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भारत ने पहली बार सेवा निर्यात में 250 अरब डॉलर का लक्ष्‍य प्राप्‍त किया

भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में सेवा निर्यात में 250 अरब डॉलर का लक्ष्‍य प्राप्‍त किया है. यह पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 21.31 प्रतिशत अधिक है. भारत ने पहली बार सेवा निर्यात में 250 अरब डॉलर का लक्ष्‍य प्राप्‍त किया है.

मार्च 2022 में सेवा निर्यात लगभग 22.5 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष मार्च 2021 की तुलना में 8.31 प्रतिशत अधिक है. वर्ष 2021-22 में भारत का कुल वस्‍तु और सेवा निर्यात रिकॉर्ड करीब 670 अरब डॉलर रहा.

भारत ने कोविड वैश्विक महामारी के कारण विश्‍वव्‍यापी आर्थिक मंदी और यूरोप में हाल के घटनाक्रम के बावजूद निर्यात के ऊंचे लक्ष्‍य हासिल किये हैं.

2021-22 में भारत में सोने के आयात में 33.34 प्रतिशत की वृद्धि

पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में भारत में सोने के आयात में 33.34 प्रतिशत बढ़कर 46.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में भारत का सोने का आयात 34.62 अरब डॉलर रहा था. लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में सोने का आयात बढ़ने से देश का व्यापार घाटा बढ़कर 192.41 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 102.62 अरब डॉलर रहा था.

मुख्य बिंदु

  • चीन के बाद भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. भारत में सोने का आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है.
  • वित्त वर्ष 2021-22 में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात करीब 50 प्रतिशत बढ़कर 39 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
  • रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.7 प्रतिशत या 23 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
  • अप्रैल, 2021 से फरवरी, 2022 के दौरान मात्रा के लिहाज से सोने का आयात 842.28 टन रहा.
  • भारत ज्यादातर सोना, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, पेरू और घाना से आयात करता है.

भारत का कृषि निर्यात 50 बिलियन डॉलर, अब तक के उच्चतम स्तर पर

वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCI&S) ने वर्ष 2021-22 के दौरान देश में कृषि उत्पादन से संबंधित आंकड़े 6 अप्रैल को जरी किया था.

DGCI&S 2022 रिपोर्ट: मुख्य बिंदु

  • इन आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 में कृषि उत्पाद (समुद्री तथा कृषि उत्पाद सहित) का निर्यात 50 बिलियन डॉलर से अधिक था. यह अब तक का सबसे अधिक कृषि उत्पाद निर्यात है.
  • (DGCI&S) द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार 2021-22 के दौरान कृषि निर्यात 19.92 प्रतिशत बढ़कर 50.21 बिलियन डॉलर हो गया. यह वृद्धि दर 2020-21 के 17.66 प्रतिशत यानी 41.87 बिलियन से अधिक है.
  • 2021-22 में चावल (9.65 बिलियन डॉलर), गेहूं (2.19 बिलियन डॉलर), चीनी (4.6 बिलियन डॉलर) तथा अन्य अनाजों (1.08 बिलियन डॉलर) के लिए यह अब तक का सबसे अधिक निर्यात है. भारत ने चावल के लिए विश्व बाजार में लगभग 50 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है.
  • गेहूं निर्यात में अप्रत्याशित 273 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. जहां 2020-21 में गेहूं निर्यात 568 मिलियन डॉलर का था वहीं यह 2021-22 में चार गुना बढ़कर 2119 मिलियन डॉलर हो गया.
  • समुद्री उत्पादों का निर्यात अब तक का सबसे अधिक 7.71 बिलियन डॉलर हुआ है. मसालों का निर्यात लगातार दूसरे वर्ष बढ़कर 4 बिलियन डॉलर का हो गया है.

भारत ने 2022 में रिकॉर्ड 417.81 अरब डॉलर का निर्यात किया, व्यापार घाटा 192.41 अरब डॉलर

भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड 417.81 अरब डॉलर का निर्यात किया. भारत का यह किसी एक वित्त वर्ष में सर्वाधिक निर्यात है. इसके साथ भारत ने इस दौरान 610.41 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात भी किया. इस तरह निर्यात की तुलना में आयात अधिक रहने से वित्त वर्ष 2022 में देश का व्यापार घाटा (Trade Deficit) 192.41 अरब डॉलर रहा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 4 अप्रैल को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई थी.

