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विदेश मंत्री ने मालदीव और श्रीलंका की यात्रा संपन्न की

विदेश मंत्री डॉक्‍टर सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर 18 से 20 जनवरी तक मालदीव और श्रीलंका की यात्रा पर थे. दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के लिए यह यात्रा काफी अहम थी.

मालदीव और श्रीलंका दोनों हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसी हैं और प्रधानमंत्री के ‘नेबरहुड फर्स्ट’ के दृष्टिकोण में एक विशेष स्थान रखते हैं.

मालदीव

  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस यात्रा की शुरुआत मालदीव से की थी. यहां पहुंचने पर उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात कर द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति का जायजा लिया.
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीवी विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस वार्ता में द्विपक्षीय विकास सहयोग से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.
  • दोनों नेताओं की इस बैठक में भारत समर्थित मौजूदा परियोजनाओं की समीक्षा की गयी. दोनों देशों ने सहमति पत्रों पर भी हत्‍साक्षर किए. इनमें उच्‍च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए दस करोड़ रुफिया के अतिरिक्त अनुदान का सहमति-पत्र भी शामिल है.
  • डॉ. जयशंकर ने ग्रेटरमाले कनेक्टिविटी परियोजना सहित भारत समर्थित सहित कई और परियोजनाओं की समीक्षा की.
  • डॉ. जयशंकर ने राष्ट्रपति इब्राहिम सालेह के साथ हनीमधु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में भी भाग लिए. यह विकास परियोजना राजधानी क्षेत्र के बाहर सबसे बड़े निवेशों में से एक है.

श्रीलंका

  • यात्रा के दूसरे चरण में वे श्रीलंका दौरे पर गए थे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय थी जब श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष से अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त करने के प्रयास कर रहा है.
  • श्रीलंका में श्री जयशंकर ने वहां के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और प्रधान मंत्री दिनेश गुणवर्धने से मुलाकात की.
  • उन्होंने विदेश मंत्री एम.यू.एम. अली साबरी के साथ भी भारत-श्रीलंका साझेदारी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस वार्ता में दोनों देशों के बीच साझेदारी के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई.
  • इस वार्ता में मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे, संपर्क, ऊर्जा, उद्योग और स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में सहयोग पर विचार-विमर्श हुआ.

भारत और मालदीव वार्ता, दोनों देशों के बीच छह समझौते

भारत और मालदीव के बीच 2 अगस्त को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित की गई थी. इस वार्ता में भारत की यात्रा पर आए मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस वार्ता में दोनों देशों के बीच साइबर सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और आधारभूत ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में छह समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
  • भारत-मालदीव विकास सहयोग के अंतर्गत मालदीव के 34 द्वीपों में सुधार, जल आपूर्ति, स्वच्छता और अड्डू में सड़कों की मरम्मत, तटीय इलाकों में मिट्टी के भराव सहित जुम्मा मस्जिद की मरम्मत परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई.
  • वार्ता में ग्रेटर माले में चार हजार सोशल हाउसिंग यूनिट्स उसके निर्माण के प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की गई. इसके अतिरिक्त दो हजार सोशल हाउसिंग यूनिट के लिए भी वित्तीय सहायता दिया जाएगा.
  • भारत ने 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त लाइन ऑफ क्रेडिट देने का निर्णय भी किया है, ताकि सभी प्रोजेक्ट समयबद्ध तरीके से पूरा हो सके.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिन्‍द महासागर क्षेत्र में अन्‍तर्राष्‍ट्रीय अपराध, आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्‍करी का मुद्दा गम्‍भीर है, इसलिए पूरे क्षेत्र की शान्ति और स्थिरता के लिए रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मॉलदीव के बीच निकट सम्‍पर्क और समन्‍वय महत्‍वपूर्ण है.

भारत-मालदीव संबंध

  • मालदीव, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख पड़ोसी है और भारत की पड़ोसी पहले की नीति में एक विशेष स्‍थान रखता है.
  • 1965 में मालदीव की आजादी के बाद उसे मान्‍यता प्रदान करने और इस देश के साथ राजनयिक संबंध स्‍थापित करने वाले पहले देशों में भारत का नाम शामिल है.
  • भारत के सहयोग से मालदीव में वहाँ का सबसे बड़ा इन्फ्रास्टक्चर प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. कोविड के बावजूद दोनों देशों का आपसी व्यापार 31 प्रतिशत बढा है.

भारत की वित्तीय सहायता से तैयार होने वाली ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’ समझौता

भारत के वित्तीय मदद से मालदीव में ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’ का विकास किया जायेगा. इस परियोजना के लिए 27 अगस्त को मालदीव के राष्ट्रीय योजना, आवास और बुनियादी ढांचा मंत्रालय और भारतीय कंपनी एफकॉन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए.

