भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देशभर में भुगतान के डिजिटलीकरण के स्तर का पता लगाने के लिए एक समग्र डिजिटल भुगतान सूचकांक (Digital Payments Index-DPI) बनाया है. इसके लिए आधार अवधि मार्च 2018 को बनाया गया है. RBI के अनुसार, मार्च 2019 और मार्च 2020 के लिए DPI क्रमश: 153.47 और 207.84 रहा. यह अच्छी वृद्धि का संकेत देता है.
RBI-DPI में पांच व्यापक मानदंड शामिल
RBI मार्च 2021 से चार महीने के अंतर के साथ RBI-DPI का प्रकाशन छमाही आधार पर अपनी वेबसाइट पर करेगा. इसका मकसद डिजिटल भुगतान के तौर-तरीकों की स्थिति का सटीक आकलन करना है. RBI ने विभिन्न समयावधि में डिजिटल भुगतान की स्थिति का आकलन करने के लिए पांच व्यापक मानदंड शामिल किये हैं. ये मानदंड हैं:
भुगतान को सुगम बनाने वाले (25 फीसदी)
भुगतान संबंधी बुनियादी ढांचा-मांग पक्ष कारक (10 फीसदी)
भुगतान संबंधी बुनियादी ढांचा-आपूर्ति पक्ष कारक (15 फीसदी)
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-01-03 23:28:452021-01-04 09:49:03RBI ने देशभर में डिजिटल भुगतान सूचकांक तैयार किया
सरकार ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) पैनल में तीन सदस्यों को नियुक्त किया है. ये तीन सदस्य प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे हैं. नए सदस्य चेतन घाटे, पामी दुआ और रवींद्र ढोलकिया की जगह लेंगे हैं. उन्हें 29 सितंबर, 2016 को चार साल के लिए पैनल में नियुक्त किया गया था.
आशिमा गोयल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में अर्थव्यवस्था पर लगातार लिखते रहे हैं, उनके सौ से अधिक लेख छपे हैं. जयंत आर वर्मा, अहमदाबाद में भारतीय प्रबंधन संस्थान में प्रोफेसर है. शशांक भिडे मौजूदा समय में वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च है.
मौद्रिक नीति समिति: एक दृष्टि
मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अधिनियम की धारा 54ZB के तहत भारत सरकार द्वारा किया गया था. इस समिति में कुल छह सदस्य होते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर इस समिति का पदेन अध्यक्ष होते हैं.
MPC, बैंक दर, रेपो दर, रिवर्स रेपो दर, नकद आरक्षित अनुपात जैसे बेंचमार्क दरों और मौद्रिक नीतियों की समीक्षा करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-10-07 21:27:112020-10-07 21:39:34सरकार ने मौद्रिक नीति समिति पैनल में तीन नये सदस्यों को नियुक्त किया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तनावग्रस्त लोन (stressed assets) को बिना NPA घोषित किए, उसकी रीस्ट्रक्चरिंग के लिए एक एक्सपर्ट समिति का गठन किया है. केवी कामत को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.
यह समिति लोन रीकास्ट विंडो पर RBI को सुझाव देगी और वित्तीय शर्तों और किसी खास सेक्टर के लिए खास मानक पर अपनी सिफारिश देगी. समिति की सिफारिश पर विचार करने के बाद RBI इस लोन रीकास्ट विंडो पर फाइनल नोटिफिकेशन 30 दिनों के अंदर जारी करेगा.
RBI ने मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए 6 अगस्त को बैंको को stressed assets को बिना NPA घोषित किए, उसकी रीस्ट्रक्चरिंग करने की सुविधा दी थी. बैंक इस सुविधा का इस्तेमाल 31 दिसंबर 2020 तक कभी भी कर सकेंगे.
केवी कामत समिति के सदस्य
केवी कामत की अध्यक्षता वाली इस कमिटी में एशियन डेवलपमेंट बैंक के वाइस प्रेसीडेंट दिवाकर गुप्ता, कैनरा बैंक के चेयरमैन टीएन मनोहरन और इंडियन बैंक एसोसिएशन के सीईओ अश्विन पारेख भी होंगे. अश्विन पारेख इस समिति के सेक्रेटरी होंगे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-08-09 23:43:392020-08-10 11:44:03तनावग्रस्त लोन की रीस्ट्रक्चरिंग के लिए केवी कामत समिति का गठन किया गया
सरकार ने सभी सहकारी बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की निगरानी में लाने के लिए 24 जून को एक अध्यादेश पारित किया है. अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद देश के 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंक RBI की निगरानी (सुपरवाइजरी पॉवर्स) के अंतर्गत आ जाएंगे.
