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सरकार ने ड्रोन उडानें संबंधी नये नियम जारी किये

केंद्र सरकार ने 26 अगस्त को ड्रोन उडानें संबंधी नये नियम जारी किये. इसके अनुसार कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे और व्यापार के अनुकूल नियामक संस्था “मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद” की स्थापना की जाएगी.

मुख्य बिंदु

  • नये नियमों के अनुसार हवाई अड्डे की परिधि से येलो जोन क्षेत्र को 45 किलोमीटर से घटाकर 12 किलोमीटर कर दिया है.
  • हवाईअड्डे के आसपास ग्रीन जोन में आठ से बारह किलोमीटर के बीच के क्षेत्र में 200 फीट तक ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है.
  • ड्रोन और ड्रोन टैक्सियों में भारी पेलोड ले जाने की क्षमता को 300 से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है. ड्रोन उडानों की अनुमति की संख्या घटाकर 25 से 5 कर दी गई है.
  • ड्रोन के ट्रांसफर और डी-रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित प्रक्रिया आसान की गई है. ड्रोन नियम, 2021 के तहत अधिकतम जुर्माना घटाकर 1 लाख रुपए किया गया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय ड्रोन के आयात को नियंत्रित करेगा.

वित्त मंत्री ने ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ योजना का शुभारंभ किया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त, 2021 को चार वर्षीय राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetisation Pipeline – NMP) योजना का शुभारंभ किया.

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना: मुख्य बिंदु

  • यह केंद्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन है. यह पाइपलाइन नीति आयोग द्वारा अवसंरचना से संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से विकसित की गई है.
  • NMP के तहत वित्तीय वर्ष 2022 से लेकर वित्तीय वर्ष 2025 तक की चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्‍य परिसंपत्तियों के जरिए 6.0 लाख करोड़ रुपये की कुल मुद्रीकरण क्षमता का अनुमान लगाया गया है.
  • मुद्रीकरण का उद्देश्य नई बुनियादी ढांचागत सुविधाओं या अवसंरचना के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र के निवेश का उपयोग करना है. यह रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए अत्‍यंत आवश्यक है जिससे आर्थिक विकास की गति को तेज करने के साथ-साथ समग्र जन कल्याण के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को निर्बाध रूप से एकीकृत करना भी संभव हो सकेगा.
  • इस योजना के तहत सड़क, रेलवे और बिजली क्षेत्र की संपत्ति मुद्रीकृत होने वाली संपत्ति के कुल अनुमानित मूल्य का 66% से अधिक होगी. शेष अनुमानित मूल्य खनन, दूरसंचार, बंदरगाहों, विमानन, प्राकृतिक गैस, गोदामों और स्टेडियमों और पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइनों जैसे क्षेत्रों से आएगा.
  • यह योजना भारत के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए और अधिक मूल्य बनाने में मदद करेगा और सरकारी स्वामित्व को स्थानांतरित किए बिना निजी भागीदारी के नवीन तरीकों की खोज करेगा.

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में खाद्य तेलों के उत्‍पादन को बढ़ावा देने के राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘पाम ऑयल राष्ट्रीय मिशन’ (National Oilseeds and Oil Palm Mission) को मंजूरी दी है. इस मिशन का उद्देश देश में खाद्य तेलों के उत्‍पादन में वृद्धि और आयात पर निर्भरता में कमी लाना है.

पाम ऑयल राष्ट्रीय मिशन: मुख्य बिंदु

  • इस मिशन को केन्‍द्रीय प्रायोजित योजना के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा. इस मिशन में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा.
  • इस योजना के लिए 11,040 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय निर्धारित किया गया है, जिसमें से केंद्र सरकार 8,844 करोड़ रुपये का वहन करेगी. इसमें 2,196 करोड़ रुपये राज्यों को वहन करना है.
  • इस योजना के अंतर्गत 2025-26 तक पाम ऑयल के लिए 6.5 लाख हेक्‍टेयर अतिरिक्‍त क्षेत्र उपलब्‍ध कराया जाएगा. इस प्रकार पाम ऑयल के लिए 10 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र का लक्ष्‍य पूरा किया जा सकेगा.
  • क्रूड पाम ऑयल का उत्‍पादन 2025-26 तक बढ़कर 11.20 लाख टन और 2029-30 तक 28 लाख टन हो जाने की उम्‍मीद है.
  • भारतीय तेल ताड़ अनुसंधान संस्थान (IIOPR) ने देश में पाम ऑयल की खेती के लिए 2020 में एक विश्लेषण किया था. इसके अनुसार देश मे 28 लाख हेक्टयर भूमि पर पाम ऑयल की खेती हो सकती है. इसमें से 9 लाख हेक्टेयर भूमि उत्तर-पूर्व में है.

