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भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच 14वीं विदेशमंत्री स्‍तरीय वार्ता आयोजित की गई

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों के बीच21 नवंबर को 14वीं मंत्रिस्‍तरीय वार्ता नई दिल्‍ली में आयोजित की गई थी. इस वार्ता में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और ऑस्‍ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वांग ने हिस्सा लिया था.

भारत-ऑस्‍ट्रेलिया 14वीं विदेशमंत्री स्‍तरीय वार्ता: मुख्य बिन्दु

  • दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय तथा बहुपक्षीय मुद्दों के विभिन्‍न आयामों पर चर्चा की.
  • भारत ने उसकी जी-20 अध्‍यक्षता के लिए ऑस्‍ट्रेलिया के समर्थन की सराहना की. संयुक्‍त वक्‍तव्‍य में दोनों पक्षों ने वैश्विक मुद्दों और समुद्री सुरक्षा, सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा और स्‍वच्‍छ ऊर्जा के क्षेत्रों में मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की.
  • इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस. जयशंकर ने ऑस्‍ट्रेलिया के अपने समकक्षों रिचर्ड मार्लेस और पैनी वोंग के साथ ‘टू प्‍लस टू’ वार्ता की सहअध्‍यक्षता भी की थी.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरी टू प्लस टू वार्ता आयोजित की गई

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता (India-Australia Two plus Two Dialogue) 20 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी.

भारत और ऑस्ट्रेलिया टू प्लस टू वार्ता 2023: मुख्य बिन्दु

  • दोनों देशों के बीच यह दूसरी टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता थी. पहली वार्ता सितम्बर-2021 में नई दिल्ली में हुई थी.
  • इस वार्ता की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस और विदेश मंत्री पेनी वॉंग के साथ की थी.
  • वार्ता में मंत्रियों ने विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के संबंध सुदृढ़ बनाने पर चर्चा की. इनमें रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान, शिक्षा और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध प्रगाढ़ करना शामिल थे.
  • दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. बहुपक्षीय सहयोग सुदृढ़ करने की प्राथमिकताओं पर भी बातचीत हुई. भारत ने हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया और यूक्रेन के घटनाक्रमों पर दृष्टिकोण साझा किए.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की जापान, पापुआ न्‍यू गिनी और ऑस्‍ट्रेलिया की यात्रा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 19 मई से 24 मई तक तीन देशों – जापान, पापुआ न्‍यू गिनी और ऑस्‍ट्रेलिया की यात्रा पर थे.

मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री ने इस यात्रा के पहले चरण में 19 से 21 मई तक जापान में थे. श्री मोदी जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो के निमंत्रण पर हिरोशिमा में आयोजित जी-7 शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे जापान गए थे.
  • तीसरा क्‍वॉड शिखर (Quadrilateral Security Dialogue) सम्मेलन 19 मई को आयोजित किया गया था. यह सम्मेलन जापान के शहर हिरोशिमा में G-7 सम्मेलन (G-7 Summit) के मौके पर आयोजित किया गया था.
  • हिरोशिमा शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी तीन औपचारिक सत्रों में थी. पहले सत्र में खाद्य, स्वास्थ्य, विकास और स्त्री-पुरुष समानता के बारे में चर्चा हुई. दूसरा सत्र जलवायु, ऊर्जा और पर्यावरण पर था. तीसरे सत्र का विषय था- ‘शांति, स्थिर और समृद्ध विश्व की ओर’.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर वार्ता से इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, ब्राजील के राष्‍ट्रपति लूला डि सिल्‍वा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैंक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्‍ज और दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति यून सुक योएल के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं कीं.
  • इस यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री 21 मई को पापुआ न्यू गिनी गए थे. वहाँ वे पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मार्के के साथ हिंद-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (IPIC) की मेजबानी की थी.
  • इस यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में श्री मोदी 22 मई को आस्‍ट्रेलिया में सिडनी गए थे. यहाँ उन्होंने ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एलबनीज और गवर्नर जनरल डेविड हरले के साथ बैठक की थी.

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच हरित हाइड्रोजन कार्यबल से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच 23 मई को प्रवासन, गतिशीलता भागीदारी और हरित हाइड्रोजन कार्यबल से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे.

मुख्य बिन्दु

  • ऑस्‍ट्रेलिया की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्‍बनीज के बीच सिडनी में हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद इन सहमति-पत्रों का आदान-प्रदान हुआ.
  • दोनों नेताओ के बीच सामरिक सहयोग मजबूत करने पर सकारात्‍मक बातचीत की. श्री मोदी ने कहा कि बातचीत में भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच व्‍यापक नीतिगत भागीदारी को नई उंचाइयों पर ले जाने पर विचार-विमर्श हुआ.

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता लागू

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता 29 दिसम्बर 2022 से लागू हो गया. दोनों देशों ने इस समझौते पर अप्रैल में हस्ताक्षर किये थे. यह एक दशक के बाद, किसी भी विकसित देश के साथ भारत का पहला व्यापार समझौता है.