मुख्य बिंदु

  • वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का व्यापार घाटा 87.5 फीसदी बढ़कर 192.41 अरब डॉलर रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष में देश को 102.63 अरब डॉलर व्यापार घाटा हुआ था.
  • जब निर्यात (Import) कम होता है और आयात (Export) अधिक होता है, तो उसे व्यापार घाटा (Trade Deficit) कहते हैं. वही जब कोई देश आयात कम और निर्यात अधिक करता है तो उसे ट्रेड सरप्लस (Trade Surplus) कहते हैं.
  • भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 610.22 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया, जो इसके पिछले वित्त वर्ष से 54.71 फीसदी अधिक है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारत का आयात 394.44 अरब डॉलर रहा था. वहीं वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का आयात 474.71 अरब डॉलर रहा था, जिसके मुकाबले यह 28.55 फीसदी अधिक है.
  • वित्त वर्ष 2021-22 में भारत में किये गये आयात बिल में 31% योगदान पेट्रोलियम उत्पादों का था. इस दौरान कुल 18.4 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद आयात हुए, जो पिछले वित्त वर्ष में आयात हुए आयात (10.2 अरब डॉलर) से 80% अधिक है.
  • जिन क्षेत्रों ने व्यापारिक निर्यात में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनमें इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम उत्पाद, आभूषण, रत्न, फार्मास्यूटिकल्स और रसायन शामिल हैं.
  • अमेरिका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, नीदरलैंड, यूके, हांगकांग, जर्मनी और बेल्जियम शीर्ष निर्यात गंतव्य थे.

मौजूदा विदेश व्यापार नीति को सितंबर 2022 तक विस्तारित किया गया

वाणिज्य मंत्रालय ने मौजूदा विदेश व्यापार नीति (FTP) को 30 सितंबर, 2022 तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है. मौजूदा विदेश व्यापार नीति (2015-20) 1 अप्रैल, 2015 से लागू हुई थी. सरकार ने सितंबर 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण विदेश व्यापार नीति 2015-20 को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया था.

विदेश व्यापार नीति भारत में आयात और निर्यात के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करती है. मंत्रालय प्रत्येक पांच साल में नीति की घोषणा करता है.

देश का वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर से अधिक रहा है, जो अब तक का एक रिकॉर्ड है.

नीति आयोग का निर्यात तैयारी सूचकांक 2021 जारी: गुजरात लगातार दूसरी बार शीर्ष पर

नीति आयोग ने 25 मार्च को को ‘निर्यात तैयारी सूचकांक’ (Export Preparedness Index) 2021 जारी किया था. यह इस सूचकांक का दूसरा संस्करण था जो प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान (Institute of Competitiveness) के सहयोग से जारी की गई थी.

मुख्य बिंदु

  • यह सूचकांक राज्यों की उनकी निर्यात क्षमता और प्रदर्शन के संदर्भ में उनकी तैयारी का आकलन करता है.
  • इस सूचकांक के अनुसार, 78.86 फीसदी निर्यात तैयारियों के साथ गुजरात लगातार दूसरी बार पहले पायदान पर है, जबकि महाराष्ट्र 77.14 के साथ दूसरे स्थान पर है. वहीं तीसरे स्थान पर कर्नाटक है.
  • इस सूचकांक के अनुसार, शीर्ष पांच स्थानों में तमिलनाडु और हरियाणा को भी जगह दी गई है. जबकि सूची में उत्तर प्रदेश छठे और मध्य प्रदेश सातवें स्थान पर है. इसके बाद पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और दिल्ली का स्थान है.

भारत ने एक वर्ष में 400 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात किया

भारत ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 400 बिलियन डॉलर के वस्तुओं का निर्यात कर नया रिकॉर्ड बनाया है. यह पिछले साल से 37 फीसदी अधिक है. भारत ने इससे पहले 2018-19 में सबसे ज्यादा 330.07 बिलियन डॉलर मूल्य के वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात कर रिकॉर्ड बनाया था.

मुख्य बिंदु

भारत के प्रमुख निर्यात उत्पाद: पेट्रोलियम, इलेक्ट्रॉनिक, इंजीनियरिंग, चमड़ा, कॉफी, प्लास्टिक, सभी टेक्सटाइल के रेडिमेड कपड़े, मांस, डेयरी उत्पाद, समुद्र से अर्जित उत्पाद और तंबाकू थे.