यह अध्यादेश इन बैंकों में जमाकर्ताओं की राशि को सुरक्षित रखने का आश्वासन देने के लिए किया गया है. अब RBI की शक्तियां जैसे कि अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही अब सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होंगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-06-24 23:08:312020-06-24 23:08:44सहकारी बैंकों को RBI की निगरानी में लाने के लिए अध्यादेश पारित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व-गवर्नर उर्जित पटेल को भारत के प्रमुख आर्थिक थिंक टैंक ‘राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान’ (NIPFP) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. पटेल विजय केलकर की जगह लेंगे. वह 22 जून को पद संभालेंगे और उनका कार्यकाल चार साल का होगा.
NIPFP की गवर्निंग काउंसिल की 19 जून को हुई बैठक में उर्जित पटेल को NIPFP के अध्यक्ष नियुक्त किये जाने का फैसला किया गया. इस बैठक में नीति आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और तीन राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया था. वहीं, रथिन रॉय ने NIPFP के निदेशक और सुमित बोस ने उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है.
राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (NIPFP)
NIPFP वित्त मंत्रालय, पूर्ववर्ती योजना आयोग और कई राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक स्वायत्त निकाय है. यह एक स्वतंत्र गैर-सरकारी निकाय है और केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्यों को सलाह देते हुए सार्वजनिक नीति में अनुसंधान करता है.
उर्जित पटेल
उर्जित पटेल ने पांच सितंबर, 2016 को RBI के 24वें गवर्नर के रूप में पद संभाला था. उन्हें रघुराम राजन के उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया था. निजी कारणों का हवाला देते हुए, पटेल ने 10 दिसंबर, 2018 को RBI के गवर्नर के पद से इस्तीफा दे दिया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-06-21 21:50:052020-06-21 21:50:05उर्जित पटेल को भारत के प्रमुख आर्थिक थिंक टैंक NIPFP का अध्यक्ष नियुक्त किया गया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5 जून को पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (PIDF) बनाने की घोषणा की. यह फंड 250 करोड़ रुपए के शुरुआती योगदान के साथ बनाया जाएगा. यह फंड कुल 500 करोड़ रुपए का होगा. शेष राशि कार्ड जारी करने वाले बैंक और कार्ड नेटवर्क लगाएंगे.
इस फंड से टीयर-3 से लेकर टीयर-6 तक के केंद्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में कारोबारियों को प्वाइंट ऑफ सेल (POS) मशीन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
POS मशीन से कारोबारी भुगतान स्वीकार सकते हैं
POS मशीन के जरिये कारोबारी डिजिटल तरीके से भुगतान स्वीकार सकते हैं. इससे उन्हें नकदी को संभालने की जरूरत नहीं रहती. पिछले कुछ समय से RBI देश में ई-भुगतान प्रणालियों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-06-05 23:43:442020-06-05 23:43:44RBI ने पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनाने की घोषणा की
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 22 मई को कई उपायों की घोषणा की. RBI ने COVID-19 (कोरोना वायरस) से देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए ये घोषणाएं की.
RBI की घोषणा के मुख्य बिंदु
इन घोषणाओं में RBI ने बेंचमार्क ब्याज दरों में कमी किए जाने और सभी सावधि ऋण और पूंजीगत ऋण के मासिक भुगतान पर तीन महीने तक की राहत देने की घोषणा की.
RBI ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत की कमी करके उसे 4 प्रतिशत कर दिया है. रिवर्स रेपो दर में भी 40 आधार अंकों की कमी करके उसे 3.75 प्रतिशत किया गया है. इसी प्रकार बैंक दर को 4.65 प्रतिशत से घटाकर 4.25% कर दिया गया है.
RBI के अनुसार इस वित्त वर्ष (2020-21) की पहली छमाही (अप्रैल-सितम्बर) में महंगाई उच्च स्तर पर रह सकती है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है और इस साल अर्थव्यवस्था वृद्धि दर (GDP) के निगेटिव रहने का खतरा है.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-05-22 23:37:522020-05-22 23:37:52RBI ने देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की
केंद्र सरकार ने आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय निदेशक मंडल में निदेशक नियुक्त किया है. बजाज इस पद से सेवानिवृत्त हो रहे अतनु चक्रवर्ती का स्थान लेंगे. बजाज का नामांकन 5 मई से अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा.
तरुण बजाज 1988 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं. आर्थिक मामलों के सचिव बनाए जाने से पहले वह प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव रह चुके हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-05-07 23:20:542020-05-07 23:20:54तरुण बजाज को RBI के केंद्रीय निदेशक मंडल में निदेशक नियुक्त किये गये
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) के लिए 50 हजार करोड़ रुपए की विशेष नकदी सहायता (लिक्विडिटी फैसिलिटी) की घोषणा की है. इसका उद्देश्य ‘कोविड-19’ की वजह से पूंजी बाजारों में अस्थिरता और म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री पर नकदी (Liquidity) का दबाव को कम करना है. RBI की यह ऋण सुविधा 27 अप्रैल से लेकर 11 मई, 2020 तक या पूरी रकम का इस्तेमाल होने तक, दोनों में से जो पहले होगा तब तक लागू रहेगी.
फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने भारत में 6 डेट स्कीमों को बंद किया
अमेरिका के म्यूचुअल फंड हाउस ‘फ्रैंकलिन टेम्पलटन’ ने भारत में 6 डेट फंड्स को बंद कर दिया था, इससे म्यूचुअल फंड्स में नकदी की समस्या होने का डर लोगों का सताने लगा था. इसी को देखते हुए RBI ने 27 अप्रैल को म्यूचुअल फंड्स के लिए इस नकदी ऋण की घोषणा की, ताकि इंडस्ट्री में नकदी का संकट न हो.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-04-27 22:22:472020-04-27 22:22:47RBI ने म्यूचुअल फंड्स के लिए 50 हजार करोड़ रुपए की नकदी सहायता की घोषणा की
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 27 मार्च को मुंबई में हुई. RBI ने इस बैठक में COVID-19 (कोरोना वायरस) से देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाने के लिए महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की.
इस बैठक में RBI ने बेंचमार्क ब्याज दरों में कमी किए जाने और सभी सावधि ऋण और पूंजीगत ऋण के मासिक भुगतान पर तीन महीने तक की राहत देने की घोषणा की.
इस बैठक में RBI ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की कमी करके उसे 4.4 प्रतिशत कर दिया है. रिवर्स रेपो दर में भी 90 आधार अंकों की कमी करके उसे 4 प्रतिशत किया गया है. इसी तरह नकद आरक्षी अनुपात (Cash Reserve Ratio) भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत किया गया है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इन उपायों से अर्थव्यवस्था में तीन लाख चौहत्तर हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध होंगे. इन घोषणाओं से नगदी के प्रवाह में सुधार होगा तथा मध्यम वर्ग और व्यापार जगत को राहत मिलेगी और कर्ज की दरों में कमी होगी.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-27 23:58:192020-03-28 00:24:28RBI मौद्रिक नीति समिति की बैठक: रेपो दर घटाकर 4.4 प्रतिशत किया गया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए बाजार में 30,000 करोड़ रुपये की नकदी डालने की घोषणा की है. यह नकदी बांड की खरीद-बिक्री (खुले बाजार की गतिविधियां- OMO) के माध्यम से डाली जाएगी. यह खरीद 15,000-15,000 करोड़ रुपये की इसी महीने में होगी. इसकी नीलामी 24 मार्च और 30 मार्च को होगी.
RBI ने कोरोना वायरस महामारी के चलते वित्तीय बाजारों में पर्याप्त नकदी और कारोबार को सामान्य करने के लिए यह निर्णय लिया है.
उल्लेखनीय है कि RBI ने 20 मार्च को खुले बाजार गतिविधियों के जरिए 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी. केंद्रीय बैंक 19 दिसंबर 2022 को परिपक्व होने वाली प्रतिभूतियों पर 6.84 फीसदी, 25 मई 2025 को परिपक्व होने वालों पर 7.72 फीसदी, नौ जुलाई 2026 को परिपक्व होने वाली प्रतिभूतियों पर 8.33 फीसदी और 14 जनवरी 2029 को परिपक्व होने वाली प्रतिभूतियों पर 7.26 फीसदी ब्याज देगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-21 23:57:402020-03-22 00:28:15RBI ने बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए 30,000 करोड़ रुपये नकदी डालने की घोषणा की
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने 5 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों से अपनी सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले ही पद छोड़ने का फैसला किया है. RBI ने विश्वनाथन से 31 मार्च तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया है.
RBI में 29 साल से सेवारत डिप्टी गवर्नर 31 मार्च को कार्यमुक्त हो जाएंगे. बैंकिंग नियमन, सहकारी बैंकों, आर्थिक स्थिरता को देखने वाले विश्वनाथन को जून 2019 में एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था. विश्वनाथन ने तीन गवर्नरों रघुराम राजन, उर्जित पटेल और शक्तिकांत दास के अधीन काम किया है.
विश्वनाथन के इस्तीके से पहले RBI ने जनवरी 2020 में माइकल पात्रा को नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया था. माइकल की नियुक्ति तीन साल के लिए दी गई. बता दें कि डिप्टी गवर्नर के साथ ही माइकल पात्रा RBI के कार्यकारी निदेशक और मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सदस्य भी हैं.
माइकल पात्रा RBI के चार डिप्टी गवर्नर में से एक थे. पात्रा के अलावा तीन डिप्टी गवर्नर थे – एनएस विश्वनाथन, बीपी कनुनगो और एमके जैन. इनमें से विश्वनाथन ने इस्तीफा दिया है. वहीं शक्तिकांत दास RBI के गवर्नर हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-06 22:40:032020-03-13 18:11:25RBI के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दिया