प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जुलाई को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी सम्मेलन केंद्र (IECC कॉम्प्लेक्स) राष्ट्र को समर्पित किया था. इस केंद्र का नाम ‘भारत मंडपम’ दिया गया है.
मुख्य बिन्दु
इस परियोजना को लगभग 2.7 हजार करोड रुपये की लागत से विकसित किया गया है. ये परिसर देश में अन्तर्राष्ट्रीय बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी करेगा.
लगभग 123 एकड़ के परिसर क्षेत्र में शंख के आकार में विकसित, यह भवन, भारत की पारंपरिक कला, संस्कृति और वास्तुशिल्प का उत्कृष्ट उदाहरण हैं.
परिसर में कुल सात प्रदर्शनी हॉल हैं और यह छोटे और मध्यम उद्यमों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय ‘युगे युगीन भारत’ जल्द ही दिल्ली में बनाया जाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-07-27 16:50:252023-07-29 14:01:27अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र ‘भारत मंडपम’ का लोकार्पण
गुजरात के अहमदाबाद में 8 से 14 जनवरी तक अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव (International Kite Festival) का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम का उद्घाटन गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किया था.
इसका आयोजन गुजरात पर्यटन विभाग ने जी-20 की विषय-वस्तु ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के अनुरूप किया था.
इस महोत्सव में जी-20 सदस्य देशों सहित देश और दुनिया भर के बड़े पतंग बनाने वालों और उत्साही लोगों ने भाग लिया.
उत्तरायण के आधिकारिक उत्सव के हिस्से के रूप में 1989 से प्रतिवर्ष अहमदाबाद में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव आयोजित किया जाता रहा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-15 19:00:432023-01-18 00:05:32अहमदाबाद में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया
हैदराबाद को ‘वर्ल्ड ग्रीन सिटी’ (World Green City) का पुरस्कार दिया गया है. दक्षिण कोरिया के जेजू में 14 अक्टूबर को आयोजित इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूसर्स (AIPH) 2022 में हैदराबाद को यह पुरस्कार दिया गया. इसके अलावा हैदराबाद ने ‘लिविंग ग्रीन फॉर इकोनॉमिक रिकवरी एंड इनक्लूसिव ग्रोथ’ की कैटेगरी में भी पुरस्कार जीता है.
हैदराबाद एकमात्र भारतीय शहर है जिसे यह सम्मान दिया गया है. हैदराबाद को ‘लिविंग ग्रीन फॉर इकोनॉमिक रिकवरी एंड इनक्लूसिव ग्रोथ’ की कैटेगरी का पुरस्कार राज्य के ‘तेलंगाना हरिताहरम’ कार्यक्रम के लिए दिया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-10-16 23:48:362022-10-19 08:53:22हैदराबाद को ‘वर्ल्ड ग्रीन सिटी’ का सम्मान दिया गया
केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. यह निर्णय केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 28 सितम्बर को लिया था. निर्णय में UAPA के तहत इस संगठन को गैरकानूनी घोषित किया गया है.
मुख्य बिन्दु
अपने निर्णय में गृह मंत्रालय ने PFI के अतिरिक्त उससे जुड़े अन्य आठ संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया है.
आतंकी वित्तीय पोषण और आतंकी संपर्क के आरोप में देश के कई राज्यों में हाल ही में PFI पर लगातार छापेमारी की गई थी.
गृह मंत्रालय के अनुसार, PFI और उससे जुड़े सभी सहयोगी संगठनों पर UAPA के तहत पांच साल के लिए त्वरित प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है.
PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
PFI का गठन 2006 में केरल में किया गया था. वह भारत में हाशिये पर मौजूद वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है.
UAPA क्या है?
UAPA एक कानून है, जिसका पूरा नाम Unlawful Activities (Prevention) Act यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है.
इस कानून के तहत पुलिस ऐसे आतंकियों, अपराधियों या संदिग्ध लोगों को चिह्नित करती है, जो आतंकीगतिविधियों में शामिल होते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-09-29 19:02:472022-10-01 09:25:25गृह मंत्रालय ने PFI को 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया
भारतीय जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने हाल ही में ‘ऑपरेशन मेघा चक्र’ (Operation Megh Chakra) नाम से एक बड़ा वैश्विक अभियान चलाया था. अंतरराष्ट्रीय संपर्कों और संगठित साइबर वित्तीय अपराधियों के संरक्षण में चल रहे बाल यौन शोषण (Child Abuse) के खिलाफ यह अभियान चलाया गया था.
मुख्य बिन्दु
यह अभियान बाल यौन शोषण से जुड़े ऐसे मामलों से संबंधित था जहां पीड़ित से लेकर आरोपी, संदिग्ध लोगों समेत साजिशकर्ता वैश्विक स्तर पर अलग-अलग न्यायिक क्षेत्र के थे.
