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भारतीय वायु सेना के विमानों में लद्दाख के नागरिकों के लिए हवाई यात्रा सुविधा

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के विमानों में लद्दाख के नागरिकों के लिए हवाई यात्रा सुविधा फिर शुरू करने के लद्दाख प्रशासन के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी है.

रक्षा मंत्रालय के आदेश के अनुसार लद्दाख के नागरिक लेह, थोइसे और करगिल हवाई अड्डों से देश के अन्‍य भागों की यात्रा कर सकते हैं.

नागरिकों को विमान में रिक्‍त सीटों के बदले यात्रा सुविधा उपलब्‍ध कराई जाएगी और उन्‍हें एयरलिफ्ट प्रभार का भुगतान करना होगा जिसे समय समय पर अधिसूचित किया जाएगा.

भारत में दुनिया की सबसे ऊंची मोटर वाहन चलाने योग्य सड़क का निर्माण

भारत में दुनिया की सबसे ऊंची मोटर वाहन चलाने योग्य सड़क का निर्माण किया गया है. इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) ने पूर्वी लद्दाख में उमलिंग-ला दर्रे पर किया है. यह 19,300 फीट (5798.251 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है. BRO, भारतीय सशस्त्र बल की सड़क बनाने वाली एजेंसी है. BRO ने इस सड़क के निर्माण और ब्लैकटॉपिंग के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड प्राप्त किया है.

मुख्य बिंदु

  • इस ऊंचे पहाड़ी दर्रे से होते हुए BRO ने 52 किलोमीटर लंबी पक्की सड़क बनाई है. उमलिंग ला दर्रे की सड़क अब पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है.
  • उमलिंग ला दर्रा ने अब बोलीविया में स्थित 18,953 फीट के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बोलीविया में पिछली सबसे ऊंची सड़क उटुरुंकु नामक ज्वालामुखी से जुड़ती है.
  • उमलिंग ला दर्रे पर स्थित यह सड़क माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप (आधार शिविरों) से भी ऊंचा है. तिब्बत में उत्तरी बेस 16,900 फीट की ऊंचाई पर है, जबकि नेपाल में दक्षिण बेस कैंप 17,598 फीट पर स्थित है. माउंट एवरेस्ट का शिखर 29,000 फीट से थोड़ा ज्यादा ऊंचा है.
  • उमलिंग ला दर्रा मशहूर खारदुंग ला दर्रे की तुलना में ड्राइवरों के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा.
  • रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस दर्रे का तापमान भीषण सर्दियों के मौसम में माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है. साथ ही, इस ऊंचाई पर ऑक्सीजन का स्तर सामान्य स्थानों की तुलना में लगभग 50 फीसदी कम है. जिससे किसी के लिए भी यहां ज्यादा समय तक रहना बहुत मुश्किल हो जाता है.

लद्दाख ने हिम तेंदुए को राज्य पशु और ब्लैक-नेकेड क्रेन को राज्य पक्षी घोषित किया

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में हिम तेंदुए (पैंथर यूनिका) को राज्य पशु और काले गर्दन वाले क्रेन (ग्रस निक्रिकोलिस) को राज्य पक्षी घोषित किया गया है. इस संबंध में लद्दाख प्रशासन के वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण ने एक अधिसूचना जारी की है.

मुख्य बिंदु

जिस तरह से भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ और राष्ट्रीय पक्षी मोर है उसी तरह हर राज्य का अपना प्रतीक चिन्ह होता है.

काली गर्दन वाला क्रेन पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर का भी राज्य पक्षी और हंगुल राज्य पशु था, जिसमें लद्दाख भी शामिल था. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का राज्य पक्षी को लेकर अभी कोई घोषणा नहीं हुई है जबकि हंगुल (कश्मीरी हिरण) राज्य पशु है.

काली गर्दन वाली क्रेन (सारस), भारत में केवल लद्दाख में पाया जाता है. इसकी ऊंचाई लगभग 1.35 मीटर होती है. इसके पंखों का फैलाव लगभग 2-2.5 मीटर और इसका वजन लगभग 6-8 किलोग्राम होता है, जिसके सिर पर एक चमकदार लाल मुकुट होता है.