यह पहली बार है जब भारत ने वस्तुओं के निर्यात (merchandise exports) में 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार किया है. भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 650 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा था. इसमें से सेवाओं के निर्यात का लक्ष्य 250 बिलियन डॉलर था और वस्तुओं के निर्यात का लक्ष्य 400 बिलियन डॉलर तय किया गया था.

ड्रोन उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना की शुरुआत

सरकार ने हाल ही में ड्रोन उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना शुरू किया है. इस उद्देश्य से 10 मार्च को नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने 120 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के लिए ड्रोन उद्योग (Drone Industry) से आवेदन आमंत्रित किए हैं.

मुख्य बिंदु

  • PLI स्कीम को 30 सितंबर 2021 को अधिसूचित किया गया था. यह अगले तीन वित्तीय वर्षों में भारत में ड्रोन के निर्माण के लिए कुल 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान करना चाहती है.
  • इस योजना के तहत, ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माताओं को अगले तीन वर्षों के दौरान उनके द्वारा किए गए मूल्यवर्धन का 20% प्रोत्साहन दिया जाएगा.
  • PLI योजना की मदद से उम्मीद है कि 2026 तक भारतीय ड्रोन उद्योग का कुल कारोबार 15,000 करोड़ रुपये तक हो जाएगा.

फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के डिजिटल लेन-देन लिए ‘यूपीआई 123पे’ की शुरुआत

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के डिजिटल लेन-देन लिए ‘यूपीआई 123पे’ (UPI 123PAY) नाम से सिस्टम शुरू की है. इसकी शुरुआत 8 मार्च को RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी.

यूपीआई 123पे: मुख्य बिंदु

  • UPI 123PAY की मदद से देश के 40 करोड़ से ज्यादा फीचर फोन उपयोगकर्ता अब स्मार्टफोन और इंटरनेट के बिना भी UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) भुगतान कर सकेंगे.
  • RBI ने डिजिटल भुगतान के लिए एक सर्वर साइड कॉमन लाइब्रेरी बनाई है. इसमें फीचर फोन यूजर्स को शामिल किया गया है. ‘यूपीआई 123पे’ सुविधा से फीचर फोन यूजर्स तीन आसान चरणों में भुगतान कर सकते हैं. ये हैं, कॉल करो, चूज करो और पे करो.
  • फीचर फोन में UPI सुविधा का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को सबसे पहले अपने बैंक खाते को मोबाइल नंबर से लिंक करना होगा. उपभोक्ता को अपने डेबिट कार्ड के विवरण के जरिये अपना यूपीआई पिन जेनरेट करना होगा. इसके बाद ही भुगतान कर सकेंगे.
  • यूपीआई 123पे के तहत फीचर फोन उपयोगकर्ता आईवीआई नंबर 08045163666 पर कॉल कर भुगतान कर सकेंगे.
  • 2021-22 में अब तक UPI लेनदेन 76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 41 लाख करोड़ रुपये था.

NSO ने वित्त वर्ष 21 के लिए GDP वृद्धि का पहला संशोधित अनुमान जारी किया

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए देश के GDP वृद्धि दर का पहला संशोधित अनुमान 1 फरवरी को जारी किया था.

इन अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 भारत की GDP वृद्धि दर -6.6 प्रतिशत है. इससे पहले यह अनुमान -7.3 प्रतिशत था. COVID महामारी के कारन लगाए गए लॉकडाउन के कारण इस दौरान भारतीय GDP में कमी आई है.

NSO ने 2019-20 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि दर को भी संशोधित कर 3.7 प्रतिशत कर दिया है, पहले यह 4 प्रतिशत था.

वित्त वर्ष 2019-20 में (2011-12 मूल्य पर) वास्तविक जीडीपी 145.69 लाख करोड़ रुपये रही थी जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह 135.58 लाख करोड़ रुपये रहा.

वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए केन्द्रीय आम बजट का सार


वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने 1 फरवरी को लोकसभा में वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट (Union Budget) पेश किया था.

वित्‍त वर्ष 2022-23: एक दृष्टि
  • वित्त मंत्री सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के लिए 39.44 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था.
  • सरकार को सबसे अधिक कमाई उधार व अन्य देनदारियों से होगी. इसकी कुल कमाई में 35 फीसदी हिस्सेदारी होगी. अगले वित्त वर्ष में सरकार की पूरी कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में खर्च होगा.
  • पूंजीगत परिव्‍यय में 35.4 प्रतिशत की बढोतरी की घोषणा की गयी है. 2022-23 में केंद्र सरकार का प्रभावी पूंजीगत व्यय 10.68 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 4.1% है.
  • चालू वर्ष में संशोधित वित्‍तीय घाटा GDP का अनुमानत: 6.9 प्रतिशत है, जबकि बजट अनुमान में यह 6.8 प्रतिशत है. 2022-23 में राजकोषीय घाटा GDP का अनुमानत: 6.4 प्रतिशत है. 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से निचले स्‍तर पर लाया जाएगा.
रुपया कहाँ से आया और कहाँ गया
सरकार की आमदनीसरकार का खर्च
  • ऋण से इतर पूंजी प्राप्तियां: 2%
  • कर से इतर राजस्व: 5%
  • वस्तु एवं सेवा कर (GST) : 16%
  • केन्द्रीय उत्पाद शुल्क: 7%
  • सीमा शुल्क: 5%
  • आय कर: 15%
  • निगम कर: 15%
  • उधार और अन्य देयताएं: 35%
  • ब्याज: 20%
  • रक्षा: 8%
  • सब्सिडी: 8%
  • वित्त आयोग और अन्य खर्च: 10%
  • करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा: 17%
  • पेंशन: 4%
  • केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं: 9%
  • केन्द्रीय क्षेत्र की योजना: 15%
  • अन्य खर्च: 9%
मुख्य योजनाओं पर आवंटित राशि
योजनाFY23 में आवंटन
(हजार करोड़ रुपये)
FY22 में संशोधित आवंटन
(हजार करोड़ रुपये)
नेशनल हेल्थ मिशन37.834.9
जल जीवन मिशन6045
नेशनल एजुकेशन मिशन39.5530.8
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना1914
पीएम किसान6867.5
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना6.4005
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना107.4
मंत्रालयों को आवंटित राशि
मंत्रालयआवंटित राशि
(लाख करोड़ रुपये)
दूरसंचार1.05
रसायन व खाद1.08
कृषि व किसान कल्याण1.33
ग्रामीण विकास1.38
रेल1.40
होम अफेयर्स1.86
सड़क परिवहन व राजमार्ग1.99
कंज्यूमर अफेयर्स, फूड व पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन2.17
रक्षा5.25

इस बार के बजट में सरकार की चार प्राथमिकताएं हैं:

  1. पीएम गतिशक्ति
  2. समावेशी विकास
  3. उत्‍पादकता में वृद्धि और निवेश
  4. ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु कार्य योजना तथा निवेश का वित्‍तपोषण

उद्योग

  • सूक्ष्‍म और लघु उद्योगों (MSME) को अधिक सक्षम बनाया जायेगा. आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी स्‍कीम को मार्च-2023 तक बढाया जायेगा. इसके गारंटी दायरे को 50 हजार करोड रुपये से बढाकर पांच लाख करोड रूपये कर दिया गया है. इस स्‍कीम के अन्‍तर्गत सूक्ष्‍म और लघु उद्योगों (MSME) को ऋण प्रदान किया जाता है.
  • उच्च ऊर्जा दक्षता मॉड्यूल के निर्माण के लिए PLI के लिए 19,500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. यह भारत को 2030 तक 280 GW के अपने सौर ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी.
  • स्‍थानीय कारो‍बारियों और आपूर्ति श्रृंखला को सहायता के लिए एक केंद्र एक उत्‍पाद योजना को प्रोत्‍साहन दिया जाएगा. वित्‍त वर्ष 2022-23 में चिप और नवीनतम प्रौद्योगिकी युक्‍त ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे.

कृषि

  • वित्त मंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के सीधे भुगतान के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. फसल मूल्‍यांकन, भूमि रिकार्ड के डिजिटलीकरण, कीटनाशक का उपयोग और पोषक तत्‍वों के लिए किसान ड्रोन इस्‍तेमाल किए जाएंगे.
  • 44.605 हजार करोड रूपये की अनुमानित लागत से केन-बेतवा नदी संपर्क परियोजना लागू की जाएगी. इसका उद्देश्‍य नौ लाख हेक्‍टेयर से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराना, 62 लाख लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति करना और 103 मेगावाट पनबिजली तथा 27 मेगावाट सौरऊर्जा का उत्‍पादन करना है.