HAL ने ‘हिंदुस्तान -228’ विमान के ‘ग्राउंड रन और लो स्पीड टैक्सी ट्रायल’ को पूरा किया

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने ‘हिंदुस्तान -228’ (VT-KNR) विमान के ‘ग्राउंड रन और लो स्पीड टैक्सी ट्रायल’ (LSTT) को सफलतापूर्वक पूरा किया है. DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ‘टाइप सर्टिफिकेशन’ के लिए यह ट्रायल किया गया है.

यह विमान HAL के कानपुर केन्द्र में 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह का हिस्सा था. यह भारत में मेड-इन-इंडिया नागरिक विमानन के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है. यह क्षेत्रीय हवाई संपर्क को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है.

भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान) को समर्थन देने के लिए हिंदुस्तान -228 विमान का निर्माण किया जा रहा है. इस विमान का उपयोग सिविल संचालकों और राज्य सरकारों द्वारा प्रशिक्षण, रखरखाव आदि सहित अपने अंतर-राज्यीय संपर्क के लिए सफलतापूर्वक किया जा सकता है.

हिंदुस्तान-228: एक दृष्टि

हिंदुस्तान-228 (Hindustan-228) 19 सीटों वाला मल्टीरोल यूटिलिटी विमान है. इसका निर्माण भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने किया है. HAL एक सरकारी स्वामित्व वाली एयरोस्पेस और रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी है.

इस नागरिक संस्करण का उपयोग एयर एम्बुलेंस, VIP परिवहन, यात्री परिवहन, कार्गो परिवहन, क्लाउड सीडिंग, उड़ान निरीक्षण भूमिकाओं और मनोरंजक गतिविधियों जैसे पैरा जंपिंग, फोटोग्राफी के लिए किया जा सकता है.

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के स्थापना की घोषणा, भारत को ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्र बनाने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का नया वैश्विक केंद्र बनाने के लिए “राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन” की स्थापना की घोषणा की. इसी के साथ उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्र बनाने का लक्ष्य भी तय किया.

मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत हर साल 12 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च करता है. भारत को यह संकल्प लेना होगा कि देश की आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा.
  • उन्होंने कहा इसके लिए देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाना होगा.
  • भारतीय रेलवे ने 2030 तक नेट जीरो कार्बन इमिटर बनने का लक्ष्य रखा है. इन सारे प्रयासों के साथ ही देश ‘मिशन सर्कुलर इकोनॉमी’ पर भी बल दे रहा है.
  • जी-20 देशों के समूह में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जो अपने क्लाइमेट गोल्स को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
  • भारत ने इस दशक के अंत (2030) तक रिन्यूएबल एनर्जी के 450 गीगावाट (GW) का लक्ष्य तय किया है. इसमें से 100 गीगावाट (GW) के लक्ष्य को भारत ने तय समय से पहले प्राप्त भी कर लिया है.
  • भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता अब 383.73 गीगावॉट हो गई है. इसके अतिरिक्त भारत एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर है- जो वर्ष 2022 के अंत तक 175 GW अक्षय ऊर्जा की क्षमता प्राप्त करन, अक्षय ऊर्जा में यह अब तक दुनिया की सबसे बड़ी विस्तार योजना है.
  • राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा सबसे पहले इस साल फरवरी में पेश 2021-22 के बजट में की गयी थी. वर्तमान में देश में जो भी हाइड्रोजन की खपत होती है, वह जीवाश्म ईंधन से आती है.
  • ऑक्सीजन के साथ दहन के दौरान हाइड्रोजन ईंधन एक शून्य-उत्सर्जन ईंधन है. इसका उपयोग फ्यूल सेल या आंतरिक दहन इंजन में किया जा सकता है. यह अंतरिक्ष यान प्रणोदन के लिए ईंधन के रूप में भी उपयोग किया जाता है.

प्रधानमंत्री ने वाहन स्क्रैप नीति का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अगस्त को वाहन स्क्रैप नीति (National Vehicle Scrappage Policy) का शुभारंभ किया. इसके तहत अनुपयुक्त और प्रदूषक वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस व्‍यवस्‍था से वैज्ञानिक ढंग से अनुपयुक्‍त वाहन तो हटेंगे ही, अर्थव्‍यवस्‍था में भी तेज़ी आएगी. उन्‍होंने कहा कि वाहनों का प्रदूषण रहित और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करना समय की आवश्यकता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई नीति से लगभग दस हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा और हजारों रोजगार भी उपलब्‍ध होंगे. श्री मोदी ने कहा कि नई नीति देश के नगरों में प्रदूषण कम करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारे संकल्‍प का प्रतीक है.