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता: मुख्य बिन्दु

  • इस व्‍यापार समझौते से दोनों देशों के लिये एक नये युग की शुरूआत होगी. इस समझौते में द्विपक्षीय, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के सभी पहलू शामिल हैं.
  • इस समझौते के तहत ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा सौ प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शुल्‍क समाप्‍त किये जायेंगे, जिससे भारत के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
  • इसके अलावा कपड़ा, कृषि उत्‍पाद, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी के साथ-साथ चिकित्‍सा उपकरण वाले क्षेत्रों को भी लाभ होगा.
  • वहीं दूसरी तरफ भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया को 70 प्रतिशत से अधिक टेरिफ लाइनों पर छूट दी है. जिसमें मुख्य रूप से कच्चे माल जैसे कोयला और खनिज अयस्‍क शामिल है.
  • इस समझौते से देश में लगभग दस लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे. वहीं भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार अगले पांच वर्षों में 31 बिलियन डॉलर से बढ़कर 45 से 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच प्रशिक्षण अभ्यास ऑस्‍ट्रा-हिन्‍द आयोजित किया गया

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया की सैन्‍य टुकडियों के बीच 28 नवंबर से 11 दिसम्बर तक ‘ऑस्‍ट्रा-हिन्‍द 2022’ प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का आयोजन राजस्‍थान में महाजन फील्‍ड फायरिंग रेंज में किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • दोनों देशों की सेनाओं की भागीदारी के साथ ऑस्‍ट्रा-हिन्‍द श्रृंखला का यह पहला सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास था. यह भारत और ऑस्ट्रेलिया में बारी-बारी से आयोजित किया जाएगा.
  • इसका उद्देश्य परस्पर सैन्य संबंधों को और सशक्‍त बनाना, एक दूसरे की सर्वोत्तम संचालन क्षमताओं और तकनीक को समझना और अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में सैन्य गतिविधियों में एक साथ काम करने की क्षमता को बढ़ाना है.
  • अभ्यास का लक्ष्य सकारात्मक सैन्य संबंध बनाना, एक दूसरे की उत्कृष्ट पद्धतियों का आदान-प्रदान करना और समन्वय क्षमता को प्रोत्साहित करना है.

भारत तथा ऑस्‍ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौते को स्वीकृति

ऑस्‍ट्रेलियाई संसद ने भारत तथा ऑस्‍ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौते (AI-ECTA) को स्वीकृति दी है. इस समझौते पर दोनों देशों ने 2 अप्रैल, 2022 को हस्ताक्षर किए थे.

AI-ECTA: मुख्य बिन्दु

  • यह मुक्त व्यापार समझौता आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानूनों, सब्सिडी और कोटा को कम करके भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार को आसान बनाता है.
  • यह समझौता यह सुनिश्चित करता है कि अन्य देशों की तुलना में उत्पादन की लागत सस्ती हो.
  • एक बार जब यह लागू हो जाएगा, AI-ECTA भारत को 6,000 से अधिक व्यापक क्षेत्रों के लिए ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान करेगा. इनमें खनन और खनिज, औषधि, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, परिवहन, रत्न और आभूषण, पर्यटन और वस्त्र शामिल हैं.
  • इस मुक्त व्यापार समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया अपने निर्यात के लगभग 96.4 प्रतिशत (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य-शुल्क पहुंच प्रदान करेगा. इसमें ऐसे उत्पाद शामिल हैं जिन पर ऑस्ट्रेलिया में फिलहाल 4 से 5 फीसदी सीमा शुल्क लगता है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 2 मार्च को आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये. ये समझौते वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और भारत की यात्रा पर आये ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन टेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान किये गये.

मुख्य बिंदु

  • इस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भी वर्चुअल माध्‍यम से उपस्थित थे.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि इस समझौते को बहुत कम समय में अंतिम रूप दिया गया है. इससे भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच आपसी विश्‍वास का पता चलता है.
  • ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरीसन ने कहा कि भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच सहयोग में उल्‍लेखनीय प्रगति हुई है. इस समझौते से कई क्षेत्रों में दोनों देशों के लिए आर्थिक साझेदारी के लिए नये रास्‍ते खुलेंगे.
  • श्री पीयूष गोयल ने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच वस्‍त्र, सूचना प्रौद्योगिकी और औषधि उद्योग सहित कई क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं.

भारत और ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता: एक दृष्टि

  • इस समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया अपने बाजार में चमड़े, कपड़ा, खेल उत्पादों और आभूषणों जैसे 95% से अधिक भारतीय सामानों के लिए शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान करेगा. समझौते से छह हजार से ज्‍यादा भारत के उत्‍पाद अब शुल्‍क मुक्‍त पहुंच सकेंगे.
  • यह नया हस्ताक्षरित समझौता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 27.5 बिलियन डॉलर से अगले पांच वर्षों में 45-50 बिलियन डॉलर तक ले जाने में मदद करेगा.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरी शिखर बैठक आयोजित की गयी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरी शिखर बैठक वर्चुअल माध्यम से 21 मार्च को आयोजित की गयी थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने हिस्सा लिया. बैठक में दोनों प्रधानमंत्रियों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की.

