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विश्व मौसम विज्ञान संगठन वैश्विक जलवायु रिपोर्ट 2023 जारी की

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 19 मार्च को अपनी वैश्विक जलवायु रिपोर्ट 2023 जारी की थी. इस रिपोर्ट में वर्ष 2023 को अब तक का सबसे गर्म वर्ष बताया गया है.

WMO रिपोर्ट 2023: मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट में विभिन्न जलवायु संकेतकों में खतरनाक रुझानों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें रिकॉर्ड तोड़ ग्रीनहाउस गैस स्तर, सतह का तापमान, महासागर की गर्मी और अम्लता, समुद्र का जल स्तर बढ़ना, अंटार्कटिक समुद्री बर्फ का आवरण और ग्लेशियर का पीछे हटना शामिल है.
  • लू, बाढ़, सूखा, जंगल की आग और तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवातों ने लाखों लोगों के रोजमर्रा के जीवन में गंभीर व्यवधान पैदा किया और इसके परिणामस्वरूप अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ.
  • वर्ष 2023 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा. 2023 के अंत तक, 90% से अधिक महासागर ने वर्ष के दौरान किसी समय लू की स्थिति का अनुभव किया था.
  • प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि दुनिया भर के ग्लेशियरों में 1950 के बाद से बर्फ की सबसे बड़ी क्षति हुई है, मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तरी अमेरिका और यूरोप में गंभीर पिघलाव के कारण.
  • 2022 में, तीन मुख्य ग्रीनहाउस गैसों – कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड – का स्तर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया. यह प्रवृत्ति 2023 में भी जारी रही.
  • 2023 में, पृथ्वी की सतह पर औसत तापमान औद्योगीकरण से पहले 1850 से 1900 के औसत तापमान से 1.45 ± 0.12 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह 2023 को पिछले 174 वर्षों में दर्ज किया गया सबसे गर्म वर्ष बनाता है. 2014 से 2023 तक, औसत वैश्विक तापमान 1850 से 1900 के औसत तापमान से 1.20±0.12°C अधिक था.

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2024: भारत 126वें स्थान पर, फिनलैंड शीर्ष पर

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2024 (World Happiness Report 2024)  20 मार्च को जारी की गयी थी. रिपोर्ट में विभिन्न पैमानों के आधार पर 143 देशों को रैंकिंग दी गई है. भारत इस रैंकिंग में26वें स्थान पर है. प्रति वर्ष 20 मार्च को मनाए जाने वाले अंतराष्ट्रीय खुशहाली दिवस के मौके पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया जाता है.

मुख्य बिंदु

  • पिछले वर्ष की तरह ही नॉर्डिक देश इस साल भी खुशहाली सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं. नॉर्डिक देशों में स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क और आइसलैंड आदि शामिल हैं.
  • फिनलैंड ने लगातार सातवीं बार पहला स्थान हासिल किया है. डेनमार्क और आइसलैंड ने पिछले साल की तरह ही सूची में क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है. स्वीडन चौथे नंबर पर है.
  • अफगानिस्तान इस साल भी सूची में सबसे निचले स्थान पर है.  इससे ऊपर लेबनान, लेसोथो, सियेरा लियोन और कोंगो जैसे देशों का नंबर हैं.
  • सूची में शीर्ष पांच देश यूरोप से हैं. इस सूची में अमरीका 16वें स्थान पर है. लक्जमबर्ग, नॉर्वे, इस्राइल और न्यूजीलैंड शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं.
  • भारत के पड़ोसी देशों में चीन जहां इस सूची में 60वें नंबर पर है, वहीं नेपाल 93वें स्थान पर है. पाकिस्तान का नंबर 108वां है तो म्यांमार का 118वां. पड़ोसियों में श्रीलंका 128 और बांग्लादेश 129 रैंकिंग के साथ ही भारत से पिछड़े हैं.
  • विश्व खुशहाली रिपोर्ट में सामाजिक सहयोग, आय, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण जैसे कारकों के आधार पर विश्व भर के 140 से अधिक दशों का आकलन कर रैंकिंग तैयार की जाती है.

संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक: भारत 134वें, नॉर्वे शीर्ष स्थान पर

वर्ष 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक (HDI) 14 मार्च 2024 को जारी की गई थी. इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग में पिछले साल के मुकाबले 1 पायदान का सुधार आया है. भारत 193 देशों की सूची में 134वें पायदान पर रहा है.

