Tag Archive for: Indian Economy

पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण का तथ्य-पत्र जारी किया किया गया

स्वास्थ्य मंत्रालय ने पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के (NFHS-5) में भारत से संबंधित प्रमुख संकेतकों का तथ्य-पत्र 24 नवम्बर को नई दिल्ली में जारी किया. इस तथ्य-पत्र में देश की जनसंख्या, पुनर्प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पोषण जैसे अन्य प्रमुख संकेतक शामिल हैं.

यह पत्र 2019-2021 के सर्वेक्षण से संबंधित है, जो 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए है. सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा अन्य उभरते मुद्दों से संबंधित विश्वसनीय और तुलनात्मक डेटा प्रदान करना है.

तथ्य-पत्र के मुख्य बिंदु

  • सर्वेक्षण के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर कुल प्रजनन दर 2.2 से कम होकर 2 हो गई है.
  • पूर्ण टीकाकरण अभियान के अलावा 23 माह से 12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के मामले में काफी सुधार हुआ है, जो कि अखिल भारतीय स्तर पर 62 प्रतिशत से बढ़ कर 75 प्रतिशत हो गया.
  • रिपोर्ट के अनुसार 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 11 में 23 माह से 12 वर्ष आयु वर्ग के 75 प्रतिशत बच्चे हैं, जिनका पूर्ण टीकाकरण कर लिया गया है. ओडिसा में पूर्ण टीकाकरण वाले सबसे अधिक 90 प्रतिशत बच्चे हैं.
  • अब हर 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हैं. आजादी के बाद ये भी पहली बार है जब पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की आबादी 1 हजार से ऊपर पहुंची है. इससे पहले 2015-16 में हुए NFHS-4 में ये आंकड़ा हर 1,000 पुरुष पर 991 महिलाओं का था.
  • सर्वे में कहा गया है कि बच्चों के जन्म का लिंग अनुपात अभी भी 929 है यानी अभी भी लोगों के बीच लड़के की चाहत ज्यादा दिख रही है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा जी रही हैं.
  • सर्वे के अनुसार एक महिला के अब औसतन 2 बच्चे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों से भी कम है.

झांसी में रक्षा क्षेत्र की कई परियोजनाओं का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवम्बर को उत्तर प्रदेश के झांसी में रक्षा क्षेत्र की कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया और राष्ट्र को समर्पित किया.

मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने चार अरब रुपये की उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा परियोजना का शिलान्यास किया. सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम भारत डायनेमिक्स लिमिटेड यहां अपना एक संयंत्र स्थापित करेगा.
  • राष्‍ट्रीय कैडेट कोर के पूर्व कैडेटों को कोर से जोड़े रखने के लिए एक औपचारिक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से पूर्व कैडेट संघ का भी शुभारंभ हुआ. प्रधानमंत्री, एक पूर्व कैडेट की हैसियत से इस संघ के पहले सदस्य बनेंगे.
  • रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए उपकरण सुरक्षा बलों के सेवा प्रमुखों को सौपें. हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित लाइव कॉम्‍बैट हेलिकॉप्‍टर वायुसेना प्रमुख को सौंपा गया.
  • भारतीय स्‍टार्टअप्‍स द्वारा डिजाइन और विकसित ड्रोन यूएवी थल सेना अध्‍यक्ष को सौंपा गया. DRDO द्वारा डिजाइन और भारत इले‍क्‍ट्रॉनिक्‍स लिमिटेड द्वारा नौसेना के जहाजों के लिए निर्मित उन्‍नत इलेक्‍ट्रॉनिक वॉर फेयर सूट नौसेना अध्‍यक्ष को सौंपा गया.
  • प्रधानमंत्री महोबा और झांसी में जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली और भावोनी बांध परियोजना तथा मझगांव-चिल्‍ली सिंचाई परियोजना शामिल है. इन सभी परियोजनाओं की कुल लागत 3.250 हजार करोड़ रुपये से अधिक है. इनके पूरे होने पर महोबा, हमीरपुर, बांदा और ललितपुर जिलों में लगभग 65 हजार हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी.

पेकैज्‍ड वस्‍तुओं के वैधानिक माप नियम-2011 में संशोधन किया गया

केन्द्र सरकार ने उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षा देने के लिए डिब्‍बाबंद वस्तुओं (Packaged Item) के वैधानिक माप नियम-2011 में संशोधन किया है. उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने दूसरी अनुसूची के नियम-5 को समाप्त कर दिया है. इसमें विभिन्न वस्तुओं के पैक के आकार का विवरण होता था.

