Tag Archive for: Railways

देश की पहली क्षेत्रीय रेल-परियोजना ‘रेपिडेक्स’ का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 अक्तूबर को देश की पहली क्षेत्रीय रेल-परियोजना ‘रेपिडेक्स’ का उद्घाटन किया था. उन्होंने उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद में इसका शुभारंभ किया था.

मुख्य बिन्दु

  • यह रेल-परियोजना दिल्‍ली से मेरठ तक के लिए है. इसका नाम ‘नमो भारत’ दिया गया है. प्रधानमंत्री ने दिल्‍ली-मेरठ क्षेत्रीय रेल-परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया.
  • पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक 17 किलोमीटर की दूरी तय होगी. इसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो सहित कुल पांच स्‍टेशन होंगे.
  • नमो भारत ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की गति से चलेगी. छह कोच वाली इस ट्रेन में एक हजार सात सौ यात्री यात्रा कर सकेंगे. एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित है.

ओडिसा के बालेश्‍वर में रेलगाड़ी दुर्घटना में कई लोगों की मौत

ओडिसा के बालेश्‍वर जिले में 2 जून को रेलगाड़ी दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई.रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.

यह दुर्घटना 2 जून को सात बजे हुई जब शालीमार-हावडा कोरोमंडल एक्‍सप्रेस बहनागा स्‍टेशन पर एक मालगाड़ी से टकराने के बाद पलट गई.इसके कुछ मिनट बाद ही इसी स्थान पर बंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्‍ट ट्रेन भी पटरी से उतर गई.

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दुर्घटना पर गहरा दुख व्‍यक्‍त किया है और घायलों के शीघ्र स्‍वस्‍थ होने की कामना की है.

पहली भारत गौरव रेलगाड़ी कोयम्‍बटूर उत्‍तर से शिरडी के लिए शुरू हुई

देश में ‘भारत गौरव रेलगाड़ी’ की शुरुआत की गयी है. इस श्रृंखला की पहली ‘भारत गौरव रेलगाड़ी’ 14 जून को कोयम्‍बटूर उत्‍तर से साईं नगर शिरडी के लिए शुरू हुई.

दक्षिण रेल सेलम के मण्‍डल प्रबंधक गौतम श्रीनिवास ने झंडी दिखाकर इसे रवाना किया. यह रेलगाड़ी प्राइवेट सेवा प्रदाता ‘साउथ स्‍टार रेल’ द्वारा संचालित की जा रही है.

इस रेलगाड़ी के संचालन से प्रति वर्ष तीन करोड़ चौंतीस लाख रुपये का निश्चित राजस्व मिलेगा.

भारत गौरव रेलगाड़ी का उद्देश्य देश की समृद्ध सांस्‍‍कृतिक विरासत और श्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थानों का प्रदर्शन करना है.

रेलगाडि़यों को टकराने से बचाने के लिए ‘कवच’ प्रणाली का सफल परीक्षण

भारतीय रेलवे ने रेलगाडि़यों को टकराने से बचाने के लिए ‘कवच’ (Kavach) प्रणाली का सफल परीक्षण किया है. जीरो एक्सीडेंट मिशन के तहत रेलवे ने स्वदेशी तकनीक से इस प्रणाली का विकास किया है. 2022 में देश में दो हजार किलोमीटर नेटवर्क पर कवच का परीक्षण किया जाना है.

कवच प्रणाली में अगर 2 ट्रेन स्पीड से एक दूसरे की तरफ आ रही है तो अपने आप ही ब्रेक लग जाता है. इसके अलावा जब ट्रेन फाटकों के पास पहुंचती है तो अपने आप सिटी भी बजने लगती है.

मुख्य बिंदु

  • भारतीय रेलवे ने चलती ट्रेनों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अपनी स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection (ATP) प्रणाली तैयार की है जिसे ‘कवच’ नाम दिया गया है.
  • कवच एक एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है जो कि रेडियो कम्युनिकेशन, माइक्रोप्रोसेसर, ग्लोबर पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर आधारित है. इस तकनीक की मदद से उम्मीद लगाई जा रही है कि रेलवे जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा.
  • बजट 2022 में आत्मनिर्भर भारत के तहत 2000 किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क को कवच तकनीक के अंदर लाने की घोषणा की गयी है.
  • स्वदेशी कवच की लागत लगभग 30 लाख से 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर, जबकि आयातित प्रणाली की लागत लगभग 2.5 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर है.