संसद में जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम संशोधन विधेयक-2021 पारित

संसद ने जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दी. यह विधेयक जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम अधिनियम 1961 का स्‍थान लेगा.

विधेयक में जमाकर्ताओं को उनकी बीमित जमा राशि तक समयबद्ध तरीके से पहुंच प्रदान करने का प्रावधान है. यदि बैंक में जमा राशि प्रतिबंधित हो जाती है तो निगम अंतरिम आधार पर जमाकर्ताओं को बीमित जमा राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा और 90 दिनों के भीतर जमाकर्ताओं को बीमित राशि का भुगतान करना होगा.

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह अधिनियम का रूप लेगा. इस अधिनियम का उद्देश्य छोटे जमाकर्ताओं की सहायता करना है. इस विधेयक के पारित हो जाने से पंजाब और महाराष्‍ट्र सहकारी बैंक, श्रीगुरू राघवेन्‍द्र सहकार बैंक और अन्‍य बैंकों के जमाकर्ताओं को लाभ होगा. बीमा कवर की सीमा एक लाख से बढाकर पांच लाख कर दी गई है.

प्रधानमंत्री ने खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन’ की शुरुआत की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक मिशन की शुरुआत की. उन्होंने इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम (NMEO-OP) शुरू करने की घोषणा की.

मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने आने वाले समय में खाद्य तेल के आयात को कम करने पर बल दिया और देश में पाम तेल सहित खाना पकाने के तेल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतर तंत्र विकसित करने पर जोर दिया.
  • उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार खाद्य तेल पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने में 11000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी.
  • उन्होंने आह्वान किया कि जिस तरह देश ने चावल, गेहूं और चीनी जैसे मुख्य अनाज के उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है, ठीक उसी प्रकार हमें बड़े पैमाने पर आयात से बचने के लिए खाना पकाने के तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए तत्पर रहना चाहिए.
  • उन्होंने कहा कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज प्राप्त होंगे और ताड़ के तेल के उत्पादन के लिए उन्हें तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.

प्रधानमंत्री ने सोमवार डिजिटल भुगतान समाधान e-RUPI की शुरुआत की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अगस्त को ई-रुपी (e-RUPI) डिजिटल भुगतान समाधान की शुरुआत की. यह पर्सन और पर्पज स्पेसिफिक डिजिटल पेमेंट सॉल्युशन (Digital Payment Solution) है. इसके जरिए सबसे पहले मुंबई की एक निवासी ने कोविड 19 वैक्सिनेशन सेंटर पर पेमेंट किया.

ई-रुपी के जरिए भुगतान कुछ ही मिनटों में कैशलेस तरीके से और सुगमतापूर्वक हुआ. यह RBI द्वारा स्वीकृत इलेक्ट्रॉनिक वाउचर है. इसे किसी विशिष्ट सेवा के भुगतान के लिए लाभार्थी को जारी किया जाता है.

ई-रुपी क्या है और कैसे काम करता है?

ई-रुपी डिजिटल भुगतान का एक साधन है. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने UPI प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया गया है.

ई-रुपी में एक क्यूआर कोड या SMS स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है. भुगतान करने के लिए इस क्यूआर कोड  को स्कैन किया जा जाता है. लाभार्थी के वेरिफिकेशन के लिए एक कोड लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है. वेरिफिकेशन होने पर वाउचर रिडीम हो जाएगा और तुरंत भुगतान हो जाता है.

इस नॉन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर का इस्तेमाल वही लाभार्थी कर सकता है, जिसके लिए इसे जारी किया गया है.

सरकारी संस्थाएं, कॉरपोरेट या कोई भी सेवा प्रायोजक अपने पार्टनर बैंक की मदद से ईरुपी वाउचर जनरेट कर सकते हैं.

कहां हो सकता है इस्तेमाल

कल्याणकारी सेवाओं की लीक-प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी पहल होने की उम्मीद है. इसका उपयोग मातृ एवं बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवा व न्यूट्रीशनल सपोर्ट उपलब्ध कराने वाली स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ड्रग्स व डायग्नॉस्टिक्स, उर्वरक सब्सिडी आदि जैसी योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है.

शुरुआती चरण में यह योजना हेल्थ सेक्टर से जुड़े बेनिफिट में लागू की जा रही है. कोई संस्था अगर 100 गरीबों का निजी अस्पताल में वैक्सिनेशन कराना चाहती है तो वह उन 100 गरीबों को ईरुपी वाउचर दे सकती है. इस वाउचर से सुनिश्चित होगा कि ईरुपी के जरिए जारी किए गए अमाउंट का इस्तेमाल वैक्सीन लगवाने में ही हो, किसी अन्य काम में नहीं.