इसमें एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसमें डिब्‍बाबंद वस्तुओं की इकाई का दाम (प्रति ग्राम/कि.ग्राम/लीटर) दर्शाया जाएगा जिससे उपभोक्ताओं को खरीदते समय कीमतों की तुलना करने में सुविधा होगी. यह संशोधन 1 अप्रैल 2022 से लागू होगा.

नए नियम के तहत आयात (इंपोर्ट) किए गए पैकेज आइटम पर मंथ या मैन्युफैक्चरिंग ईयर के बारे में जानकारी देनी जरूरी होगी. इस समय पैकेज आइटम के आयात पर सिर्फ महीने या इंपोर्ट करने की तारीख की जानकारी देना जरूरी है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल तीन साल के लिए विस्तारित किया गया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल तीन साल के लिए विस्तारित किया गया है. कैबिनेट नियुक्ति समिति ने 29 अक्तूबर को इसकी मंजूरी दी. उनका मौजूदा कार्यकाल 10 दिसंबर 2021 को समाप्त हो रहा था.

RBI के 26वें गवर्नर नियुक्त होंगे

  • शक्तिकांत दास 10 दिसंबर 2018 में RBI के 25वें गवर्नर नियुक्त हुए थे. वे 10 दिसंबर 2021 को RBI के 26वें गवर्नर नियुक्त होंगे.
  • शक्तिकांत दास 2018 में वो उर्जित पटेल की जगह ली थी. उर्जित पटेल सितंबर 2016 में RBI के 24वें गवर्नर नियुक्त हुए थे, लेकिन अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही निजी कारणों का हवाला देते हुए अचानक RBI गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था.
  • शक्तिकांत दास तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी हैं. वह पूर्व वित्त सचिव और 15वें वित्त आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं. वह वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स में जॉइंट सेक्रेटरी बजट, तमिलनाडु सरकार के राजस्व विभाग में कमिश्नर और स्पेशल कमिश्नर, तमिलनाडु के इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट में सेक्रेटरी और अन्य विभिन्न पदों पर रह चुके हैं.
  • नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा के समय शक्तिकांत दास आर्थिक मामलों के सचिव थे. उन्होंने  जीएसटी को लागू करने में भी अहम भूमिका निभाई.

ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2020 जारी: कर्नाटक पहले और राजस्थान दूसरे स्थान पर

केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने हाल ही में राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2020 जारी किया था. इस सूचकांक में कर्नाटक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है जबकि राजस्थान दूसरे स्थान पर है. इस सूचकांक में हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर रहे.

मुख्य बिंदु

  • राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक स्टेट एनर्जी एफिशिएंसी इंडेक्स ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) और एलायंस फॉर ए एनर्जी-एफिशिएंट इकोनॉमी (AEEE) द्वारा जारी किया जाता है.
  • राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक में राज्यों का चार श्रेणियों में आंकलन किया जाता है. इसके तहत पहली श्रेणी एस्पिरेंट (30 से कम अंक), दूसरी श्रेणी कंटेंडर (30 से 50 अंक), तीसरी श्रेणी अचीवर्स (50 से 60 अंक) और चौथी श्रेणी फ्रंटनर्स (60 से अधिक अंक) तय की गई है.
  • 2020 के सूचकांक में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन किया गया है. सूचकांक में अधिकतम अंक 100 होते हैं और 68 संकेतकों के आधार पर अंक दिए जाते हैं.
  • इस साल राजस्थान ने इस सूचकांक में सबसे अधिक बेहतरी का प्रदर्शन किया. राजस्थान को 61 अंक मिले हैं जो साल 2019 में मिले 18.5 अंकों के मुकाबले कहीं अधिक है. 2019 की सौर ऊर्जा नीति और पवन व हाइब्रिड ऊर्जा नीति, यहां के अक्षय ऊर्जा संसाधनों का दोहन करने के लिए मुख्य रूप से उभरे हैं.

पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ, योजना के मुख्य उद्देश्य

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 13 अक्तूबर को प्रधानमंत्री गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PM Gati Shakti-National Master Plan) का शुभारंभ किया. इसका उद्देश्य देश में समग्र और एकीकृत बुनियादी ढांचे का विकास करना है. शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत 100 लाख करोड़ रुपये की लगत से देश में आर्थिक क्षेत्रों को मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी प्रदान किया जायेगा.

मुख्य बिंदु

  • पीएम गति शक्ति अभियान के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं को अधिक गति और पॉवर शक्ति देना है.
  • गति शक्ति योजना का लक्ष्य सात मूलभूत ढांचा क्षेत्रों सहित 16 मंत्रालयों को एक मंच पर लाना है, ताकि विभिन्न हितधारक मंत्रालयों के बीच परियोजनाएं तैयार करने में समन्वय स्थापित किया जा सके.
  • प्रत्येक मंत्रालय और विभाग द्वारा अलग-अलग योजना बनाने और डिजाइन करने के बजाय एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिए 16 मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाओं (जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है) को एक मंच पर लाने के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल स्थापित किया जाएगा.
  • पीएम-गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत रोड, रेलवे, एविएशन, एग्रीकल्चर सहित विभिन्न मंत्रालयों को, विभागों को इससे जोड़ा जायेगा.

पीएम गति शक्ति योजना के पांच मुख्य उद्देश्य

  1. देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के सभी पक्ष के बीच समन्वय के साथ काम हो. इससे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में समय कम लगेगा और संसाधनों की बर्बादी कम करने में मदद मिलेगी.
  2. लॉजिस्टिक्स पर आने वाले खर्च को कम करना, कार्गो हैंडलिंग कैपेसिटी को बढ़ाना और सामान एक जगह से दूसरी जगह भेजने में लगने वाले समय को कम करना. किसी एक प्रोजेक्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काम करने वाले सभी विभाग को एक साथ लाकर एक प्लेटफार्म पर खड़ा करना.
  3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल हाईवे का नेटवर्क बढ़ाकर दो लाख किलोमीटर करना चाहते हैं. इसके साथ ही देश में 200 नए एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रम बनाने की योजना है. साल 2024-25 तक इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए गति शक्ति योजना लांच की गई है.
  4. पीएम गति शक्ति योजना की मदद से 11 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और दो नए डिफेंस कॉरिडोर बनाए जाने हैं. डिफेंस कॉरिडोर तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में बनाए जाएंगे. हर गांव को 4G कनेक्टिविटी देना भी इस योजना का उद्देश्य है. इसके साथ ही देश में 17000 किलोमीटर का गैस पाइपलाइन नेटवर्क बिछाया जायेगा.
  5. इस योजना की मदद से अलग-अलग मंत्रालय के लिए एक कॉमन अंब्रेला प्लेटफार्म बनाया जाएगा. अलग-अलग मंत्रालय या विभाग से कोआर्डिनेशन करने में कोई दिक्कत ना हो इसलिए एक अंब्रेला प्लेटफार्म की प्लानिंग की गई है.

पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन को ‘महारत्न’ का दर्जा दिया गया

बिजली के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तपोषण प्रदान करने वाली कंपनी ‘पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन’ (PFC) को सरकार की ओर से ‘महारत्न’ का दर्जा दिया गया है. उसे यह सम्मान पिछले तीन साल में शानदार वित्तीय प्रदर्शन व परिचालन कुशलता के लिए दिया गया है.

मुख्य बिंदु

महारत्न का दर्जा सरकारी स्वामित्व वाली उस इकाई को दिया जाता है जिसने लगातार तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ या इस अवधि में 25,000 करोड़ रुपये का औसत वार्षिक कारोबार दर्ज किया हो.

‘महारत्न’ का सम्मान मिलने से PFC बोर्ड की वित्तीय फैसले लेने की क्षमता बढ़ेगी. ‘महारत्न’ कंपनी का निदेशक मंडल वित्तीय संयुक्त उद्यम और पूर्ण अनुषंगी इकाईयों को लेकर इक्विटी निवेश पर फैसला कर सकता है. भारत एवं विदेश में विलय और अधिग्रहण कर सकता है. हालांकि, यह संबंधित CPSE के कुल मूल्य के 15 फीसदी तक और एक परियोजना के लिए 5000 करोड़ रुपये तक सीमित होगा.

महारत्न का सम्मान मिलने के बाद PFC सरकार के एजेण्डा के तहत 2030 तक 40 फीसदी हरित ऊर्जा की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता में योगदान देगा.

‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ (PFC)

पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) एक भारतीय वित्तीय संस्थान है. इसकी स्थापना 1986 में हुई थी. यह भारत में विद्युत क्षेत्र की वित्तीय़ इंफ्रास्ट्रक्चर है. यह केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में काम करती है. PFC महारत्न श्रेणी में प्रवेश करने वाली भारत की 11वीं सरकारी स्वामित्व वाली इकाई बन गई है.