आधारभूत संरचना का विकास

  • पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान को 25,000 किमी तक विस्तारित किया जायेगा. 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनलों को अगले तीन वर्षों में विकसित किया जायेगा. अगले तीन वर्षों में चार सौ वंदे भारत रेलगाडियों का विकास और विनिर्माण किया जाएगा. सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए 2,000 किलोमीटर से अधिक रेल नेटवर्क को स्वदेशी विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी कवच ​​के तहत लाया जाएगा.
  • हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने और लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए बजट में प्रस्‍तावों की घोषणा की है. इनसे हरित ऊर्जा को प्रोत्‍साहन मिलेगा.
  • ‘प्रधानमंत्री पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास पहल’ नाम का कार्यक्रम पूर्वोत्‍तर परिषद के माध्‍यम से चलाया जाएगा. इसके लिए 1.5 हजार करोड रूपये का प्रारम्भिक आबंटन किया जा रहा है.
  • राज्यों को आधारभूत संरचना के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता ब्याज मुक्त प्रदान किया जायेगा.
  • पीएम आवास योजना के चिन्हित लाभार्थियों के लिए 80 लाख घरों का निर्माण पूरा किया जाएगा. 3.8 करोड़ घरों में नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

शिक्षा

  • अनुपूरक शिक्षण के लिए ‘पीएम ई विद्या’ (PM eVIDYA) के ‘वन क्‍लास वन टीवी’ चैनल कार्यक्रम को 12 टीवी चैनलों से बढाकर 200 टीवी चैनलों तक पहुंचाया जाएगा. यह कक्षा 1 से कक्षा 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षित करने के लिए है.
  • देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर वैयक्तिकृत शिक्षण अनुभव के साथ विश्‍वस्‍तरीय शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्‍वविद्यालय स्‍थापित किया जाएगा.
  • स्वास्थ्य
  • एक राष्ट्रीय टेलीहेल्थ कार्यक्रम की घोषणा की गयी है. राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक खुला मंच तैयार किया जाएगा. इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्रियां, अद्वितीय स्वास्थ्य पहचान और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच शामिल होगी.

डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था और बैंकिंग

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाईयों का गठन किया जाएगा. ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके डिजिटल रुपया जारी किया जायेगा.
  • पिछले बजट में डिजिटल भुगतान इको सिस्‍टम के लिए वित्‍तीय सहायता की जो घोषणा की गई थी वह 2022-23 में भी जारी रहेगी. इससे डिजिटल भुगतान को प्रोत्‍साहित किया जा सकेगा.
  • 2022-23 में देश के सभी डेढ लाख डाकघरों में कोर-बैंकिंग सिस्‍टम डिजिटल रूप से जोडा जायेगा जिससे वित्‍तीय समावेशन संभव हो सकेगा.

कर

  • बजट के दौरान वित्त मंत्री ने घोषणा की कि वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के हस्तांतरण पर 30% कर लगाया जायेगा. यह नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा.

रक्षा

  • रक्षा के लिए पूंजी खरीद बजट का 68% आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया जाएगा. यह पिछले वित्त वर्ष में 58 प्रतिशत था.
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25% रक्षा अनुसंधान एवं विकास उद्योग, स्टार्टअप और शिक्षा के लिए खोला जाएगा.

वित्त वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया गया

वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2022 पेश किया. इससे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया था.

आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22: मुख्य बिंदु

  • 2022-23 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 8 से 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हो सकती है. 2020-21 में GDP वृद्धि -7.3 प्रतिशत थी. 2021-22 में GDP वृद्धि वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो दुनिया की समस्‍त बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सर्वाधिक है.
  • 2020-21 में कृषि क्षेत्र में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. 2021-22 में इस क्षेत्र के 3.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है. चालू वर्ष में, खरीफ सत्र के लिए खाद्यान्न उत्पादन करीब 150 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर आने का अनुमान है.
  • 2020-21 में औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि दर -7 प्रतिशत वृद्धि ही थी लेकिन 2021-22 में यह 11.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
  • 2020-21 में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर -8.4 प्रतिशत थी जो 2021-22 में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है.
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) का कुल शुद्ध लाभ 2020-21 के पहले छह महीनों के दौरान 14,688 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 की पहली छमाही में 31,144 करोड़ रुपये हो गया है.