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स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023: सूरत और इंदौर संयुक्त विजेता घोषित

केन्‍द्र सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) पुरस्कार 2023 की घोषणा 11 दिसम्बर को की थी. इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से सबसे स्वच्छ शहर का पहला पुरस्कार दिया गया. इंदौर को लगातार सातवीं बार सबसे स्‍वच्‍छ शहर का खिताब दिया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित समारोह में विजेताओं को पुरस्‍कार दिए.

मुख्य बिन्दु

  • स्‍वच्‍छता के मामले में छह बार से लगातार इंदौर पहले स्थान पर बना हुआ था. सातवीं बार इंदौर के साथ इस लिस्‍ट में सूरत का नाम भी शामिल है. पहली बार सूरत भी संयुक्त तौर पर सबसे स्वच्छ शहर बन गया.
  • राज्यों में महाराष्ट्र को सबसे स्वच्छ राज्‍य घोषित किया गया. दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश और तीसरे नंबर पर  छत्तीसगढ़ रहा. पिछले साल मध्य प्रदेश को देश का सबसे स्वच्छ राज्य चुना गया था.
  • भोपाल को देश की स्वच्छतम राज्य राजधानी का खिताब मिला है. पिछले साल भी ये खिताब भोपाल के ही पास में था. देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले महानगरों की श्रेणी में भोपाल को देश का पांचवां सबसे स्वच्छ शहर चुना गया.

भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023 में 40वां स्‍थान बरकरार रखा

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) ने हाल ही में वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) 2023 प्रकाशित किया था. इस सूचकांक में भारत 132 देशों में 40वें स्थान पर है. भारत वर्ष 2022 के सूचकांक में भी 40वें स्थान पर था.

भारत, वैश्विक नवाचार सूचकांक 2015 में 81वें स्थान पर था. पिछले सात वर्षों में भारत की रैंकिंग में 41 स्थान का सुधार हुआ है.

वैश्विक नवाचार सूचकांक 2023: मुख्य बिन्दु

  • इस सूचकांक में स्विट्जरलैंड लगातार 13वें वर्ष पहले स्थान पर कायम है. इसके बाद स्वीडन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और सिंगापुर का स्थान है.
  • WIPO (World Intellectual Property Organization) सेवाओं, नीति, सूचना और सहयोग के लिये वैश्विक मंच है. यह संयुक्त राष्ट्र की एक स्व-वित्तपोषित एजेंसी है, जिसके 193 सदस्य देश हैं.
  • इसका उद्देश्य एक संतुलित और प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय IP प्रणाली के विकास का नेतृत्व करना है जो सभी के लाभ के लिये नवाचार एवं रचनात्मकता को सक्षम बनाता है.

वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII): एक दृष्टि

  • वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index) प्रति वर्ष की जाने वाली एक रैंकिंग है जो विश्व के विभिन्न देशों में नवाचार (Innovation) की क्षमता को इंगित करती है.
  • सूचकांक की गणना के मानकों में संस्थान, मानव पूंजी और अनुसंधान, आधारभूत ढाँचे, बाज़ार संरचना, व्यापार संरचना, ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी आउटपुट शामिल हैं.

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2022-23 जारी: केरल बड़े राज्यों में शीर्ष पर

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 7 जून को राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (State Food Safety Index) जारी किया था. यह राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक पाँचवाँ संस्करण था.

पाँचवाँ राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक: मुख्य बिन्दु

  • राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) प्रत्येक वर्ष 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर FSSAI द्वारा किया जाता है.
  • यह खाद्य संरक्षा के छह अलग-अलग पहलुओं में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है.
  • बड़े राज्यों की श्रेणी में केरल ने पहला स्थान हासिल किया है. पंजाब और तमिलनाडु क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया.
  • केंद्र शासित प्रदेश (UT) श्रेणी में जम्मू और कश्मीर ने अपना पहला स्थान  बनाए रखा है. दिल्ली और चंडीगढ़ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहा.
  • छोटे राज्यों की श्रेणी में गोवा ने पहला स्थान हासिल किया. मणिपुर और सिक्किम क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया.

खाद्य सुरक्षा सूचकांक: एक दृष्टि

खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2018-19 में शुरू किया गया था. खाद्य सुरक्षा के कई मापदंडों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए FSSAI द्वारा यह सूचकांक जारी किया जाता है.

