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दक्षिण चीन सागर में चार देशों का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया गया

दक्षिण चीन सागर में 7 अप्रैल 2024 को चार देशों का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया गया था. इन देशों में अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और फिलीपींस शामिल थे.

मुख्य बिन्दु

  • यह अभ्यास चीन की आक्रामकता को देखते हुए आयोजित किया गया था. संयुक्त अभ्यास में पनडुब्बी रोधी युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास भी शामिल था.
  • यह इस क्षेत्र में पहला साझा नौसैन्य अभ्यास था. यह अभ्यास चीन के क्षेत्रीय दावों पर जोर देने की आक्रामक कार्रवाईयों से पैदा चिंताओं के बीच हुआ है.
  • दक्षिण चीन सागर विवाद का मुख्य कारण समुद्र पर विभिन्न क्षेत्रों का दावा करना. चीन, दक्षिण-चीन सागर के 80% भाग को अपना मानता है.

दक्षिण चीन सागर का महत्व

  • दक्षिण चीन सागर को दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक माना जाता है. यह व्यापार तथा परिवहन के लिये एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है.
  • दक्षिण चीन सागर में स्थित विभिन्न देशों के बीच इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करने को लेकर तनाव व्याप्त है.
  • इस क्षेत्र की मूल विवाद की जड़ है दक्षिण चीन सागर में स्थित स्पार्टली और पार्सल द्वीप, क्योंकि यह दोनों द्वीप कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से परिपूर्ण हैं.
  • मत्स्य व्यापार में शामिल देशों के लिए यह जल क्षेत्र काफी महत्त्वपूर्ण है. साथ ही इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण इसका सामरिक महत्त्व भी बढ़ जाता है.

फिलीपींस और चीन के मध्य दक्षिण चीन सागर पंचाट

  • फिलीपींस ने 22 जनवरी 2013 को समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुबंध VII के तहत चीन के विरुद्ध मध्यस्थ कार्यवाही आरंभ की थी.
  • इस मध्यस्थता न्यायालय में फिलीपींस ने चीन पर इस क्षेत्र पर दबदबा कायम करने सहित कई अन्य आरोप लगाए थे.
  • चीन इन सभी कार्यवाही में गैर हाजिर रहा. चीन ने इस मध्यस्थता को स्वीकार करने से मना कर दिया.

भारतीय वायुसेना ने जैसलमेर में युद्धाभ्यास गगनशक्ति आयोजित किया

जैसलमेर में 1-10 अप्रैल तक भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास ‘गगनशक्ति’ (Gaganshakti Exercise) 2024 आयोजित किया गया था. इस युद्धाभ्यास को वायुसेना का सबसे बड़ा अभ्यास माना जा रहा है.

गगनशक्ति-2024: मुख्य बिन्दु

  • गगनशक्ति-2024 युद्धाभ्यास राजस्थान में जैसलमेर जिले की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया गया था. युद्धाभ्यास में भारतीय थल सेना ने भी सहयोग दिया.
  • इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के करीब 10 हजार वायु सैनिकों ने भाग लिया था. अभ्यास में तेजस, राफेल, सुखोई 30, जगुआर, ग्लोबमास्टर, चिनूक, अपाचे, प्रचंड सहित कई लड़ाकू विमान व हेलीकॉप्टर्स की भागीदारी थी.
  • गगनशक्ति युद्धाभ्यास का आयोजन भारतीय वायुसेना द्वारा सामान्यतः प्रत्येक पाँच वर्ष में होता है। इससे पूर्व ‘गगन शक्ति’ अभ्यास का आयोजन वर्ष 2018 में किया गया था.

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास टाइगर ट्रायम्फ-24 आयोजित किया गया

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) की नौसेनाओं ने 18 से 31 मार्च तक ‘टाइगर ट्रायम्फ-24’ (Tiger Triumph Exercise 24) सैन्य अभ्यास आयोजित किया था. यह अभ्यास भारत के पूर्वी समुद्री तट पर आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) था.

