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प्रथम ‘खेलो इंडिया पैरा गेम्स’ नई दिल्‍ली में आयोजित किया गया

प्रथम ‘खेलो इंडिया पैरा गेम्स’ (Khelo India Para Games) 2023 दिल्‍ली में 10 से 17 दिसम्बर तक आयोजित किया गया था. इस आयोजन में देशभर के लगभग 1450 पैरा एथलीटों ने भागीदारी की थी. इन खेलों में 32 राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के एथलीटों ने भागीदारी की.

मुख्य बिन्दु

  • पैरा गेम्स में शामिल खिलाड़ी 7 प्रतियोगिताओं एथलैटिक्स, निशानेबाजी, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन टेबलटेनिस और भारोत्तोलन के लिए प्रतिस्पर्धा किए.
  • हरियाणा ने 40 स्‍वर्ण, 49 रजत और 26 कांस्‍य पदक सहित 105 पदक जीतकर पदक तालिका में शीर्ष स्थान प्राप्त किया.
  • उत्‍तर प्रदेश 25 स्‍वर्ण, 23 रजत और 14 कांस्‍य पदक सहित 62 पदक जीतकर दूसरे स्‍थान पर रहा. जबकि तमिलनाडु 20 स्‍पर्ण, 8 रजत और 14 कांस्‍य पदक जीतकर तीसरे स्थान पर रहा.

प्राची यादव ने दिव्यांग जनों के ICF नौकायन विश्व कप में कांस्य पदक जीता

प्राची यादव ने दिव्यांग जनों के ICF नौकायन विश्व कप 2022 में कांस्य पदक जीता है. वे नौकायन विश्व कप पदक जीतने वाली पहली दिव्यांग भारतीय हैं. प्राची ने एक मिनट चार सेकंड और 71 मिली सेकंड का समय लिया.

इस प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया की सुजान सीपेल प्रथम स्थान पर रही. कनाडा की ब्रायना हेनेसी दूसरे स्थान पर रही.

यह प्रतियोगिता 26 मई से 29 मई तक पोलैंड के पॉज़्नान में खेला गया था. भारत ने इस प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.

13वीं विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स चैंपियनशिप, भारत ने 14 पदक जीते

विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स – 13वां फजा अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Para Athletics Grand Prix-13th Fazza International Athletics Championships) 18 मार्च से 25 मार्च तक दुबई में खेला गया था. इस चैंपियनशिप में 43 देशों के 450 एथलीट ने हिस्सा लिया. चैंपियनशिप में भारतीय दल का नेतृत्व पैरालिंपियन धर्मबीर ने किया था.

मुख्य बिंदु

  • भारत पदक तालिका में आठवें स्थान पर रहा. भारतीय दल ने 5 स्वर्ण पदक, 6 रजत और 3 कांस्य पदक सहित कुल 14 पदक जीते.
  • कोलंबिया 12 स्वर्ण सहित 25 पदकों के साथ शीर्ष पर रहा, उसके बाद अल्जीरिया (16) और थाईलैंड (30) ने क्रमशः 11 और 8 स्वर्ण पदक जीते.
  • चैंपियनशिप के पहले दिन भारतीय पैरा एथलीट धर्मबीर ने पुरुषों के क्लब थ्रो स्‍पर्धा में नया एशियाई रिकॉर्ड बनाते हुए रजत पदक जीता. धर्मबीर ने क्लब को 31.09 मीटर की दूरी तक फेंककर नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया.
  • देवेंद्र सिंह ने एफ 44 पुरुषों की डिस्कस थ्रो स्पर्धा में रजत पदक जीता, जबकि ज्योति बेहरा ने 400 मीटर महिलाओं के फाइनल में कांस्य पदक जीता.
  • प्रणव प्रशांत देसाई ने 23 मार्च को भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने टी-64 फाइनल मुकाबले में पुरुषों की 200 मीटर दौड़ जीती. प्रणव देसाई ने 24.42 सैकेंड में यह दौड़ पूरी की.
  • भारतीय पैरा एथलीट सोमेश्वरा राव रामुद्री और भाला फेंक पैरा एथलीट मोहित ने अपनी व्यक्तिगत स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते.
  • ईश्वरी ने 400 मीटर की दौड़ एक मिनट 25 सेकंड में पूरी कर भारत के लिए दूसरा स्थान प्राप्त कर रजत पदक जीता.

पैरा-एथलीट दीपा मलिक ने संन्यास की घोषणा की, PCI अध्यक्ष चुनी गयीं हैं

भारतीय महिला पैरा-एथलीट दीपा मलिक ने सक्रिय खेलों से संन्यास की 11 मई को सार्वजनिक घोषणा की. उन्होंने यह फैसला भारतीय पैरालिंपिक समिति (PCI) का अध्यक्ष बनने से पहले किया था. नेशनल स्पोर्ट्स कोड के अनुसार सक्रिय एथलीट किसी भी फेडरेशन में आधिकारिक रूप से पद पर नहीं रह सकता है.

