भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 6-8 फ़रवरी को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2023-24) की छठी और अंतिम द्विमासिक (फ़रवरी-मार्च) मौद्रिक नीति (6th Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
मौद्रिक नीति समिति (MPC) में RBI के तीन अधिकारी और तीन बाहरी सदस्य हैं. गवर्नर शक्तिकांत के अलावा समिति में रिजर्व बैंक के अधिकारियों में कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन और डिप्टी गर्वनर माइकिल देबब्रत पात्रा शामिल हैं. बाहरी सदस्यों में शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा शामिल हैं.
MPC की बैठक, फ़रवरी 2024: मुख्य बिंदु
इस बैठक में RBI ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया. यह लगातार छठी बार है जिसमें RBI ने मुख्य दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है. MPC ने फरवरी 2023 से रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जब इसे 6.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था.
वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है. रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 5.4% पर बनाए रखा गया है.
रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव
रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.
RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.
रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
6.50%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
6.75%
बैंक दर
6.75%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
मौद्रिक नीति समिति (MPC): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति में वर्तमान में 6 सदस्यों की समिति है. इसमें तीन सदस्य RBI से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं. समिति की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करता है. इस समिति का गठन उर्जित पटेल कमिटी की सिफारिश के आधार किया गया था.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-09 10:12:482024-02-18 10:40:41RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा: रेपो दर 6.5% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 6-8 दिसम्बर को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2023-24) की पाँचवीं द्विमासिक (दिसम्बर-जनवरी) मौद्रिक नीति (5th Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक, दिसम्बर 2023: मुख्य बिंदु
इस बैठक में RBI ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया. यह लगातार पाँचवीं बार है जिसमें RBI ने मुख्य दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है.
वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है. रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 5.4% पर बनाए रखा गया है.
रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव
रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.
RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.
रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
6.50%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
6.75%
बैंक दर
6.75%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
मौद्रिक नीति समिति (MPC): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति में वर्तमान में 6 सदस्यों की समिति है. इसमें तीन सदस्य RBI से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं. समिति की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करता है. इस समिति का गठन उर्जित पटेल कमिटी की सिफारिश के आधार किया गया था.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-12-09 17:27:312024-02-18 10:15:26RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा: रेपो दर 6.5% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 8-10 अगस्त को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी द्विमासिक (जुलाई-अगस्त) मौद्रिक नीति (3rd Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक, अगस्त 2023: मुख्य बिंदु
इस बैठक में RBI ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया. यह लगातार तीसरी बार है जिसमें RBI ने मुख्य दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है.
वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान व्यक्त किया है. रिजर्व बैंक ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का संशोधित लक्ष्य 5.4 प्रतिशत रखा है.
रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव
रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.
RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.
रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
6.50%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
6.75%
बैंक दर
6.75%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
मौद्रिक नीति समिति (MPC): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति में वर्तमान में 6 सदस्यों की समिति है. इसमें तीन सदस्य RBI से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं. समिति की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करता है. इस समिति का गठन उर्जित पटेल कमिटी की सिफारिश के आधार किया गया था.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-08-11 21:05:502023-08-13 19:30:31RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा: नया रेपो दर 6.5% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 6-8 जून को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2023-24) की दूसरी द्विमासिक (मई-जून) मौद्रिक नीति (2nd Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी. इस बैठक में RBI ने नीतिगत रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया.
MPC की बैठक, जून 2023: मुख्य बिंदु
चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को पहले के 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत किया गया.
आरबीआई ने बैंकों को रुपे (Rupay) प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड जारी करने की अनुमति दी है. आरबीआई ने गैर-बैंक कंपनियों को ई-रुपया वाउचर जारी करने की मंजूरी दी है जिससे ई-रुपया के दायरे का विस्तार हो सके.
चालू वित्त वर्ष में आर्थिक (GDP) वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. जिसमें Q1 (पहली तिमाही) में 8 प्रतिशत की वृद्धि, Q2 में 6.5 प्रतिशत, Q3 में 6 प्रतिशत और Q4 में 5.7 प्रतिशत की उम्मीद है.
रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव
रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.
RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.
रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
6.50%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
6.75%
बैंक दर
6.75%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
मौद्रिक नीति समिति (MPC): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति में वर्तमान में 6 सदस्यों की समिति है. इसमें तीन सदस्य RBI से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं. समिति की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करता है. इस समिति का गठन उर्जित पटेल कमिटी की सिफारिश के आधार किया गया था.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-06-09 23:11:382023-08-13 19:35:10RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा: नया रेपो दर 6.5% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4-6 अप्रैल को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2023-24) की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति (Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक, अप्रैल 2023: मुख्य बिंदु
इस बैठक में RBI ने प्रमुख नीतिगत दर रीपो 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा. इससे पहले, फ़रवरी में RBI ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की थी.
रेपो दर के साथ स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर 6.25 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर तथा बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है.
RBI मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई 2022 से लेकर पांच बार में रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है.
RBI ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत कर दिया है.
चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 5.2 प्रतिशत रखा गया है. फरवरी की समीक्षा में इसके 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था.
मौद्रिक नीति समिति (MPC): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति में वर्तमान में 6 सदस्यों की समिति है. इसमें तीन सदस्य RBI से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं. समिति की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करता है. इस समिति का गठन उर्जित पटेल कमिटी की सिफारिश के आधार किया गया था.
रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव
रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.
RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.
रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
6.50%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
6.75%
बैंक दर
6.75%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-04-07 17:39:432023-04-12 18:01:28RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा: नया रेपो दर 6.50%, बैंक दर 6.75%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 5-7 दिसम्बर को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2022-23) की पाँचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति (Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक, जून 2022: मुख्य बिंदु
इस बैठक में RBI ने नीतिगत रेपो दर को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया. इससे पहले, सितम्बर में RBI ने रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की थी.
रेपो दर में इस वृद्धि दर के साथ स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर समायोजित होकर 6 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर तथा बैंक दर 6.50 प्रतिशत हो गयी है.
RBI मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अब तक पांच बार में रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है.
RBI ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है.
चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. साथ 2022-23 की चौथी तिमाही में इसके 6 प्रतिशत की उच्च सीमा से नीचे आने का अनुमान जताया है.
मौद्रिक नीति समिति (MPC): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति में वर्तमान में 6 सदस्यों की समिति है. इसमें तीन सदस्य RBI से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं. समिति की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करता है. इस समिति का गठन उर्जित पटेल कमिटी की सिफारिश के आधार किया गया था.
रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव
रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.
RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.
रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
625%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
6.50%
बैंक दर
6.50%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-12-08 10:16:132022-12-08 10:16:13RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा: नया रेपो दर 6.25%, बैंक दर 6.50%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 6-8 जून को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2022-23) की दूसरी द्विमासिक (मई-जून) मौद्रिक नीति (2nd Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
इस बैठक में RBI ने नीतिगत रेपो दर को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया. इससे पहले, 4 मई को RBI ने रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की थी.
रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव
रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.
RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.
रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.
MPC की बैठक, जून 2022: मुख्य बिंदु
चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत किया गया. पहले मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान लगाया गया था.
खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत रही थी. RBI को खुदरा महंगाई 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.
चालू वित्त वर्ष में आर्थिक (GDP) वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ा जाएगा. Rupay कार्ड पहले जुड़ेंगे.
Rupay क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने का फैसला
RBI ने क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत Rupay क्रेडिट कार्ड से की गई है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने UPI के माध्यम से Rupay क्रेडिट कार्ड से भुगतान की अनुमति 8 जून को दी.
वर्तमान में, UPI यूजर्स डेबिट कार्ड के माध्यम से सेविंग्स या करेंट अकाउंट को जोड़कर लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
4.90%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
5.15%
बैंक दर
5.15%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4.5%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-06-08 13:26:232022-06-08 13:26:23RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा: नया रेपो दर 4.9%, रिवर्स रेपो दर 3.35%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 6-8 अप्रैल को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2022-23) की पहली द्विमासिक (मार्च-अप्रैल) मौद्रिक नीति (1st Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक: मुख्य बिंदु
रिजर्व बैंक ने वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. यह लगातार 11वीं बार था जब RBI ने नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखी.
MPC ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है. फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमपीसी ने आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति के 5.7 प्रतिशत के स्तर पर रहने की संभावना जतायी है. पहले इसके 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
4%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
4.25%
बैंक दर
4.25%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-04-08 23:10:002022-04-09 19:45:42RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 8-10 फरवरी को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2021-22) की छठी द्विमासिक (फरवरी-) मौद्रिक नीति (6th Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक: मुख्य बिंदु
रिजर्व बैंक ने वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. यह लगातार 10वीं बार था जब RBI ने नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखी.
RBI ने इस वित्त वर्ष (2021-22) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत और वित्तीय वर्ष 2022-2023 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. 2021-22 के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3% अनुमानित है.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
4%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
4.25%
बैंक दर
4.25%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-02-11 22:45:322022-02-13 23:05:06RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 7-9 अगस्त को मुंबई में आयोजित की गयी थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2021-22) की चौथी द्विमासिक (अक्टूबर-नवम्बर) मौद्रिक नीति (4th Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक: मुख्य बिंदु
रिजर्व बैंक ने वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. यह लगातार 8वीं बार था जब RBI ने नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखी.
RBI ने इस वित्त वर्ष (2021-22) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है. वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक GDP वृद्धि वृद्धि 17.2% रहने का अनुमान है.
2021-22 के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3% अनुमानित है. 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.1% अनुमानित है.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
4%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
4.25%
बैंक दर
4.25%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-10-10 21:11:522021-12-11 19:05:02RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4-6 अगस्त को मुंबई में आयोजित की गयी थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2021-22) की तीसरी द्विमासिक (जुलाई-अगस्त) मौद्रिक नीति (3rd Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक: मुख्य बिंदु
रिजर्व बैंक ने वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. पिछली बैठक में भी इन दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
RBI ने इस वित्त वर्ष (2021-22) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया.
2021-22 के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति 5.7% अनुमानित है. 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.1% अनुमानित है.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
4%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
4.25%
बैंक दर
4.25%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-07 16:15:472021-08-07 19:23:19RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 2-4 जून को मुंबई में आयोजित की गयी थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2020-21) की दूसरी द्विमासिक (जून-जुलाई) मौद्रिक नीति (2nd Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.
MPC की बैठक: मुख्य बिंदु
रिजर्व बैंक ने वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। पिछली बैठक में भी इन दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
RBI ने इस वित्त वर्ष (2021-22) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया जो पहले 10.5 प्रतिशत था. वित्त वर्ष (2021-22) में GDP -7.3 प्रतिशत रहेगा.
वर्तमान दरें: एक दृष्टि
नीति रिपो दर
4%
रिवर्स रेपो दर
3.35%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF)
4.25%
बैंक दर
4.25%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
18%
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-06-05 17:27:342021-06-05 17:27:34RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित