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दुर्लभ और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों की नीलामी शुरू

सरकार दुर्लभ और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों की नीलामी शुरू की है. नीलामी का उद्देश्‍य अर्थव्यवस्था के साथ साथ स्‍वच्‍छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है.

केन्द्रीय कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने 29 नवंबर को इस नीलामी प्रक्रिया के पहले चरण की शुरुआत की थी. इस चरण में 20 ब्लॉकों की बिक्री शुरू हुई है. इस नीलामी में  लिथियन और ग्रेफाइट जैसे मिनरल्स के लिए बोली मंगाई गई है.

मुख्य बिन्दु

  • बिक्री के लिए रखे ये 20 ब्लॉक देश भर में फैले हुए हैं. ये खनिज देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अहम माने जाते हैं.
  • खान मंत्रालय के अनुसार यह एक ऐतिहासिक पहल है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी, राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाएगी और स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की ओर हमारे संक्रमण का समर्थन करेगी.
  • भारत वर्ष  2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 50 प्रतिशत बिजली उत्पादन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. ऊर्जा क्षेत्र में इस महत्वाकांक्षी योजना से इलेक्ट्रिक कारों, वायु और सौर ऊर्जा परियोजनाओं तथा बैटरी भण्डारण प्रणालियों की माँग बढेगी और इन खनिज पदार्थों की मांग में भी वृद्धि होगी.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा है, इस कारण देश में पहली बार ‘महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों’ की ऑनलाइन नीलामी का ऐलान एक बेहद महत्वाकांक्षी कदम है.
  • दरअसल, लिथियम की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर भारत सरकार इसकी सप्लाई चेन सुरक्षित करने के तरीके तलाश रही है. इसी क्रम में विदेशों में खानों की खुदाई और उनसे निकले महत्वपूर्ण खनिजों की प्रोसेसिंग के लिए खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) की स्थापना वर्ष 2019 में की गई.
  • इस संयुक्त उद्यम कंपनी की स्थापना तीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों- नैशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) और मिनरल एक्सप्लोरेशन कंपनी लिमिटेड की भागीदारी के साथ की गई.
  • यह उद्यम विदेशों में रणनीतिक खनिजों की पहचान, अधिग्रहण, विकास और प्रसंस्करण का काम देखता है.
  • भारत, दुनिया के टॉप ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों में से एक है, जो ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और चिली जैसे संसाधन संपन्न देशों में प्रमुख खनिजों को सुरक्षित करने के लिए विदेशी समझौते कर रहा है.

नीलामी के लिए जारी 20 खनिज भंडारों की लिस्ट

ओडिसा, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, तमिलनाडु और गुजरात स्थित इन ब्लॉकों में ग्रेफाइट, लिथियम, मॉलिबेडनम, निकल, कॉपर और पोटाश के खान शामिल हैं.

ब्लॉक का नामखनिजराज्य
चुटिया-नौहट्टा ग्लूकोनाइट ब्लॉकग्लूकोनाइटबिहार
पिपराडीह-भुरवा ग्लूकोनाइट ब्लॉकग्लूकोनाइटबिहार
गेनजाना निकेल, क्रोमियम और पीजीई ब्लॉकनिकेल, क्रोमियमबिहार
कुंडोल निकेल और क्रोमियम ब्लॉकनिकेल और क्रोमियमगुजरात
मुस्कनिया-गारेरियातोला-बरवाड़ी पोटाश ब्लॉकपोटाशझारखंड
दुधियासोल पूर्व निकेल और तांबा ब्लॉकनिकेल और तांबाओडिशा
बाबजा ग्रेफाइट और मैंगनीज ब्लॉकग्रेफाइट और मैंगनीज अयस्कओडिशा
बिरपल्ली ग्रेफाइट और मैंगनीज ब्लॉकग्रेफाइट और मैंगनीजओडिशा
अखरखटा ग्रेफाइट ब्लॉकग्रेफाइटओडिशा
वेल्लाक्कल सेंट्रल (सेगमेंट-ए) मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनम अयस्कतमिलनाडु
नोचिपट्टी मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनम अयस्कतमिलनाडु
वेलम्पट्टी उत्तर ए और बी मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनम अयस्कतमिलनाडु
कुरुंजकुलाम ग्रेफाइट ब्लॉकग्रेफाइटतमिलनाडु
इलुप्पाकुडी ग्रेफाइट ब्लॉकग्रेफाइटतमिलनाडु
मन्नादीपट्टी सेंट्रल मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनमतमिलनाडु
मरुदिपट्टी (सेंट्रल) मोलिब्डेनम ब्लॉकमोलिब्डेनमतमिलनाडु
कुर्चा ग्लूकोनाइट ब्लॉकग्लूकोनाइटउत्तर प्रदेश
पहाड़ी कलां-गोरा कलां फॉस्फोराइट ब्लॉकफॉस्फोराइटउत्तर प्रदेश
सालल-हैमना लिथियम, टाइटेनियम और बॉक्साइट (एल्यूमिनस लेटेराइट) ब्लॉकलिथियम, टाइटेनियम और बॉक्साइट (एल्यूमिनस लेटेराइट)जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश
कटघोरा लिथियम और आरईई ब्लॉकलिथियम और आरईईछत्तीसगढ़

