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जापान अपने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की सतह पर उतारने वाला का विश्व का पांचवां देश बना

जापान ने 19 जनवरी को ‘मून स्नाइपर’ नामक प्रोब की सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी. स्नाइपर प्रोब को जापान द्वारा प्रक्षेपित अंतरिक्ष यान ‘SLIM’ के माध्यम से चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतारा गया था. इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला विश्व का पांचवां देश बन गया.

मुख्य बिन्दु

  • जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) ने अपने अंतरिक्ष यान SLIM को 7 सितंबर 2023 को  चंद्रमा के लिए प्रक्षेपित किया था. SLIM का मतलब स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून मिशन है.
  • हालांकि, बिजली की खराबी के कारण अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर केवल कुछ घंटों तक ही टिक सका. इसके सौर पैनल बिजली उत्पन्न करने में सक्षम नहीं थे.
  • चंद्रमा पर पहुंचने के मामले में जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ, चीन और भारत के बाद पांचवां देश है.
  • JAXA ने लक्ष्य के 100 मीटर के भीतर स्नाइपर प्रोब की लैंडिंग की है. यह प्रोब 25 दिसंबर 2023 को चांद के ऑर्बिट में दाखिल हुआ था. इसे बाद से ही ये चांद के चक्‍कर काट रहा था और धीरे-धीरे सतह की तरफ बढ़ रहा था.
  • मून स्नाइपर चांद पर मिनरल्स की जांच कर उसके ढांचे और अंदरूनी हिस्सों के बारे में जानकारी जुटाएगा. जापान स्‍पेस एजेंसी के इस मिशन में करीब 102 मिलियन डॉलर खर्च आने की बात बताई जा रही है.

चीन ने जापान से समुद्री भोजन के सभी आयात पर प्रतिबंध लगाया

चीन ने जापान से समुद्री भोजन के सभी आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. चीन के सीमा शुल्क अधिकारियों ने इसकी घोषणा 24 अगस्त को की थी.

मुख्य बिन्दु

  • तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी द्वारा फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित पानी प्रशांत महासागर में छोड़ना शुरू करने के बाद चीन ने ये फैसला किया है.
  • चीन ने कहा कि इसका उद्देश्य रेडियोधर्मी पानी के निकलने से दूषित भोजन के खतरे को खत्म करना और खाद्य पदार्थ तथा चीन के लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है.
  • चीन, जापान के समुद्री भोजन का सबसे बाद आयातक है. इस प्रतिबंध से जापान के मछली पकड़ने के उद्योग पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है और इससे द्विपक्षीय संबंधों में और गिरावट आ सकती है.

जापान ने 863 अरब डॉलर के रक्षा महाबजट का ऐलान किया

जापान ने रक्षा क्षेत्र के लिए 863 अरब डॉलर महाबजट की घोषणा की है. इस महाबजट की घोषणा जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किश‍िदा की कैबिनेट ने की.

मुख्य बिन्दु

  • जापान ने यह अरबों डॉलर का बजट ऐसे समय पर घोषित किया है जब चीन और उत्तर कोरिया के साथ जंग का खतरा मंडरा रहा है.
  • जापान सैन्‍य अड्डों, युद्धपोतों और अन्‍य जंगी जहाजों के लिए जमकर रक्षा खर्च करना शुरू किया है. इसके लिए सरकार बांड भी जारी करने जा रही है जो अपने आप में एक अप्रत्याशित कदम माना जा रहा है.
  • इस रक्षा बजट में तब बढ़ोत्‍तरी हुई है जब किशिदा सरकार ने अपने रक्षा खर्च को साल 2027 तक दोगुना करके 2 प्रतिशत तक पहुंचाने की विवादित योजना पेश की है.
  • जापानी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए अच्‍छी बात यह है कि उसे रेकॉर्ड टैक्‍स राजस्‍व प्राप्‍त होने जा रहा है. इससे पता चलता है कि जापानी कंपनियों का लाभ बढ़ रहा है.
  • जापान दूसरे विश्‍वयुद्ध के समय से ही एक रक्षात्मक रवैया अपनाता रहा है लेकिन अब चीन के खतरे को देखते हुए लगातार अपनी रक्षा तैयारी को मजबूत कर रहा है.
  • जापान को डर है कि चीन ताइवान पर कब्‍जा करने के बाद उसे निशाना बना सकता है. यही वजह है कि जापान जवाबी हमला करने की ताकत हासिल करना चाहता है. पिछले दिनों उत्‍तर कोरिया ने जापान के पास मिसाइल दागकर अपने खतरनाक इरादे साफ कर दिए थे.

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा की ऑस्ट्रेलिया यात्रा

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर थे. इस यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अलबानीज ने द्विपक्षीय वार्ता की थी.

मुख्य बिन्दु

  • दोनों नेताओं ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती हठधर्मिता के बीच व्यावहारिक रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है.
  • प्रधानमंत्री किशिदा ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किये. इस घोषणा-पत्र में जापान और ऑस्ट्रेलिया ने अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहे देशों के खिलाफ कार्रवाई करने पर सहमति व्यक्त की.
  • घोषणापत्र में दोनों प्रधानमंत्रियों ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा परिकल्पित मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व की पुष्टि की.

जापान ने हाइड्रोजन इंधन से चलने वाली ट्रेन विकसित किया

जापान ने हाइड्रोजन इंधन (Hydrogen Fuel) से चलने वाली ट्रेन विकसित किया है. जापान में मार्च 2022 में इस ट्रेन का परीक्षण किया जायेगा. इसकी कमर्शियल सर्विसेज साल 2030 में शुरू होने की संभावना है.

मुख्य बिंदु

  • यह जापान के पहली हाइड्रोजन-संचालित ट्रेन है. जो 2050 तक कार्बन न्यूट्रल (Carbon Neutral) बनने के देश के लक्ष्य की ओर एक कदम है.
  • जापान का लक्ष्य साल 2050 तक एक प्रमुख क्लीन एनर्जी सोर्स के रूप में हाइड्रोजन (क्लीन एनर्जी सोर्स) के उपयोग की मात्रा को 20 मिलियन टन तक बढ़ाना है.
  • दो कार ‘हाइबारी’ ट्रेन (Hybari Train) की लागत लगभग 35 मिलियन डॉलर (4 बिलियन येन) है और यह एक बार हाइड्रोजन भरने के बाद 140 किलोमीटर (87 मील) तक 100 किमी/घंटा की टॉप स्पीड से यात्रा कर सकती है.
  • ईस्ट जापान रेलवे कंपनी (East Japan Railway Co) ने टोयोटा मोटर और हिताची के साथ मिलकर हाइड्रोजन चालित ट्रेन को विकसित किया है.
  • अब तक यूरोप हाइड्रोजन ट्रेनों में अग्रणी रहा है. जर्मनी में साल 2018 में अलस्टॉम एसए (Alstom SA) द्वारा बनाई गई दुनिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन शुरू हुई. सीमेंस एजी (Siemens AG) और ड्यूश बहन एजी (Deutsche Bahn) नई रीजनल ट्रेनें और स्पेशल फ्यूलिंग स्टेशन विकसित कर रहे हैं और 2024 में उनका परीक्षण करेंगे.

चीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया-जापान ने एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए

चीन के खिलाफ 10 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया और जापान ने एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के एयरबेस, बंदरगाहों, रसद और बुनियादी सुविधाओं तक गहरी पहुंच की अनुमति देता है. इस डील से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन को साधने में मदद मिलने की संभावना है, क्योंकि चीन बहुत तेजी से अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने ऑनलाइन एक सम्मेलन में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह अमेरिका के अलावा किसी भी देश के साथ जापान द्वारा हस्ताक्षरित ऐसा पहला रक्षा समझौता है.

मुख्य बिंदु

  • ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच हुए रक्षा समझौते के कारण दोनों देशों की सेनाएं एक साथ प्रशिक्षण, अभ्यास और संचालन में भी तेजी ला सकती हैं. ऐसे में अगर भविष्य में चीन के साथ कोई युद्ध होता है तो दोनों देश एक साथ मिलकर प्रभावी और तेज जवाबी कार्रवाई भी कर सकते हैं.
  • इसका उद्देश्य कानूनी बाधाओं को खत्म करना है, ताकि एक देश के सैनिकों को प्रशिक्षण और अन्य उद्देश्यों के लिए दूसरे में प्रवेश करने की अनुमति मिल सके.
  • इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती आक्रामकता से सबसे अधिक खतरा भारत को है. ऐसे में भारत से भी अपेक्षा की जा रही है कि वह दुनिया के बाकी चीन विरोधी देशों के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करे.

जापान में फुमियो किशिदा एक बार फिर प्रधानमंत्री चुने गए

जापान में फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) एक बार फिर प्रधानमंत्री चुने गए हैं. हाल ही में हुए संसदीय चुनाव में अपनी सत्तारुढ़ ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (Liberal Democratic Party – LDP) की बड़ी जीत के बाद उन्हें प्रधानमंत्री चुना गया है.

इससे पहले जापानी संसद ने हाल ही में उन्हें उन्हें प्रधानमंत्री चुना था, जिसके बाद उन्होंने तत्काल चुनाव कराने की घोषणा की थी. 465 सदस्यीय निचले सदन में किशिदा की पार्टी को 261 सीटों पर जीत मिली है.

फुमियो किशिदा जापान में ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ के नेता हैं. इससे पहले योशिहिदे सुगा (Yoshihide Suga) ने कोविड-19 के प्रबंधन और महामारी के बीच टोक्यो ओलंपिक कराने के फैसले को लेकर आचोलनाओं के चलते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह एक साल तक प्रधानमंत्री रहे थे.

जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने अपने पद से त्यागपत्र की घोषणा की

जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने 4 सितम्बर को अपने पद से त्यागपत्र की घोषणा की. कोविड-19 के सरकारी प्रबंधन को लेकर लोगों में व्याप्त अक्रोश के बाद उन्होंने अपना त्यागपत्र दिया है.

इससे पहले उन्होंने जापान में सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पद के लिए इस महीने होने वाले चुनाव में भाग नहीं लेने की घोषणा की थी. इस चुनाव का विजेता ही इस साल होने वाले आम चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करेगा. जापान में आम चुनाव इस वर्ष 30 नवम्बर तक होने हैं.

एक साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो एबे के प्रधानमंत्री पद से हट जाने के बाद सुगा जापान के प्रधानमंत्री बने थे.

जापान ने अपने रक्षा बजट को लगातार नौवीं बार बढ़ाने को मंजूरी दी

जापान ने देश के रक्षा बजट को लगातार नौवीं बार बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के कार्यकाल का यह पहला बजट है. वित्त वर्ष 2021 में रिकॉर्ड 5.34 ट्रिलियन येन (51.7 अरब अमेरिकी डॉलर) का रक्षा बजट पेश करने की योजना है. यह बजट मौजूदा वित्त वर्ष के रक्षा बजट से 1.1 प्रतिशत अधिक होगा. अगले वर्ष की शुरुआत में इसे 106 ट्रिलियन येन (10.3 खरब अमेरिकी डॉलर) के राष्ट्रीय बजट के साथ संसद की मंजूरी दी जाएगी.

प्रस्तावित बजट में लंबी दूरी की मिसाइलें विकसित करने का खर्च भी शामिल है, जिन्हें लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है. ये मिसाइलें धानमंत्री सुगा मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में पेश की गई नयी मिसाइल योजना का हिस्सा हैं. इस योजना को अमल में लाकर जापान पूर्वी चीन सागर में अपने नियंत्रण वाले उन टापुओं में मिसाइलों की तैनाती बढ़ा सकेगा, जिनपर चीन भी अपना दावा जताता है.

जापान सरकार चीन और उत्तर कोरिया से संभावित खतरे से निपटने के लिए लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें और रेडार से बच निकलने में सक्षम लड़ाकू विमान विकसित करने के लिये रक्षा बजट बढ़ाना चाहती है.

ऑस्‍ट्रेलिया और जापान के बीच एतिहासिक रक्षा समझौता

ऑस्‍ट्रेलिया और जापान ने हाल ही में एक एतिहासिक रक्षा समझौता किया है. इस समझौते के तहत दोनों देश सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. इस समझौते को रेसिप्रोकल एक्‍सेस एग्रीमेंट (Reciprocal Access Agreement-RAA) नाम दिया गया है.

यह समझौता ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरिसन की जापान यात्रा के दौरान जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में हुए. हालांकि औपचारिक तौर पर इसे हस्ताक्षर किया जाना बाकी है. इस समझौते के बाद ऑस्‍ट्रेलिया और जापान की सेनाएं एक-दूसरे के बेसेज का प्रयोग कर सकेंगी.

यह समझौता हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काफी अहम है जिस कारण चीन अपने खिलाफ मान रहा है. चीन ने दोनों देशों को इसके खिलाफ कदम उठाए जाने की चेतावनी दी है.

योशिदे सुगा जापान के नए प्रधानमंत्री चुने गये, शिंजो आबे की जगह लेंगे

योशिदे सुगा (Yoshihide Suga) को जापान का नया प्रधानमंत्री चुना गया है. वह निर्वतमान प्रधानमंत्री शिंजो आबे की जगह लेंगे. शिंजो आबे ने स्वास्थ्य कारणों को लेकर कुछ ही दिन पहले पद से इस्तीफा दे दिया था.

जापान में सत्‍तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के नेतृत्‍व के चुनाव में योशिदे सुगा को जीत मिली है. आबे के कार्यकाल के दौरान 71 साल के सूगा कई महत्‍वपूर्ण पद संभाल चुके हैं. लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य योशिदे सुगा पार्टी में किसी गुट से संबद्ध नहीं रहे हैं. योशिदे सुगा, जापान में सबसे लंबे समय तक मुख्य कैबिनेट सचिव रहे हैं.

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपने पद से त्यागपत्र दिया

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से 28 अगस्त को त्यागपत्र दे दिया। 65 वर्षीय आबे ने जापान के प्रधानमंत्री के रूप में 7 साल और 8 महीने कार्य किया.

शिंजो आबे जापान के इतिहास में सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधान मंत्री बन गए हैं. वे 26 दिसंबर 2012 से जापान के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे. इससे पहले उन्होंने जुलाई 2006 से सितंबर 2007 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था. तब वह देश के सबसे कम उम्र (52 वर्ष) के प्रधानमंत्री बने थे.