Tag Archive for: International Summit

जर्मनी में 60वां म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया

साल 2024 का म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन, 16 से 18 फ़रवरी तक म्यूनिख के होटल बेयरिशर हॉफ़ में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में, यूक्रेन संकट और फिलिस्तीन-इज़रायल संघर्ष जैसी कई वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की गई.

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की जर्मनी यात्रा

  • 60वें म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने कई देशों के अपने विदेशी समकक्षों से मुलाकात की और द्विपक्षीय वार्ता की.
  • उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़रायल-हमास युद्ध जैसे मुद्दों पर दुनिया के सामने अपना पक्ष रखा. ‘ग्रोइंग द पाई: सीजिंग शेयर्ड अपॉर्चुनिटीज’ विषय पर एक पैनल चर्चा को भी संबोधित किया.
  • जयशंकर ने सम्मेलन से इतर सऊदी अरब के अपने समकक्ष फ़ैसल बिन फ़रह़ान अल-सऊद और कनाडाई समकक्ष मेलानी जोली से भी बातचीत की.
  • उन्होंने इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष को लेकर एक बार फिर से द्वि-राष्ट्र समाधान की पैरवी की. उन्होंने फलस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल मलिकी से भी मुलाकात की और युद्धग्रस्त गाज़ा की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की.
  • विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की. उनकी बातचीत पश्चिम एशिया, यूक्रेन और हिन्‍द-प्रशांत की स्थिति पर केंद्रित थी.

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (MSC): एक दृष्टि

  • म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (Munich Security Conference) एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है. यह 1963 से प्रत्येक वर्ष म्यूनिख, बवेरिया, जर्मनी में आयोजित किया जाता है.
  • इसका आदर्श वाक्य है: संवाद के माध्यम से शांति. यह अपनी तरह की दुनिया की सबसे बड़ी सभा है.
  • इस सम्मेलन का उद्देश्य अहम सुरक्षा और विदेशी मामलों पर चर्चा करना और उनके समाधान ढूंढना है.
  • इसमें राजनीतिक नेता, नीति निर्माता, सैन्य अधिकारी, विशेषज्ञ, और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.

सातवां हिंद महासागर सम्मेलन ऑस्‍ट्रेलिया में आयोजित किया गया

7वां हिंद महासागर सम्मेलन (7th Indian Ocean Conference) 9-10 फ़रवरी, 2024 को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में आयोजित किया गया था. सम्मेलन का विषय था- स्थाई और सतत हिंद महासागर की ओर.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग, और सिंगापुर के विदेश मामलों के मंत्री डॉ. विवियन बालाकृष्णन ने हिस्सा लिया.
  • विदेश मंत्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर 9 फ़रवरी को 7वें IOC सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया था. अपने संबोधन में उन्होंने समुद्री यातायात, समुद्री डकैती और आतंकवाद पर मुख्य रूप से जोर दिया.
  • हिंद महासागर सम्मेलन, हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के देशों के लिए विचार-विमर्श का मुख्य मंच है. इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करना है.
  • IOR वैश्विक आबादी का 64% और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 60% हिस्सा साझा करता है.
  • सम्मेलन का पहला संस्करण 2016 में सिंगापुर में आयोजित किया गया था. IOC का छठा संस्करण 2023 में ढाका, बांग्लादेश में आयोजित किया गया था.

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों का 19वां शिखर सम्मेलन कंपाला में आयोजित किया गया

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्‍य देशों का 19वां शिखर सम्मेलन (19th Summit of the Non-Aligned Movement) 19-20 जनवरी को युगांडा की राजधानी कंपाला में आयोजित किया गया था.

19वां गुट-निरपेक्ष शिखर सम्मेलन: मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मणयम जयशंकर ने किया था. कंपाला पहुंचने पर डॉ. जयशंकर ने अंगोला के विदेश मंत्री एम्ब टेटे एंटोनियो से मुलाकात कर भारत और अंगोला के बीच तथा भारत-अफ्रीका सहयोग बढाने पर चर्चा की.
  • विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने सम्मेलन में भारत का दृष्टिकोण रखते हुए अधिक क्षेत्रीय उत्पादन के साथ आर्थिक विकेंद्रीकरण पर जोर दिया.
  • श्री जयशंकर ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार पर जोर देते हुए का बहुध्रुवीय विश्व का आह्वान किया.
  • सम्मेलन से पहले डॉ. जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से भी मिले और भारतीय सैन्‍यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाये जाने पर चल रही उच्च स्तरीय वार्ता पर विचार-विमर्श किया.
  • उन्होंने मालदीव में जारी विकास परियोजनाओं को जल्द पूरा करने तथा सार्क और गुटनिरपेक्ष आंदोलन में परस्पर सहयोग पर भी बात की.
  • विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को इस समूह की सदस्यता दिलाकर यह साबित किया कि परिवर्तन संभव है.