विपणन वर्ष 2024-25 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी

सरकार ने विपणन वर्ष 2024-25 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 18 अक्तूबर को मंजूरी दी थी. यह मंजूरी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने दी.

मुख्य बिन्दु

  • विपणन सीजन 2024-25 के लिए छह फसलों के MSP में वृद्धि को मंजूरी दी गई है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके.
  • गेहूं का MSP 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,275 रुपए क्विंटल किया गया है. रबी की 5 अन्य फसलों जौ, चना, मसूर, सरसों, कुसुम की MSP में भी बढ़ोतरी की गई है.
  • रबी फसल की बुआई लौटते मानसून और पूर्वोत्तर मानसून के समय की जाती है. इन फसलों की कटाई आमतौर पर गर्मी के मौसम में अप्रैल में होती है. रबी की प्रमुख फसलें गेहूं, चना, मटर, सरसों और जौ है.

विपणन वर्ष 2024-25 के लिए रबी फसलों का MSP

फसलप्रति क्विंटल MSPवृद्धि
गेहूं2275150
जौ1850115
सरसों5650200
चना5440105
कुसुभ5800150
मसूर6425425

MSP (Minimum Support Price) क्या है?

MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य वह कीमत होती है, जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है. इसे सरकारी भाव भी कहा जा सकता है. MSP की घोषणा सरकार द्वारा कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की संस्तुति पर वर्ष में दो बार रबी और खरीफ के मौसम में की जाती है.

सरकार फसलों की MSP तय करती है ताकि किसानों की उपज का वाजिब भाव मिल सके. इसके तहत सरकार फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया, नैफेड जैसी सरकारी एजेसिंयों की मदद से किसानों की फसलों को खरीदती है.

MSP में 23 फसलें शामिल होती हैं

  • 7 प्रकार के अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ)
  • 5 प्रकार की दालें (चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर)
  • 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड)
  • 4 व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट)

पारंपरिक शिल्‍पकारों को सहयोग देने के लिए ‘पीएम-विश्‍वकर्मा’ योजना को मंजूरी

केंद्र सरकार ने पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को सहयोग देने के लिए ‘पीएम-विश्‍वकर्मा’ योजना को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में 16 अगस्त को मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने पांच वर्ष की अवधि के लिए इस योजना को स्वीकृति दी. इस योजना पर 13 हजार करोड रुपये की लागत आएगी.

मुख्य बिन्दु

  • इस योजना का उद्देश्य हाथों और औजारों के जरिए काम करने वाले शिल्पकारों और कारीगरों की पीढ़ियों से चले आ रहे पारंपरिक कौशल को मजबूती तथा बढ़ावा देना है.
  • इस योजना के अंतर्गत शुरूआत में 18 पारंपरिक उद्योग-धंधों को शामिल किया जाएगा. इनमें बढई, नाव बनाने वाले, सुनार, राज मिस्री, खिलौने बनाने वाले, लौहार और कुम्हार शामिल हैं.
  • इस  योजना के अंतर्गत कौशल (स्‍कील) प्रशिक्षण दिया जाएगा. दो तरह के स्‍कील प्रोगाम होंगे- बेसिक और एडवांस्‍ड स्‍कील्‍स.  स्‍कील लेने के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन स्‍टाईफंड भी दिया जाएगा. फिर माडर्न टूल्‍स खरीदने के लिए 15 हजार रुपये तक का सपोर्ट मिलेगा.
  • इस  योजना के अंतर्गत अधिकतम 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा. इससे 30 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे.

मंत्रिमंडल समिति ने रेल मंत्रालय की सात परियोजनाओं की अनुमति दी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने रेल मंत्रालय की सात परियोजनाओं के लिए लगभग 32.5 हजार करोड रुपये की अनुमानित लागत को मंजूरी दी. केन्‍द्र सरकार इन परियोजनाओं के लिए शत-प्रतिशत कोष उपलब्‍ध करायेगी.

  • भारतीय रेल के सबसे व्यस्त मार्गों पर अति-आवश्‍यक बुनियादी ढांचा विकास प्रदान करते हुए मल्‍टी-ट्रैकिंग के प्रस्ताव परिचालन को सुगम बनायेंगे और भीड को कम करेंगे.
  • इन परियोजनाओं में उत्‍तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आन्‍ध्र प्रदेश, महाराष्‍ट्र, गुजरात, ओडिसा, झारखण्‍ड और पश्चिम बंगाल के 35 जिले शामिल हैं.
  • ये परियोजनाएं भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क को 2339 किलोमीटर तक बढायेंगी. ये परियोजनाएं राज्‍यों के लोगों को 7.6 करोड मानव-दिवस का रोजगार प्रदान करेंगी.

IMF वार्षिक रिपोर्ट: भारत के, विश्व की सबसे तेज़ी से विकसित अर्थव्यवस्था का अनुमान

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने हाल ही में वार्षिक रिपोर्ट जारी किया था. IMF ने भारत के, विश्व की सबसे तेज़ी से विकसित अर्थव्यवस्था बने रहने का अनुमान व्यक्त किया है.

मुख्य बिन्दु

  • इस रिपोर्ट में विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था की आर्थ‍िक वृद्धि दर वित्तीय वर्ष 2023 में 2.8 प्रतिशत और 2024 में 3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्‍यक्‍त किया है. यह जनवरी में घोषित पुर्वानुमानों की तुलना में दस आधार अंक कम है.
  • वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्‍पाद वृद्धि दर बीस आधार अंकों की कमी के साथ 5.9 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया है. यह रिजर्व बैंक के पूर्व घोषित 6.4 प्रतिशत अनुमान से कम है.
  • IMF ने वित्तीय वर्ष 2024 में भारत की खुदरा मुद्रा स्‍फीति 4.9 प्रतिशत और वित्‍तीय वर्ष 2025 में 4.4 प्रतिशत रहने की आशा व्‍यक्‍त की है.

देश की नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा, निर्यात को 2,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य

केंद्र सरकार ने 31 मार्च को नई विदेश व्यापार नीति (FTP) की घोषणा की. इसकी घोषणा वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने की. इसका उद्देश्य देश के निर्यात को 2030 तक 2,000 अरब डॉलर तक पहुंचाना, भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाना और ई-वाणिज्य निर्यात को बढ़ावा देना है.

मुख्य बिन्दु

  • FTP 2023 का रुख प्रोत्साहन के बजाए छूट और पात्रता आधारित व्यवस्था को अपनाना है. साथ ही निर्यातकों, राज्यों, जिलों तथा भारतीय दूतावासों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, लेनदेन लागत घटाना एवं और निर्यात केंद्र विकसित करना है.
  • निर्यातकों को प्रोत्साहन देने के लिए FTP में उन निर्यातकों को राहत दी गई है जो अपने निर्यात बाध्यताओं को पूरा नहीं कर पाए. इसमें, अग्रिम प्राधिकरण और निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तु (ईपीसीजी) योजनाओं के तहत निर्यात बाध्यताओं में चूक को लेकर एकमुश्त निपटान के लिए आम माफी योजना शुरू की गई है.
  • नई विदेश व्यापार नीति का उद्देश्य ‘SCOMET’ (विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकियां) नीति के तहत दोहरे उपयोग वाले उत्पादों के निर्यात को व्यवस्थित करना है.
  • इसमें, ‘निर्यात केंद्र के रूप में जिले’ पहल के जरिए राज्यों और जिलों के साथ गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसके तहत हर जिले में उत्पादों और सेवाओं की पहचान करना, संस्थागत प्रणाली एवं जिला निर्यात कार्य योजना बनाना आदि शामिल है.
  • FTP 2023 से ई-वाणिज्य निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा और इसके 2030 तक बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
  • नई FTP में निर्यात उत्कृष्ट शहरों (TEE) में चार नए शहरों को शामिल किया गया है जिनमें फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी हैं. ये पहले से मौजूदा 39 निर्यात उत्कृष्ट शहरों के अलावा हैं.
  • भारत ऐसे देशों के साथ भारतीय मुद्रा में व्यापार करने को तैयार है जो डॉलर की कमी या मुद्रा की विफलता का सामना कर रहे हैं.
  • नई FTP 1 अप्रैल, 2023 से प्रभाव में आएगी. पिछली नीति पांच साल की अवधि के लिए 1 अप्रैल, 2015 से प्रभाव में आई थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी फैलने की वजह से इसका कई बार विस्तार दिया गया. अंतिम बार इसे सितंबर 2022 में 31 मार्च, 2023 तक के लिए बढ़ाया गया था.

जीएसटी परिषद ने जीएसटी अपीलीय ट्राइब्‍यूनल संबंधी मंत्रिसूमह की रिपोर्ट को स्वीकार किया

वस्‍तु और सेवा कर (GST) परिषद ने GST अपीलीय ट्राइब्‍यूनल संबंधी मंत्रिसूमह की रिपोर्ट को कुछ सुधारों के साथ स्वीकार कर लिया है. संशोधनों का अंतिम मसौदा राज्यों के वित्तमंत्रियों को उनकी टिप्पणियों के लिए भेजा गया है.

मुख्य बिन्दु

GST परिषद ने GST अपीलीय ट्राइब्‍यूनल संबंधी मंत्रिसूमह की रिपोर्ट को आंशिक भाषाई सुधारों के साथ स्वीकार किया है. इस ट्राइब्‍यूनल संबंधी मंत्रिसमूह का गठन जुलाई 2022 में किया गया था.

पैनल ने ट्राइब्‍यूनल में न्यायपालिका के दो सदस्यों को शामिल करने का सुझाव दिया है. जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के एक-एक तकनीकी अधिकारी सदस्य के रूप में और उच्चतम न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश अध्यक्ष के तौर पर होंगे.

वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए केन्द्रीय आम बजट का सार

वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने 1 फरवरी को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट (Union Budget) प्रस्तुत किया था. इस बजट के प्राथमिकताओं में- समावेशी विकास, बुनियादी ढाँचा और निवेश, युवा शक्ति, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, अंतिम मील तक पहुँच आदि शामिल हैं.

वित्‍त वर्ष 2023-24: एक दृष्टि
  • वित्त मंत्री सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के लिए 41.9 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था.
  • सरकार को सबसे अधिक कमाई उधार व अन्य देनदारियों से होगी. इसकी कुल कमाई में 34 फीसदी हिस्सेदारी होगी. अगले वित्त वर्ष में सरकार की पूरी कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में खर्च होगा.
  • पूंजीगत परिव्‍यय में 37.4 प्रतिशत की बढोतरी की घोषणा की गयी है. 2023-24 में केंद्र सरकार का प्रभावी पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3.3% है.
  • चालू वर्ष में संशोधित वित्‍तीय घाटा, GDP का 6.4 प्रतिशत है, जो कि बजट अनुमान के अनुरूप है. 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से निचले स्‍तर पर लाया जाएगा.
रुपया कहाँ से आया और कहाँ गया
सरकार की आमदनीसरकार का खर्च
  • ऋण से इतर पूंजी प्राप्तियां: 2%
  • कर से इतर राजस्व: 6%
  • वस्तु एवं सेवा कर (GST) : 17%
  • केन्द्रीय उत्पाद शुल्क: 7%
  • सीमा शुल्क: 4%
  • आय कर: 15%
  • निगम कर: 15%
  • उधार और अन्य देयताएं: 34%
  • ब्याज: 20%
  • रक्षा: 8%
  • सब्सिडी: 7%
  • वित्त आयोग और अन्य खर्च: 9%
  • करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा: 18%
  • पेंशन: 4%
  • केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं: 9%
  • केन्द्रीय क्षेत्र की योजना: 17%
  • अन्य खर्च: 8%

 

मुख्य योजनाओं पर आवंटित राशि
योजनाFY24 में आवंटन
(करोड़ रुपये)
फार्मास्युटिकल उद्योग1250
जल जीवन मिशन70000
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय5943
प्रधानमंत्री आवास योजना79590
नॉर्थ ईस्ट स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम2491
मंत्रालयों को आवंटित राशि
मंत्रालयआवंटित राशि
(लाख करोड़ रुपये)
दूरसंचार1.23
रसायन व खाद1.78
कृषि व किसान कल्याण1.25
रेल2.41
होम अफेयर्स1.96
सड़क परिवहन व राजमार्ग2.7
उपभोक्ता मामले और खाद्य सार्वजनिक वितरण2.06
रक्षा5.94

आम बजट 2023-24: मुख्य बिन्दु

कृषि और हरित विकास

केंद्रीय बजट 2023-24 में, कृषि के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

भारत सरकार कृषि त्वरक कोष (Agriculture Accelerator Fund) की स्थापना करेगी. यह कोष ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि स्टार्टअप की संख्या बढ़ाने के लिए स्थापित किया जाएगा.

भारत को मोटे अनाज के लिए एक वैश्विक हब बनाया जाएगा; क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा

भारत को प्रदूषण मुक्त बनाने और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ाने और हरित विकास को प्राप्त करने के लिए, भारत सरकार ने FAME योजना के लिए 5,172 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए.

नई MISHTI (Mangrove Initiative for Shoreline Habitats and Tangible Incomes) योजना शुरू की गई है. यह समुद्र तट के किनारे मैंग्रोव वन की रक्षा करेगी. पश्चिम बंगाल में भारत के मैंग्रोव का 42.45% है.

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य बजट में 12.6 प्रतिशत की वृद्धि कर 89,155 करोड़ रुपये कर दिया गया है. देश में 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जायेंगे. सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. फार्मास्युटिकल अनुसंधान को बढ़ाने के लिए नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.

शिक्षा और कौशल

इस बार शिक्षा बजट में 8 प्रतिशत की वृद्धि कर 1.12 लाख करोड़ कर दिया गया है.

वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए भारत सरकार नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी शुरू किया जाएगा. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अनुसार भारत में साक्षरता दर 73% है. हालांकि, वित्तीय साक्षरता दर लगभग 24% है.

राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय का मुख्य उद्देश्य बच्चों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना है. वित्तीय साक्षरता का अर्थ है – धन के सही ढंग से उपयोग को समझने की क्षमता.

लास्ट माइल तक पहुंचना

प्रधानमंत्री PVTG (Particularly Vulnerable Tribal Groups) विकास मिशन शुरू किया जाएगा. भारत श्री की स्थापना की जाएगी. SHRI का अर्थ Shared Repository of Inscription है.

बुनियादी ढांचा और निवेश

पूंजी निवेश को बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा. अवसंरचना निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण योजना जारी रखी जाएगी.

रेलवे को 2.5 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. UIDF – Urban Infrastructure Development Fund के माध्यम से टियर 2 और टियर 3 शहरों में शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया जाएगा.

भारतीय डेटा प्रबंधन कार्यालय

भारत सरकार, राष्ट्रीय शासन नीति लांच करेगी. यह नीति एक भारतीय डेटा प्रबंधन कार्यालय (IDMO) बनाएगी. IDMO आईटी मंत्रालय के तहत काम करेगा. यह नीति राष्ट्रीय महत्व के डेटा की उपलब्धता में वृद्धि करेगी. इस नीति का मुख्य उद्देश्य डेटा को सुरक्षित बनाना और इसे देश में स्टार्टअप्स के लिए उपलब्ध कराना है.

महिला सम्मान बचत पत्र

महिला सम्मान बचत पत्र की घोषणा की गई. यह योजना महिलाओं और लड़कियों के लिए है. वे इस सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर दो लाख रुपए की डिपॉजिट सिक्योरिटी हासिल कर सकते हैं. इसके लिए ब्याज दर 7.5% है.

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान

बजट में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान की घोषणा की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में शिल्पकारों की स्थिति में सुधार कर भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. यह योजना कारीगरों को वित्तीय, कौशल और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करेगी.

आयकर स्लैब में बदलाव

बजट में आयकर स्लैब में बदलाव किया गया है. नए आयकर स्लैब इस प्रकार हैं: 0 से 3 लाख रुपये – 0%, 3 लाख से 6 लाख रुपये – 5%, 6 लाख से 9 लाख रुपये – 10%, 9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये – 15%, 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये – 20%, 15 लाख रुपये से ऊपर – 30%.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 प्रस्तुत किया

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) रिपोर्ट प्रस्तुत किया था. यह देश की वित्तीय स्थिति का विवरण देने वाली रिपोर्ट है जिसे केन्द्रीय बजट से पहले संसद में प्रस्तुत किया जाता है.

मुख्य बिन्द

  • 2024 में भारत की जीडीपी वृद्धि 6% से 6.8% के दायरे में रहेगी. अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय रुपये का प्रदर्शन बेहतर रहा.
  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल गैर-निष्पादित संपत्ति अनुपात घटकर 5 हो गया है. यह पिछले सात वर्षों में सबसे कम है.
  • वित्तीय वर्ष 2023 में केंद्र और राज्य सरकार का स्वास्थ्य व्यय, सकल घरेलू उत्पाद का 2.1% रहा. यह 2022 में 2.2% और 2021 में 1.6% था.
  • UNDP के बहु-आयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार 2005 और 2019 के बीच 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये.
  • 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल किया जाएगा. भारत 2025-26 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जायेगा.

चर्चा में: अदानी समूह पर हिंडनबर्ग वित्तीय शोध कंपनी की रिपोर्ट

अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने हाल ही में भारत की अदानी समूह पर एक शोध रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, यह ग्रुप स्टॉक मैनिपुलेशन में शामिल था.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • रिपोर्ट के अनुसार गौतम अदानी, उनके भाई और परिवार के अन्य सदस्यों ने टैक्स हेवन का इस्तेमाल किया और शेल कंपनियों की स्थापना की.
  • कंपनी ने धोखे से खुद को व्यापार में फलता-फूलता दिखाया. इससे कुछ ही महीनों में समूह के शेयर की कीमतों में 815% की वृद्धि हुई.
  • हिंडरबर्ग फाइनेंशियल रिसर्च एंटरप्राइजेज की ओर से जारी रिसर्च रिपोर्ट के बाद अदानी के निवेशकों को एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

भारत समुद्र में खनिजों का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू करेगा

भारत ‘समुद्रयान मिशन’ के अंतर्गत खनिजों जैसे संसाधनों का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू कर रहा है. पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने हाल ही में इसकी पुष्टि की थी. इस मिशन के अगले तीन वर्षों में साकार होने की उम्मीद है.

समुद्रयान मिशन: मुख्य बिन्दु

  • समुद्रयान मिशन के अंतर्गत इस अभियान में तीन लोग समुद्र में 6000 मीटर की गहराई में जाकर अनुसंधान करेंगे.
  • पनडुब्बी ‘मत्स्य 6000’ तीन लोगों को समुद्र में ले जाएगा. इस समुद्रयान पनडुब्बी को राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई ने विकसित किया है.
  • सामान्य प्रचलन स्थिति में 12 घंटे तक चलने की क्षमता है तथा किसी आपात स्थिति में मानव सुरक्षा के लिए 96 घंटे तक चलने की क्षमता है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 और 2022 में स्वतंत्रता दिवस संबोधन में ‘डीप ओशन मिशन’ का जिक्र किया था. केंद्र सरकार ने पांच साल के लिए इस मिशन के वास्ते चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट को मंजूरी दी थी.
  • अभियान का उद्देश्य केंद्र सरकार के ‘नए भारत’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है जो विकास के दस प्रमुख आयामों में से एक के रूप में नीली अर्थव्यवस्था को उजागर करता है.

इंदौर में वैश्विक निवेशक सम्मेलन आयोजित किया गया

मध्यप्रदेश के इंदौर में 11-12 जनवरी को वैश्विक निवेशक सम्मेलन (Global Investors Summit) का आयोजन किया गया था. सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया था. सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गयाना के राष्ट्रपति मोहम्‍मद इरफान अली उद्घाटन सत्र में शामिल थे. इस सम्मेलन का विषय ‘मध्यप्रदेश भविष्य के लिए तैयार राज्य’ था.

वैश्विक निवेशक सम्मेलन: मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन का उद्देश्य राज्य की नीतियों को बढ़ावा देना, उद्योग अनुकूल नीतियां बनाने के लिए औद्योगिक संगठनों के साथ परामर्श कर निवेशक फ्रेंडली वातावरण बनाना, सहयोग के अवसर निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना था.
  • इस सम्मेलन में 65 से अधिक देशों के प्रतिनिधि मंडल ने हिस्सा लिया. वहीं अंतर्राष्ट्रीय मंडप में 9 भागीदार देश और 14 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन अपने देशों के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करेंगे. देश के 500 से अधिक प्रमुख उद्योगपति भी इस सम्मेलन भी शामिल थे.
  • वैश्विक निवेशक सम्मेलन में प्रमुख रूप से भारत की 5 ट्रिलियन इकॉनामी में मध्यप्रदेश का योगदान, स्टार्ट-अप के लिये अनुकूल वातावरण, एयरो स्पेस और डिफेंस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में संभावनाएँ, भारत में मैन्युफैक्चरिंग को गति देने में मध्यप्रदेश का योगदान और शिक्षा और कौशल विकास पर मध्यप्रदेश में बेहतर निवेश की संभावना विषयों पर निवेशकों से विस्तार से बातचीत की गई.