इस रिपोर्ट में राज्यों को पांच मानदंडों, खाद्य सुरक्षा, मानव संसाधन व संस्थागत आंकड़ों, एक्ट के अनुपालन, खाद्य परीक्षण सुविधा, प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण के अलावा उपभोक्ता सशक्तीकरण के आधार पर रैंकिग दी जाती है.

भारत विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक 2023 में 38वें स्थान पर

भारत विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (Logistics Performance Index) 2023 में 139 देशों की सूची में 38वें स्थान पर पहुंच गया है.  भारत 2018 में इस सूचकांक में 44वें स्थान पर काबिज था. बुनियादी ढांचा क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण निवेश की वजह से यह सुधार हुआ.

मुख्य बिन्दु

  • विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के प्रदर्शन में 2014 से लगातार सुधार देखने को मिला है. उस दौरान वह 54वें स्थान पर था.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने अक्तूबर, 2021 में लॉजिस्टिक्स लागत को घटाने और 2024-25 तक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान ‘पीएम गति शक्ति’ पहल की घोषणा की थी.
  • 2022 में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) भी शुरू की गई थी, जिसका मकसद तेजी से सामान पहुंचाना, परिवहन संबंधी चुनौतियों को खत्म करना, विनिर्माण क्षेत्र के लिए समय को घटाना और धन को बचाना था.
  • विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन नीतियों से भारत को लाभ मिला है. वह लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक व इसके अन्य पैमानों पर बेहतर साबित हुआ है. आधुनिकीकरण व डिजिटलीकरण से भी भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है.
  • भारत 2023 में बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर भी पांच स्थान की छलांग लगाकर 47वें स्थान पर पहुंच गया है. 2018 में 52वें स्थान पर था.

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2023: भारत 126वें स्थान पर, फिनलैंड शीर्ष पर

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट (World Happiness Report) 2023 हाल ही में जारी की गयी थी. रिपोर्ट में विभिन्न पैमानों के आधार पर रैंकिंग दी गई है. फ़िनलैंड एक बार फिर दुनिया के सबसे खुशहाल देश के रूप में उभरा है. भारत इस रैंकिंग में 126वें स्थान पर है.

मुख्य बिंदु

  • फिनलैंड ने लगातार छठी बार पहला स्थान हासिल किया है, जबकि अफगानिस्तान सबसे निचले पायदान पर है. इस रिपोर्ट में डेनमार्क दूसरे, आइसलैंड तीसरे, इज़राइल चौथे और नीदरलैंड पांचवे स्थान पर है.
  • सूची में शीर्ष पांच में से चार देश यूरोप से हैं. स्वीडन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, लक्ज़मबर्ग और न्यूजीलैंड शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं.
  • रिपोर्ट 2023 के में भारत 126वें स्थान पर है. भारत की यह रैंकिंग 2020-2022 में जीवन मूल्यांकन (Life Evaluations) पर आधारित है. इसमें भारत का औसत जीवन मूल्यांकन स्कोर 4.036 है.
  • यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क द्वारा प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस पर प्रकाशित किया जाता है.
  • वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2023 में इस बात को शामिल किया गया है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, जीवन विकल्प चुनने की स्वतंत्रता कैसी है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय का सर्वेक्षण: भारत में सबसे अधिक बाल विवाह झारखंड में

केंद्रीय गृह मंत्रालय के रजिस्ट्रार जनरल और रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर ने हाल ही में एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया था. इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे अधिक बाल विवाह (Child Marriage) झारखंड में हो रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय का सर्वेक्षण 2022: एक दृष्टि

  • इस रिपोर्ट में जनसंख्या, प्रजनन क्षमता और मृत्यु दर के अनुमान शामिल हैं. इस रिपोर्ट में लगभग 84 लाख लोगों ने हिस्सा लिया है. सर्वेक्षण 2020 में किया गया था.
  • झारखंड में 5.8 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है. राष्ट्रीय स्तर पर 18 साल की उम्र से पहले विवाह करने वाली लड़कियों का प्रतिशत 1.9 है, जबकि केरल में यह 0.0 है.
  • झारखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में क्रमशः: 7.3 प्रतिशत और 3 प्रतिशत लड़कियों का बाल विवाह हुआ है.
  • झारखंड और पश्चिम बंगाल देश के दो ऐसे राज्य हैं, जहां आधी से ज्यादा महिलाओं की शादी 21 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है.
  • पश्चिम बंगाल में जहां 54.9 प्रतिशत लड़कियों की विवाह 21 साल की उम्र से पहले किया जाता है. वहीं झारखंड में यह आंकड़ा 54.6 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 29.5 प्रतिशत है.