RBI ने मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोवा स्थित मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक कंपनी लिमिटेड  (Madgaum Urban Cooperative Bank Co. Ltd) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. बैंक की वित्तीय स्थिति और वर्तमान जमा कर्ताओं को पूरा भुगतान कर पाने में सक्षम नहीं होने के कारण इस बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया है.

मुख्य बिंदु

  • RBI के अनुसार मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं है. वह बैंक नियमन कानून, 1949 के विभिन्न प्रावधानों का अनुपालन करने में विफल रही है. RBI के मुताबिक गोवा के ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज से भी बैंक को बंद करने और उसके लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
  • रिजर्व बैंक ने कहा कि लगभग 99 फीसदी जमा कर्ताओं की जमा राशि बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से प्राप्त हो जाएगी. बैंक का जमा कर्ता पांच लाख रुपए तक की अपनी जमाराशि का बीमा दावा हासिल करने का हकदार होगा. अगर रकम इससे ज्यादा है, तब भी डिपॉजिटर को 5 लाख तक की ही बीमा राशि मिलेगी.
  • हाल ही में सरकार ने ग्राहकों को 90 दिन के भीतर बीमा की रकम देने को मंजूरी दी थी. इस बदलाव के बाद उन जमा कर्ताओं को राहत मिलेगी, जिनकी रकम किसी न किसी वजह से बंद या लाइसेंस रद्द किए गए बैंकों में फंस जाती है.

प्रधानमंत्री ने गांधी नगर रेलवे स्‍टेशन के ऊपर बनाए गए पांच सितारा होटल का उद्घाटन किया

गुजरात में गांधी नगर रेलवे स्‍टेशन के ऊपर एक पांच सितारा होटल का निर्माण किया गया है. इस होटल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 16 जुलाई को किया था.

मुख्य बिंदु

318 कमरों वाली नयी फाइव स्टार होटल नवनिर्मित गांधीनगर रेलवे स्टेशन के ऊपर बनाई गई है, जो इस प्रकार का देश में पहला होटल है.

300 व्यक्तियों के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र, केंद्रीय वातानुकूलित बहुउद्देशीय हॉल, लक्जरी होटल के साथ जुड़े इस रेलवे स्टेशन में विषय आधारित प्रकाश व्यवस्था, सभी धर्मों के लिए प्रार्थना खंड और अलग से बेबी फीडिंग रूम, प्राथमिक चिकित्सा कक्ष, ऑडियो-वीडियो एलईडी स्क्रीन के साथ आर्ट गैलरी के लिए डिस्प्ले एरिया की व्यवस्था है.

इस रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण में गुजरात सरकार के गांधीनगर रेलवे और शहरी विकास कंपनी लिमिटेड (गरुड़) के 74 फीसदी और रेल मंत्रालय की 24 फीसदी भागीदारी है.

नागपुर में भारत के पहले तरल प्राकृतिक गैस सुविधा संयंत्र का उद्घाटन

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 11 जुलाई को नागपुर में भारत के पहले तरल प्राकृतिक गैस (LNG) सुविधा संयंत्र का उद्घाटन किया.

  • सड़क परिवहन मंत्रालय आयात विकल्प और स्वच्छ पर्यावरण के उद्देश्य से स्वदेशी इथेनॉल, LNG, जैव CNG और हाइड्रोजन ईंधन के विकास को प्रोत्साहित कर रही है.
  • एथेनॉल के इस्तेमाल से लोग प्रति लीटर 30-35 रुपये की बचत कर पाएंगे. एक और जहां पैसों की बचत होगी वहीं, इससे प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता भी घटेगी और देश में प्रदूषण का स्तर कम करने में मदद मिलेगी.
  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, भारत इस वक्त अर्थव्यवस्था में पेट्रोल-डीजल और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 8 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहा है.
  • केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चौपहिया और दुपहिया वाहनों के लिए फ्लेक्स इंजन अनिवार्य करने के संबंध में तीन महीने में निर्णय लिए जाने की बात कही. उन्होंने बताया कि अमेरिका, कनाडा और ब्राजील जैसे कई देशों के पास फ्लेक्स इंजन पहले से ही हैं.
  • फ्लेक्स इंजन (फ्लेक्सिबल इंजन) वाली कार में इंधन के कई तरह के विकल्प दिए जाते हैं. फ्लेक्सिबल इंजन एक तरह से किसी वाहन का एक मोडिफाइड वर्जन है, जिसमें वाहन गैसोलीन या एथेनॉल मिक्स करके चलाया जा सकता है.