विदेश मंत्री डॉ. सुब्रहमण्यम जयशंकर 4 से 5 जनवरी तक नेपाल की यात्रा पर थे. उनकी यात्रा नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रसाद सऊद के निमंत्रण पर भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता के लिए थी.
मुख्य बिन्दु
यात्रा के दौरान डॉ. जयशंकर ने नेपाल के शीर्ष नेतृत्व और प्रमुख राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की.
काठमांडू में नेपाल के विदेश मंत्री एन. पी. सऊद के साथ भारत नेपाल संयुक्त आयोग की 7 वीं बैठक की सह-अध्यक्षता की.
दोनों देशों के बीच दो महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. नेपाल विद्युत प्राधिकरण और एनटीपीसी लिमिटेड के बीच नवीकरणीय ऊर्जा विकास में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए.
समझौते के अनुसार, अगले दस वर्षों में नेपाल भारत को 10 हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति करेगा.
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने नेपाल के राष्ट्रपति रामचन्द्र पोडेल और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से शिष्टाचार मुलाकात की.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-06 20:06:462024-01-15 20:13:46विदेश मंत्री डॉ. सुब्रहमण्यम जयशंकर की नेपाल यात्रा
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड 31 मई से 3 जून तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर थे. पिछले वर्ष दिसम्बर में कार्यभार ग्रहण करने के बाद श्री दहल की यह पहली विदेश यात्रा थी. उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया था.
मुख्य बिन्दु
नेपाल के प्रधानमंत्री की यात्रा भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति के अंतर्गत दोनों देशों के बीच नियमित तौर पर हुए आदान-प्रदान की परंपरा के तहत हो रही है.
इस यात्रा के दौरान श्री प्रचंड ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय साझेदारी के विभिन्न क्षेत्रों पर बातचीत की थी. इस बातचीत के बाद कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.
भारत और नेपाल के बीच व्यापार और वाणिज्य, सीमापार पेट्रोलियम पाइपलाइन बिछाने, एकीकृत चेकपोस्ट विकसित करने, पनबिजली परियोजनाओं और भुगतान प्रणाली के क्षेत्र में सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
दोनों नेताओं ने भारत और नेपाल के बीच अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, अवसंरचना, शिक्षा और सम्पर्क को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता दोहराई.
इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड से मुलाकात की. श्री प्रचंड ने उज्जैन में महाकाल मंदिर के दर्शन किए और इंदौर में स्वक्षता प्रबंधन कार्यों को भी देखा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-06-05 17:10:102023-06-08 17:28:12नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की भारत यात्रा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 मई को नेपाल की यात्रा पर थे. उनकी यह यात्रा नेपाल के प्रधानमत्री शेर बहादुर देउबा के निमंत्रण पर बुद्ध पूर्णिमा पर नेपाल में भगवान बुद्ध के जन्म स्थली लुम्बिनी में आयोजित की गयी थी. प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की यह पांचवीं नेपाल यात्रा और लुम्बिनी की पहली यात्रा थी.
मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री ने लुम्बिनी में बौद्ध संतों की उपस्थिति में भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर चिवर समर्पित किया. उन्होंने, नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केन्द्र की आधारशिला रखी. यह केन्द्र उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित होगा.
उन्होंने महामाया देवी मंदिर का दर्शन किया. इसका आयोजन लुम्बिनी विकास ट्रस्ट ने नेपाल सरकार के सहयोग से किया था.
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लुम्बिनी में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के कुशीनगर पहुंचे. श्री मोदी महापरिनिर्वाण स्तूप गये तथा दर्शन और पूजा किये. प्रधानमंत्री भगवान बुद्ध की शयन मुद्रा प्रतिमा के समक्ष वस्त्र समर्पित किये.