इस अभियान को बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM) के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन प्रसार के विरुद्ध सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.
इंटरपोल की सिंगापुर स्थित क्राइम अगेंस्ट चिल्ड्रन (CAC) यूनिट का इनपुट मिलने के बाद CBI ने राष्ट्रीय स्तर पर ऑपरेशन ‘मेघा चक्र’ को अंजाम दिया था.
CBI के इस ऑपरेशन का नाम वास्तव में ‘क्लॉउड स्टोरेज’ से लिया गया, जिसके जरिये बाल यौन शोषण सामग्री का ऑनलाइन प्रसार और वितरण किया जाता था. इस तरह CBI ने इस ऑपरेशन को ‘मेघा चक्र’ नाम दिया.
CBI साइबर अपराध इकाई स्थापित करने वाली पहली प्रवर्तन एजेंसी भी है. प्रारंभिक छानबीन में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बड़ी मात्रा में बाल यौन शोषण सामग्री मिली है.
गुजराती फिल्म छेल्लो शो को 95वें अकादमी पुरस्कारों (ऑस्कर 2023) के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि घोषित किया गया है. इसकी घोषणा फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) ने 20 सितम्बर को की.
मुख्य बिन्दु
छेल्लो शो को सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म श्रेणी में चुना गया है. यह फिल्म 14 अक्टूबर को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है.
छेल्लो शो का शीर्षक अंग्रेजी में ‘लास्ट फिल्म शो’ है. इस फिल्म का रॉबर्ट डि नीरो के ‘ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल’ में उद्घाटन फिल्म के रूप में वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था. इसने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में कई पुरस्कार जीते हैं.
छेल्लो शो एक किशोर बालक की कहानी है. वह भारत के एक दूरदराज के गाँव में रहता है और सिनेमा के साथ उसका गहरा संबंध जुड जाता है. यह फिल्म दर्शाती है कि कैसे एक छोटा लड़का प्रोजेक्शन बूथ से फिल्में देखने में गर्मियों का पूरा समय बिताता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-09-21 17:42:202022-09-21 17:42:20गुजराती फिल्म ‘छेल्लो शो’ को ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि घोषित किया गया
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 7 जून को राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (NTRI) का उद्घाटन किया. इसका निर्माण दिल्ली में किया गया है.
यह संस्थान आदिवासी विरासत और संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण के लिए प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान होगा और शैक्षणिक, कार्यकारी और विधायी क्षेत्रों में आदिवासी अनुसंधान मुद्दों और मामलों का प्रमुख केंद्र होगा.
संस्थान प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों और संगठनों के साथ-साथ शैक्षणिक निकायों और संसाधन केंद्रों के साथ सहयोग करेगा.
यह जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (TRI), उत्कृष्टता केंद्रों (COE), और NFS के शोध विद्वानों की परियोजनाओं की निगरानी करेगा और अनुसंधान और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए मानदंड स्थापित करेगा. TRI राज्य स्तर पर जनजातीय मामलों के मंत्रालय का अनुसंधान निकाय है.
TRI जनजातीय विकास के लिए एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करती है. TRI के मुख्य कार्य हैं- जनजातीय सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, उपयुक्त कानूनों के लिए राज्यों को इनपुट प्रदान करना, सूचना के प्रसार और जागरूकता पैदा करना.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-06-09 16:40:472022-06-09 16:40:47दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन
भारत ने एक नयी विमान लैंडिंग तकनीक विकसित की है. इस तकनीक का नाम ‘गगन’ दिया गया है. इस तकनीक के माध्यम से खराब मौसम में भी आसानी से विमान उतारे जा सकेंगे. अमरीका- यूरोप और जापान के बाद भारत चौथा ऐसा देश है, जिसने यह तकनीक विकसित की है.
गगन तकनीक का परीक्षण 28 अप्रैल को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (AAI) ने इसरो के सहयोग से किया. परीक्षण के दौरान इंडिगो एयरलाइन के विमान ने राजस्थान के किशनगढ़ स्थित हवाईअड्डे पर गगन आधारित एलपीवी तकनीक के माध्यम से विमान लैंड कराया.
मुख्य बिंदु
गगन (GAGAN) का पूरा नाम जीपीएस एडेड जियो आग्मेंटेड नेविगेशन है. यह सैटेलाइट पर आधारित लैडिंग सिस्टम है. इसे इसरो ने विकसित किया है. यह नेविगेशन सिस्टम इसरो द्वारा लांच किए गए जीसैट-8, जीसैट-10 और जीसैट-15 सेटेलाइट के माध्यम से काम करता है.
इस तकनीक से खराब मौसम या कम दृश्यता की स्थिति में भी विमान की लैंडिग की जा सकती है. गगन आधारित LPV (लोकलाइजर परफार्मेस विद वर्टिकल गाइडेंस) तकनीक के प्रयोग से यह समस्या दूर होगी और विमानों की लैंडिंग सुरक्षित होगी.