भारत में हिम तेंदुओं का निवास स्थान पश्चिमी और पूर्वी हिमालय का पहाड़ी क्षेत्र है. वे मुख्य रूप से लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पाए जाते हैं.

लद्दाख से इनर लाइन परमिट की व्यवस्था को खत्म किया गया

लद्दाख प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के संरक्षित क्षेत्रों से इनर लाइन परमिट (Inner Line Permit – ILP) की आवश्यकता को हटा दिया है. लद्दाख में आने वाले लोगों को यहां की यात्रा के लिए एक विशेष इनर लाइन परमिट लेना होता था.

लद्दाख के जिन हिस्सों के लिए अब तक इनर लाइन परमिट की जरूरत थी, उनमें नुब्रा वैली, खारदुंग ला, तुर्तुक, दाह और पैंगोंग TSO के इलाके शामिल थे.

इनर लाइन परमिट की व्यवस्था खत्म होने पर अब यात्रियों के यहां आने पर किसी सरकारी दस्तावेज की अनिवार्यता नहीं होगी और शुल्क भी बचेगा. इससे पर्यटन के विकास में मदद भी मिलेगी.

क्या होता है इनर लाइन परमिट?

इनर लाइन परमिट एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज (Official Travel Document) होता है. इस परमिट को जिसे संबंधित राज्य सरकार जारी करती है. इस तरह का परमिट भारतीय नागरिकों को देश के अंदर के किसी संरक्षित क्षेत्र में एक तय समय के लिए यात्रा की इजाजत देता है. इस परमिट के एवज में कुछ शुल्क भी सरकारों द्वारा लिया जाता है. लद्दाख के अलावा इनर लाइन परमिट की व्यवस्थाएं पूर्वोत्तर के भी कुछ राज्यों में हैं.

1873 में बना था ब्रिटिश राज का नियम

इनर लाइन परमिट की व्यवस्था को 1873 में ब्रिटिश भारत के कालखंड में लागू किया गया था. इसे तत्कालीन सरकार ने अपने व्यापारिक हितों को संरक्षित करने के लिए बनाया था, जिससे कि प्रतिबंधित इलाकों में भारत के लोगों को व्यापार करने से रोका जाय सके.

प्रधानमंत्री ने लद्दाख की यात्रा कर मौजूदा रक्षा तैयारियों का जायजा लिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई को लद्दाख की यात्रा कर मौजूदा रक्षा तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने लेह में सेना, वायुसेना और ITBP के जवानों को संबोधित किया. इस दौरे में उनके साथ प्रमुख रक्षा अध्‍यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत और सेना अध्‍यक्ष मनोज मुकुन्‍द नरवणे भी थे.

चीन के साथ तनाव के बीच निमू में अग्रिम चौकी पर मौजूद वरिष्‍ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को मौजूदा स्थिति की जानकारी दी. करीब 11 हजार फुट की उंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम क्षेत्रों में शामिल है. यह क्षेत्र जन्‍सकार रेंज से घिरा है और सिन्‍धु नदी के तट पर है. प्रधानमंत्री ने एक बार फिर गलवान घाटी में बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

रिनपोछे की चर्चा: एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बकुला रिनपोछे की चर्चा की. उन्होंने कहा कि लद्दाख ने कुशल बकुला रिनपोछे जैसे महान राष्ट्रभक्त देश को दिये हैं.
  • 19वें कुशक बकुला रिनपोछे कुशक बकुला रिनपोछे के अवतार माने जाते हैं. उनका जन्म 19 मई, 1917 को लेह (लद्दाख) में हुआ था. वे लद्दाख के सर्वाधिक प्रसिद्ध लामाओं में से एक थे.
  • रिनपोछे भारत के अन्तर्राष्ट्रीय राजनयिक भी थे. उन्होने मंगोलिया एवं रूस में बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान के लिये उल्लेखनीय योगदान दिया था.
  • 1922 में 13वें दलाई लामा ने उन्हें 19वाँ कुशक बकुला घोषित किया. तिब्बत की राजधानी ल्हासा के द्रेपुंग विश्वविद्यालय में उन्होंने 14 वर्ष तक बौद्ध दर्शन का अध्ययन किया था.
  • 1947-48 में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण कर दिया. श्री रिम्पोछे ने भारतीय सेना के साथ मिलकर इसे विफल किया और लद्दाख को बचा लिया था.