विनय कुमार त्रिपाठी रेलवे बोर्ड के महाप्रबंधक नियुक्त किये गये

विनय कुमार त्र‍िपाठी को रेलवे बोर्ड का नया चेयरमैन और CEO न‍ियुक्‍त क‍िया गया है. उनकी नियुक्ति केंद्र सरकार की मंत्रीमंडलीय न‍ियुक्‍त‍ि समित‍ि ने 31 दिसम्बर 2021 को की. विनय कुमार त्र‍िपाठी 1983 बैच के सीन‍ियर आईआरएसईई (IRSEE) अध‍िकारी और पूर्वोत्‍तर रेलवे, गोरखपुर के महाप्रबंधक हैं.

महाप्रबंधक विनय कुमार त्र‍िपाठी की न‍ियुक्‍त‍ि न‍िवर्तमान चेयरमैन व CEO सुनीत शर्मा की जगह पर की गई है. यह न‍ि‍युक्‍त‍ि एक जनवरी, 2022 से 30 जून, 2022 के लिए छह माह हेतु की गई है. कमेटी ने उनकी न‍ियुक्‍त‍ि को 31 द‍िसंबर, 2022 तक व‍िस्‍तार देने के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी दी है.

भारतीय रेलवे ने सभी सेवाओं के लिए एक ही हेल्पलाइन नंबर 139 जारी किया

भारतीय रेलवे ने अपने सभी हेल्पलाइन नम्बरों को एक ही हेल्पलाइन नंबर ‘139’ में एकीकृत कर दिया है. इसके बाद अब रेलवे यात्रा से जुड़ी किसी भी पूछताछ, शिकायत या मदद के लिए अलग-अलग नंबर डायल नहीं करना पड़ेगा. इसके साथ ही पहले जारी 182, 138 जैसे हेल्पलाइन नंबर बंद कर दिए गए हैं.

जोनल रेलवे भी 139 के अलावा कोई और नंबर जारी नहीं करेंगे. इसी नंबर पर विभिन्न भाषाओं में खानपान, सुरक्षा, शिकायतें, सहायता, सतर्कता से जुड़ी सभी जानकारी मिलेंगी.

हेल्पलाइन 139 IVRS यानी इंटरऐक्टिव वायस रिस्पॉन्स सिस्टम पर आधारित होगा. इसमें ट्रेन से जुड़ी पूछताछ, PNR, ट्रेन की स्थिति, ट्रेन की आवाजाही के समय को SMS भेजकर पता लगाया जा सकता है. ट्रेन में सीट मौजूद है या नहीं, टिकट कैंसल कराना, ऑनबोर्ड सेवाएं जैसी सुविधाएं भी मिल सकेंगी.

प्रधानमंत्री ने माल ढुलाई के विशेष गलियारे के न्‍यू मदार – न्‍यू रेवाड़ी खण्‍ड का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने पश्चिमी डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) के ‘न्‍यू मदार – न्‍यू रेवाड़ी’ खण्‍ड का 7 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया. WDFC का 306 किलोमीटर लम्बा यह गलियारा लगभग 5800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इस खंड के चालू होने से हरियाणा के रेवाड़ी तथा महेन्‍द्रगढ़ और राजस्‍थान के अजमेर तथा सीकर में उद्योगों को फायदा होगा.

प्रधानमंत्री ने इससे पहले 29 दिसम्बर 2020 को पूर्वी डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के ‘न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा खण्‍ड का उद्घाटन किया था. EDFC का 351 किलोमीटर लम्बा यह गलियारा 5750 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.

विश्‍व की पहली 1.5 किलोमीटर लंबी डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन

प्रधानमंत्री ने न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया. यह विश्‍व की पहली 1.5 किलोमीटर लंबी डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन है.

दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तैयार करने की योजना

  • सरकार माल ढुलाई के लिए विशेष रेल-मार्ग का निर्माण कर रहा है. इसके तहत दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (गलियारे) तैयार किया जा रहा है. पूर्वी डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) और पश्चिमी डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC). दोनों गलियारे का निर्माण डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) द्वारा किया जा रहा है.
  • पूर्वी डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) पंजाब के औद्योगिकल लुधियाना को पश्चिम बंगाल के दानपुनी से जोड़ रहा है. 1856 किलोमीटर के इस कॉरिडोर रूट में कोयला खाने हैं, थर्मल पावर प्‍लांट है, औद्योगिक शहर है, इनके लिए फीडर मार्ग भी बनाये जा रहे हैं. इस कॉरिडोर में 135 स्‍टेशन होंगे.
  • वहीं पश्चिमी डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) महाराष्‍ट्र में जेएनटी गोव उत्‍तर प्रदेश के दादरी से जोड़ता है. लगभग 1500 किलोमीटर के इस कॉरिडोर में गुजरात के मुंदरा, कांडला, पीपावा, दहेज और हजीरा के बड़े बंदरगाहों के लिए फीडर मार्ग होंगे.
  • इन दोनों फ्रेट कॉरिडोर के इर्द-गिर्द, दिल्‍ली, मुंबई इंडस्‍ट्रीयल कॉरिडोर और अमृतसर, कोलकाता इंडस्‍ट्रीयल कॉरिडोर भी विकसित किये जा रहे हैं.

सुनीत शर्मा रेलवे बोर्ड के नये अध्‍यक्ष नियुक्त किये गये

सुनीत शर्मा को रेलवे बोर्ड के नये अध्यक्ष व CEO के रूप में नियुक्त किया गया है. उन्होंने विनोद कुमार यादव की जगह ली है. मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने विनोद कुमार यादव के स्थान पर बदलाव किया है. यादव 31 दिसंबर 2019 को सेवानिवृत्ति के बाद उसी पद पर एक साल के लिए पुनर्नियुक्त किए गए थे. यादव रेलवे बोर्ड के पहले CEO बनाए गए थे.

सुनीत शर्मा भारतीय रेलवे मेकेनिकल इंजीनियर सर्विस 1981 बैच के अधिकारी है. वह इससे पहले पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक पद पर कार्यरत थे.

विस्‍टाडोम पर्यटन कोचों का स्‍पीड ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया गया

भारतीय रेलवे ने नए विस्‍टाडोम टूरिस्‍ट कोचों (Vistadome tourist coaches) का 180 किलोमीटर प्रतिघंटा स्‍पीड ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इसकी घोषणा 29 दिसम्बर को दी.

विस्‍टाडोम पर्यटन कोच: एक दृष्टि

रेलवे ने स्विटजरलैंड में चलने वाले विस्टाडोम की तर्ज पर इस अत्याधुनिक सुविधायुक्त पारदर्शी कोच का निर्माण किया है. यह कोच चेन्‍नई की इंटीग्रल कोच फैक्‍ट्री में बने हैं. नए डिजाइन वाले विस्‍टाडोम टूरिस्ट कोच का 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर ट्रायल पूरा हो गया है.

ये कोच तकनीकी रूप से काफी एडवांस हैं. इनमें वाई-फाई आधारित पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम भी है. इन कोच में बड़े शीशे की खिड़कियां हैं, शीशे की छत है, ऑब्जर्वेशन लाउंज है और घुमाई जा सकते वाली सीटें हैं. टूरिस्ट इन सबकी मदद से जब ट्रेन टूरिस्ट लोकेशन से गुजरेगी तो बाहर आसानी से देख सकेंगे और तस्वीरें भी ले सकेंगे.

जिन ट्रेनों में ये कोच लगेंगे, वे खासतौर पर टूरिज्म के लिए होंगी. इस कोच वाली ट्रेन दादर, मडगांव, अराकु घाटी, कश्मीर घाटी, डार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका शिमला रेलवे, कांगडा घाटी रेलवे, माथेरान हिल रेलवे, नीलगिरी माउंटेन रेलवे में चलेगी.

यात्री रेलगाडि़यों के परिचालन में निजी निवेश की पहल

रेल मंत्रालय ने 151 आधुनिक यात्री रेलगाडि़यों के परिचालन के लिए निजी क्षेत्र से अर्हता अनुरोध आमंत्रित किये हैं. ये रेलगाडि़यां भारतीय रेल के पूरे नेटवर्क पर 12 समूहों में चलाई जायेंगी. प्रत्‍येक रेलगाडी में 16 डिब्‍बे होंगे. भारतीय रेल नेटवर्क पर यात्री रेलगाडि़यों के परिचालन में निजी निवेश का यह पहला प्रयोग है.

