मान की बात है. उन्हें भारतीय मूल का अमरीकी नागरिक होने पर गर्व है और भारत-अमरीका भागीदारी को मज़बूत करने के लिए वे काम करते रहेंगे.

भारतीय नौसेना और वायुसेना का अमरीकी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ संयुक्त अभ्यास

भारतीय नौसेना और वायुसेना का अमरीकी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ 23-24 जून को पैसेज नेवल अभ्यास (Passage Naval Exercise) आयोजित किया गया था. इसका आयोजन त्रिवेंद्रम के समीप हिंद महासागर में किया गया था. यह संयुक्त अभ्यास अमेरिका के साथ ‘स्ट्रैटेजिक आउटरीच एक्सरसाइज’ का हिस्सा था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के जहाज- कोच्चि और तेग के साथ P-8I तथा मिग-29 लड़ाकू विमान ने हिस्सा लिया. अमेरिका ने अपने नौसेना के करियर स्ट्राइक ग्रुप में रोनल्ड रीगन विमानवाहक पोत को शामिल किया था.

इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य आपसी रिश्तों को मजबूत करना, समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना था. इसमें अमरीकी नौसेना और भारतीय नौसेना क्रॉस-डेक हेलिकॉप्‍टर संचालन और पनडुब्बी भेदी अभ्यास किया.

हिन्द महासागर की व्यापक शांति के लिए अभ्यास

दक्षिण चीन सागर में विवाद की वजह से हिन्द महासागर की व्यापक शांति को भी बार-बार खतरा उत्पन्न होता रहा है. इस खतरे को दूर करने के मकसद से भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया एक साथ आए हैं. इन देशों के समूह को क्‍वाड के नाम से जाना जाता है.