यह शिखर बैठक 4 जून 2020 को आयोजित ऐतिहासिक पहली वर्चुअल शिखर बैठक के बाद हुई. पहली शिखर बैठक में दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों का दर्जा बढ़ाकर व्यापक सामरिक भागीदारी कर दिया था.

मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलों पर हुई प्रगति की समीक्षा की. बैठक में दोनों देशों ने महत्‍वपूर्ण खनिज, जल प्रबंधन और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढाने पर सहमती व्‍यक्‍त की.
  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे कॉम्प्रिहेन्सिव इकोनोमिक कॉरपोरेशन एग्रीमेंट-सीका की बहुत कम समय में उल्‍लेखनीय प्रगति हुई है. सीका का शीघ्र समापन हमारे आर्थिक संबंधों, इकोनोमिक रिवाइवल और इकोनोमिक सिक्‍योरिटी के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण होगा.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि क्‍वॉड में भी हमारे बीच अच्‍छा सहयोग चल रहा है. हमारा यह सहयोग फ्री, ओपन और इन्‍क्‍लूजिव इंडो-पेसिफिक के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देंगे

भारत और ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देंगे. इसके एक वर्ष के भीतर दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता सम्पन्न किये जाने का अनुमान है.

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन टेहन ने संयुक्त बैठक के दौरान यह घोषणा की. दोनों नेताओं के बीच यह बैठक 9-11 फरवरी को नई दिल्ली में हुई थी.

बैठक के मुख्य बिंदु

  • इस बैठक में दोनों देश एक ऐसे संतुलित व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए जिससे आपसी व्यापार और निवेश बढ़े तथा दोनों देशों को लाभ हो.
  • दोनों देश ऑस्ट्रेलिया में भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों के समक्ष कर संबंधी मुद्दों का भी तेज़ी से समाधान करने पर सहमत हुए हैं.
  • दोनों देशों के बीच पहले एक अंतरिम समझौता किया जायेगा. इस समझौते में वस्तु, सेवा, उद्यम, स्वच्छता, सीमा शुल्क प्रक्रिया और कानूनी तथा संस्थागत मुद्दे शामिल होने का अनुमान है.

भारत और आस्‍ट्रेलिया के बीच ‘टू प्‍लस टू’ मंत्री स्‍तरीय वार्ता आयोजित की गयी

भारत और आस्‍ट्रेलिया के बीच 11 सितम्बर को नई दिल्‍ली में ‘टू प्‍लस टू’ मंत्री स्‍तरीय वार्ता आयोजित की गयी थी. इस वार्ता में भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर जबकि ऑस्ट्रेलिया की ओर से वहाँ के विदेश मंत्री मारिस पायने और रक्षा मंत्री पीटर डटन ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था.

बैठक में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में अफगानिस्‍तान, हिंद-प्रशांत महासागर में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय सहयोग और अन्‍य मुद्दों पर चर्चा हुई.

‘टू प्‍लस टू’ मंत्री स्‍तरीय वार्ता: एक दृष्टि

‘टू प्‍लस टू’ मंत्री स्‍तरीय वार्ता में दोनों देशों के दो-दो मंत्री (रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री) एक वार्ता बैठक में हिस्सा लेते हैं. जून 2020 में भारत-ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक बनाने के लिए दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच यह मंत्रिस्‍तरीय वार्ता आयोजित की जा रही है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘ऑसइंडेक्स’

भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के बीच 6 से 10 सितम्बर तक द्विपक्षीय अभ्यास ‘ऑसइंडेक्स’ (AUSINDEX) आयोजित किया गया था. यह द्विपक्षीय अभ्यास का चौथा संस्करण था. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी ने हिस्सा लिया.

इस अभ्यास में भारत के जहाज IN शिवालिक और कदमत शामिल हुए थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया की ओर से एंजेक क्लास फ्रिगेट HMAS वाररामुंगा ने हिस्सा लिया था. ऑस्ट्रेलिया के इस जहाज ने हाल ही में भारतीय नौसेना इकाइयों के साथ मालाबार अभ्यास में भाग लिया था.

‘ऑसइंडेक्स’ अभ्यास

ऑसइंडेक्स, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आयोजित होने वाला द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास है. इस अभ्यास की शुरुआत 2015 में हुई थी. ‘ऑसइंडेक्स’ का तीसरा संस्करण 2019 में बंगाल की खाड़ी में हुआ था, जिसमें पहली बार पनडुब्बी रोधी अभ्यास भी शामिल हुआ था.

यह अभ्यास दोनों नौसेनाओं को अंतर-संचालन को और मजबूत करने, सर्वोत्तम प्रथाओं से लाभ उठाने और समुद्री सुरक्षा संचालन के लिए प्रक्रियाओं की एक सामान्य समझ विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है. इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना भी है.