दुबई में विश्व जलवायु शिखर सम्मेलन का 28वां संस्करण आयोजित किया गया

संयुक्‍त राष्‍ट्र के वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन का 28वां संस्करण ‘कॉप28’ दुबई में 28 नवंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के अंतर्गत कॉप-28 का यह सम्मेलन संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में आयोजित किया गया.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन के दौरान पेरिस समझौते के अंतर्गत कई दौर की बातचीत हुई और इसके निष्कर्षों और निर्णयों का मसौदा जारी किया गया.
  • इसमें जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के वैश्विक प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया गया है और विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख किया गया है.
  • ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए संबंधित पक्षों से कई तरह की कार्रवाई पर विचार की अपील की गई. इसमें वैश्विक स्तर पर नविकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढाकर तीन गुना करना और 2030 तक संपूर्ण विश्व में ऊर्जा के कम उपयोग संबंधी सुधारों को बढाकर दो गुना करना शामिल है.
  •  पहली ग्लोबल स्टॉकटेक डील में देशों से आग्रह किया गया है कि कोयले के निरंकुश उपयोग को कम करने के प्रयासों में तेजी लाई जाए. इसे भारत और चीन की ओर से कोयले के उपयोग पर पहले के रुख में नर्मी के तौर पर देखा जा रहा है. यह समझौता संयुक्त अरब अमीरात की पहल पर किया गया है.

कॉप28 में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया

  • कॉप28 में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. प्रधानमंत्री मोदी इस प्रयोजन से 30 नवंबर से 1 दिसम्बर तक दुबई की यात्रा पर थे. प्रधानमंत्री की यह संयुक्‍त अरब अमीरात की छठी यात्रा थी.
  • उन्होंने कॉप-28 की एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक को संबोधित किया. श्री मोदी ने कहा कि भारत जलवायु न्‍याय, जलवायु वित्त और ग्रीन क्रेडिट जैसे महत्‍वपूर्ण मुद्दों का निरंतर समर्थन करता है.

जानिए क्या है UNFCCC COP और पेरिस समझौता…»

अल्प विकसित और विकासशील देशों ‘ग्लोबल साउथ’ का शिखऱ सम्मेलन

अल्प विकसित और विकासशील देशों का शिखऱ सम्मेलन ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ (Voice of Global South Summit) 17 नवंबर 2023 को आयोजित किया गया था. यह सम्मेलन भारत की मेजवानी में वर्चुअल प्रारूप से आयोजित किया गया था. सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन में 10 सेशन हुए. इसमें व्यापार, एनर्जी और क्लाइमेट फाइनेंस जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. समिट की शुरुआत और अंतिम सेशन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने किया.
  • यह दूसरा ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट’ था. भारत ने जनवरी 2023 में प्रथम ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ का आयोजन वर्चुअल प्रारूप में किया था. इस अनूठी पहल में ग्‍लोबल साउथ के 125 देश शामिल हुए थे.
  • भारत, जी-20 समिट के अलावा ब्रिक्स में भी ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज उठाता रहा है. भारत की कूटनीति में यह सम्मेलन काफी अहम माना जा रहा है. पीएम मोदी अपनी इस कूटनीति के जरिये चीन को काउंटर करने की भूमिका तैयार कर रहे हैं.
  • शीत युद्ध की समाप्ति तक चीन ग्लोबल साउथ के सदस्य देश था. इसके बाद चीन ने आर्थिक रूप से खूब तरक्की की. ऐसे में चीन ग्लोबल साउथ का सदस्य नहीं है. हालांकि, वह खुद को ग्लोबल साउथ के नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाता रहा है.

ग्लोबल साउथ क्या है?

  • ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है. ये देश मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं. इनमें से कई देश 1960 और 1970 के दशक तक पश्चिमी यूरोपीय औपनिवेशिक का हिस्सा रह चुके हैं.
  • ग्लोबल साउथ दुनिया की 85 फीसदी से अधिक आबादी और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 40 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है.
  • ‘ग्लोबल नॉर्थ’ अधिक समृद्ध राष्ट्र हैं जो ज़्यादातर उत्तरी अमेरिका और यूरोप में स्थित हैं, इनमें कुछ अन्य देश भी शामिल हैं. सामान्यतः इसके अन्तर्गत यूएसए, कनाडा, यूरोप, एशिया के विकसित देश सहित आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड आते हैं.

सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग सीईओ शिखर सम्मेलन

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में 16 नवंबर को एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के सीईओ का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था. सम्मेलन में एपेक देशों के नेताओं और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने हिस्सा लिया था.

मुख्य बिन्दु

  • सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमरीका के राष्ट्रपति जो. बाइडन ने महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत करने के लिए भारत, जापान, कोरिया गणराज्य और सिंगापुर के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया.
  • राष्ट्रपति बाइडन ने भारत सहित प्रमुख देशों से सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की अमरीका की प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
  • अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ने एक वार्ता बैठक के बाद विदेशी पूंजी को लुभाने के लिए एशिया-प्रशांत शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से निवेश की अपील की.

पर्यटन कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक श्रीनगर में आयोजित की गई

भारत की जी-20 की अध्यक्षता के अन्तर्गत पर्यटन कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक 22 से 24 मई तक जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित की गई थी.

बैठक की मुख्य कार्यवाही श्रीनगर के शेर-ए-कश्‍मीर इंटरनेशनल कन्‍वेंशन सेंटर में शुरू हुई थी. बैठक में हरित पर्यटन, डिजिटिकरण, कौशल, पर्यटन, सुक्ष्‍म लघु और मध्‍यम उद्यम तथा पर्यटन स्‍थानों जैसे प्राथमिकता के पांच क्षेत्रों पर चर्चा हुई.

बैठक के दौरान इसके गणमान्य प्रतिनिधि राज्य सरकार द्वारा आयोजित कला और शिल्प बाजार का भी दौरा किया. इसमें स्थानीय हस्तशिल्प, कारीगरों के काम और सामुदायिक भागीदारी के महत्व को प्रदर्शित किया गया था.

जापान के हिरोशिमा में तीसरा क्‍वॉड शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया

तीसरा क्‍वॉड शिखर (Quadrilateral Security Dialogue) सम्मेलन 19 मई को आयोजित किया गया था. यह सम्मेलन जापान के शहर हिरोशिमा में G-7 सम्मेलन (G-7 Summit) के मौके पर आयोजित किया गया था.

सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्‍बानिस, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ हिस्सा लिया था.

मुख्य बिन्दु

  • क्वॉड नेताओं ने स्पष्ट रूप से सीमा पार आतंकवाद सहित किसी भी रूप में हिंसक उग्रवाद और उससे संबंधित गतिविधियों और आतंकवाद की निंदा की.
  • इन नेताओं ने साझा लोकतांत्रिक मूल्‍यों और आपसी रणनीतिक हितों को ध्‍यान में रखते हुए हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र के विकास को लेकर सकारात्‍मक चर्चा की.
  • मुक्‍त, खुले और समावेशी हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित अपने दृष्टिकोण को लेकर इन नेताओं ने संप्रभुता के सिद्धान्‍त, क्षेत्रीय अखंडता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के महत्‍व को दोहराया.
  • नेताओं ने क्‍वॉड दृष्टिकोण पर आधारित बयान – हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र के स्‍थायी भागीदार भी जारी किया, जो कि इनके सैद्धान्तिक दृष्टिकोण को दर्शाता है.
  • हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र की समृद्धि को मजबूती प्रदान करने के लिए इन नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला पहल की भी घोषणा की ‘क्वाड इंफ्रास्ट्रक्चर फैलोशिप प्रोग्राम’ को इसे मजबूत करने और इस क्षेत्र के लिए ठोस परिणाम देने के महत्व पर बल दिया गया.
  • भारत वर्ष 2024 में अगली क्वाड बैठक की मेजबानी करेगा. प्रधानमंत्री ने क्वॉड नेताओं को 2024 में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आमंत्रित किया.

स्‍टॉकहोम में यूरोपीय संघ हिन्‍द-प्रशांत मंत्रि‍स्‍तरीय वार्ता आयोजित किया गया

स्‍वीडन के स्‍टॉकहोम में 13 मई को यूरोपीय संघ हिन्‍द-प्रशांत मंत्रि‍स्‍तरीय वार्ता आयोजित किया गया था. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. सुब्रहमण्‍यम जयशंकर ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • विदेश मंत्री डॉ. सुब्रहमण्‍यम जयशंकर ने कहा है कि भारत और यूरोपीय संघ को विशेष रूप से हिन्‍द-प्रशांत को लेकर नियमित, व्‍यापक और स्‍पष्‍ट वार्ता करने की आवश्‍यकता है.
  • वार्ता में डॉ. जयशंकर ने कहा कि बातचीत केवल मौजूदा संकट तक ही सीमित नही है. उन्होंने कहा कि भारत में हो रहे परिवर्तनों पर यूरोपीय संघ को ध्यान देना होगा.
  • डॉ. जयशंकर ने नेताओं से वैश्‍वीकरण, हिन्‍द-प्रशांत और बाजार में भागीदारी का लाभ उठाने सहित छह बिन्दुओं पर विचार करने का आह्वान किया.
  • वैश्‍वीकरण के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र में विकास के लिए प्रौद्योगिकी, व्यापार और वित्‍त से जुडे मुद्दों में यूरोपीय संघ की भूमिका महत्‍वपूर्ण है.
  • डॉ. जयशंकर ने  कहा कि हिन्‍द-प्रशांत वैश्विक राजनीति की दिशा का केन्‍द्र बन रहा है.

ढाका में छठा हिंद महासागर सम्मेलन आयोजित किया गया

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 12 मई को छठा हिंद महासागर सम्मेलन (6th Indian Ocean Conference) आयोजित किया गया था. सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को उग्रवाद और कट्टरवाद के खतरों के प्रति सचेत रहना चाहिए.
  • उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतें लोकतंत्र की उदारता का अनुचित लाभ उठाती हैं. जो देश अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों या लंबे समय से चले आ रहे समझौतों की अवहेलना करते हैं, उससे विश्वास और आस्था को भारी नुकसान होता है.

पहला वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया

पहला वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन 20-21 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इसमें लगभग 30 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे. जिसमें विदेशों के लगभग 171 प्रतिनिधि और भारतीय बौद्ध संगठनों ने हिस्सा लिया.

मुख्य बिन्दु

  • सम्मेलन का आयोजन संस्कृति मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से किया गया था.
  • वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का महत्व भारत के लिए अधिक है क्योंकि बौद्ध धर्म का उदय सबसे पहले भारत में ही हुआ था.
  • पहली बार विभिन्न देशों के प्रमुख बौद्ध भिक्षु भारत आए और शिखर सम्मेलन में भाग लिए.
  • इस शिखर सम्‍मेलन में इस बात पर चर्चा हुई कि बौद्ध दर्शन और विचार की मदद से समकालीन चुनौतियों से कैसे निपटा जाए.
  • यह वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन अन्य देशों के साथ सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को बढाने का एक माध्यम था.

जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक वॉशिंग्टन डीसी में सम्पन्न हुई

जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक 12-13 अप्रैल को वॉशिंग्टन डीसी में आयोजित की गई थी. यह बैठक भारत की जी20 की अध्यक्षता के अन्तर्गत आयोजित की गई थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन और भारतीय रिजर्ब बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बैठक की संयुक्त अध्यक्षता की थी.

मुख्य बिन्दु

  • इस बैठक में जी20 सदस्य देशों के लगभग 350 प्रतिनिधि, 13 आमंत्रित देश और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों ने भागीदारी की.
  • यह बैठक वैश्विक अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय तंत्र, सतत वित्त, वित्तीय क्षेत्र, वित्तीय समावेशन और अंतर्राष्ट्रीय कराधान विषयों पर तीन सत्रों में आयोजित की गई थी.
  • यह बैठक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक समूह की 2023 की स्प्रिंग बैठकों से अलग आयोजित की गई थी.
  • वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) और विश्‍व बैंक (WB) की वार्षिक बैठकों के लिए 10 अप्रैल से अमरीका के दौरे पर थे.
  • वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कल वाशिंगटन डीसी में वैश्विक सार्वभौम ऋण गोलमेज बैठक-जीएसडीआर में भाग लिया.