भारत की महारत्न कंपनियां

  1. भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (SAIL)
  2. तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)
  3. भारतीय तेल निगम (IOC)
  4. राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC)
  5. कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
  6. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
  7. भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (GAIL)
  8. हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL)
  9. भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BCL)
  10. पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL)

टाटा सन्‍स ने ‘एयर इंडिया’ का अधिग्रहण किया

टाटा सन्‍स ने सरकार के स्वामित्व वाली विमानन कम्पनी ‘एयर इंडिया’ का अधिग्रहण कर लिया है. उसने एयर इंडिया में सरकार की 100% हिस्सेदारी के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.

एयर इंडिया: एक दृष्टि

  • एयर इंडिया की स्थापना 1932 में महान व्‍यक्तित्‍व के धनी और समाजसेवी जे.आर.डी. टाटा ने की थी. यह भारत की पहली वाणिज्यिक एयर लाइन थी जो उस समय ‘टाटा एयर लाइन्स’ नाम से जानी जाती थी. 1946 में इसका नाम बदलकर ‘एयर इंडिया’ कर दिया गया.
  • हालांकि, 1953 में सरकार ने टाटा सन्‍स से एयर इंडिया का अधिग्रहण कर लिया था. वर्ष 2021 में एक बार फिर यह टाटा सन्‍स समूह के पास आ गई है.
  • जे.आर.डी. टाटा को भारतीय नागर विमानन का जनक माना जाता है. वह भारत के ऐसे पहले व्‍यक्ति थे जिन्‍हें पायलट का लाइसेंस मिला था. उन्‍हें भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया जा चुका है. जे.आर.डी. टाटा का निधन ने 89 वर्ष की आयु में, 29 नवम्‍बर 1993 में को स्विट्जरलैंड के जेनेवा में हुआ था.

पीएम-मित्र योजना के तहत देश में 7 टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी दी गयी

सरकार ने पीएम-मित्र योजना (PM Mitra Scheme) के तहत देश में 7 टेक्सटाइल पार्क (MITRA parks) को मंजूरी दी है. यह मंजूरी 6 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दी गयी. इस योजना पर करीब 4,445 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

पीएम-मित्र योजना: मुख्य बिंदु

पीएम-मित्र योजना के तहत देश में 7 टेक्सटाइल पार्क (MITRA parks) बनेंगे और इन टेक्सटाइल पार्कों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 21 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.

तमिलनाडु, पंजाब, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, असम, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और तेलंगाना सरकार ने मित्र-पार्क विकसित करने में रुचि दिखाई है.

केन्द्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने अर्थव्यस्था के क्षेत्र में मजबूत पकड़ के लिए 5-F को कैप्चर करने की बात कही है. 5-F यानी फार्म से फाइबर, फाइबर से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन और फैशन से फॉरेन. ये सभी कड़ियां मिलकर वैल्यू चेन को मजबूत करती हैं, लेकिन अभी ये सब अलग-अलग हैं.

कपास गुजरात और महाराष्ट्र में पैदा होता है, वहां से तमिलनाडु जाता है, जहां स्पिनिंग होती है. प्रोसेसिंग के लिए राजस्थान और गुजरात जाता है. वस्त्र दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, कोलकाता में बनते हैं और निर्यात के लिए मुंबई और कांडला जाना पड़ता है. पीएम मित्र योजना के तहत ये सारा कुछ अब इंटीग्रेटेड तरीके से हो सकेगा.

इस परियोजना के तहत, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत राज्य सरकारों और केंद्र के स्वामित्व वाले एक विशेष प्रयोजन वाहन के माध्यम से पार्क स्थापित किए जाएंगे.

आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण, 07 नई कॉर्पोरेट संस्थाओं में विभाजित

भारत के आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) को 01 अक्टूबर, 2021 से भंग कर दिया गया है. OFB भारत में हथियारों और सैन्य उपकरणों का प्रमुख उत्पादक था. 1 अक्टूबर के बाद, इसकी 41 फैक्ट्रियों को 7 नवगठित रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSUs) में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

ये सात नई सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट संस्थायें वाहन, गोला-बारूद और विस्फोटक, हथियार और उपकरण, ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स गियर, सैनिक आराम के आइटम, पैराशूट और सहायक उत्पाद का उत्पादन करेंगी.