HDI रिपोर्ट 2022: मुख्य बिन्दु

  • वर्ष 2021 के HDI में कुल 193 देशों में भारत की स्थिति 135 थी जो अब वर्ष 2022 के HDI में 134 हो गई है. 2022 के HDI में नॉर्वे, आयरलैंड, और स्विट्ज़रलैंड शीर्ष पर रहे.
  • 2022 की रैंकिंग में, भारत के सभी HDI संकेतकों में सुधार देखा गया है. जीवन प्रत्याशा 67.2 से बढ़कर 67.7 वर्ष हो गई.
  • 2022 की रैंकिंग में, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 12.6 तक पहुंच गए, जबकि स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष बढ़कर 6.57 हो गए.
  • प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,542 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6,951 अमेरिकी डॉलर हो गई. भारतीय करेंसी में यह राशि लगभग 5.75 लाख रुपये होती है.
  • भारत लैंगिक असमानता सूचकांक (GII) 2022 में 0.437 मान के साथ 108वें स्थान पर रहा. यह वैश्विक और दक्षिण एशियाई औसत से बेहतर है. GII-2021 में 0.490 मान के साथ 191 देशों में इसकी रैंक 122 थी.
  • देश की श्रम बल भागीदारी दर में सबसे बड़ा लैंगिक अंतर भी सामने आया है. महिलाओं (28.3 प्रतिशत) और पुरुषों (76.1 प्रतिशत) के बीच 47.8 प्रतिशत का बड़ा अंतर देखा गया.

मानव विकास सूचकांक (HDI): एक दृष्टि

  • मानव विकास सूचकांक (HDI) रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित की जाती है. इस सूचकांक का उपयोग देशों को मानव विकास के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है. यह जीवन प्रत्याशा, शिक्षा(स्कूली शिक्षा के पूरे वर्ष और स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष), और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है.
  • कोई देश उच्च स्तर का HDI स्कोर करता है जब जीवनकाल, शिक्षा का स्तर, और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय अधिक होती है.
  • पहला मानव विकास सूचकांक 1990 में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक के सहयोग से जारी किया गया था. तब से प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा इसे जारी किया जाता है.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स 2023: भारत 80वें स्थान पर, सिंगापुर शीर्ष स्थान पर

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स (Henley Passport Index) 2023 रिपोर्ट हाल ही में जारी की गयी थी. 199 देशों की इस पासपोर्ट रैंकिंग रिपोर्ट में भारत 80वें स्थान पर है. भारत की रैंकिंग में पिछले रैंकिंग रिपोर्ट से 3 स्थान का सूधार हुआ है. इस सूचकांक में सिंगापुर शीर्ष स्थान पर है.

दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से जर्मनी, इटली और स्पेन है. जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्रांस, लक्समबर्ग और स्वीडन ने संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे.

हेनले पासपोर्ट रैंकिंग क्या है?

  • हेनले पासपोर्ट रैंकिंग को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आंकड़ों के आधार पर हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी किया जाता है.
  • यह रैंकिंग देशों के पासपोर्ट की ताकत पर निर्भर करती है. इस रैंकिंग में स्कोर का मतलब है कि कितने देशों में उस पासपोर्ट के जरिए वीजा मुक्त या वीजा आन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है.
  • जिस देश के पासपोर्ट के जरिए बगैर वीजा या वीजा ऑन अराइवल सबसे अधिक देशों में आने-जाने की छूट होती है, उसकी रैंकिंग सबसे अच्छी होती है.

भारत के पासपोर्ट पर 62 देशों में बिना वीजा यात्रा

रैंकिंग में भारत 80वें स्थान पर है. भारतीय पासपोर्ट धारक भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मकाऊ, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, केन्या, मॉरिशस, सेशेल्स, जिम्बॉब्वे, यूगांडा, ईरान और कतर सहित 62 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स 2023: एक दृष्टि

  • हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स में सिंगापुर शीर्ष स्थान पर  हैं. इस देश के नागरिक वीजा के बिना ही 192 देशों की यात्रा कर सकते हैं.
  • इस रैंकिंग में दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से जर्मनी, इटली और स्पेन हैं. इन देशों के पासपोर्टधारक 190 देशों में वीजा के बिना यात्रा कर सकते हैं.
  • अमेरिका इस रैंकिंग में 8वें स्थान पर है. अमेरिका के पासपोर्टधारक को 184 देशों की यात्रा बिना वीजा के कर सकते है.
  • पड़ोसी देश चीन के पासपोर्ट का रैंकिंग में 63वां स्थान है. चीन के पासपोर्ट का 80 देशों में वीजा फ्री एक्सेस है और पाकिस्तान का पासपोर्ट जो 100वें स्थान पर है, उसका 33 देशों में वीजा फ्री एक्सेस है.
  • इस रैंकिंग में अफगानिस्तान, इराक और सीरिया सबसे खराब पासपोर्ट वाले देश बने हुए. अफगानिस्तान अंतिम 103वें स्थान पर है.