खराब मौसम या कम दृश्यता में विमान की लैंडिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली मौजूदा तकनीक ILS (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) बहुत महंगी है. यही कारण है कि देशभर में सौ से ज्यादा एयरपोर्ट पर अभी तक मात्र 50 से कुछ ही ज्यादा रनवे पर इस सिस्टम को लगाया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-04-29 17:32:022022-04-29 20:33:44भारत ने नयी विमान लैंडिंग तकनीक ‘गगन’ का सफल परीक्षण किया
केंद्र सरकार ने मशीन-निर्मित पॉलिएस्टर राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण और आयात की अनुमति दी है. इसके लिए 2002 के भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन किया गया है.
इससे पहले केवल हाथ से काते और बुने हुए ऊन या कपास या रेशम खादी से बनाए गए झंडों की अनुमति थी. 2019 में मशीन से बने झंडों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
यह कदम विशाल झंडों को होने वाले नुकसान के लिए राहत प्रदान करता है. ऊंचाई पर झंडा फहराने के लिए, इसकी सामग्री सख्त और हवा प्रतिरोधी होनी चाहिए.
भारतीय ध्वज संहिता
भारतीय ध्वज संहिता तीन खंडों में विभाजित है. भाग 1 में राष्ट्रीय ध्वज के सामान्य विवरण शामिल हैं, जबकि भाग 2 निजी और सार्वजनिक संगठनों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन से संबंधित है, और भाग 3 राज्य और केंद्र सरकारों और उनकी एजेंसियों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन से संबंधित है.
ध्वज संहिता में कहा गया है कि राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए. राज्य सम्बन्धी अंतिम संस्कार या सशस्त्र बलों या अन्य अर्धसैनिक बलों के अंत्येष्टि को छोड़कर, किसी भी रूप में ध्वज का उपयोग निजी अंत्येष्टि सहित किसी भी रूप में नहीं किया जाएगा.
झंडे को कुशन, रूमाल, नैपकिन, या किसी अन्य ड्रेस सामग्री पर कढ़ाई या मुद्रित नहीं किया जाना चाहिए, और न ही इसे किसी भी पोशाक या किसी भी प्रकार की वर्दी के हिस्से के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-03-08 08:49:542022-03-09 08:55:29मशीन से बने पॉलिएस्टर के राष्ट्रीय झंडे के निर्माण और आयात को मंजूरी दी गयी
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अटल सुरंग को आधिकारिक तौर पर दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग के रूप में प्रमाणित किया है. सीमा सड़क संगठन (BRO) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इस सुरंग के निर्माण में संगठन की शानदार उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्राप्त किया.
ब्रिटेन में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स एक ऐसा संगठन है जो दुनियाभर में असाधारण रिकॉर्डों को सूचीबद्ध और सत्यापित करता है. अटल सुरंग 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी सुरंग है. 9.02 किलोमीटर लंबी यह सुरंग मनाली को लेह (लाहौल-स्पीति घाटी) से जोड़ती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-09 17:39:432022-02-10 17:59:57वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अटल सुरंग को सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग प्रमाणित किया
आयुष मंत्रालय ने हाल ही में ‘आयुष आहार’ की शुरुआत की थी. इसकी शुरुआत 3 जनवरी को आयुष भवन स्थित अपनी कैंटीन में ‘आयुष आहार’ उपलब्ध करवाकर हुई थी.
आयुष आहार, आयुष मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया एक पौष्टिक है. यह स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के शुरू की गयी है. एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में इसकी शुरुआत की गई है.
इस ‘आयुष आहार’ में वेजिटेबल पोहा, भाजणी वडा, गाजर का हलवा और कोकम ड्रिंक शामिल हैं. इनकी पौष्टिकता का स्तर काफी अधिक है. आयुष आहार स्वास्थ्य के लिए लाभदायक और आसानी से पचने वाले हैं.
इसका मुख्य उद्देश्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के बोझ को कम करना है. जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, मोटापा और स्ट्रोक हैं. आयुष जीवनशैली में स्वस्थ आहार लेना, नियमित व्यायाम और योग करना शामिल है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-01-05 09:11:532022-01-06 10:13:20आयुष मंत्रालय ने ‘आयुष आहार’ की शुरुआत की, जानिए क्या है ‘आयुष आहार’
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने डासना में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (Intelligent Transport System) का लोकार्पण किया. इस सिस्टम के माध्यम से पूरे हाईवे पर निगरानी रखी जा सकेगी.
यह प्रणाली किसी भी दुर्घटना का पता लगा सकती है और यह सुनिश्चित करने के लिए अलर्ट प्राप्त कर सकती है कि एम्बुलेंस 10-15 मिनट के भीतर दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाए.