Tag Archive for: Obituaries

सुप्रसिद्ध गायक पंकज उद्धास का निधन

प्रसिद्ध गजल गायक पंकज उधास का 26 फ़रवरी, 2024 को मुंबई में निधन हो गया. वह 72 साल के थे. पंकज उधास को चार महीने पहले ही पैंक्रियाज कैंसर का पता चला था.

श्री उधास ने फ़ारसी, हिंदी, उर्दू, तुर्की और अन्य भाषाओं में सदियों से लिखी गई ग़ज़लें, गीत कविताएँ गाकर भारत और भारतीय प्रवासी लोगों की पीढ़ियों को प्रभावित किया.

उन्होंने एक पार्श्व गायक के रूप में भी काम किया. वे ”ना कजरे की धार, चिट्ठी न कोई संदेश, चांदी जैसा रंग है तेरा, चिट्ठी आई है” जैसे गीतों और गजलों के लिए जाने जाते हैं. उनका जन्म 17 मई, 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था.

हिन्‍दुस्‍तानी शास्‍त्रीय संगीत की गायिका प्रभा अत्रे का निधन

हिन्‍दुस्‍तानी शास्‍त्रीय संगीत की गायिका प्रभा अत्रे का 92 वर्ष की आयु में 13 जनवरी को निधन हो गया.  किराना घराना की गायिका प्रभा पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित थी.

मुख्य बिन्दु

  • प्रभा अत्रे का जन्म 13 सितंबर 1932 को पुणे में हुआ था. एक शास्त्रीय गायिका होने के अलावा, उन्होंने एक शिक्षाविद, शोधकर्ता, संगीतकार और लेखिका के रूप में भी काम किया.
  • दिग्गज गायिका हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के किराना घराने से जुड़ी थीं. संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा तीनों प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों- पद्म विभूषण (2022), पद्म भूषण (2002) और पद्म श्री (1990) से सम्मानित किया गया था.
  • वर्ष 1991 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया. इसके अलावा उन्हें राष्ट्रीय कालिदास सम्मान, टैगोर अकादमी रत्न पुरस्कार, दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, हाफिज अली खान जैसे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था.
  • प्रभा अत्रे ने भारतीय शास्त्रीय गायन संगीत को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने में अपना विशेष योगदान दिया. वे खयाल, ठुमरी, दादरा, गजल, गीत, नाट्यसंगीत और भजन जैसी कई संगीत शैली में सक्षम थीं.
  • प्रभा अत्रे ने गुरु-शिष्य परपंरा में संगीत प्रशिक्षण लिया था. उन्होंने किराना घराना के सुरेशबाबू माने और हीराबाई बड़ोदकर से शास्त्रीय संगीत सीखा.

प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक एमएस स्‍वामीनाथन का निधन

प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक एमएस स्‍वामीनाथन का 28 सितम्बर को चेन्नई में निधन हो गया. वे 98 वर्ष के थे.

एमएस स्‍वामीनाथन: ‘हरित क्रांति’ का जनक

  • एमएस स्‍वामीनाथन भारत के आनुवंशिक वैज्ञानिक थे जिन्हें भारत की ‘हरित क्रांति’ का जनक माना जाता है.
  • उन्होंने 1966 में मैक्सिको के बीजों (मैक्सिकन गेहूँ की एक किस्म) को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकिसित किए.
  • इसके कारण भारत के गेहूँ उत्पादन में भारी वृद्धि हुई. इस कार्य के द्वारा भारत को अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जा सकता था.
  • ‘हरित क्रांति’ कार्यक्रम के तहत ज़्यादा उपज देने वाले गेहूं और चावल के बीज ग़रीब किसानों के खेतों में लगाए गए थे.
  • एमएस स्वामीनाथन को ‘भारत सरकार’ द्वारा सन 1967 में ‘पद्म श्री’, 1972 में ‘पद्म भूषण’ और 1989 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया था.

ORS चिकित्सा का नेतृत्व करने वाले चिकित्सक डॉ दिलीप महलानाबिस का निधन

ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) चिकित्सा का नेतृत्व करने वाले प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ दिलीप महलानाबिस का हाल ही में निधन हो गया. वे 87 वर्ष के थे.

डॉ दिलीप महलानाबिस को मौखिक पुनर्जलीकरण चिकित्सा का नेतृत्व करने का श्रेय दिया जाता है. वह 1971 में बांग्लादेश में मुक्ति संग्राम के दौरान सुर्खियों में आए थे, जब डॉक्टर ने पश्चिम बंगाल के बनगांव में एक शरणार्थी शिविर में सेवा करते हुए हैजा के प्रकोप के दौरान मौखिक पुनर्जलीकरण समाधान के साथ हजारों लोगों की जान बचाई थी.

ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी निर्जलीकरण को रोकने और उसका इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक समाधान है. ORS में पानी, ग्लूकोज और नमक का संयोजन होता है, जो निर्जलीकरण की रोकथाम में एक प्रमुख भूमिका निभाता है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन

समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 10 अक्तूबर को निधन हो गया. वे 82 साल के थे. उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्‍यमंत्री के निधन पर तीन दिन के शोक की घोषणा की है.

उनका अंतिम संस्कार इटावा जिले में उनके पैतृक गांव सैफई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया.

मुलायम 1967 में पहली बार विधायक बने थे. वह आठ बार विधायक और 7 बार सांसद रहे. तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और दो बार केंद्र में मंत्री रहे.

नेताजी के नाम से विख्यात मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी. वे वर्तमान में लोकसभा में मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र से सांसद थे.

भोजपुरी लोक नाट्य कला के प्रसिद्ध कलाकार राम चंद्र मांझी का निधन

बिहार में, भोजपुरी लोक नाट्य कला ‘लौंडा नाच’ के प्रसिद्ध कलाकार राम चंद्र मांझी का 7 सितम्बर को निधन हो गया.

उनका जन्म बिहार में सारण जिले के नागरा ब्लॉक के गांव तुजरपुर में समाज के कमजोर वर्ग के परिवार में हुआ था. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मांझी कला के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार विजेता भी थे. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पिछले साल उन्हें सम्मानित किया था.

लौंडा नाच बिहार की एक प्रमुख भोजपुरी लोक कला है जिसमें गीत, नृत्य, हास्‍य, व्यंग्य, की प्रस्तुतियां की जाती है. इस कला में पुरुष प्रदर्शन के दौरान साड़ी, ब्लाउज, लंबे बालों वाली विग पहनकर महिलाओं का रूप धारण करते हैं.

उद्योगपति सायरस मिस्त्री का सड़क दुर्घटना में निधन

उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री का 4 सितम्बर को मुंबई के पास सड़क हादसे में निधन हो गया. मिस्त्री की उम्र 54 साल थी.

सायरस मिस्त्री को 2011 में रतन टाटा के उत्तराधिकारी के तौर पर चुना गया था. सायरस के पिता पालोंजी मिस्त्री भी बड़े उद्योगपति थे.

सायरस मिस्त्री के पास आयरलैंड की नागरिकता थी और वह भारत के स्थायी नागरिक थे. उनकी मां आयरलैंड में पैदा हुई थी, जिसके चलते उन्हें वहां की नागरिकता मिली थी.

तत्‍कालीन सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचोव का निधन

तत्‍कालीन सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव का 30 अगस्त को निधन हो गया. वे 91 वर्ष के थे.

गोर्बाचोव को ‘बीसवीं सदी का नायक’ माना जाता है. उन्होंने बिना किसी खूनी संघर्ष के शीत युद्ध को समाप्त करा दिया था. हालांकि सोवियत संघ के पतन को रोकने में नाकाम रहे थे.

शीत युद्ध को बिना रक्तपात के समाप्त करा देने के कारण गोर्बाचेव को 1990 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

सोवियत संघ: एक दृष्टि

  • सोवियत संघ (Soviet Union) यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो 1922 से 1991 तक अस्तित्व में रहा. यह दुनिया का सबसे बड़ा देश था जो अपनी स्थापना से 1990 तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा.
  • संवैधानिक रूप से सोवियत संघ 15 स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण था. रूस (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था.
  • सोवियत संघ की स्थापना की प्रक्रिया 1917 की रूसी क्रान्ति के साथ शुरू हुई जिसमें रूसी साम्राज्य के ज़ार (सम्राट) को सत्ता से हटा कर व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था.

भारत-जापान संबंधों के मजबूत स्‍तंभ, जपान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन

जपान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का 8 जुलाई को निधन हो गया. 67 वर्षीय आबे को पश्चिमी जापान के नारा में एक चुनावी भाषण के दौरान गोली मार दी गई थी. उनके निधन पर 9 जुलाई 2022 को भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था.

शिंजो आबे भारत-जापान संबंधों के एक मजबूत स्‍तंभ थे

  • शिंजो आबे, भारत-जापान संबंधों के एक मजबूत स्‍तंभ माने जाते हैं. उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री के रूप में चार बार भारत यात्रा की थी.
  • वह उन दुर्लभ नेताओं में से एक थे जिन्‍होंने न सिर्फ जापान को आर्थिक महाशक्ति बनाया, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से भी निपटे.
  • 2007 में भारतीय संसद को संबोधित करते आबे ने QUAD की परिकल्‍पना की थी. वह ‘बेल्‍ट एंड रोड’ इनिशिएटिव के पीछे चीन के कुटिल मकसद को पहचानने वाले चुनिंदा जापानी नेताओं में से थे.
  • 2006 में शिंजो आबे और मनमोहन सिंह भारत और जापान के बीच ‘रणनीति और वैश्विक साझेदारी’ पर हस्‍ताक्षर कर चुके थे. यह भारत-जापान के रिश्‍तों के और मजबूत होने की दिशा में पहला कदम था.
  • आबे के प्रधानमंत्री रहते 2012 से 2019 के बीच भारत में जापान से आने वाला प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 180% तक बढ़ गया था.
  • 2020 में कर्ज के रूप में जापान से भारत को मिलने वाली आर्थिक मदद 356.30 बिलियन येन थी. इसके अलावा 5.02 बिलियन येन का अनुदान और 8.7 बिलियन येन का तकनीकी सहयोग भी है.
  • जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 2014 में भारत के 65वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्‍य अतिथि रहे. वह इस खास मौके पर उपस्थिति दर्ज करने वाले जापान के पहले राष्‍ट्राध्‍यक्ष थे.
  • 2015 की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे को वाराणसी के घाटों पर लेकर गए. आबे ने दशाश्‍वमेध घाट पर मशहूर गंगा आरती देखी.
  • भारत सरकार ने शिंजो आबे को 2021 में पद्म विभूषण से सम्‍मानित किया था. यह भारत का दूसरा सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान है.

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट की नींव

शिंजो आबे की प्रधानमंत्री के रूप में भारत की आखिरी यात्रा 2017 में हुई. तब वह मोदी के गृह राज्‍य गुजरात गए थे जहां मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट की नींव रखी गई.

यह भारतीय रेल और जापान की शिनकासेन टेक्‍नोलॉजी के बीच का संयुक्‍त उद्यम है. इसी प्रोजेक्‍ट को लॉन्‍च करते हुए शिंजो आबे ने ‘जय जापान, जय इंडिया’ का नारा दिया था.

शापूरजी पालोनजी समूह के पालोनजी मिस्त्री का निधन

अरबपति कारोबारी और शापूरजी पालोनजी (SP) समूह के प्रमुख पालोनजी मिस्त्री का 28 जून को मुंबई में निधन हो गया. वह 93 वर्ष के थे. मिस्त्री का SP समूह 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ टाटा समूह का सबसे बड़ा शेयर धारक है.

  • उन्होंने आयरलैंड की नागरिकता हासिल कर ली थी. मिस्त्री को 2016 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
  • उन्होंने पांच अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के एसपी समूह का नेतृत्व किया. समूह की शुरुआत निर्माण व्यवसाय से हुई थी और बाद में कारोबार रियल एस्टेट, कपड़ा, शिपिंग और घरेलू उपकरणों के विनिर्माण तक फैला.
  • उनके परिवार में साइरस मिस्त्री सहित चार बच्चे हैं. साइरस मिस्त्री ने टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में रतन टाटा का स्थान लिया था. हालांकि, उन्हें 2016 में बोर्ड ने हटा दिया.

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स का कार दुर्घटना में निधन

ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स  का 15 मई को एक कार दुर्घटना में निधन हो गया. 46 साल के साइमंड्स की कार क्‍वींसलैंड के टाउंसविले के पास हादसे का शिकार हुई.

साइमंड्स 1999 से 2009 तक ऑस्‍ट्रेलिया टीम का हिस्‍सा रहे. ऑस्‍ट्रेलिया के लिए उन्होंने 26 टेस्‍ट और 198 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे. साइमंड्स ने आस्ट्रेलिया के लिये अपना अंतिम मैच मई 2009 में खेला था.

भारतीय संगीतकार और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का निधन

भारतीय संगीतकार और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का 10 मई को मुंबई में निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे. शिवकुमार शर्मा का जन्म सन् जम्मू में हुआ था.

  • उन्होंने संतूर को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया. इससे पहले संतूर जम्मू-कश्मीर का एक अल्पज्ञात वाद्य यंत्र था. पंडित शिवकुमार शर्मा को सन् 1991 में प्रतिष्ठित पद्मश्री और सन् 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
  • सिनेमा जगत में उनका अहम योगदान था. बॉलीवुड में ‘शिव-हरी’ नाम से मशहूर शिव कुमार शर्मा और हरि प्रसाद चौरसिया की जोड़ी ने कई सुपरहिट गानों में संगीत दिया था.
  • इस जोड़ी ने सिलसिला, चांदनी और डर सहित कई हिंदी फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया. इसमें से सबसे प्रसिद्ध गाना फिल्म ‘चांदनी’ का ‘मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां’ रहा, जो दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी पर फिल्माया गया था.