मोर्गन स्टेनली ने भारतीय बाजार को ओवरवेट श्रेणी में रखा

विश्व की दो दिग्गज आर्थिक शोध व बाजार पर नजर रखने वाली एजेंसियां स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) और मोर्गन स्टेनली ने 3 अगस्त को भारत के सकारात्मक आर्थिक क्षमताओं पर एक रिपोर्ट जारी की थी.

मुख्य बिन्दु

  • मोर्गन स्टेनली की तरफ से जारी रिपोर्ट में भारतीय पूंजी बाजार को ‘ओवरवेट’ की श्रेणी में रखा गया है जिसका मतलब यह हुआ कि भारत की इकोनॉमी अपनी श्रेणी के दूसरे देशों से बेहतर करेगी. इसी रिपोर्ट में चीन का दर्जा घटा दिया गया है.
  • उक्त दोनों रिपोर्टों के पहले विश्व बैंक, एडीबी और कई दूसरी निजी वैश्विक एजेंसियों की रिपोर्टों में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत वर्ष 2023-24 और इसके बाद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई इकोनॉमी बना रहेगा.
  • आरबीआई की तरफ से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट कहती है कि अगर भारत अगले 25 वर्षों तक सात फीसद की आर्थिक विकास दर लगातार हासिल करे तो वह वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल हो सकता है.
  • मोर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष भारत की आर्थिक विकास दर 6.2 फीसद रहेगी.

S&P की नई ‘लुक फारवर्ड: इंडियाज मूवमेंट’ रिपोर्ट

  • S&P की नई ‘लुक फारवर्ड: इंडियाज मूवमेंट’ रिपोर्ट में के मुताबिक, भारत ने कोविड महामारी के काल से काफी बेहतर तरीके से बाहर निकलने का हुनर दिखाया है.
  • वर्ष 2024 से वर्ष 2031 के बीच भारत की औसत आर्थिक विकास दर 6.7 फीसद रहेगी और इसकी वजह से भारत वर्ष मौजूदा 3.4 अरब डॉलर से बढ़कर 6.7 अरब डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगी. साथ ही प्रति व्यक्ति आय भी 4500 डॉलर प्रति व्यक्ति हो जाएगी.
  • ऊर्जा के बारे में बताया गया है कि वर्ष 2050 तक भारत की ऊर्जा मांग दो गुनी बढ़ जाएगी. इसके लिए भारत को अपने पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्रों के बीच बेहतर तालेमल करना होगा.

ग्लोबल फायरपावर 2023 सूची: सैन्‍य शक्ति में भारत चौथे स्थान पर

वैश्विक रक्षा संबंधी जानकारी पर नजर रखने वाली डाटा वेबसाइट ग्लोबल फायरपावर (Global Firepower) ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सैनिकों की सूची (World Military Strength Rankings) 2023 जारी की है.

