सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सेवाएं देने की इजाजत दे दी है. क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल या आभासी मुद्राएं हैं, जिनमें मुद्रा इकाइयों के बनाने और फंड के लेन-देन का सत्यापन करने के लिए एन्क्रिप्शन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है और यह व्यवस्था केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र रहकर काम करती है.
कोर्ट ने RBI के सर्कुलर को रद्द किया
न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 4 मार्च को सुनाये अपने फैसले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2018 के सर्कुलर को रद्द करते हुए यह आदेश दिया. RBI इस सर्कुलर के अनुसार देश में आभासी मुद्राओं से संबंधित कोई भी सेवा प्रदान करने पर रोक थी.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की आभासी (वर्चुअल) मुद्रा है. आभासी से मतलब है कि अन्य मुद्रा की तरह क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौतिक स्वरुप नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी को आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं. यह एक डिजिटल करेंसी है. बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल, लाइटकॉइन इत्यादि कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-05 00:15:382020-03-05 00:15:38सुप्रीम कोर्ट ने वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सेवाएं देने की इजाजत दी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बंधन बैंक पर नई शाखाएं खोलने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. RBI ने बंधन बैंक की ओर से एक वित्तीय वर्ष में खोले जाने वाले कुल बैकिंग शाखाओं में से करीब 25 फीसदी शाखाएं ग्रामीण इलाकों में खोले जाने का आदेश दिया है, जहां बैंकिंग सुविधाएं मौजूद नहीं हैं.
सितंबर 2018 में लगा था प्रतिबंध
उच्चतम न्यायालय ने बंधन बैंक पर सितंबर 2018 में नई ब्रांच खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. कोर्ट ने शेयर होल्डिंग नियम को पूरा न करने के यह आदेश दिया था. उल्लेखनीय है कि RBI लाइसेंसिंग गाइडलाइन के अनुसार, बंधन फाइनेंशल होल्डिंग, बैंक प्रोमोटर कंपनी के शेयर को तीन साल में 82 फीसदी से घटाकर 40 फीसदी करना था. बैंक की समय सीमा अगस्त, 2019 में पूरी हो गई थी, जिसे पूरा करने में असफल रहा था.
बंधन बैंक 2015 में शुरू किया गया था
बंधन बैंक साल 2015 में ऑपरेशन में आया था. 2001 में इस बैंक ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी के तौर पर शुरुआत की थी. RBI ने अप्रैल, 2014 में बंधन बैंक को एक यूनिवर्सल बैंक खोलने के लिए सशर्त मंजूरी दी थी. देश के अलग-अलग हिस्सों में इस बैंक के 937 शाखाएं हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-02-27 23:40:412020-02-27 23:40:41RBI ने बंधन बैंक पर नई शाखाएं खोलने पर लगे प्रतिबंध को हटाया
सरकार ने सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के विनियामक ढांचे के तहत लाने को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 5 फरवरी को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गयी.
मंत्रिमंडल के इस फैसले से देश के 1540 सहकारी बैंक के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही आयेगी. सहकारी बैंकों के RBI के विनियामक ढांचे के तहत आ जाने के बाद इनको भी कमर्शियल बैंकों की तरह RBI के मापदंड लागू करने होंगे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-02-05 23:26:012020-02-06 00:34:25सरकार ने सहकारी बैंकों को RBI के विनियामक ढांचे के तहत लाने को मंजूरी दी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास को ग्रोथ को प्रोत्साहित करने और अर्थव्यवस्था में संतुलन के लिए ‘सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. फाइनेंशियल टाइम्स अखबार की ओर से शक्तिकांत दास को यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है.
इसके अलावा नेशनल बैंक ऑफ सर्बिया की मुखिया जोरगोवांका ताबाकोवी को ग्लोबल सेंट्रल बैंक का खिताब दिए जाने की घोषणा हुई है.
मैगजीन का कहना है कि शक्तिकांत दास ने भारत के बैंकिंग सिस्टम को सुधारने के लिए कई प्रयास किए हैं. दास ने एनपीए और फ्रॉड के संकट से जूझ रहे बैंकों को मदद की है. इसके अलावा उन्होंने शैडो बैंकिंग पर रोक लगाने के भी प्रयास किए हैं.
शक्तिकांत दास: एक दृष्टि
शक्तिकांत दास ने उर्जित पटेल के बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर के तौर पर जिम्मा संभाला था. इससे पहले वह वित्त सचिव, राजस्व सचिव के तौर पर भी केंद्र सरकार को अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
रघुराम राजन को मिला था ग्लोबल बैंकर का अवॉर्ड
शक्तिकांत दास से पहले पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को 2016 में ग्लोबल एंड एशिया पैसिफिक रीजन के सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. उन्हें 2015 में अमेरिका की ओर से नियमों में सख्ती किए जाने की चुनौती से निपटने पर यह सम्मान दिया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-02-05 23:22:062020-02-06 00:26:48RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को ‘सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया
माइकल देबब्रत पात्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया है. जून 2019 से विरल वी आचार्य के त्यागपत्र के बाद से यह पद खाली था. श्री पात्रा को तीन साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया है. फिलहाल श्री पात्रा रिजर्व बैंक में मौद्रिक नीति विभाग के कार्यकारी निदेशक है. डिप्टी गवर्नर के रूप में भी वे इस विभाग का कार्य देखते रहेंगे.
