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MSME के बेहतर भविष्य के लिए पांच कार्यबलों का गठन किया गया

सरकार ने देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए एक ठोस रणनीति तैयार करने के लिए पांच कार्यबलों का गठन किया है. यह कार्यबल एक महीने के लिए काम करेगा. इसका उद्देश्य यह देखना है कि भारत एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र और दुनिया में एक प्रमुख निर्यातक बन जाए.

ये पांच कार्यबल पहचाने गए पांच क्षेत्रों में कार्य करेगा.

  1. पहला क्षेत्र उद्योग 4.0 है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता, 3 डी और आभासी वास्तविकता (वर्चुअल रियलिटी) जैसे आयाम शामिल हैं. इस कार्यबल का गठन भारत को उद्योग 4.0 में वैश्विक अगुवा बनाने के उद्देश्य से किया गया है.
  2. दूसरा क्षेत्र निर्यात संवर्धन और आयात में कमी है, जिसमें प्रमुख विनिर्माण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना और हमारे गुणवत्ता मानकों, डिजाइन व प्रौद्योगिकी तथा पैकेजिंग में सुधार करना शामिल है.
  3. तीसरा क्षेत्र यह है कि हमारी मौजूदा क्लस्टर योजनाओं को कैसे नियोजित किया जाए कि वे सूक्ष्म-स्तरीय उद्यमों के साथ-साथ अत्याधुनिक उद्यमों की सहायता कर सकें.
  4. चौथा कार्यबल हमारे प्रौद्योगिकी केंद्रों को एकीकृत करने के तरीके पर ध्यान केंद्रित करेगा.
  5. पांचवां कार्यबल ZED (शून्य दोष और शून्य प्रभाव) और LEAN (विनिर्माण प्रतिस्पर्धा के लिये) जैसी विभिन्न आधुनिकीकरण योजनाओं, डिजाइन, बौद्धिक संपदा अधिकारों और विपणन योजना से संबंधित अन्य योजनाओं पर काम करेगा.

उद्योग 4.0 क्या है?
उद्योग 4.0 (Industry 4.0) अथवा चौथी औद्योगिक क्रांति एक सामूहिक शब्द है, जो बहुत सारे समकालीन स्वचालन, डाटा एक्सचेंज तथा विनिर्माण प्रौद्योगिकियों को समाविष्ट करता है.

MSME की सहायता के लिए कई फैसलों को मंजूरी, MSME की परिभाषा में बदलाव

सरकार ने किसानों और सूक्ष्‍म, लघु और मझोले उद्यमों (Micro, Small and Medium Enterprises) की सहायता के लिए 1 जून को कई ऐतिहासिक फैसलों को मंजूरी दी. यह मंजूरी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दी गई.

MSME की परिभाषा को संशोधित करने की मंजूरी

मंत्रिमंडल ने सूक्ष्‍म, लघु और मझौले उद्यमों (MSME) की परिभाषा को और संशोधित करने की मंजूरी दी है. इस फैसले से अनेक औद्योगिक इकाईयों को MSME के दायरे में लाया जा सकेगा. 2006 में MSME डेवलपमेंट एक्ट के अस्तित्व में आने के 14 साल बाद यह संशोधन किया गया है.

सूक्ष्म इकाई: सूक्ष्म इकाई (Micro Units) की परिभाषा बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये के निवेश और 5 करोड़ रुपये का सकल कारोबार (टर्नओवर) कर दिया गया है.
लघु इकाई: लघु इकाई (Small Units) की सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये का निवेश और 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया गया है.
मध्यम इकाई: मध्यम इकाई (Medium Units) की निवेश सीमा को 20 करोड़ रुपये से बढाकर 50 करोड़ रुपये तथा 100 करोड़ रुपये की जगह 250 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर दिया गया है.

मंत्रिमंडल ने संकट में फंसे MSME की सहायता के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के आपात कोष को मंजूरी दी. साथ ही निर्यात में शामिल MSME में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.

MSME की मदद के लिए प्रधानमंत्री ने CHAMPIONS पोर्टल का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम (MSME) क्षेत्र की इकाइयों की मदद के लिए 1 जून को चैंपियंस (CHAMPIONS) पोर्टल का शुभारंभ किया. CHAMPIONS का पूरा नाम creation and harmonious application of modern processes for increasing the output and national strength है. यह पोर्टल टेक्नोलॉजी पर आधारित मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम है.

CHAMPIONS प्‍लेटफार्म पर देश में सभी MSME के लिए हर तरह के समाधान एक ही जगह उपलब्‍ध करायेगा. इस प्‍लेटफार्म पर MSME क्षेत्र से संबंधित फाइनेंस, कच्‍चे माल और सभी तरह की अनुमति के साथ शिकायतों का समाधान भी किया जा सकेगा.

CPGRAMS से जोड़ा गया है

यह देश का पहला ऐसा पोर्टल है जिसे भारत सरकार की मुख्य केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (Centralized Public Grievance Redress and Monitoring System) यानी ‘CPGRAMS’ से जोड़ा गया है. यानी अगर किसी ने सीपी ग्राम्स पर शिकायत कर दी तो ये सीधे CHAMPIONS पोर्टल पर आ जाएगी. पहले ये शिकायत मंत्रालयों को भेजी जाती थी जिसे मंत्रालय के सिस्टम पर कापी किया जाता था.

AI का इस्तेमाल करेगा

CHAMPIONS पोर्टल को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग से लैस किया गया है. इससे कारोबारियों की शिकायत के बिना भी उनकी समस्या निपटाई जा सकेगी. उदाहरण के लिए अगर किसी एक क्षेत्र में एक ही तरह की समस्या ज्यादा हो रही है तो AI से ये समस्या चैंपियन्स पोर्टल पर दिखने लगेगी.