ग्लोबल फायरपावर 2023: सूची मुख्य बिन्दु

  • ग्लोबल फायरपावर 2023 सूची के अनुसार, अमेरिका के पास दुनिया की सबसे मजबूत सैन्य शक्ति है. इस सूची में रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर हैं. भारत ने चौथे स्थान पर अपना कब्जा बरकरार रखा है.
  • दुनिया के सबसे कमजोर सैन्य बल वाले देश भी शामिल हैं. इसमें भूटान और आइसलैंड शामिल हैं. इनका मूल्यांकन 60 से अधिक कारकों (Factors) पर किया गया है.
  • ग्लोबल फायरपावर ने कहा कि उसने सैन्य इकाइयों की मात्रा और वित्तीय स्थिति से लेकर रसद क्षमताओं और भौगोलिक स्थिति तक की श्रेणियों के साथ हर देश का स्कोर निकाला है.
  • सबसे शक्तिशाली सेनाओं वाले 10 देश क्रमशः अमेरिका, रूस, चीन, भारत, यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन), दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, जापान, फ्रांस और इटली.
  • सबसे कम शक्तिशाली सेनाओं वाले 10 देश क्रमशः भूटान, बेनिन, मोलदोवा, सोमालिया, लाइबेरिया, सूरीनाम, बेलीज, केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्य, आइसलैंड और सिएरा लियोन.
  • इस सूची में शीर्ष चार देश वैसे ही बने हुए हैं जैसे वे ग्लोबल फायरपावर सूची में 2022 में थे. हालांकि, ब्रिटेन पिछले साल आठवें स्थान से बढ़कर इस साल पांचवें स्थान पर आ गया है.
  • जापान और फ्रांस पिछले साल पांचवें और सातवें स्थान पर थे, इस साल वे क्रमश: आठवें और नौवें स्थान पर आ गए हैं.

चीन को पीछे छोड़ भारत विश्व की सबसे अधिक आबादी वाला देश बना

संयुक्त राष्ट्र (UN) के आंकड़ों अनुसार भारत ने दुनिया की सबसे अधिक आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड पॉपुलेशन डैशबोर्ड के अनुसार 2023 मध्य तक के अनुमानों के अनुसार भारत की आबादी 1.4286 अरब हो गई है यह चीन की आबादी 1.4257 अरब से कुछ ज्यादा है.

मुख्य बिन्दु

  • दुनिया की लगभग 2.4% भूमि वाला देश भारत कुल वैश्विक आबादी के लगभग पांचवें हिस्से का घर है. भारत में अमेरिका, अफ्रीका या यूरोप की पूरी आबादी से अधिक लोग रहते हैं.
  • यूएन के आंकड़ों के अनुसार भारत में दुनिया की सबसे युवा आबादी भी रहती है. भारत की आधी आबादी 30 साल से कम लोगों की है जिनकी औसत उम्र 28 वर्ष है. अमेरिका और चीन की बात की जाए तो वहां की औसत उम्र 38 वर्ष है.
  • भारत से लगभग तीन गुना बड़े चीन की भी स्थिति लगभग ऐसी ही है. पर यहां गौर करने वाली बात यह है कि भारत की आबादी अपेक्षाकृत युवा और बढ़ रही है. वहीं चीन की आबादी में वृद्धों की संख्या अधिक है और यह घट रही है.
  • ये आंकड़े संयुक्त राष्ट्र के ताजा अनुमानों पर आधारित हैं. भारत में आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी. ऐसे तो हर 10 वर्ष के अंतराल पर देश में जनगणना की जाती है पर वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण सरकार ने टालने का फैसला किया था.
  • भारत में 2022 में दो करोड़ 30 लाख बच्चों का जन्म हुआ. हालांकि भारत में जन्म दर (प्रति एक हजार की आबादी पर पैदा होने वाले बच्चों की संख्या) में 2004 के 24.1 की तुलना में गिरावट आई है और यह 2019 में 19.7 रह गया है.
  • 2022 में चीन में 1950 के बाद से सबसे कम केवल 95.6 लाख बच्चों का जन्म हुआ. जन्म से ज्यादा मौतें हुई इस कारण 1960 के बाद से चीन की आबादी में पहली बार गिरावट दर्ज की गई.
  • वहीं दूसरी ओर, भारत की आबादी में वर्ष 2060 के मध्य तक वृद्धि का अनुमान है, जबकि चीन में इस दौरान आबादी घटने का अनुमान है.

भारत में दुनिया की सबसे युवा आबादी वाला देश

आर्थिक विकास के मामले में भारत की युवा आबादी अहम रोल अदा कर सकती है, क्योंकि यहां कि दो तिहाई से अधिक आबादी काम करने की उम्र यानी 15 वर्ष से 64 वर्ष के बीच की है. ऐसे में भारत के पास वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन और उपभोग में वृद्धि लाने की असीम संभावना है.

देश की अर्थव्यवस्था के लिए बढ़ती आबादी के मायने

  • लगातार बढ़ती आबादी भारत के लिए संभावनाओं के साथ-साथ चुनौतियों भी बढ़ा रही है. देश की अर्थव्यवस्था 2025-26 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की हो सकती है. हालांकि बढ़ती आबादी सरकार के इस लक्ष्य को हासिल करने की राह का रोड़ा भी बन सकता है.
  • देश की आबादी के बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. पहले ही भारत में गरीबी, भूख और कुपोषण जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की जरूरत है.
  • बढ़ती आबादी के साथ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था, बेहतर शिक्षा, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरों व गांवों को अधिक सुविधाजनक बनाना सरकार के लिए और भी बड़ी चुनौती होगी.
  • बढ़ती आबादी के साथ देश के सामने जलवायु परिवर्तन, जल संकट, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाओं की बुरी स्थिति आदि कई समस्याएं मुंह बाए खड़ीं हैं.
  • बढ़ती आबादी का मतलब है और बड़ा बाजार. इससे अर्थव्यवस्था को फायदा हो सकता है. पर अगर हमने बढ़ती जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियों की अनदेखी की तो हालात बुरी तरह बिगड़ भी सकते हैं.

सार्वजनिक परिवहन के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की सूची में मुंबई 19वें स्थान पर

लंदन स्थित संस्थान ‘टाइम आउट’ ने सार्वजनिक परिवहन के लिए दुनिया के 19 सर्वश्रेष्ठ शहरों की सूची हाल ही में जारी की थी. इस सूची में शामिल होने वाला मुंबई एकमात्र शहर था.

मुख्य बिन्दु

  • रैंकिंग को संकलित करने के लिए टाइम आउट ने दुनिया भर के 50 शहरों में 20,000 से अधिक लोगों का सर्वेक्षण किया.
  • सूची में शीर्ष दस शहर यूरोप या एशिया से थे. बर्लिन, जर्मनी को सार्वजनिक परिवहन के लिए दुनिया का सबसे अच्छा शहर नामित किया गया, जिसमें 97 प्रतिशत स्थानीय लोगों ने शहर के परिवहन नेटवर्क की प्रशंसा की.
  • प्राग अपने सुविधाजनक और आकर्षक सार्वजनिक परिवहन के साथ दूसरे स्थान पर आया, जबकि टोक्यो, जापान तीसरे स्थान पर आया.
  • सर्वेक्षण में शामिल 81 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मुंबई में सार्वजनिक परिवहन से आना-जाना आसान है. उपनगरीय रेल नेटवर्क (मुंबई स्थानीय लोगों के रूप में जाना जाता है) के अलावा, शहर बसों, टैक्सियों और ऑटोरिक्शा से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.

वैश्विक प्रतिभा रैंकिंग: स्विट्जरलैंड को पहला स्थान, भारत 52वें स्थान पर

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (स्विट्जरलैंड) ने हाल ही में वैश्विक प्रतिभा रैंकिंग (World Talent Ranking) जारी की थी. इस सूची में भारत चार अंक ऊपर खिसकर 52वें स्थान पर आ गया है.

वैश्विक प्रतिभा रैंकिंग 2022: मुख्य बिन्दु

  • इस सूची में लगातार छठे वर्ष स्विट्जरलैंड को पहला स्थान मिला है. स्वीडन, दूसरे और आइसलैंड, तीसरे नंबर पर है.
  • रैंकिंग के मुताबिक कोलंबिया, मंगोलिया और वेनेजुएला प्रतिभाओं के विकास, उन्हें आकर्षित करने और बनाए रखने में सबसे कमजोर देश हैं.
  • रैंकिंग के लिए 63 देशों का मूल्यांकन तीन कारकों निवेश व विकास, अपील और तैयारी पर हुआ. निवेश और विकास, स्वदेशी प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए घरेलू संसाधनों पर विचार करता है.
  • अपील कारक विदेशी और घरेलू बाजारों से प्रतिभाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने की क्षमता का मूल्यांकन करता है. तैयारी, टैलेंट पूल में उपलब्ध कौशल की गुणवत्ता को मापता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2022 जारी की

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में वैश्विक तपेदिक/क्षयरोग (TB) (tuberculosis) रिपोर्ट 2022 जारी की थी. इस रिपोर्ट में पूरी दुनिया में टीबी के निदान, उपचार और बीमारी के बोझ पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बारे में बताया गया है.