भारतीय पैरालिंपिक समिति (PCI) अध्यक्ष चुनी गयीं

49 साल की दीपा को दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर फरवरी में हुए चुनाव मे PCI का अध्यक्ष चुना गया था. खेल मंत्रालय ने लॉकडाउन के कारण PCI को मान्यता नहीं दिया है.

दीपा मलिक: एक दृष्टि

  • देश की प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में से एक दीपा को 1999 में रीढ़ के ट्यूमर का पता चला था, जिसके बाद वह लकवे की शिकार हो गईं थीं.
  • दीपा ने रियो पैरालिंपिक खेल 2016 की गोला फेंक (Shot Put) की F53 स्पर्धा में रजत पदक जीता था. वह पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाडी हैं.
  • उन्होंने 2011 IPC विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की गोला फेंक की F52-53 स्पर्धा में रजत पदक सहित कई अन्तर्राष्ट्रीय पदक जीते.
  • दीपा ने एशिया पैरा खेलों में चार पदक जीते जिसमें 2010 में भाला फेंक (Javelin Event) की F52-53 स्पर्धा का कांस्य, 2014 में भाला फेंक की F52-53 स्पर्धा में रजत और 2018 में दो कांस्य पदक शामिल हैं.
  • दीपा को 2019 में देश के सर्वोच्च खेल सम्मान ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ से नवाजा गया था. 2017 में उन्हें पद्मश्री और 2012 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
  • दीपा ने PCI चुनाव लड़ने से पहले अपने संन्यास लेने का पत्र जमा कराया था. PCI लॉकडाउन के कारण खेल मंत्रालय को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा नहीं करा पाया जिस कारण खेल मंत्रालय ने उसे मान्यता नहीं दी.

विश्व पैरा-एथेलेटिक्‍स चैंपियनशिप 2019: भारत ने 2 स्‍वर्ण सहित नौ पदक जीते, चीन पहले स्‍थान पर रहा

विश्व पैरा-एथेलेटिक्‍स चैंपियनशिप (World Para Athletics Championships) 2019 दुबई में 7 नवम्बर से 15 नवम्बर तक खेला गया था. इस प्रतियोगिता में भारत ने 2 स्‍वर्ण, 2 रजत और 5 कांस्‍य सहित 9 पदक जीतकर 24वें स्थान पर रहा.

यह पैरा-एथेलेटिक्‍स प्रतियोगिता में भारत का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन है. अब तक 2017 में लंदन में आयोजित चैम्पियनशिप में भारत का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन रहा था जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने पांच पदक हासिल किए थे.

पदक तालिका में 25 स्‍वर्ण सहित 59 पदकों के साथ चीन पहले स्‍थान पर रहा. ब्राजील 14 स्‍वर्ण सहित 29 पदकों के साथ दूसरे, ब्रिटेन 13 स्‍वर्ण सहित 28 पदकों के साथ तीसरे, और अमरीका 12 स्‍वर्ण सहित 34 पदकों के साथ चौथे स्‍थान पर रहा. 2016 में डोपिंग प्रतिबंध के बाद प्रतियोगिता में पहली बार भाग ले रहे रूस ने 10 स्‍वर्ण सहित 41 पदक जीते.

संदीप चौधरी ने भाला फेंक स्‍पर्धा की F-64 श्रेणी में स्‍वर्ण पदक जीता. इस स्‍पर्धा में सुमित अंतिल को रज‍त पदक मिला. दूसरा स्‍वर्ण पदक जैवलिन थ्रो की F-46 श्रेणी में सुंदर सिंह गुर्जर को मिला. जबकि दूसरा रजत पदक ऊंची कूद में शरद कुमार ने हासिल किया.

बेल्जियम की पैरालंपियन मरीकी वरवूर्ट ने इच्छा मृत्यु से अपने जीवन का अंत किया

बेल्जियम की पैरालंपियन मरीकी वरवूर्ट ने 22 अक्टूबर को 40 साल की उम्र में इच्छा मृत्यु के जरिए अपने जीवन का अंत कर लिया. बेल्जियम में इच्छामृत्यु वैध है. मरीकी ने 2016 रियो खेलों के बाद इच्छामृत्यु घोषणा की थी.

मरीकी मांसपेशियों की बीमारी से पीड़ित थीं, जिससे उन्हें लगातार दर्द होता था, उनके पैरों में लकवा हो गया था. मरीकी को 14 साल की उम्र में इस बीमारी का पता चला था जिसके बाद उन्होंने खेल को अपना जीवन बनाया और व्हीलचेर पर बास्केटबॉल, तैराकी और ट्रायथलन में हिस्सा लिया.

उन्होंने 2012 लंदन खेलों में 100 मीटर में स्वर्ण और 200 मीटर में रजत पदक जीता, जबकि चार साल बाद रियो खेलों में वह 400 मीटर में रजत और 100 मीटर में कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं. इस समय तक उनकी आंखों की रोशनी काफी कम हो गई थी और उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ते थे.