निजी निवेश के लाभ

इस परियोजना में निजी क्षेत्र से तकरीबन तीस हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. परियोजना में ज्‍यादातर रेलगाडि़यां भारत में निर्मित होंगी और निजी कंपनियां इनकी खरीद, संचालन तथा रखरखाव के लिए जिम्‍मेदार होंगी. इन रेलगाडि़यों को अधिकतम 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ने के अनुरूप बनाया जायेगा. इससे यात्रा समय में उल्‍लेखनीय कमी आयेगी.

निजी निवेश के उद्देश्य

इस पहल का उद्देश्‍य रेलगाडि़यों में आधुनिक तकनीक लाना और रखरखाव के खर्च में कटौती करना, यात्रा समय कम करना, रोजगार सृजित करना, यात्रियों को सुरक्षा उपलब्‍ध कराना तथा वैश्विक स्‍तर की सुविधा देना है. इससे लोगों की यात्रा मांग और आपूर्ति के अंतर में भी कमी लाना है.

12 क्लस्टर चलाये जाने का प्रस्ताव

सभी निजी यात्री रेलगाडि़यों को 12 क्लस्टर में चलाई जाएंगी. ये क्लस्टर- बेंगलुरू, चंडीगढ़, जयपुर, दिल्ली, मुंबई, पटना, प्रयागराज, सिकंदराबाद, हावड़ा और चेन्नै होंगे.

रेलवे ने ‘रेलवे सुरक्षा बल’ का नाम बदलकर ‘भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा’ किया

इंडियन रेलवे ने अपने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) का नाम बदलकर भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा (Indian Railway Protection Force Service- IRPSF) कर दिया है. 30 दिसम्बर को जारी एक आदेश के मुताबिक, मंत्रालय ने RPF को संगठित ‘ग्रुप A’ (OGAS) का दर्जा दिया है और इसका नाम बदल दिया है.

RPF केंद्रीय सैन्य सुरक्षा बल है. इसका गठन रेल यात्रियों की सुरक्षा, भारतीय रेलवे की सम्पत्तियों की रक्षा तथा किन्हीं देश विरोधी गतिविधियों में रेलवे सुविधाओं के इस्तेमाल की निगरानी के लिए किया गया है. यह सुरक्षा बल भारतीय रेल मंत्रालय केअधीन होता है.

रेलवे बोर्ड के संगठनात्‍मक पुनर्गठन को मंजूरी दी गयी, इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस का गठन

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे बोर्ड के संगठनात्‍मक पुनर्गठन को मंजूरी दी है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 24 दिसम्बर को इसकी जानकारी दी. श्री गोयल ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा सुधार कार्यक्रम है जिससे विभिन्‍न विभागों के कार्य में दोहरापन समाप्‍त होगा.

इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस का गठन

पुनर्गठन के तहत रेलवे बोर्ड में 8 की जगह अब सिर्फ 5 सदस्य होंगे. ये सदस्य ऑपरेशन, बिजनेस डिवेलपमेंट, ह्यूमेन रिसोर्सेज, इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइनैंस से होंगे. अलग-अलग 8 काडरों को मिलाकर एक काडर बनाया जाएगा, जिसका नाम ‘इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस’ होगा. नए बोर्ड के पांच सदस्य में चेयरमैन भी शामिल होंगे. चेयरमैन बोर्ड के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी भी होंगे. बोर्ड में चार सदस्‍य तथा कुछ स्‍वतंत्र सदस्‍य होंगे.

रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के तहत एकीकृत सिस्टम काम करेगा. हाल ही में सरकार की ओर से गठित एक कमिटी ने रेलवे बोर्ड में अहम बदलाव का प्रस्ताव दिया था. सरकार का मानना है कि बोर्ड की अलग-अलग शाखा रहने से आपस में बेहतर तालमेल नहीं हो पाता था, जिससे रेलवे में योजनाओं के क्रियान्वयन में हमेशा बाधाएं आती रहीं.

रेलवे मैनेजमेंट में सुधारों पर गठित समिति

सरकार समय-समय पर रेलवे मैनेजमेंट में सुधारों के लिए कई समितियों का गठन किया है. इस समितियों में प्रकाश टंडन कमिटी (1994), राकेश मोहन कमिटी (2001), सैम पित्रोदा कमिटी (2012) और बिबेक देबरॉय कमिटी (2012) ने भी सर्वेसेज के एकीकरण की सिफारिश की थी.