क्या है ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’?

ग्रेटर माले संपर्क परियोजना मालदीव की सबसे बड़ी ढांचागत परियोजना है. भारत इसे वित्त पोषित कर रहा है. इसके लिए 10 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद और 40 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता दी जाएगी. योजना के तहत माले में 6.74 किमी लंबा पुल और सेतु लिंक तैयार किया जाएगा और यह परियोजना राजधानी माले को नजदीकी द्वीपों विलिंगली, गुल्हिफाल्हू और थिलाफुशी से जुड़ेगी.

भारत और मॉलदीव ने रक्षा क्षेत्र में पांच करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए

भारत और मॉलदीव ने रक्षा क्षेत्र में पांच करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए हैं. ये समझौते मॉलदीव की यात्रा पर गये विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के रक्षामंत्री मारिया दीदी के साथ 21 फरवरी को वार्ता के दौरान दिए गये. समझौते पर मॉलदीव के वित्‍त मंत्रालय और भारत के निर्यात-आयात बैंक के बीच हस्‍ताक्षर हुए.

भारत ने मॉलदीव के चौतरफा विकास और सुरक्षा के प्रति वचनबद्धता दोहराते हुए ये समझौते किये हैं. इस समझौते से समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी. इस ऋण से हिन्‍द महासागर में रणनीतिक रूप से महत्‍वपूर्ण मालदीव में समुद्री क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा.

डॉक्‍टर जयशंकर ने मालदीव की इस यात्रा के दौरान मालदीव के रक्षामंत्री मारिया दीदी के साथ UTF हार्बर परियोजना समझौते पर भी हस्‍ताक्षर किये. उन्होंने मॉलदीव के राष्‍ट्रपति इब्राहिम मोहम्‍मद सोलिह से भी मुलाकात की और विकास सहयोगी के रूप में भारत की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की.

समुद्री सुरक्षा को लेकर भारत, श्रीलंका और मालदीव के बीच त्रिपक्षीय वार्ता

भारत, श्रीलंका और मालदीव के बीच समुद्री सुरक्षा को लेकर 28 नवम्बर को कोलंबो में एक त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित किया गया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व किया. इससे पहले इस तरह की बैठक 2014 में नई दिल्ली में हुई थी.

इस वार्ता में श्रीलंका के डिफेंस सेक्रेटरी रिटायर्ड मेजर जनरल कमल गुनारत्ने और मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी और भारत की ओर से अजीत डोभाल ने हिस्सा लिया. श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणावर्धने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे.

इस त्रिपक्षीय वार्ता में तीनों देशों ने क्षेत्र में वर्तमान समुद्री सुरक्षा वातावरण का जायजा लिया और समुद्री जागरूकता, मानवीय सहायता, आपदा राहत, संयुक्त अभ्यास, क्षमता निर्माण, समुद्री सुरक्षा और समुद्री प्रदूषण के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर चर्चा की.

मालदीव की मदद के लिए भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन संजीवनी’ चलाया

मालदीव की मदद के लिए भारतीय वायुसेना ने हाल ही में ‘ऑपरेशन संजीवनी’ (Operation Sanjeevani) चलाया था. इस ऑपरेशन के द्वारा इंडियन एयर फोर्स और इंडियन आर्मी ने मिलकर मालदीव का भारत में फंसा 6.2 टन का सामान उन तक पहुंचाया. यह सामान एयर फोर्स के C-130 एयरक्राफ्ट में लिफ्ट कर माले पहुंचाया गया.

क्या था मामला?

दरअसल भारत के अलग-अलग सप्लायर्स से ये सामान मालदीव जाना था लेकिन 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से यह दवाई और सामान किसी और तरीके से मालदीव नहीं भेज सकते थे.

मालदीव सरकार के आग्रह पर इंडियन एयर फोर्स ने ऑपरेशन संजीवनी शुरू किया. इंडियन एयर फोर्स के विमान ने यह सामान नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नै, मदुरै के एयरपोर्ट से उठाया फिर माले के लिए उड़ान भरी. यह सामान 8 अलग-अलग सप्लायर्स के वेयरहाउस में थे.

जो सामान भेजा गया है उसमें बीपी, डायबिटीज, किडनी के मरीजों की दवाइयों से लेकर एंटी वायरल और इंफ्लुएंजा की वैक्सीन तक हैं. इसमें जरूरी दवाइयां और अस्तपाल के लिए जरूरी सामान थे. इसमें कैंसर से लेकर कोराना वायरस के मरीज के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाई भी हैं.

भारत और मालदीव के बीच चलाये गये मुख्य ऑपरेशन

2014 में ऑपरेशन नीर: मालदीव की राजधानी माले को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ा था. भारतीय वायुसेना ने 374 टन पीने के पानी की आपूर्ति की थी.

1988 में ऑपरेशन कैक्टस: मालदीव सरकार का तख्तापलट की कोशिश को बेअसर करने में मदद के लिए भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन कैक्टस चलाया था.

मालदीव: एक दृष्टि

मालदीव (मालदीव गणराज्य) हिंद महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है. इसका फेलाव भारत के लक्षद्वीप की उत्तर-दक्षिण दिशा में है जो लक्षद्वीप सागर में स्थित है. श्रीलंका की दक्षिण-पश्चिमी दिशा से यह करीब 700 किलोमीटर (435 mi) पर है. मालदीव की राजधानी माले है. जनसंख्या और क्षेत्रफल दोनों के आधार पर मालदीव एशिया का सबसे छोटा देश है.

अद्दू पर्यटन क्षेत्र स्‍थापित करने के लिए भारत और मालदीव में समझौता

भारत और मालदीव ने मालदीव में अद्दू पर्यटन क्षेत्र स्‍थापित करने के लिए पांच समझौता ज्ञापनों पर 2 फरवरी को हस्‍ताक्षर किए. अद्दू पर्यटन क्षेत्र मालदीव में अद्दू अतोल के पांच द्वीपों पर होगा. इस परियोजना की लागत चौबीस लाख नब्‍बे हजार डॉलर होगी.

इन समझौता ज्ञापनों पर मालदीव में भारतीय उच्‍चायुक्‍त संजय सुधीर, मालदीव के विदेश मंत्री अब्‍दुल्‍ला शाहिद तथा अद्दू नगर परिषद के प्रतिनिधि ने हस्‍ताक्षर किए. होराफूशी में बोतल बंद पानी का संयंत्र स्‍थापित करने के एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर किए गए.

भारत-मॉलदीव संयुक्‍त आयोग की छठी बैठक दिल्‍ली में आयोजित की गयी

भारत मॉलदीव संयुक्‍त आयोग की छठी बैठक (6th India-Maldives Joint Commission Meeting) दिल्‍ली में 13 दिसम्बर को आयोजित की गयी. भारत की यात्रा पर आये मालदीव के विदेश मंत्री अब्‍दुल्‍ला शाहिद और विदेशमंत्री डॉक्‍टर एस जयशंकर इस बैठक की सह-अध्‍यक्षता किया. इसमें द्वि‍पक्षीय संबंधों के विस्‍तार की समीक्षा के साथ और इसकी मज़बूती के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया.

यह बैठक चार वर्ष के अंतराल के बाद हुई है. दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग के लिए 1986 में भारत मॉलदीव संयुक्‍त आयोग (JCM) की स्‍थापना हुई थी. नवम्‍बर 2018 में इब्राहिम मोहम्‍मल सालेह के मॉलदीव का राष्‍ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ हुए हैं.

भारत एवं मालदीव के बीच 10वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्यूवरिन 2019’ पुणे में आयोजित किया गया

भारत एवं मालदीव के बीच 10वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्यूवरिन’ (EKUVERIN) 2019 महाराष्ट्र के पुणे में 7 से 20 अक्टूबर तक आयोजित किया गया.

‘एक्यूवरिन’ भारतीय सेना एवं मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के मध्य एक वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास है. ‘एक्यूवरिन’ का अर्थ ‘मित्र’ होता है. इस सैन्य अभ्यास का आयोजन वर्ष 2009 से भारत एवं मालदीव में बारी-बारी से किया जाता है.

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था के अनुरूप उग्रवाद और आतंकवाद रोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए दोनों सेनाओं के बीच आपसी सहयोग और ताल-मेल बढ़ाना है.

चौथा हिंद महासागर सम्मेलन मालदीव में आयोजित किया गया

चौथा हिंद महासागर सम्मेलन (IOC) 3 सितम्बर को मालदीव की राजधानी माले में आयोजित किया गया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया. यह IOC का चौथा संस्करण था.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की पारंपरिक और गैर पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां कठिन है और वर्तमान में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानून इस चुनौतियों से निपटने में सक्षम नही है. क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावी तरीके से ही इन चुनौतियों से निपटा जा सकता है.

चौथे हिंद महासागर सम्मेलन 2019 का विषय ‘सिक्योरिंग द इंडियन ओशन रीजन: ट्रेडिशनल एंड नॉन ट्रेडिशनल चैलेंजेस’ था.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव और श्रीलंका की यात्रा की

मालदीव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया