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विदेश मंत्री की सऊदी अरब यात्रा: परामर्श तंत्र विकसित करने पर सहमति

विदेश मंत्री 10 से 12 सितम्बर तक सऊदी अरब यात्रा पर थे. विदेश मंत्री के रूप में यह उनकी पहली सऊदी यात्रा थी.

मुख्य बिन्दु

  • इस यात्रा के दौरान भारत और खाड़ी सहयोग परिषद के बीच परामर्श तंत्र विकसित करने पर सहमति बनी. विदेश मंत्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव नाएफ फलह मुबारक अल-हजरफ के साथ इस सहमति-पत्र पर किए.
  • डॉक्‍टर जयशंकर ने द्विपक्षीय बैठक में वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति के संदर्भ में भारत और खाड़ी सहयोग परिषद के बीच सहयोग की प्रासंगिकता पर चर्चा की.
  • विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने रियाद में सउदी अरब के विदेश मंत्री फैज़ल बिन फरहान अल सउद के साथ बैठक की. उन्‍होंने वर्तमान वैश्विक राजनीतिक और आर्थि‍क मुद्दों पर चर्चा की और जी-20 तथा बहुपक्षीय संगठनों में मिलकर काम करने पर सहमति व्‍यक्‍त की.

भारत और सऊदी अरब के बीच संयुक्त नौसैन्य अभ्यास ‘अल-मोहद अल-हिंदी’ आयोजित किया गया

भारत और सऊदी अरब के बीच 11-13 अगस्त को एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास‘अल-मोहद अल-हिंदी’ (Al-Mohed Al-Hindi) 2021  आयोजित किया गया था. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना और रॉयल सऊदी नेवल फोर्स ने हिस्सा लिया था. यह अभ्यास सऊदी अरब के अल-जुबैल तट पर आयोजित किया गया था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना ने स्वदेश निर्मित स्टील्थ विध्वंसक कोच्चि और दो अभिन्न सी-किंग हेलीकॉप्टरों के साथ इस अभ्यास में भाग लिया. दोनों नौसेनाओं के बीच तालमेल और अंतर-संचालन को बढ़ाने के लिए यह अभ्यास आयोजित किया गया था.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की सऊदी अरब की यात्रा: दोनों देशों के बीच 12 समझौते, FII फोरम में संबोधन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 29 अक्टूबर को सऊदी अरब की यात्रा की. वे सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्‍दुल अजीज़ के निमंत्रण पर वहां गये थे. इस यात्रा के क्रम में उन्होंने सऊदी शाह के साथ द्विपक्षीय बैठक किये और युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्‍मद बिन सलमान के साथ शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ताओं में हिस्‍सा लिया.

रियाद में फ्यूचर इन्‍वेस्‍टमेंट इनिशिएटिव फोरम

प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब के फ्यूचर इन्‍वेस्‍टमेंट इनिशिएटिव (FII) फोरम के तीसरे सत्र को सम्‍बोधित किया. फोरम को सम्‍बोधित कर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. दावेस इन डिज़र्ट कहा जाने वाला वैश्विक FII सऊदी अरब का बहुचर्चित वैश्विक वित्तीय सम्मेलन है.


प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • अगले पांच वर्षों में भारत को पचास खरब डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का संकल्‍प दोहराया. उन्‍होंने कहा कि भारत की स्‍टार्ट-अप कंपनियों ने अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर निवेश करना शुरु कर दिया है.
  • भारत दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम बन गया है. भारत में वन बिलियन वियर्स डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन वाले विनिकॉम की संख्या बढती जा रही है. हमारे कई स्टार्टअप्स वैश्विक स्तर पर निवेश करने लगे हैं.
  • प्रधानमंत्री ने ग्लोबल बिजनेस को प्रभावित करने वाले पांच बड़े ट्रेंड की बात की. पहला ट्रेंड है टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का प्रभाव, दूसरा ग्लोबल ग्रोथ के लिए इन्फ्रास्टेक्चर की इंपोर्टेंस, तीसरा ह्यूमन रिसोर्स और फ्यूचर ऑफ वर्क में तेजी से हो रहा बदलाव. चौथा कंपेशन एंड एनवायरमेंट और पांचवां बिजनेस फ्रेंडली गवर्नन्स.
  • प्रधानमंत्री ने व्‍यापार को सुगम बनाने के लिए सरकार के विभिन्‍न उपायों की जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि भारत 2024 तक रिफाइनरी, पाइपलाइन और गैस टर्मिनल के क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा ताकि ऊर्जा उत्‍पादन के लिए ढांचा कायम किया जा सके.
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार की आवश्‍यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संस्‍था संघर्ष समाधान के लिए एक वांछित संस्‍थान के रूप में विकसित नहीं हो पाई है. उन्‍होंने कहा कि शक्तिशाली देशों ने संयुक्‍त राष्‍ट्र को संस्‍थान की बजाय औजार के रूप में अधिक देखा है.

दोनों देशों के बीच 12 समझौते

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. जिन क्षेत्रों में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए उनमें सुरक्षा सहयोग, नवीकरणीय ऊर्जा, अवैध व्‍यापार और मादक पदार्थों की तस्‍करी रोकने तथा नागर विमानन जैसे क्षेत्र शामिल हैं. दोनों पक्षों के बीच पहला नौसैन्य अभ्यास 2019 के अंत या अगले साल की शुरुआत में होगा.

भारत-सऊदी अरब रणनीति साझेदारी परिषद का गठन

दोनों देशों ने सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मुद्दों संबंधी निर्णयों पर समन्वय के लिए भारत-सऊदी अरब रणनीति साझेदारी परिषद गठित करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस परिषद की अगुआई प्रधानमंत्री मोदी और युवराज मोहम्मद करेंगे और यह दो साल के अंतराल पर मिला करेगी.

रुपे कार्ड शुरू करने के संबंध में सहमति

दोनों देशों ने रुपे कार्ड शुरू करने के संबंध में भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए. सऊदी अरब में 26 लाख भारतीय काम करते हैं. भारत से करीब दो लाख हाजी और तीन लाख उमराह तीर्थयात्री हर साल सऊदी अरब का दौरा करते हैं और रुपे कार्ड की स्वीकार्यता उन्हें सस्ते लेन-देन में मदद करेगी.

रायगढ़ में रिफाइनरी परियोजना

भारत और सऊदी अरब ने महाराष्‍ट्र के रायगढ़ में महत्वाकांक्षी पश्चिमी तट रिफाइनरी परियोजना पर आगे बढ़ने का फैसला किया. इसमें सऊदी तेल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अरामको, यूएई की अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां निवेश करेंगी.

इंडियन ऑयल मिडिल ईस्ट और सऊदी कंपनी अल जेरी के बीच संयुक्त उपक्रम के लिए भी MOU पर हस्ताक्षर हुए जिससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा संबंध बढ़ेंगे.

भारत और सउदी अरब का संयुक्त बयान: मुख्य बिंदु

  • भारत और सऊदी अरब ने कार्यनीतिक भागीदारी परिषद स्‍थापित करने पर सहमति व्‍यक्‍त की है. दोनों देशों ने आंतकरोधी कार्रवाई में सहयोग बढ़ाने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया है. दोनों देशों ने उग्रवाद और आंतकवाद की सार्वभौम समस्‍या को किसी खास जाति धर्म या संस्‍कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को अनुचित बताया.
  • भारत और सउदी अरब ने सभी प्रकार के आंतकवादी कृत्‍यों की निंदा की तथा मिसाइल और ड्रोन जैसे हथियारों तक आंतकवादियों की पहुंच रोकने पर बल दिया, ताकि वे अन्‍य देशों के खिलाफ उनका प्रयोग न कर सकें.
  • दोनों देशों ने अपनी राष्‍ट्रीय सुरक्षा सहित आपसी हितों पर असर डालने वाले जल-मार्गों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों को बढ़ावा देने में द्विपक्षीय समझौतों के महत्‍व को स्‍वीकार किया.
  • आतंकवादी कार्रवाई, सूचनाओं के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण और संचार अपराधों से निपटने में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई.

भारत-सऊदी अरब संबंध: एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सउदी अरब ने साढे चार सौ भारतीय कैदियों को रिहा किया.
  • प्रधानमंत्री मोदी के आग्रह पर सऊदी अरब के शाह हज यात्रियों का कोटा बढ़ाकर दो लाख करने पर राजी हो गए हैं. 2019 में एक लाख 75 हजार 25 भारतीय हज पर गए थे.
  • भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और वह अपनी तेल जरूरतों का 83 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है. इराक के बाद सऊदी अरब इसका दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. भारत हर महीने सऊदी अरब से करीब 2,00,000 टन एलपीजी खरीदता है.