स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022: इंदौर देश का सर्वाधिक स्वच्छ शहर घोषित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 1 अक्तूबर को नई दिल्‍ली में स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022 प्रदान किये. इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है.

मुख्य बिन्दु

  • इस वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है. छत्‍तीसगढ़ को दूसरा और महाराष्‍ट्र को तीसरा स्‍थान मिला है.
  • इंदौर को लगातार छठवीं बार देश का सर्वाधिक स्वच्छ शहर घोषित किया गया है. सर्वेक्षण के अनुसार सूरत दूसरे स्थान पर बना हुआ है. विजयवाड़ा की जगह नवी मुंबई तीसरे स्थान पर आ गया है.
  • इंदौर भारत का पहला 7 सितारा कचरा मुक्त शहर बन गया है. 5 सितारा कचरा मुक्त शहर का खिताब सूरत, भोपाल, मैसूर, विशाखापत्तनम, नवी मुंबई और तिरुपति को प्रदान किया गया.
  • एक लाख से कम जनसंख्‍या वाले शहरों में महाराष्‍ट्र के पंचगनी को पहला स्‍थान मिला है. छत्‍तीसगढ़ में पाटन दूसरे और महाराष्‍ट्र में करहड़ तीसरे स्‍थान पर है.
  • गंगा तट पर बसे एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में हरिद्वार को सर्वाधिक स्वच्छ घोषित किया गया है. वाराणसी दूसरे और ऋषिकेश तीसरे स्थान पर है.

NIRF 2022 रैंकिंग, IIT मद्रास पहले स्थान पर

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 16 जुलाई को देशभर के उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों का नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2022 रैंकिंग जारी की थी. इसमें विभिन्न कटेगरी में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों की सूची जारी की गई है.

NIRF 2022 रैंकिंग: मुख्य बिन्दु

  • NIRF इंजीनियरिंग रैंकिग 2022 में IIT मद्रास पहले स्थान पर है. IIT दिल्ली और IIT बॉम्बे ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया है.
  • मेडिकल कॉलेज श्रेणी में, AIIMS नई दिल्ली को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है. सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज, चेन्नई को डेंटल कॉलेज श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है.
  • सर्वश्रेष्ठ कॉलेज की श्रेणी में मिरांडा हाउस पहले और हिंदू कॉलेज और प्रेसीडेंसी दूसरे स्थान पर है.
  • प्रबंधन श्रेणी में IIM अहमदाबाद को भारत में सर्वश्रेष्ठ बी-स्कूल का दर्जा दिया गया है जबकि IIM बैंगलोर दूसरे स्थान पर है.

NIRF रैंकिंग: एक दृष्टि

NIRF (National Institutional Ranking Framework) की स्थापना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2015 में की थी. NIRF रैंकिंग के अंतर्गत टीचिंग, लर्निंग एण्ड रिसोर्सेस, रिसर्च एण्ड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम्स, आउटरीच एण्ड इन्क्लूजिविटी और पीअर पर्सेप्शन जैसे मापदंडों के आधार पर देश के संस्थानों की रैंकिंग हर साल जाती की जाती है.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत राज्य रैंकिंग सूचकांक

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने 5 जुलाई को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत राज्य रैंकिंग सूचकांक सूचकांक जारी किया था.

मुख्य बिंदु

  • इस सूचकांक में ओडिसा ने शीर्ष स्‍थान प्राप्‍त किया. रैंकिंग में उत्तर प्रदेश दूसरे और आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा. श्री गोयल ने दिल्ली में खाद्य और पोषण सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन में यह सूचकांक जारी किया था.
  • ओडिशा को 0.836 का इंडेक्स स्कोर मिला. 0.797 के इंडेक्स स्कोर के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है. आंध्र प्रदेश 0.794 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है.

खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021-22: तमिलनाडु बड़े राज्यों में शीर्ष पर

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में ‘चौथा खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021-22’ (4th Food Safety Index – SFSI) जारी किया था.

  • इस रिपोर्ट में 17 बड़े राज्यों की श्रेणी में तमिलनाडु 82 अंकों के साथ शीर्ष पर है, जबकि गुजरात 77.5 अंकों के साथ दूसरे और महाराष्ट्र 70 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है.
  • छोटे राज्यों की श्रेणी में गोवा ने अपनी शीर्ष रैंकिंग बरकरार रखी, जबकि मणिपुर और सिक्किम ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया.
  • केंद्र शासित प्रदेशों में, जम्मू और कश्मीर पहले स्थान पर है, उसके बाद दिल्ली और चंडीगढ़ का स्थान है.

खाद्य सुरक्षा सूचकांक: एक दृष्टि

  • खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2018-19 में शुरू किया गया था. खाद्य सुरक्षा के कई मापदंडों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए FSSAI द्वारा यह सूचकांक जारी किया जाता है.
  • इस रिपोर्ट में राज्यों को पांच मानदंडों, खाद्य सुरक्षा, मानव संसाधन व संस्थागत आंकड़ों, एक्ट के अनुपालन, खाद्य परीक्षण सुविधा, प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण के अलावा उपभोक्ता सशक्तीकरण के आधार पर रैंकिग दी जाती है.

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट जारी

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 26 मई को राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (National Achievement Survey) 2021 की रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में देश में तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों की तीन वर्षों में सीखने की क्षमता का और स्कूली शिक्षा प्रणाली का व्यापक आकलन किया गया है. इस प्रकार का पिछला सर्वेक्षण 2017 में हुआ था.

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021: मुख्य बिंदु

  • राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) 2021 में देश भर के केंद्र और राज्य सरकार के सरकारी स्कूल और निजी स्कूल शामिल को शामिल किया गया था.
  • सर्वेक्षण में कक्षा 3 और 5 के लिए भाषा, गणित और ईवीएस; कक्षा 8 के लिए भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान और कक्षा 10 के लिए भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी का मूल्यांकन किया गया.
  • इस रिपोर्ट में पंजाब ने कक्षा, तीन, पांच और आठवीं की सभी विषयों में पहला स्थान हासिल किया है. इसके साथ ही पंजाब ने दसवीं कक्षा में गणित में प्रथम स्थान प्राप्त किया. दसवीं कक्षा के अन्य विषयों में गोवा और चंडीगढ़ शीर्ष पर रहा.
  • राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण का उद्देश्य देश में स्कूली शिक्षा प्रणाली की कार्यकुशलता और विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता का आकलन करना है. इसके आधार पर विभिन्न स्तरों पर शिक्षा प्रणाली की खामियां दूर करने के लिए उचित कदम उठाए जाते हैं.

यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक में भारत 54वें स्थान पर

विश्व आर्थिक फोरम (WEF) ने हाल ही में यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (Travel and Tourism Development Index) 2021 जारी किया था. यह यात्रा और पर्यटन संबंधी द्विवार्षिक अध्ययन है जिसमें दुनिया की 117 अर्थव्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया गया है. इसमें यात्रा और पर्यटन के क्षेत्र में सतत और लचीले विकास को मुफीद बनाने वाली अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग की गयी है.

WEF यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक 2021: मुख्य बिंदु

  • इस सूचकांक में 4.2 अंक के साथ भारत 54वें स्थान पर है. इससे पूर्व भारत 2019 में भारत 46वें स्थान पर था. covid महामारी के कारण भारत की रैंकिंग में गिरावट आई है. हालाँकि, भारत अभी भी दक्षिण एशिया क्षेत्र में सबसे ऊपर है.
  • अमेरिका, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, सिंगापुर और इटली इस सूची में क्रमशः शीर्ष दस हैं. अमेरिका के अलावा यूरोप और एशिया प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष 10 देशों में जनवरी 2021 की अपेक्षा जनवरी 2022 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई है.
  • यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक 2021 इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक सूचकांक के प्रत्यक्ष मूल्यांकन से संबंधित है. इसका प्रकाशन बीते 15 वर्षों से हर दूसरे साल में किया जाता है.