लद्दाख में वाहनों के पंजीयन के लिये एक नया पंजीयन टैग ‘LA’ जारी किया गया

केंद्र सरकार ने लद्दाख में वाहनों के पंजीयन के लिये नया पंजीयन टैग ‘LA’ जारी किया गया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने ‘मोटर वाहन अधिनियम 1988’ में संशोधन किया है. इस संशोधन में ‘मोटर वाहन अधिनियम 1988’ के क्रम संख्या 17 में एक उपखंड 17-A को शामिल किया गया है. 17-A के तहत लद्दाख ‘LA’ को जोड़ा गया है.

सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था तथा जम्मू कश्मीर और लद्दाख नाम से दो नये केंद्रशासित प्रदेश का गठन किया है. लद्दाख में कारगिल और लेह दो जिले हैं तथा यह अब दूसरा सबसे बड़ा केंद्र शासित प्रदेश है.

लद्दाख के लिए विशेष ग्रेड डीजल आपूर्ति केंद्र का उद्घाटन किया गया

गृहमंत्री अमित शाह ने 17 नवम्बर को लद्दाख के लिए विशेष ग्रेड डीजल आपूर्ति केंद्र का वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया. इस आपूर्ति केंद्र से ठंड में इस्‍तेमाल किए जा सकने वाले विशेष किस्म के डीजल की निर्बाध आपूर्ति की जाएगी.

विशेष ग्रेड डीजल की देश में पहली बार आपूर्ति की जा रही है. यह डीजल -30 डिग्री की तापमान में भी बिना जमे डीजल रहता है. ऊंचाई वाले बेहद ठंडे क्षेत्रों में इस्‍तेमाल के लिए इस डीजल को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने तैयार किया है. लद्दाख, करगिल, काज़ा और केलांग जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड में पारा 0 से 30 डिग्री सेल्‍सियस तक नीचे चला जाता है जिससे यहां डीजल के जमने की समस्‍या आती है.

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बनाने के बाद भारत का नया मानचित्र जारी किया गया

केंद्र सरकार ने नये केंद्रशासित प्रदेश – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनाने के बाद भारत का नया राजनीतिक मानचित्र 3 नवम्बर को जारी किया. भारत के इस मानचित्र में इन दोनों केंद्रशासित प्रदेशों को भी दिखाया गया है. जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद नए मानचित्र में 28 राज्य और 9 केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं.

  • नए मानचित्र में केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में करगिल और लेह जिले शामिल हैं और पहले के जम्मू-कश्मीर राज्य के शेष जिले नवगठित केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बने रहेंगे. इस मानचित्र में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (POK) केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है, जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान लद्दाख क्षेत्र में है.
  • नए मानचित्र में POK के मुजफ्फराबाद और मीरपुर को भी जम्मू-कश्मीर का हिस्सा दिखाया गया है. भारत हमेशा से इन दोनों जिलों को अपना हिस्सा बताता रहा है.
  • लद्दाख का लेह जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा जिला होगा. इसके अलावा कुपवाड़ा, बांदीपोरा, बारामूला, पूंछ, बडगाम, शोपियां, कुलगाम, किश्तवाड़, उधमपुर, डोडा, सांबा, जम्मू, कठुआ, रामबन, राजौरी, अनंतनाग, पुलवामा, श्रीनगर, रियासी और गांदरबल जिले जम्मू-कश्मीर का हिस्सा होंगे.

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केन्द्रशासित प्रदेशों के रूप में अस्तित्व में आया

31 अक्टूबर 2019 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती पर दो केन्द्रशासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आ गये. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बदला गया हो. अब देश में कुल राज्यों की कुल संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 9 हो गयी है.

जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के उप-राज्‍यपालों का शपथ ग्रहण

जम्मू-कश्मीर: गिरीश चन्‍द्र मुरमु को केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला उप-राज्‍यपाल नियुक्त किया गया है. जम्‍मू कश्‍मीर उच्‍च न्‍यायालय की मुख्‍य न्‍यायाधीश गीता मित्‍तल ने 31 अक्टूबर को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

लद्दाख: राधा कृष्ण माथुर को केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख का पहला उप-राज्‍यपाल (लेफ्टि‍नेट गवर्नर) नियुक्त किया गया है. जम्‍मू कश्‍मीर उच्‍च न्‍यायालय की मुख्‍य न्‍यायाधीश गीता मित्‍तल ने 31 अक्टूबर को लेह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

जम्मू-कश्मीर राज्य का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्रशासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठन

इस वर्ष पांच अगस्त को केन्द्र ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 और 35A के प्रावधानों को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन किया था.

पुनर्गठन कानून के मुख्य बिन्दु
  • केंद्रशासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर में पुद्दुचेरी की तर्ज पर एक निर्वाचित विधानसभा और मुख्‍यमंत्री होगा. जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍य की विधान परिषद समाप्‍त कर दी गयी है. सीटों के पुनर्निर्धारण के बाद जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा का पुनर्गठन होगा.
  • लद्दाख, अंडमान और निकोबार की तर्ज पर केंद्रशासित प्रदेश होगा और सीधे उप-राज्‍यपाल द्वारा संचालित होगा. लद्दाख में एक हिल काउंसिल होगी जो उप-राज्‍यपाल के अधीन होगी.
  • लद्दाख और जम्‍मू-कश्‍मीर दोनों के लिए एक ही जम्‍मू-कश्‍मीर उच्‍च न्‍यायालय होगा.
  • 106 केंद्रीय कानून दोनों नए केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होंगे. इनमें आधार अधिनियम-2016, भारतीय दंड संहिता-1860 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 शामिल हैं.
  • अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग तथा अल्‍पसंख्‍यक आयोग दोनों संघ शासित प्रदेशों में बनाए जाएंगे.

देश के कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की घोषणा की गयी

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 अक्टूबर को देश के कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की घोषणा की. उन्होंने नवगठित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के पहले उपराज्यपाल की नियुक्ति की भी घोषणा की. आर्टिकल 370 हटाने के बाद राज्य का पुनर्गठन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया था.

  1. जम्मू-कश्मीर: गिरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है. पुर्नगठन के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है और अब वहां राज्यपाल की जगह उप-राज्यपाल होंगे. भारतीय प्रशासनिक अधिकारी (IAS) गिरीश चंद्र इस समय वित्त मंत्रालय में एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी हैं. मुर्मू नवंबर में सेवानिवृत होने जा रहे हैं.
  2. लद्दाख: IAS अधिकारी रहे राधा कृष्‍णा माथुर को जम्‍मू-कश्‍मीर से अलग होकर बने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का पहला उप-राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया है. नवंबर, 2018 में वह देश के मुख्‍य सूचना आयुक्‍त (CIC) पद से सेवानिवृत हुए थे.
  3. गोवा: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
  4. मिजोरम: पीएस श्रीधरन पिल्लई को मिजोरम का राज्यपाल बनाया है.
  5. लक्षद्वीप: दिनेश्वर शर्मा को लक्षद्वीप का प्रशासक नियुक्त किया गया है. वे जम्मू-कश्मीर वार्ता के लिए केंद्र सरकार के अधिकृत पूर्व-प्रतिनिधि थे.

लद्दाख के अग्रिम क्षेत्र में कर्नल चिवांग रिन्‍चेन सेतु का लोकार्पण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 21 अक्टूबर को लद्दाख के अग्रिम क्षेत्र में कर्नल चिवांग रिन्‍चेन सेतु का लोकार्पण किया. इस पुल का नाम कर्नल चेवांग रिनचेन के नाम पर रखा गया है. उन्हें 1952 में महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था.

यह पुल श्योक नदी पर 14650 फुट की उंचाई पर है. इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) ने मात्र 15 महीनों में किया है. यह पुल पूर्वी लद्दाख के उप सेक्टर में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण दुरबुक श्योक दौलत बेग ओल्डी मार्ग पर निर्मित है. इस पुल के माध्‍यम से वास्‍तविक नियंत्रण रेखा के पास दौलत बेग ओल्‍डी तक सेना तेजी से पहुंच सकेगी.

रक्षा मंत्री ने सियाचिन बेस कैम्प को पर्यटकों के लिए खोलने की घोषणा की. सिचाचिन बेस कैम्‍प से कुमार पोस्‍ट तक टूरिस्‍ट के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है.