OFB के निगमीकरण का उद्देश्य आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता, जवाबदेही और दक्षता में सुधार लाना है. OFB की 41 फैक्ट्रियों को जिन सात नई कॉरपोरेट इकाइयों में बांटा जाएगा. ये इकाई हैं:

  1. गोला बारूद और विस्फोटक समूह (मुनिशन इंडिया लिमिटेड)
  2. वाहन समूह (बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड)
  3. हथियार और उपकरण समूह (उन्नत हथियार और उपकरण इंडिया लिमिटेड)
  4. ट्रूप कम्फर्ट आइटम्स ग्रुप (ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड)
  5. सहायक समूह (यंत्र इंडिया लिमिटेड)
  6. ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स समूह (इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड)
  7. पैराशूट समूह (ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड)

आयुध निर्माणी बोर्ड क्या है?

भारत के आयुध निर्माणी बोर्ड (Ordnance Factory Board) भारतीय सशस्त्र बलों के लिए सैन्य उपकरणों और हथियारों का मुख्य उत्पादक और आपूर्तिकर्ता था. 240 साल पुराने इस द्वारा देश के 41 आयुध कारखानों को नियंत्रित किया जाता था. यह रक्षा मंत्रालय के अधीन एक अधीनस्थ कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा था.

ऑटो इंडस्ट्री के लिए ₹26,000 करोड़ की नई PLI स्कीम को मंजूरी दी गयी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऑटो इंडस्ट्री के लिए ₹26,000 करोड़ की नई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को मंजूरी दे दी है. इसका उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत देश में इलेक्ट्रिक वाहन और हाइड्रोजन ईधन चालित वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देना है.

ऑटो सेक्टर के लिए PLI योजना 2021-22 के बजट में सरकार द्वारा 13 सेक्टर के लिए गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव घोषणाओं का हिस्सा है जिसके लिए सरकार ने 1.97 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय रखा है.

मुख्य बिंदु

  • इसके साथ ऑटो क्षेत्र में ये स्कीम उच्च मूल्य के एडवांस ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी वाहनों और उत्पादों को प्रोत्साहित करेगी. यह हायर टेक्नोलॉजी, अधिक कुशल और ग्रीन ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग में एक नए युग की शुरुआत करेगी. ऑटोमेटिव कंपनियां या इस क्षेत्र में आने वाले इन्वेस्टर्स दोनों ही इस योजना का लाभ ले सकेंगे.
  • इस योजना का लाभ PLI योजना के तहत आने वाले ऑटो कंपोनेंट सेगमेंट शामिल होंगे. इनमें इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम, ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन असेंबली, सेंसर, सनरूफ, सुपरकैपेसिटर, एडेप्टिव फ्रंट लाइटिंग, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑटोमैटिक ब्रेकिंग, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम और कोलिजन वार्निंग सिस्टम शामिल हैं.
  • देश की मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का लगभग 35 प्रतिशत योगदान है. देश में कुल मिलाकर 12 बिलियन डॉलर का व्हीकल एक्सपोर्ट किया जाता है. 15 बिलियन डॉलर का कॉम्पोनेन्ट एक्सपोर्ट किया जाता है जबकि 17 बिलियन डॉलर का इम्पोर्ट किया जाता है. इस 17 बिलियन के इम्पोर्ट को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

सरकार ने कपड़ा क्षेत्र के लिए 10683 करोड़ रुपए की PLI योजना को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कपड़ा क्षेत्र के लिए 10,683 करोड़ रुपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दी. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 8 सितम्बर को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दी गई.

मुख्य बिंदु

  • केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने MMF (मानव निर्मित रेशे) परिधान, MMF फैब्रिक्स तथा टेक्निकल टेक्सटाइल के 10 खंडों/उत्पादों के लिए PLI योजना को मंजूरी दी है.
  • कपड़ा क्षेत्र के लिए PLI योजना बजट 2021-22 में 13 क्षेत्रों के लिए की गई घोषणाओं का हिस्सा है. बजट में 13 क्षेत्रों के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये की PLI योजनाओं की घोषणा की गई थी.
  • एक अनुमान के अनुसार 5 साल की अवधि में कपड़ा क्षेत्र के लिए PLI योजना से 19,000 करोड़ रुपए से भी अधिक का नया निवेश मिलेगा. योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का कुल कारोबार हासिल किया जा सकेगा. साथ ही इससे क्षेत्र में 7.5 लाख से भी अधिक लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगारों के साथ-साथ सहायक गतिविधियों के लिए भी कई लाख और रोजगार के अवसरों का सृजन होगा.