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता
अपनी यात्रा के दौरान श्री मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की. इस दौरान दोनों देशों ने छह सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं. इनमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के बीच विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन के लिए डॉक्टर अम्बेडकर पीठ तथा काठमांडु विश्वविद्यालय में भारत अध्ययन पीठ स्थापित करना भी शामिल है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-05-17 18:39:242022-05-17 18:39:24प्रधानमंत्री ने नेपाल में भगवान बुद्ध के जन्म स्थली लुम्बिनी की यात्रा की
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने 1-2 अप्रैल को भारत की यात्रा की थी. जुलाई 2021 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद श्री उनकी यह पहली आधिकारिक विदेश यात्रा थी.
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की नई दिल्ली में प्रतिनिधिमण्डल स्तर की वार्ता के दौरान ये समझौते किए गये. बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की. दोनों देशों के बीच सहयोग विस्तार के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया.
मुख्य बिंदु
इस अवसर पर श्री मोदी और श्री देउबा ने कई परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. उन्होंने बिहार के जयनगर और नेपाल के कुरथा के बीच यात्री रेलगाडी को झण्डी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने संयुक्त रूप से सोलू कॉरीडोर- 132 किलोवॉट क्षमता की बिजली पारेषण लाइन और नेपाल में बिजली उप-केन्द्र का भी उद्घाटन किया.
दोनों देशों ने पंचेश्वर परियोजना में तेज गति से आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया है. भारतीय कंपनियों द्वारा नेपाल के हाइड्रो पॉवर डेवलपमेंट योजनाओं में और अधिक भागीदारी के विषय पर भी सहमति व्यक्त की. व्यापार और सभी प्रकार से क्रॉस बॉर्डर कनेक्टिविटी और इनिसिएटिव को प्राथमिकता देने पर भी सहमति जताई.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-04-02 17:14:112022-04-05 07:38:27नेपाल के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा, दोनों देशों के बीच चार समझौते
नेपाल, भारत के एकीकृत भुगतान व्यवस्था ‘UPI’ को अपनाने वाला पहला पड़ोसी देश बन गया है. NPCI अन्तर्राष्ट्रीय भुगतान लिमिटेड ने इसकी घोषणा 18 फरवरी को की थी.
मुख्य बिंदु
नेपाल में सेवाएं देने के लिए NPCI की अंतर्राष्ट्रीय शाखा NPCI International Payments Ltd (NIPL) ने मनम इंफोटेक और गेटवे पेमेंट्स सर्विस (GPS) के साथ साझेदारी की है. नेपाल में, GPS अधिकृत भुगतान प्रणाली ऑपरेटर है, और मनम इन्फोटेक वहां यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को लागू करेगा.
भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) ऐप UPI का उपयोग कर भुगतान करने की एक आसान प्रणाली है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल भुगतान के लिए भीम UPI ऐप की शुरूआत 21 दिसंबर 2016 को की थी.
अब नेपाल में इसे अपनाए जाने से डिजिटल भुगतान के नेपाल सरकार और नेपाल राष्ट्र बैंक के लक्ष्य को बढ़ावा मिलेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-20 09:12:592022-02-21 10:01:13नेपाल, भारत के एकीकृत भुगतान व्यवस्था को अपनाने वाला पहला पड़ोसी देश बना
भारत-नेपाल सेना के बीच हाल ही में संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास ‘सूर्य किरण’ का आयोजन किया गया था. यह आयोजन उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 20 सितम्बर से 3 अक्तूबर तक किया गया था.
यह दोनों देशों के मध्य होने वाला ‘सूर्य किरण’ का 15वां संयुक्त सैन्य अभ्यास था. इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेना की 300-300 सैन्य कर्मियों की एक-एक टुकड़ी ने हिस्सा लिया था.
यह संयुक्त अभ्यास आतंकरोधी और आपदा राहत अभियान पर केंद्रित था. इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं आतंकवाद विरोधी अभियान, विद्रोह के खिलाफ कार्रवाई, प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं के दौरान की जाने वाली मानवीय सहायता के अपने-अपने अनुभवों को साझा किया.
भारत-नेपाल संयुक्त युद्धाभ्यास ‘सूर्य किरण’: एक दृष्टि
सूर्य किरण सैन्य संयुक्त युद्धाभ्यास आतंकवाद के बदलते तरीकों के खिलाफ सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए किया जाता है.
इसका मुख्य उद्देश्य नेपाल और भारतीय सैनिकों में आपसी सैन्य समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में सफल संचालन के लिए दोनों देशों की सेना के बीच समन्वय स्थापित करना है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-10-04 17:47:052021-10-04 17:47:05भारत-नेपाल सेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास ‘सूर्य किरण’ का आयोजन किया गया
नेपाल ने अपने पूर्वी हिस्से में 679 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए भारत की सतलज जल विद्युत निगम (SJVN) के साथ 1.3 अरब डॉलर का समझौता किया है. यह भारत द्वारा शुरू किया गया दूसरा बड़ा उद्यम होगा.
इस परियोजना में कुल 679 मेगावाट क्षमता वाली लोवर अरुण जलविद्युत परियोजना भारत द्वारा शुरू की गई दूसरी बड़ी परियोजना है.
इससे पहले भारत ने 1.04 अरब अमेरिकी डॉलर लागत वाली 900 मेगावाट क्षमता की अरुण-3 जलविद्युत परियोजना शुरू की थी. इस परियोजना को बनाओ, रखो, चलाओ और सौंपो (BOOT) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-07-15 18:23:492021-07-15 18:23:49भारत के सहयोग से नेपाल में दूसरी सबसे बड़ी परियोजना शुरू की गयी
नेपाल ने भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे को ‘जनरल ऑफ द नेपाल आर्मी’ के मानद उपाधि से सम्मानित किया है. भारतीय सेना के प्रमुख 4-6 नंवबर तक नेपाल के दौरे पर थे.
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने 5 नवम्बर को अपने आधिकारिक निवास ‘शीतल निवास’ में आयोजित समारोह में नरवणे को इस सम्मान से सम्मानित किया. इस समारोह में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित दोनों देशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
सेना प्रमुखों को सम्मानित करने की परंपरा
भारत और नेपाल द्वारा एक-दूसरे के सेना प्रमुखों को सम्मानित किये जाने की पुरानी परंपरा है. कमांडर-इन-चीफ जनरल केएम करियप्पा पहले भारतीय सेना प्रमुख थे जिन्हें 1950 में इस मानद से सम्मानित किया गया था.
जनवरी 2019 में नेपाली सेना के प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा भारतीय सेना का मानद जनरल से सम्मानित गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-11-06 20:57:112020-11-10 16:26:50नेपाल ने भारतीय सेना प्रमुख को मानद पद से सम्मानित किया
नेपाल सरकार ने अपने देश का नया राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र जारी किया है. नेपाल के भू-बंधन और सुधार मंत्रालय की ओर से मंत्री पद्मा अरयाल ने यह नया मानचित्र 19 मई को जारी किया. इस मानचित्र को मंजूरी के लिए नेपाली संसद के समक्ष रखा जाएगा.
नेपाल द्वारा जारी नए मानचित्र में भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के कुल 395 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को नेपाल के हिस्से में दिखाया गया है. इस मानचित्र में कालापानी के कुल 60 वर्ग किलोमीटर और लिंपियाधुरा के 335 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल किया गया है.
भारत द्वारा सड़क का निर्माण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में उत्तराखंड में धारचूला से लिपुलेख तक नई रोड का उद्घाटन किया था. इस रोड पर नेपाल ने आपत्ति जताई है. इस रोड के निर्माण से कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों की दूरी कम हो जाएगी. यह रोड सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
सुगौली संधि में तय किया गया है भारत-नेपाल की सीमा
नेपाल और ब्रिटिश इंडिया के बीच सुगौली संधि साल 1816 में हुआ था. सुगौली बिहार के बेतिया यानी पश्चिम चंपारण में नेपाल सीमा के पास एक छोटा सा शहर है.
इस संधि में कालापानी इलाके से होकर बहने वाली महाकाली नदी भारत-नेपाल की सीमा मानी गई है. इस संधि में तय हुआ कि काली या महाकाली नदी के पूरब का इलाका नेपाल का होगा. बाद में अंग्रेज सर्वेक्षकों ने काली नदी का उदगम स्थान अलग-अलग बताना शुरू कर दिया.
दरअसल महाकाली नदी कई छोटी धाराओं के मिलने से बनी है और इन धाराओं का उदगम अलग-अलग है. नेपाल का कहना है कि कालापानी के पश्चिम में जो उदगम स्थान है वही सही है और इस लिहाज से पूरा इलाका उसका है. दूसरी ओर भारत दस्तावजों के सहारे साबित कर चुका है कि काली नदी का मूल उदगम कालापानी के पूरब में है.
सुगौली संधि के अंतर्गत नेपाल को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से उन सभी हिस्सों पर हक छोड़ना था, जो नेपाल के राजा ने युद्धों में जीतकर हासिल किए थे. इनमें पूर्वोत्तर में सिक्किम रियासत तथा पश्चिम में कुमाऊं और गढ़वाल के क्षेत्र भी शामिल थे.
चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण है कालापानी
कालापानी चीन, नेपाल और भारत की सीमा के मिलन-बिंदु पर भारतीय राज्य उत्तराखंड में है. कालापानी इलाके का लिपुलेख दर्रा चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. 1962 से ही कालापानी पर भारत की इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस की पहरेदारी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-05-20 23:27:232020-05-21 00:01:05नेपाल ने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने मानचित्र में दिखाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ 21 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जोगबनी-बिराटनगर एकीकृत चौकी का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. जोगबनी-विराटनगर में दूसरी एकीकृत चौकी व्यापार और लोगों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय सहायता से बनाई गई है. इस जांच चौकी का निर्माण 260 एकड़ भूमि पर 140 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है.
जोगबनी-बिराटनगर एकीकृत जांच चौकी, बिराटनगर आवर्जन, निर्यात-आयात और माल चढ़ाने तथा उतारने की सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इस चौकी के माध्यम से प्रतिदिन पांच सौ ट्रक की आवाजाही हो सकती है.
भारत और नेपाल 1850 किलोमीटर लंबी सीमा एक दूसरे के साथ साझा करते हैं. भारत, परम्परागत रूप से नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और जोगबनी बिराटनगर दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण व्यापार बिन्दुओं में से एक है. इससे न केवल नेपाल में लोगों के आवागमन में मदद मिलेगी बल्कि इससे व्यापार करना भी सुगम होगा.
उद्घाटन के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत, नेपाल के सर्वांगीण विकास में एक विश्वसनीय भागीदार की भूमिका निभा रहा है. श्री मोदी ने कहा कि ‘पड़ोसी पहले’ उनकी सरकार की मुख्य नीति है और सीमा पार सम्पर्क में सुधार करना इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सभी मित्र देशों के साथ बेहतर परिवहन सुविधा विकसित करने और व्यापार, संस्कृति तथा शिक्षा जैसे क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने अपने सम्बोधन में भारत के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों में स्थिर और बहुमत वाली सरकार का होना एक महत्वपूर्ण स्थिति है और उनकी सरकार भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-01-21 23:54:252020-01-22 00:17:41भारत और नेपाल के प्रधानमंत्री ने जोगबनी-बिराटनगर एकीकृत चौकी का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया
भारत और नेपाल के बीच हाल के दिनों में कालापानी विवाद चर्चा में रहा है. दोनों देशों के बीच यह मुद्दा तब सुर्खियों में आ गया जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद देश का नया राजनीतिक नक्शा प्रकाशित किया था. नेपाल कालापानी बॉर्डर के मुद्दे पर भारत से बात करना चाहता है. इस बीच भारत सरकार ने कहा है कि नए नक्शे में नेपाल के साथ लगी सीमा में किसी तरह के बदलाव से इंकार किया है.
कहां है कालापानी?
कालापानी चीन, नेपाल और भारत की सीमा के मिलन-बिंदु पर 372 वर्ग किमी का क्षेत्र है. भारत इसे उत्तराखंड का हिस्सा मानता है जबकि नेपाल इसे अपने नक्शे में दर्शाता है.
नेपाली सुप्रीम कोर्ट में याचिका
नेपाली सुप्रीम कोर्ट में इससे संबंधित याचिका दायर कर मांग की गई थी कि वह नेपाल सरकार को नेपाली भूभाग के संरक्षण के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयास शुरू करने का आदेश दे. इस याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नेपाल सरकार से दो वास्तविक नक्शे उपलब्ध कराने को कहा है. एक नक्शा 1816 में सुगौली समझौते का और दूसरा नक्शा 1960 के सीमा संधि का.
सुगौली संधि क्या है?
नेपाल और ब्रिटिश इंडिया के बीच सुगौली संधि साल 1816 में हुआ था. इसमें कालापानी इलाके से होकर बहने वाली महाकाली नदी भारत-नेपाल की सीमा मानी गई है. नेपाल का दावा है कि विवादित क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र से गुजरने वाली जलधारा ही वास्तविक नदी है, इसलिए कालापानी नेपाल के इलाके में आता है. वहीं, भारत नदी का अलग उद्गम स्थल बताते हुए इस पर अपना दावा करता है.
सुगौली संधि के अंतर्गत नेपाल को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से उन सभी हिस्सों पर हक छोड़ना था, जो नेपाल के राजा ने युद्धों में जीतकर हासिल किए थे. इनमें पूर्वोत्तर में सिक्किम रियासत तथा पश्चिम में कुमाऊं और गढ़वाल के क्षेत्र भी शामिल थे.
चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण है कालापानी
कालापानी इलाके का लिपुलेख दर्रा चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. 1962 से ही कालापानी पर भारत की इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस की पहरेदारी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-01-04 23:15:372020-01-05 00:29:14जानिए क्या है भारत और नेपाल के बीच कालापानी विवाद, भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण
भारत-नेपाल सेना के बीच संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास ‘सूर्य किरण’ का आयोजन नेपाल के रूपदेही जिले में 3 से 16 दिसम्बर तक किया गया. यह दोनों देशों के मध्य होने वाला ‘सूर्य किरण’ का 14वां संयुक्त सैन्य अभ्यास था. इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेना की 300-300 सैन्य कर्मियों की एक-एक टुकड़ी ने हिस्सा लिया.
यह युद्धाभ्यास जंगल और पहाड़ी इलाकों में विद्रोह कार्रवाइयों से निपटने पर आधारित था. इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं आतंकवाद विरोधी अभियान, विद्रोह के खिलाफ कार्रवाई, प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं के दौरान की जाने वाली मानवीय सहायता के अपने-अपने अनुभवों को साझा किया.
भारत-नेपाल संयुक्त युद्धाभ्यास ‘सूर्य किरण’: एक दृष्टि
सूर्य किरण सैन्य संयुक्त युद्धाभ्यास आतंकवाद के बदलते तरीकों के खिलाफ सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए किया जाता है.
इसका मुख्य उद्देश्य नेपाल और भारतीय सैनिकों में आपसी सैन्य समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में सफल संचालन के लिए दोनों देशों की सेना के बीच समन्वय स्थापित करना है.
इस युद्धाभ्यास का आयोजन साल में दो बार बारी-बारी से दोनों देशों में होता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-17 23:48:452019-12-17 23:55:22भारत-नेपाल सेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास ‘सूर्य किरण’ का आयोजन नेपाल के रूपदेही में किया गया