WHO टीबी रिपोर्ट 2022: मुख्य बिन्दु

  • वर्ष 2021 में दुनिया भर में लगभग 6 मिलियन लोगों के क्षयरोग का निदान किया गया, जो वर्ष 2020 की तुलना में 4.5% अधिक था, जबकि इस बीमारी से पीड़ित 1.6 मिलियन रोगियों की मृत्यु हो गई.
  • TB से होने वाली कुल मौतों में 187,000 मरीज HIV पॉजिटिव थे. HIV निगेटिव लोगों में वैश्विक TB से होने वाली मौतों में से लगभग 82% अफ्रीकी और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रों में हुईं.
  • टीबी के रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या 2019 में 7.1 मिलियन से गिरकर 2020 में 5.8 मिलियन हो गई.
  • भारत उन तीन देशों (इंडोनेशिया और फिलीपींस के साथ) में से एक था, जिसने वर्ष 2020 में इस रोग में सबसे अधिक कमी की.
  • भारत ने समय के साथ अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. 2015 के आधारभूत वर्ष की तुलना में 2021 में देश में टीबी के मामले में 18% की गिरावट आई.
  • वर्ष 2021 में भारत में TB मरीज़ों की संख्या प्रति 100,000 जनसंख्या पर 210 रही जो कि वर्ष 2015 में 256 थी.

वैश्विक भूख सूचकांक 2022 जारी: भारत 107वें स्थान पर

वैश्विक भूख सूचकांक (Global Hunger Index) 2022 के आँकड़े  हाल ही में जारी किए गए थे. इस सूचकांक में भारत को 107वें स्थान पर रखा गया है. भारत ने GHI 2022 को खारिज किया है. भारत ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा है कि यह देश की छवि खराब करने का प्रयास है.

GHI (Global Hunger Index) 2022: मुख्य बिन्दु

  • आंकड़ों के मुताबिक, भारत छह पायदान नीचे खिसक कर अब 121 देशों की सूची में 107वें स्थान पर पहुंच गया है. 29.1 स्कोर के साथ भारत में ‘भूख’ की स्थिति को गंभीर बताया है.
  • पड़ोसी देशों में पाकिस्तान 99वें, श्रीलंका 64वें, बांग्लादेश 84वें, नेपाल 81वें व म्यांमार 71वें स्थान पर है. अफगानिस्तान इस सूची में 109वें स्थान पर है.
  • जाम्बिया, अफगानिस्तान, तिमोर-लेस्ते, गिनी-बिसाऊ, सिएरा लियोन, लेसोथो, लाइबेरिया, नाइजर, हैती, चाड, डेम कांगो, मेडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और यमन की स्थिति भारत से भी खराब है.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि गिनी, मोजाम्बिक, युगांडा, जिम्बाब्वे, बुरुंडी, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सीरिया सहित 15 देशों के लिए रैंक का निर्धारण नहीं किया जा सकता है.

वैश्विक भुखमरी सूचकांक: एक दृष्टि

वैश्विक भुखमरी सूचकांक (GHI) 2022, यूरोपीय गैर-सरकारी संगठनों – Concern Worldwide (आयरलैंड) और Welthungerhilfe (जर्मनी)  द्वारा जारी किया गया है. GHI की गणना निम्नलिखित चार संकेतकों के आधार पर की जाती है:

  1. अल्पपोषण (अपर्याप्त भोजन)
  2. चाइल्ड वेस्टिंग (तीव्र अल्पपोषण)
  3. चाइल्ड स्टंटिंग (पुरानी अल्पपोषण)
  4. बाल मृत्यु दर

भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 40वें स्थान पर, स्विट्जरलैंड शीर्ष पर

विश्व बौद्धिक सम्‍पदा संगठन (WIPO) ने 30 सितम्बर को वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) जारी किया था. इस सूचकांक में भारत 132 देशों में 40वें स्थान पर पहुंच गया है. वर्ष 2021 में भारत 46वें स्थान पर था.

इस सूचकांक में स्विट्जरलैंड लगातार 12वें वर्ष पहले स्थान पर कायम है. इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम व नीदरलैंड का स्थान है.

भारत, वैश्विक नवाचार सूचकांक 2015 में 81वें स्थान पर था. पिछले सात वर्षों में भारत की रैंकिंग में 41 स्थान का सुधार हुआ है.

वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII): एक दृष्टि

वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index) प्रति वर्ष की जाने वाली एक रैंकिंग है जो विश्व के विभिन्न देशों में नवाचार (Innovation) की क्षमता को इंगित करती है.

सूचकांक की गणना के मानकों में संस्थान, मानव पूंजी और अनुसंधान, आधारभूत ढाँचे, बाज़ार संरचना, व्यापार संरचना, ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी आउटपुट शामिल हैं.