टाइगर ट्रायम्फ-24: मुख्य बिन्दु

  • इस अभ्यास में भारतीय नौसेना, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ-साथ अमेरिकी नौसेना, अमेरिकी मरीन कॉर्प्स और अमेरिकी सेना के युद्धपोत और सैनिक शामिल हुए थे.
  • टाइगर ट्रायम्फ-24 अभ्यास का उद्देश्य मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR)  ऑपरेशनों के संचालन के लिए अमेरिकी और भारतीय सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता विकसित करना था.
  • अभ्यास को दो चरणों में विभाजित किया गया था- हार्बर चरण (18-25 मार्च) और समुद्री चरण (19-31 मार्च). हार्बर चरण के दौरान, दोनों नौसेनाओं के कार्मिक प्रशिक्षण, विषय-वस्तु विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, खेल आयोजन आदि थे.
  • समुद्री चरण में समुद्री, जलस्थलीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR)  ऑपरेशन आयोजित किया गया. समुद्री चरण के पूरा होने के बाद समापन समारोह आयोजित किया गया था.

टाइगर ट्रायम्फ: एक दृष्टि

  • टाइगर ट्रायम्फ भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के सशस्त्र बलों के बीच एक द्विपक्षीय त्रि-सेवा उभयचर सैन्य अभ्यास है. यह दोनों देशों के बीच पहला त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास है.
  • भारत और अमेरिका ने 6 सितंबर 2018 को एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें 2019 में भारत में एक संयुक्त थल, वायु और समुद्री अभ्यास आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई थी.
  • ‘टाइगर ट्रायम्फ’ नाम दोनों देशों के राष्ट्रीय पशुओं से लिया गया है. भारत के लिए बंगाल टाइगर और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए बाल्ड ईगल.

भारत-सेशेल्स के बीच ‘LAMITIYE-2024’ संयुक्त अभ्यास आयोजित किया गया

भारत और सेशेल्स के बीच 18 से 27 मार्च तक सेशेल्स में ‘LAMITIYE-2024’ संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था. भारतीय सेना की एक टुकड़ी सेशेल्स रक्षा बलों (एसडीएफ) के बेहतर द्विपक्षीय संबंध बनाने के लिए यह अभ्यास आयोजित किया गया था. यह LAMITIYE द्विवार्षिक अभ्यास का दसवां संस्करण था.

LAMITIYE-2024 संयुक्त अभ्यास: मुख्य बिन्दु

  • LAMITIYE-2024 का उद्देश्य शांति अभियानों पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत द्विपक्षीय साझेदारी बढ़ाना था. इस अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं के बीच कौशल, अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान हुआ.
  • भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स रेजिमेंट के 45 कर्मियों की एक टुकड़ी अभ्यास के लिए एसडीएफ के साथ शामिल हुई थी.
  • LAMITIYE द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो 2001 से सेशेल्स में आयोजित किया जा रहा है.

सेशेल्स: एक दृष्टि

  • सेशेल्स, हिंद महासागर में स्थित एक द्वीपसमूह राष्ट्र है. यह अफ़्रीकी महाद्वीप से करीब 1,500 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में और मेडागास्कर के उत्तर-पूर्व में स्थित है. सेशेल्स में 115 द्वीप हैं और इसकी राजधानी विक्टोरिया है. सेशेल्स की आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी और फ़्रेंच है.
  • यह द्वीपसमूह, केवल 452 वर्ग किमी के छोटे भूभाग और लगभग 98,000 की आबादी के बावजूद अत्यधिक भू-रणनीतिक महत्व रखता है.
  • चीन हिंद महासागर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सक्रिय रूप से पहल कर रहा है, जिससे भारत के लिए सेशेल्स जैसे देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना महत्वपूर्ण हो गया है. भारत ने सेशेल्स में अज़म्प्शन द्वीप समूह पर एक हवाई पट्टी विकसित करने में भी मदद की है.

भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘SLINEX-23’ कोलंबो में आयोजित किया गया

भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘SLINEX-23’ का 10वां संस्करण 03 से 08 अप्रैल 2023 तक कोलंबो में आयोजित किया गया था. इस अभ्यास में दोनों सेनाओं के युद्धपोत और हेलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया.

मुख्य बिन्दु

  • यह अभ्यास दो चरणों – 3-5 अप्रैल 2023 तक बंदरगाह चरण और उसके बाद 6-8 अप्रैल 2023 तक समुद्री चरण में आयोजित किया गया था.
  • श्रीलंका-भारत के बीच SLINEX का 9वां संस्करण मार्च, 2022 में विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था.
  • इस द्विपक्षीय अभ्यास में श्रीलंका नौसेना का प्रतिनिधित्व SLNS Gajabahu और SLNS Sagara ने किया. भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व INS Kiltan, स्वदेशी Kamorta वर्ग ASW corvette और अपतटीय गश्ती पोत INS Savitri ने किया.
  • इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच बहुआयामी समुद्री संचालन के लिए अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ में सुधार और सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है.
  • पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति और ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ के तहत आपसी सहयोग को मजबूत करने का दायरा बढ़ा है.

भारतीय वायु सेना ने ब्रिटेन के वैडिंगटन में कोबरा वारियर वायु अभ्यास में भाग लिया

अभ्यास कोबरा वॉरियर (Exercise Cobra Warrior) 2023 का आयोजन 06 से 24 मार्च तक ब्रिटेन में रॉयल एयर फोर्स के वैडिंगटन एयर फोर्स बेस में किया गया था. इस अभ्यास में 145 वायु सैनिकों वाली भारतीय वायु सेना की एक टुकड़ी ने हिस्सा लिया था.

इस अभ्यास में फिनलैंड, स्वीडन, दक्षिण अफ्रीका, अमरीका और सिंगापुर की वायु सेनाएं भी रॉयल एयर फोर्स तथा भारतीय वायु सेना के साथ हिस्सा लिया था.

मुख्य बिन्दु

  • भारतीय वायु सेना इस वर्ष पांच मिराज 2000 लड़ाकू विमानों, दो सी-17 ग्लोबमास्टर III और एक आईएल-78 मिड एयर रिफ्यूलर विमान के साथ इस अभ्यास में भाग लिया.
  • कोबरा वारियर एक्सरसाइज एक बहुपक्षीय वायु सैन्य अभ्यास है, जिसका आयोजन वर्ष में दो बार किया जाता है. इसका उद्देश्य भिन्न-भिन्न लड़ाकू विमानों की विविध गतिविधियों में शामिल होना और अलग-अलग वायु सेनाओं की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखना है.

भारत और इंडोनेशिया के बीच गरुड़ शक्ति अभ्यास आयोजित किया गया

भारत और इंडोनेशिया के बीच 21 नवंबर से 3 दिसम्बर तक गरुड़ शक्ति अभ्यास (Garuda Shakti Exercise) आयोजित किया गया था. यह इस अभ्यास का आठवां संस्करण था जिसका आयोजन इंडोनेशिया के करावांग में संगगा बुआना प्रशिक्षण क्षेत्र में किया गया था.

गरुड़ शक्ति अभ्यास

  • गरुड़ शक्ति अभ्यास भारत और इंडोनेशिया के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास है. यह भारतीय सेना के पैरा स्पेशल फोर्स को शामिल करते हुए 2012 से आयोजित किया जा रहा है.
  • इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारत और इंडोनेशिया की सेनाओं के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ाना है.

भारत-अमरीका संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण युद्ध अभ्यास उत्‍तराखण्‍ड में आयोजित किया गया

भारत-अमरीका संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण युद्ध अभ्यास का 18वां संस्करण 15-29 नवंबर तक उत्‍तराखण्‍ड के औली में आयोजित किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस अभ्यास में मुख्य रूप से अधिक ऊंचाई और अधिक ठंड में युद्ध पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया था.
  • इस वार्षिक अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच श्रेष्ठ तकनीक, रणनीति कौशल और क्रिया-कलापों का आदान-प्रदान किया जाना था.
  • अमरीकी सेना की ग्‍यारहवीं एयरबॉर्न डिवीजन की सैकेंड ब्रिगेड और भारतीय सेना की असम रेजीमेंट के जवान इस अभ्यास में हिस्सा लिया.

जापान और अमेरिका ने ‘कीन सोर्ड’ संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया

जापान और अमेरिका ने 10 से 19 नवंबर तक ‘कीन सोर्ड’ (Keen Sword) नाम से एक संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया था. इसका आयोजन दक्षिणी जापान में एक जापानी हवाई अड्डे और उसके आसपास कई अन्य स्थानों पर किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस अभ्यास में जापानी जमीनी, समुद्री और वायु आत्मरक्षा बलों के लगभग 26,000 कर्मी शामिल हुए थे. साथ ही लगभग 10,000 अमेरिकी सैनिक, जिनमें कुलीन ‘अंतरिक्ष बल’ के सैनिक भी शामिल थे.
  • अभ्यास में बैलिस्टिक मिसाइलों के खतरे का जवाब देना और रक्षा के नए क्षेत्रों जैसे बाहरी अंतरिक्ष और साइबर स्पेस में संचालन शामिल था.
  • कीन सोर्ड अभ्यास अमेरिका और जापान के बीच प्रत्येक दो वर्ष में आयोजित किया जाता है. यह अभ्यास 1986 से आयोजित किया जा रहा है.
  • यह अभ्यास क्षेत्र में बढ़ती चीनी आक्रामकता के बीच विश्वसनीय प्रतिरोध का निर्माण करना है. चीन ने सैन्य प्रतिष्ठानों और हवाई क्षेत्रों से लैस कृत्रिम द्वीपों का निर्माण करके लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपने दावों को मजबूत किया है.
  • चीन, पूर्वी चीन सागर में जापान द्वारा नियंत्रित द्वीपों की एक श्रृंखला पर अपना दावा करता है. इसके अलावा ताइवान पर सैन्य उत्पीड़न को तेज कर दिया है.
  • संयुक्त अभ्यास उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल फायरिंग का जवाब देने की तैयारी भी माना जा रहा है. उत्तर कोरिया हाल ही में 30 से अधिक मिसाइल परीक्षण कर चुका है जिसमें एक कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र में गिरा था.

भारत ऑस्ट्रेलिया के ‘पिच ब्लैक’ वायु युद्ध अभ्यास में भाग लेगा

भारतीय वायुसेना, पहली बार ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित ‘पिच ब्लैक’ (Exercise Pitch Black) वायु युद्ध अभ्यास में भाग लेगा. इसका आयोजन रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना द्वारा 19 अगस्त से 6 सितंबर तक होगा. भारत की भागीदारी की पुष्टि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने की है.

पिच ब्लैक: मुख्य बिन्दु

पिच ब्लैक 2022 अभ्यास में भारत समेत 17 देश भाग लेंगे. इस वर्ष प्रतिभागी राष्ट्र ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्राँस, जर्मनी, इंडोनेशिया, भारत, जापान, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूके और अमेरिका हैं.

अभ्यास “पिच ब्लैक” हर दो साल में रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना (RAAF) द्वारा आयोजित किया जाता है. कोविड-19 महामारी के कारण “पिच ब्लैक” चार साल के अंतराल पर होने जा रहा है. पहला पिच ब्लैक अभ्यास 15-16 जून, 1981 में आयोजित किया गया था.

बहुराष्ट्रीय सेनाओं का अभ्यास खान क्वेस्ट मंगोलिया में आयोजित किया गया

बहुराष्ट्रीय सेनाओं का अभ्यास ‘खान क्वेस्ट 2022’ (Ex Khaan Quest 2022) मंगोलिया में 6 जून से 19 जून तक आयोजित किया गया था. इस सैन्य अभ्यास से भारत सहित 16 देशों की सेनाओं ने हिस्सा लिया था.

मुख्य बिंदु

  • मंगोलिया के राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख ने इस अभ्यास का उद्घाटन किया था. इस अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व लद्दाख स्काउट्स ने किया.
  • इस अभ्यास का उद्देश्य सभी देशों की सेनाओं के बीच तालमेल बढाना, सेनाओं के स्तर पर संबंधों को मजबूत बनाना और शांति अभियानों के दौरान सैन्य तैयारी में सहयोग करना है.
  • एक्स खान-क्वेस्ट एक बहुराष्ट्रीय शांति रक्षा अभियान अभ्यास है. इसमें एक संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन कमांड पोस्ट अभ्यास शामिल है.

भारत और जापान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ आयोजित किया गया

भारत और जापान के बीच 27 फरवरी से 10 मार्च तक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ (Dharma Guardian) 2022 आयोजित किया गया था. यह अभ्यास बेलागवी, कर्नाटक में आयोजित किया गया था.

मुख्य बिंदु

  • इस अभ्यास में भारतीय सेना की 15वीं बटालियन मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट और जापान की 30वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्सेज ने हिस्सा लिया था.
  • इस संयुक्त अभ्यास में अर्ध-शहरी इलाकों में आतंकवादी ठिकानों पर छापेमारी, घरेलू हस्तक्षेप अभ्यास, फायरिंग, प्राथमिक चिकित्सा, संभावित खतरों को बेअसर करने के लिए अच्छी तरह से विकसित सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला की योजना बनाना और निष्पादित करना शामिल था.

धर्म गार्जियन: एक दृष्टि

धर्म गार्जियन भारत और जापान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 2018 में शुरू हुआ था. यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच होता है. यह अभ्यास सुरक्षा चुनौतियों के मामलों में महत्वपूर्ण है. इस अभ्यास में अर्ध-शहरी और शहरी वातावरण और जंगलों में प्लाटून-स्तरीय संयुक्त संचालन प्रशिक्षण शामिल है.