आठ पश्चिम अफ्रीकी देशों ने अपनी साझा मुद्रा का नाम बदल कर ‘इको’ (ECO) करने का फैसला किया है. ये देश हैं– बेनिन, बुर्किना फासो, गिनी-बिसाउ, आईवरी कोस्ट, माली, नाईजर, सेनेगल और टोगो. ये देश वर्तमान में ‘CFA फ्रैंक’ नाम से मुद्रा का उपयोग करते रहे थे. ‘CFA फ्रैंक’ का फ्रांसीसी उपनिवेश काल से जुड़ाव खत्म करने के उद्देश्य से मुद्रा के नाम में बदलाव किये गया है. गिनी-बिसाउ को छोड़कर ये सभी देश फ्रांस के उपनिवेश रहे थे.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की आइवरी कोस्ट यात्रा के दौरान 21 दिसम्बर को यह घोषणा की गई. आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति एलास्साने ओउत्तारा ने देश की आर्थिक राजधानी आबिदजान में तीन बड़े बदलावों की घोषणा की. इनमें मुद्रा का नाम बदलना, फ्रांस के खजाने में 50 प्रतिशत से अधिक मुद्रा भंडार रखना और मुद्रा के संबंध में किसी भी तरह से फ्रांस का हस्तक्षेप रोकना शामिल था.
श्री मैक्रों ने इस निर्णय को एक ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि इको मुद्रा 2020 से प्रचलन में आ जाएगी. 1945 में शुरू की गई CFA फ्रैंक को इन देशों के आजाद होने के बाद भी पूर्व अफ्रीकी उपनिवेशों में फ्रांस के हस्तक्षेप के रूप में देखा जाता था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-22 23:32:032019-12-23 11:19:47आठ पश्चिम अफ्रीकी देशों ने अपनी साझा मुद्रा का नाम बदल कर ‘इको’ करने का फैसला किया
चाबहार बंदरगाह के विकास और प्रबंधन समझौते के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए 20 दिसम्बर को नई दिल्ली में बैठक हुई. इस बैठक में भारत, अफगानिस्तान और ईरान के अधिकारियों ने भाग लिया. इस बैठक में तीनों देशों ने इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड द्वारा दिसंबर 2018 में बंदरगाह का कामकाज संभालने के बाद हुई प्रगति का स्वागत किया है.
इस बैठक में पारगमन, परिवहन, सीमा शुल्क और परामर्श सेवा मामलों को आसान बनाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर सहमति हुई. चाबहार बंदरगाह को लोकप्रिय बनाने के लिए अफगानिस्तान और भारत में प्रचार और व्यापार कार्यक्रम आयोजित करने पर भी सहमति बनी.
चाबहार बंदरगाह: एक दृष्टि
चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) दक्षिण-पूर्वी ईरान में स्थित ओमान की खाड़ी के तट एक बंदरगाह है. यह पाकिस्तान के गवादर बंदरगाह के पश्चिम की तरफ मात्र 72 किलोमीटर की दूरी पर हैं. इस बंदरगाह का विकास भारत के सहयोग से किया गया है.
इस बंदरगाह की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार है कि पाकिस्तान के रास्ते का उपयोग किये बिना भारत अफगानिस्तान, यूरोप तथा मध्य एशिया के साथ व्यापर कर सकता है. भारत ने मई 2016 में ईरान और अफगानिस्तान के साथ एक त्रिपक्षीय कनेक्टिविटी समझौते पर हस्ताक्षर था.
चाबहार बंदरगाह के पहले चरण (शाहिद बेहेश्ती) के क्रियान्वयन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर फरवरी, 2018 किये गये थे. इस समझौते के तहत भारतीय कंपनी ‘इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड’ इसके संचालन का अंतरिम प्रभार दिया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-21 23:25:112019-12-22 00:01:57चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन समझौते के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में बैठक
अमरीका और चीन ने हाल ही में व्यापार समझौते के पहले चरण पर सहमति बनी है. अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की. इस घटना क्रम में दोनों देशों ने व्यापार में संरचनात्मक सुधार और व्यापार शुल्क में छूट की घोषणा की है. विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच 18 महीनों का व्यापारिक गतिरोध वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन गया था.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि आयात कर को हथियार बनाकर लड़ी जा रही अमरीका-चीन व्यापार युद्ध के चलते अमेरिका के आर्थिक विकास में 0.6 प्रतिशत और चीन के आर्थिक विकास में 2 प्रतिशत की कमी आई है.
अमरीका चीन व्यापार समझौता: एक दृष्टि
व्यापार समझौते में चीन की अर्थव्यवस्था और व्यापार क्षेत्र में बौद्धिक संपदा, तकनीक का हस्तांतरण, कृषि, वित्तीय सेवाओं, मुद्रा और विदेशी मुद्रा में परिवर्तन और संरचनात्मक सुधार की जरूरत होगी. चीन आने वाले वर्षों में अतिरिक्त अमरीकी वस्तुओं और सेवाओं की खरीद करेगा. अमरीका 1974 के व्यापार अधिनियम की धारा-301 में परिवर्तन करेगा.
समझौते के तहत 160 अरब डॉलर के चाइनीज आयात पर 15 दिसंबर से प्रस्तावित अमेरिकी आयात शुल्क टल जाएगा. चीन ने भी 15 दिसंबर से अमरीकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला टाल दिया है. समझौते में चीन 2020 में अमेरिका से 50 अरब डॉलर के कृषि उत्पाद और अन्य वस्तुएं खरीदने पर सहमत हुआ है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-15 23:02:182019-12-15 23:02:18अमरीका और चीन के बीच व्यापार समझौते के पहले चरण पर सहमति
अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा ने मैक्सिको सिटी में 10 दिसम्बर को एक समझौते (United States–Mexico–Canada Agreement) पर हस्ताक्षर किया. यह समझौता अब अंतिम अनुमोदन के लिए संबंधित देशों की संसद में भेजा जाएगा.
यह समझौता दो साल से अधिक समय तक चली सघन बातचीत के बाद हुआ है. यह नया समझौता 25 साल पुराने उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) का स्थान लेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नाफ्टा की लगातार आलोचना करते आये हैं.
समझौते में श्रम सुधार, पर्यावरण संबंधी मसलों की निगरानी आदि को कठोर बनाने के प्रावधान शामिल किये गये हैं. इसमें औषधियों के सस्ते जेनेरिक संस्करणों की राह में बाधा बनने वाले प्रावधानों को भी दूर करने के उपाय किये गये हैं.
समझौते पर अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर, कनाडा की उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड और मैक्सिको के शीर्ष वार्ताकार जीसस सिएड ने हस्ताक्षर किये. मैक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) क्या है?
NAFTA, उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (North American Free Trade Agreement का संक्षिप्त रूप है. यह एक व्यापार समझौता है जो मेक्सिको, कनाडा और अमेरिका के बीच 1 जनवरी, 1994 से प्रभाव में आया था. इस संधि का उद्देश्य उपरोक्त तीन उत्तर अमेरिकी देशों के बीच मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-13 23:53:092019-12-14 00:05:13अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा के बीच USMCA व्यापर समझौता, नाफ्टा का स्थान लेगा