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आसिफ अली ज़रदारी पाकिस्‍तान के 14वें राष्‍ट्रपति निर्वाचित

आसिफ अली ज़रदारी को पाकिस्‍तान का नया राष्‍ट्रपति निर्वाचित किया गया है. उन्होंने पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली.

मुख्य बिन्दु

  • आसिफ अली ज़रदारी दूसरी बार पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति बने हैं. इसके पहले साल 2008 से 2013 के बीच पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति थे.
  • ज़रदारी पाकिस्‍तान पीपल्‍स पार्टी के सह-अध्‍यक्ष हैं. वे पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति है.
  • श्री जरदारी पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी और पाकिस्‍तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के संयुक्‍त उम्‍मीदवार थे और उनका मुकाबला सुन्‍नी इत्तेहाद काउंसिल के महमूद खान अचकजई से था.
  • श्री ज़रदारी को नेशनल असेम्बली और सीनेट में 255 वोट मिले जबकि श्री अचकजई 119 वोट ही जुटा सके.
  • राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपनी बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी को प्रथम महिला बनाने का फैसला किया है. आसिफा भुट्टो बिलावल भुट्टो जरदारी की छोटी बहन हैं.
  • आमतौर पर प्रथम महिला का दर्जा राष्ट्रपति की पत्नी को मिलता है. आसिफा भुट्टो पाकिस्तान की पहली प्रथम महिला होंगी जो राष्ट्रपति की बेटी हैं.

पाकिस्तान की एक अदालत ने भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दोषी ठहराया

पाकिस्तान की एक अदालत ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दोषी ठहराया है. इमरान पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने उपहारों और उनकी अवैध बिक्री से हुई आय के बारे में जानकारी नहीं दी थी.

  • इमरान को अर्धसैनिक रेंजरों ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया था और 10 मई को न्‍यायालय ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में उन्‍हें राष्‍ट्रीय जवाबदेही ब्‍यूरो की आठ दिन की हिरासत में भेज दिया.
  • इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में क्वेटा, कराची, पेशावर, रावलपिंडी और लाहौर सहित कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है.
  • अमरीका और कनाडा सहित कई देशों ने पाकिस्तान में जारी हिंसा के बीच अपने नागरिकों और राजनयिक कर्मचारियों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है.

FATF की बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का वर्चुअल सत्र 14-17 जून को बर्लिन में आयोजित की गयी थी. सत्र की अध्यक्षता जर्मनी के डॉक्‍टर मार्कस प्लीयर ने की थी. बैठक में विभिन्न देशों के सरकारों तथा संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रतिनिधियों ने प्रमुख धन-शोधन और आतंकी वित्त पोषण मुद्दों पर चर्चा की.

बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. नौ बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है.

FATF ने कहा कि उसे ग्रे-लिस्ट से हटाने का अंतिम निर्णय पाकिस्तान में जांच पड़ताल के बाद ही किया जाएगा.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी: Dr. Marcus Pleyer

पाकिस्तान में शहबाज शरीफ ने 23वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली

पाकिस्तान में 11 अप्रैल को शहबाज शरीफ ने 23वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्हें सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने शपथ दिलाई. इससे पहले पाकिस्तान की संसद ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार शहबाज शरीफ को देश का नया प्रधानमंत्री चुना था.

शहबाज शरीफ, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) पार्टी के प्रमुख और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के भाई हैं. उन्हें 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 वोट मिले.

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था. इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव से पद से हटाया गया है. 1947 में पाकिस्तान की आजादी के बाद से देश का कोई भी प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है.

FATF ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बरकरार रखा, तुर्की, माली और जॉर्डन को ग्रे सूची जोड़ा गया

वैश्विक वित्तीय निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बरकरार रखा है. FATF की 19-21 अक्तूबर को पेरिस में आयोजित पूर्ण सत्र में यह फैसला लिया गया था. सत्र की अध्यक्षता जर्मनी के डॉक्‍टर मार्कस प्लीयर ने की थी. प्लीयर ने अपनी घोषणा में कहा कि पाकिस्तान सरकार FATF की 34 सूत्रीय कार्य योजना में से चार का अनुपालन करने में नाकाम रही.

तुर्की, माली और जॉर्डन को भी FATF की ग्रे सूची जोड़ा गया

FATF की बैठक में तीन और देशों- तुर्की, माली और जॉर्डन को भी ग्रे सूची में जोड़ दिया गया है. FATF ने अफगानिस्‍तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद वहां बढ रहे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण जोखिम के माहौल के बारे में चिंता व्यक्त की.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी: Dr. Marcus Pleyer

FATF की बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक हाल ही में आयोजित की गयी थी. इस बैठक की अध्यक्षता जर्मनी ने की थी. बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में बरकरार रखने का निर्णय लिया.

इस निर्णय के बाद, अब पाकिस्तान को जून 2021 में होने वाली FATF की अगली बैठक तक इस सूची में ही रहना होगा. उल्लेखनीय है कि छह बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है.

ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में रखे गये देशों को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में कठिनाई होती है.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी (अध्यक्ष: Dr. Marcus Pleyer)

FATF की बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक हाल ही में आयोजित की गयी थी. इस बैठक की अध्यक्षता चीन ने की थी. बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. इस निर्णय के बाद, अब पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक में होने वाली FATF की अगली बैठक तक निगरानी सूची में ही रहना होगा.

उल्लेखनीय है कि पांच बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है.

FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर पाकिस्तान को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में कठिनाई होगी.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

Argentina, Australia, Austria, Belgium, Brazil, Canada, China, Denmark, European Commission, Finland, France, Germany, Greece, Gulf Co-operation Council, Hong Kong, China, Iceland, India, Ireland, Israel, Italy, Japan, Republic of Korea, Luxembourg, Malaysia, Mexico, Netherlands, New Zealand, Norway, Portugal, Russian Federation, Singapore, South Africa, Spain, Sweden, Switzerland, Turkey, United Kingdom, United States and Saudi Arabia

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

चीन

पाकिस्‍तान के पूर्व सैन्‍य शासक परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई गयी

पाकिस्‍तान में विशेष अदालत ने राजद्रोह के मामले में पूर्व सैन्‍य शासक परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई है. पेशावर उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश वकार अहमद सेठ के नेतृत्‍व में तीन सदस्‍यीय पीठ ने यह फैसला सुनाया. पाकिस्‍तान में किसी पूर्व सैन्‍य शासक को पहली बार अदालत ने ऐसी सजा सुनाई है.

मुशर्रफ इस समय दुबई में हैं. उन पर नवम्‍बर 2007 में आपातकाल की घोषणा के बाद सैन्‍य शासक बनने के मामले में मुकदमा चल रहा था. यह मुकदमा दिसम्‍बर 2013 से लंबित था. मुशर्रफ को मार्च 2014 में दोषी ठहराया गया था. अपीलीय अदालत में याचिकाओं के कारण ये मामला अब तक लंबित था. मार्च 2016 में मुशर्रफ ने पाकिस्‍तान छोड़ दिया था.

मुशर्रफ ने 1999 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को हटाकर सत्‍ता पर कब्‍ज़ा कर लिया था. वे 2001 से 2008 तक पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति भी रहे. 2007 में संविधान को निलम्बित रखने और इसकी अनदेखी करते हुए देश में आपातकाल लागू करने के लिए उन्‍हें यह सज़ा दी गई है.

FATF की पैरिस में बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला बरकरार रखा

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक पैरिस में 14 से 18 अक्टूबर तक आयोजित की गयी. इस बैठक में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए फरवरी 2020 तक टैरर फंडिंग पर प्रतिबंधन लगाने की समय-सीमा दी गयी. साथ ही उसके ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला बरकरार रखा है.

FATF के अनुसार, पाकिस्तान ने लश्कर, जैश, हिज्बुल जैसे आतंकी संगठन को होने वाली फंडिंग पर रोक लगाने के लिए 27 में से 5 टारगेट को ही पूरा किया है.

बैठक में FATF ने ग्लोबल फाइनैंस इंस्टिट्यूशंस को कहा है कि यदि पाकिस्तान अपने टारगेट के पूरा करने में विफल रहता है तो वे अपनी कार्रवाई करें.

पाकिस्तान द्वारा समय-सीमा तक टैरर फंडिंग पर प्रतिबंधन नहीं लगाने पर उसे ब्लैकलिस्ट किये जाने की भी बात कही गयी है. हालांकि ग्रे लिस्ट में होने के बाद भी पाक के लिए IMF, वर्ल्ड बैंक, ADB और यूरोपियन यूनियन से मदद लेना काफी मुश्किल होगा.

उल्लेखनीय है कि FATF ने जून 2019 में अमेरिका के फ्लोरिडा में हुई बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था. इस बैठक में उसे 27 टारगेट को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2019 तक का समय दिया गया था.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

Argentina, Australia, Austria, Belgium, Brazil, Canada, China, Denmark, European Commission, Finland, France, Germany, Greece, Gulf Co-operation Council, Hong Kong, China, Iceland, India, Ireland, Israel, Italy, Japan, Republic of Korea, Luxembourg, Malaysia, Mexico, Netherlands, New Zealand, Norway, Portugal, Russian Federation, Singapore, South Africa, Spain, Sweden, Switzerland, Turkey, United Kingdom, United States and Saudi Arabia

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

चीन

FATF के एशिया प्रशान्‍त ग्रुप की बैठक: पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को धन मुहैया कराने की प्रतिबद्धताओं की समीक्षा

फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के एशिया प्रशान्‍त ग्रुप की बैठक 10 से 13 सितम्बर तक बैंकॉक में आयोजित की गयी. इस बैठक में पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और धन शोधन पर रोकथाम की उसकी प्रतिबद्धताओं के पालन की समीक्षा की गयी.

बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर एक रिपोर्ट जारी की गयी है. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान पर निशाना साधा गया है. मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई के 10 मानदंडों में पाकिस्तान ने 9 में का पालन नहीं करने की बात खाई गयी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल रिजोल्यूशन 1267 को लागू करने के लिए सही कदम नहीं उठाए. पाकिस्तान सरकार ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा, फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन और इनके सरगना हाफिज सईद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है.

रिपोर्ट में पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक और बाज़ार नियामक द्वारा आतंकी फंडिंग पर कार्रवाई नहीं करने की कड़ी निंदा की गई है.

FATF: एक दृष्टि
एशिया-प्रशांत समूह आतंकवादियों को धन मुहैया कराने वालों पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था-वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (Financial Action Task Force- FATF) की क्षेत्रीय शाखा है. FATF ने जून 2018 में आतंकवादियों को धन मुहैया करने के खिलाफ अपनी कार्रवाईयों में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को निगरानी सूची (ग्रे सूची) रखा था. FATF द्वारा दिए गए अनुपालन के 40 में से 32 मानदंडों में पाकिस्तान विफल रहा है और उसकी कार्रवाईयों पर एक साल के लिए नजर रखी गई है.

FATF ने पाकिस्तान को आतंकवादियों को धन मुहैया कराने और धन शोधन पर रोकथाम के लिए अक्तूबर 2019 तक का समय-सीमा तय किया था. बैठक की समाप्ति पर संस्था यह फैसला करेगी कि पाकिस्तान को निगरानी सूची में बरकरार रखा जाए या उसे काली सूची में डाल दिया जाए. अंतिम निर्णय के लिए समूह की सिफारिशें वित्तीय कार्रवाई कार्यदल के समक्ष रखी जाएंगी. इस कार्यदल की बैठक पेरिस में 13 और 14 अक्तूबर को होगी.

FATF ने पाकिस्तान को ‘ग्रे-लिस्ट’ में बरकरार रखने का फैसला किया