विश्व बैंक ने हाल ही में अपनी वार्षिक वैश्विक अर्थव्यवस्था रिपोर्ट (World Bank Global Economy Report) 2023 जारी की थी. इस रिपोर्ट में विश्व के अर्थव्यवस्थाओं के विकास दर के अनुमान को जारी किया है.
विश्व बैंक अर्थव्यवस्था रिपोर्ट 2023: मुख्य बिन्दु
विश्व बैंक ने 2023 के लिए वैश्विक विकास दर के अनुमान को 3 प्रतिशत से घटाकर 1.7 प्रतिशत कर दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका इस वर्ष मंदी से बच सकता है. हालांकि उसकी विकास दर सिर्फ 0.5 फीसदी रहने का अनुमान है.
कोरोना महामारी और यक्रेन संघर्ष के कारण अमेरिका में सप्लाई चेन में व्यवधान पैदा हो सकता है. चीन की कमजोर अर्थव्यवस्था का यूरोप को खामियाजा उठाना पड़ सकता है.
अमेरिका और यूरोप में बढ़ती व्याज दरों के चलते गरीब देशों से निवेश को आकर्षित करेगा, जिससे इन देशों में निवेश का संकट का पैदा हो सकता है.
विश्व की सात सबसे बडी उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों में भारत के सबसे तेजी से बढने वाली अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है.
वैश्विक अर्थव्यवस्था की निराशाजनक छवि के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है.
वैश्विक अर्थव्यवस्था मौजूदा वर्ष में मंदी के करीब
दुनिया की दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं (अमेरिका, चीन और यूरोप) के विकास दर में गिरावट के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था मौजूदा वर्ष में मंदी के करीब रहेगी. विश्व बैंक की ओर से की गई भविष्यवाणी अगर सच साबित होती है तो यह तीन देश में तीसरा मौका होगा, जब आर्थिक विकास सबसे कमजोर होगा. इससे पहले 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट, 2020 के कोरोना महामारी के चलते वैश्विक विकास दर में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-13 20:04:482023-01-15 20:17:47विश्व बैंक रिपोर्ट: भारतीय अर्थव्यवस्था 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद
1 जनवरी 2023 से देश में नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना लागू हो गया. नई योजना के अंतर्गत 2023 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 81 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम: मुख्य बिन्दु
इस अधिनियम से पूरे देश में एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड के अंतर्गत पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित की जाएगी.
इस योजना के तहत, अत्योदय अन्न योजना वाले परिवारों और प्राथमिकता वाले घरेलू व्यक्तियों सहित, सभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा.
देश भर में पांच लाख से अधिक उचित मूल्य की दुकानें हैं जिसके माध्यम से लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित किए जाएंगे.
केंद्र सरकार खाद्य सब्सिडी के रूप में, एक साल में दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च वहन करेगी.
केन्द्र सरकार का यह निर्णय, गरीबों के लिए खाद्यान्न की पहुंच, सामर्थ्य और उपलब्धता के मामले में, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को मजबूत करेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-02 10:58:332023-01-04 11:04:201 जनवरी 2023 से देश में नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना लागू
सरकार ने 1 जनवरी 2023 से शुरू हो रहे वर्तमान वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर बढाई है.
पांच वर्ष की राष्ट्रीय बचत योजना (NSC) में ब्याज दर 6.8 प्रतिशत से बढ़ा कर 7 प्रतिशत कर दिया गया है. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की ब्याज दर 7.6 प्रतिशत से 8 प्रतिशत हो गई है. मासिक आय बचत खाता में ब्याज दर 6.7 प्रतिशत से बढ़कर 7.1 प्रतिशत हो गई है.
किसान विकास पत्र (KVP) में ब्याज दर 7.2 प्रतिशत होगी और यह 120 महीनों में परिपक्व होगा. एक वर्ष की अवधि वाली लघु बचत जमा पर ब्याज दर 5.5 प्रतिशत से बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गई है. PPF (7.1 प्रतिशत), सुकन्या समृद्धि योजना (7.6 प्रतिशत) और बचत जमा पर ब्याज दर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-31 23:55:142023-01-03 00:03:05विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर बढाई गई
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR), दिसंबर 2022 जारी की थी. यह FSR का 26वां अंक था. यह रिपोर्ट वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की उप-समिति के मूल्यांकन पर आधारित है.
वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR): मुख्य बिन्दु
भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है. तथापि, मजबूत समष्टि अर्थव्यवस्था के मूल तत्व तथा वित्तीय और गैर-वित्तीय क्षेत्र के स्वस्थ तुलन-पत्र, शक्ति और आघात-सहनशीलता प्रदान कर रहे हैं और वित्तीय प्रणाली में स्थिरता उत्पन्न कर रहे हैं.
बैंक ऋण की बढ़ती मांग और निवेश चक्र में बहाली के शुरुआती संकेतों से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) की आस्तियों की गुणवत्ता में सुधार, लाभप्रदता में वापसी और मजबूत पूंजी तथा चलनिधि के बफर से लाभ हो रहा है.
SCB का सकल अनर्जक आस्ति (GNPA) अनुपात सितंबर 2022 में कम होकर सात वर्ष के निचले स्तर 5.0 प्रतिशत पर आ गया और निवल अनर्जक आस्तियां (NNPA) दस वर्ष के निचले स्तर 1.3 प्रतिशत पर आ गई हैं.
सितंबर 2023 में बेसलाइन, मध्यम और गंभीर दबाव परिदृश्यों के अंतर्गत प्रणाली-स्तरीय जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (CRAR) क्रमशः 14.9 प्रतिशत, 14.0 प्रतिशत और 13.1 प्रतिशत होने का अनुमान है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-31 22:59:122023-01-03 00:04:57भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, दिसंबर 2022 जारी की
विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह अनुमान 6.5 प्रतिशत था.
मुख्य बिन्दु
भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रशंसा करते हुए, विश्व बैंक ने बताया कि अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत ने वैश्विक समस्याओं का बेहतर तरीके से सामना किया है.
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था ने कहा कि बाहरी चुनौतियों के बावजूद, अत्यधिक घरेलू मांग के कारण भारत के पूरे विश्व में सर्वाधिक उभरती हुई मुख्य अर्थव्यवस्था बने रहने का अनुमान है.
इसी प्रकार फिच रेटिंग्स ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत बनाए रखी है. एजेंसी ने कहा कि इस वर्ष भारत सर्वाधिक तेजी से बढ़ते हुए बाजारों में से एक हो सकता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-07 19:07:362022-12-08 10:15:12विश्व बैंक ने भारतीय GDP वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत किया
भारत में प्रायोगिक आधार पर डिजिटल मुद्रा शुरू किया गया है. इसकी शुरुआत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 दिसम्बर 2022 से किया था. डिजिटल रुपया, डिजिटल टोकन के रूप में होगा और उसकी कानूनी वैधता होगी.
मुख्य बिन्दु
डिजिटल मुद्रा का मूल्य कागजी मुद्रा और सिक्कों के मूल्य वर्ग के समान होगा जिसे मध्यस्थ बैंकों और भुगतानकर्ताओं के माध्यम से परिचालित किया जाएगा. इसके लिए आठ बैंकों की पहचान की गई है.
पहले चरण में इसकी शुरूआत चार शहरों – मुम्बई, नई दिल्ली, बेंगलूरू और भुवनेश्वर में किया गया है. बाद में इसका विस्तार अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक किया जाएगा.
रिजर्व बैंक ने कहा है कि उपयोगकर्ता मोबाइल फोन पर बैंक द्वारा उपलब्ध कराये गये डिजिटल वॉलेट के माध्यम से डिजिटल रुपये का लेन-देन कर सकेंगे.
डिजिटल रुपया रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोट का ही डिजिटल स्वरूप है. जिसका प्रयोग संपर्क रहित लेन-देन में किया जा सकेगा. डिजिटल रुपये का लेन-देन क्यूआर कोड का उपयोग करके किया जा सकता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-02 17:34:252022-12-06 17:19:491 दिसम्बर से प्रायोगिक आधार पर डिजिटल मुद्रा शुरू हुआ
देश का पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (MMLP) तमिलनाडु में तिरुवल्लूर जिले के माप्पेडु में बनाया जा रहा है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड इसे विकसित करने का अनुबंध दिया है.
मुख्य बिन्दु
इसका निर्माण पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट में करीब 1424 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें करीब 783 करोड़ रुपये का निवेश रिलायंस करेगी.
इस अत्याधुनिक फ्रेट हैंडलिंग फैसिलिटी में कई तरह के ट्रांसपोर्ट के एक्सेस होंगे और इसे तीन चरणों में विकसित किया जाएगा. इसके पहले चरण का काम 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
184.25 एकड़ में बन रहे इस पार्क को 45 साल के कंसेशन पीरियड के लिए दिया जाएगा. यह 71.7 लाख मीट्रिक टन कार्गो हैंडल कर सकता है.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ‘पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (NMP)’ के तहत 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित कर रहा है. इससे विभिन्न इकनॉमिक जोंस को मल्टीमोडल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा.
MMLP, लॉजिस्टिक्स लागत में कमी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है. वर्तमान में, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में भारत की लॉजिस्टिक्स लागत 16 प्रतिशत है. भारत सरकार वर्तमान में लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी के 10 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-11-15 09:55:252022-11-16 10:03:58तमिलनाडु में देश का पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाया जा रहा है
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 नवंबर से थोक बिक्री क्षेत्र (होलसेल सेगमेंट) में डिजिटल रुपए (CBDC) की पायलट परियोजना शुरू की है. डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
मुख्य बिन्दु
होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है. इनमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक HSBC बैंक शामिल हैं.
इस पायलट परियोजना के नतीजों के आधार पर अन्य थोक लेन-देन और सीमा पार भुगतान की प्रणाली तैयार की जाएगी.
खुदरा क्षेत्र में डिजिटल रुपए के इस्तेमाल की परियोजना चयनित स्थलों पर एक महीने के भीतर शुरू की जाएगी.
ई-रुपया अंतर बैंक बाजार को और कार्यकुशल बनाएगा और इससे लेन-देन लागत में कमी आएगी.
क्या है डिजिटल करेंसी?
डिजिटल रुपया या डिजिटल करेंसी (CBDC) आरबीआई द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपये को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन (contactless transactions) में इस्तेमाल किया जा सकता है.
भारत में डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी. रिटेल सीबीडीसी (CBDC-R) और होलसेल सीबीडीसी (CBDC-W). रिटेल सीबीडीसी संभवतः सभी के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी, वहीं होलसेल सीबीडीसी का उपयोग चुनिंदा वित्तीय संस्थानों के लिए होगा.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में मुख्य अंतर यह है कि क्रिप्टो पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसे सरकार मॉनिटर नहीं करती इसलिए यह वैध मुद्रा (लीगर टेंडर) नहीं है. डिजिटल करेंसी पूरी तरह से वैध मुद्रा है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्त है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-11-01 23:46:202022-11-03 20:48:34RBI ने थोक बिक्री क्षेत्र में डिजिटल रुपए की पायलट परियोजना आरंभ किया
गुजरात के वडोदरा में C-295MW परिवहन विमान विनिर्माण परियोजना शुरू की जा रही है. इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अक्तूबर को रखी थी.
मुख्य बिन्दु
C295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण टाटा एयरबस द्वारा किया जाएगा. वडोदरा में बनने वाले एयरक्राफ्ट का दूसरे देशों को निर्यात भी किया जाएगा. टाटा भारत और एयरबस स्पेन की कंपनी है.
यह परियोजना संयुक्त रूप से स्पेन के एयरबस और भारत के टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टाटा समूह की रक्षा शाखा) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी.
वडोदरा की निर्माण इकाई में 40 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनाने के अलावा भारतीय वायुसेना की जरूरतों के अनुसार एयरक्राफ्ट का निर्माण करेगी.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मेक इन इंडिया पहल से देश, परिवहन विमान बनाने की क्षमता हासिल कर लेगा और भविष्य में यात्री विमान भी बना सकेगा.
उन्होंने कहा कि यह परियोजना 25 बिलियन डॉलर के रक्षा उत्पादों के विनिर्माण और पांच बिलियन डॉलर के रक्षा उत्पादों के निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-10-31 19:46:292022-11-03 20:30:16वडोदरा में C-295 परिवहन विमान विनिर्माण परियोजना की आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 अक्तूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट (DBU) राष्ट्र को समर्पित किया. देश के हर क्षेत्र में डिजिटल बैंकिंग सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से इनकी स्थापना की जा रही है.
डिजिटल बैंकिंग यूनिट (DBU): मुख्य बिन्दु
देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के सिलसिले में, वर्ष 2022-23 के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने देश के 75 जिलों में 75 DBUs स्थापित करने की घोषणा की थी.
DBU बैंक की तरह होगा, जहां बैंक की सभी सेवाएं उपलब्ध होगी. DBU में लोगों को खाता खोलने, राशि अंतरित करने, फिक्स्ड डिपोजिट, ऋण इत्यादि जैसी विभिन्न बैंकिंग डिजिटल सुविधाएं प्रदान की जायेंगी.
इन इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य डिजिटल बैंकिंग का लाभ देश के कोने-कोने में पहुंचाना है. इन बैंकिंग इकाइयों से डिजिटल सेवाएं सशक्त होंगी और बेहतर बैंकिंग बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा.
देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में (DBU) की स्थापना की जाएगी. इसमें 11 सरकारी बैंक, 12 निजी सेक्टर के बैंक और एक स्मॉल फाइनेन्स बैंक सहयोग दे रहे हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-10-18 16:29:362022-10-20 12:10:22प्रधानमंत्री ने 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट राष्ट्र को समर्पित किया
भारत, विश्व में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश हो गया है. देश में 2021-22 के चीनी के मौसम के दौरान 5 हजार लाख मीट्रिक टन से अधिक गन्ने का उत्पादन हुआ है. इसमें से 35 लाख मीट्रिक टन एथनॉल बनाने में किया गया, जबकि चीनी मिलों ने 359 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया.
उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि चालू मौसम भारतीय चीनी उद्योग के लिए ऐतिहासिक सिद्ध हुआ है. रिकॉर्ड निर्यात से देश ने 40 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा अर्जित की है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-10-07 19:07:292022-10-08 09:21:03भारत, विश्व में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश बना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितम्बर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स (National Logistics Policy) नीति जारी की. इस अवसर पर आयोजित समारोह में श्री मोदी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में इस नीति को महत्वपूर्ण कदम बताया.
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति: मुख्य बिन्दु
भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक्स लागत अधिक होने के कारण राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की आवश्यकता महसूस की जा रही थी.
नई राष्ट्रीय माल लॉजिस्टिक्स (परिवहन) नीति का उद्देश्य परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों से निपटना और कारोबार में ढुलाई की लागत 10 प्रतिशत से कम करना है. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात के रूप में भारत की वर्तमान लॉजिस्टिक्स लागत लगभग 13-14 प्रतिशत है.
कम लॉजिस्टिक्स लागत से अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कुशलता में सुधार होता है. घरेलू बाजार और निर्यात के लिए भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा में सुधार करने में यह लागत कम करना आवश्यक है.
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा में सुधार, आर्थिक विकास को बढ़ाने और रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने का एक प्रयास है.
पिछले साल प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई पीएम गतिशक्ति बहु प्रणाली कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से परिवहन होने से कृषि उत्पादों का नुकसान कम होगा. उन्होंने कहा कि भारतमाला और सागरमाला जैसी विभिन्न सड़क परियोजनाओं से संपर्क सुविधा में सुधार होगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-09-19 20:03:562022-09-19 20:03:56प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जारी की