देबब्रत पात्रा की नियुक्ति के बाद RBI में डिप्टी गवर्नर की संख्या चार हो गयी है. RBI के अन्य तीन डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन, बीपी कानूनगो और एमके जैन हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-01-14 23:52:552020-01-15 00:01:51माइकल देबब्रत पात्रा को भारतीय रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 दिसम्बर को 20वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report) जारी की. रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रही है, जिसके कारण वृद्धि दर काफी धीमी रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) में घरेलू अर्थव्यवस्था में सकल मांग कम रही, जिससे वृद्धि दर और धीमी हो गई.
20वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट: मुख्य तथ्य
RBI की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के बाद बैंकिंग क्षेत्र में लचीलेपन में सुधार हुआ है.
वैश्विक या घरेलू आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों से उत्पन्न होने वाले जोखिम बने रहे.
यह रिपोर्ट वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की उप-समिति द्वारा वित्तीय स्थिरता के जोखिम के साथ-साथ वित्तीय प्रणाली की लचीलेपन के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है.
रिपोर्ट में वित्तीय क्षेत्र के विकास और विनियमन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-28 23:29:272019-12-29 00:25:36रिजर्व बैंक ने 20वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी की, पुनर्पूंजीकरण के बाद बैंकिंग क्षेत्र में सुधार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सहकारी बैंकों से पांच करोड़ रुपए या इससे अधिक के सभी लेन-देन की जानकारी CRILC (बड़े ऋणों से संबंधित सूचना की केंद्रीय संग्रह प्रणाली) को देने के निर्देश दिए हैं. वित्तीय संकट को जल्द पहचानने के लिए यह एक बेहद जरूरी कदम होगा.
इससे पहले RBI ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में पांच सौ करोड़ रुपये और उससे अधिक निधि वाली शहरी, सहकारी बैंकों को CRILC के दायरे में लाने की घोषणा की थी.
CRILC क्या है?
CRILC, Central Repository of Information on Large Credits का संक्षिप्त रूप है. रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ मिलकर CRILC बनाया है. इसमें वित्तीय लेन-देन पर्यवेक्षण को दूर करना और वित्तीय संकट की जल्द पहचान शामिल हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-12-28 23:19:272019-12-29 00:21:51RBI ने सहकारी बैंकों से पांच करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन की जानकारी CRILC को देने के निर्देश दिए
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के बोर्ड को निलंबित कर इसकी शक्तियां अपने हाथ में ले ली हैं. कंपनी नए दिवालियापन कानून के तहत जल्द ही समाधान योजना शुरू करने वाली है.
DHFL पहली वित्तीय कंपनी होगी, जो दिवालिया होने जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक ने आर सुब्रह्मण्य कुमार को DHFL का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया है. सुब्रह्मण्य कुमार इंडियन ओवरसीज बैंक के एमडी और सीईओ रह चुके हैं.
RBI जल्द ही इनसॉल्वंसी एंड बैंक्रप्सी रूल्स 2019 (दिवालियापन का कानून) के तहत कंपनी की समाधान प्रक्रिया शुरू करना चाहता है. वह NCLT के पास आवेदन करेगा कि एडमिनिस्ट्रेटर को ही दिवालियापन समाधान अधिकार दिया जाए.
DHFL भारत के शीर्ष डिफॉल्टर्स में शामिल है. कंपनी को अपने कर्जदाताओं का करीब 85,000 करोड़ रुपये चुकाना है, जिसमें बैंक और म्यूचुअल फंड शामिल हैं. इसमें से करीब 38,000 करोड़ रुपये अलग-अलग सरकारी और निजी बैंकों को चुकाना है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-11-22 23:56:042019-11-23 00:02:57RBI ने DHFL के बोर्ड को निलंबित किया, सुब्रह्मण्य कुमार नये एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4 अक्टूबर को मुंबई में हुई. यह चालू वित्त वर्ष (2019-20) की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी. बैठक में मौद्रिक नीति समिति ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उदार नीति जारी रखने का फैसला किया है ताकि मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में रहे.
रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती
इस बैठक में RBI ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे 5.40% से घटाकर 5.15% कर दिया है. समीक्षा बैठक में सभी सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती का पक्ष लिया. RBI ने लगातार पांचवीं बार रेपो दर में कटौती की है. रेपो दर वह रेट होता है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है. रेपो दर में कमी का उद्देश्य आवास और वाहन ऋण की दरों में कमी लाना है.
रिवर्स रेपो और बैंक दर में भी कमी
इस बैठक में RBI ने रिवर्स रेपो रेट को 5.15% से घटाकर 4.90% कर दिया है. यह वह रेट है जिस पर बैंकों को RBI में जमा किए गए धन पर ब्याज मिलता है. इस बैठक में RBI ने बैंक रेट को 5.65% से घटा कर 5.40 प्रतिशत किया है.
रेपो रेट कम होने से कैसे लोगों को होता है फायदा?
रेपो रेट के कम होने से बैंकों को RBI से कम व्याज पर कर्ज मिलता है. इस सस्ती लागत का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों को मिलता है. इससे बैंकों को घर, दुकान, पर्सनल और कार के लिये लोन कम दरों पर देने का मौका मिलता है. ग्राहकों के चल रहे लोन पर EMI का भी कम होता है.
जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये GDP वृद्धि का पूर्वानुमान 6.9% से घटाकर 6.10% कर दिया है. वर्ष 2020-21 के लिए यह अनुमान संशोधित करके 7.2% कर दिया गया है.
मुद्रास्फीति का अनुमान
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान संशोधित कर 3.4% किया. दूसरी छमाही का खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान 3.5 से 3.7% पर बरकरार रखा.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-10-04 23:04:072019-12-05 23:34:25चालू वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को होम लोन, पर्सनल लोन और MSMI सेक्टर को दिए गये लोन को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया है. इससे नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों तक जल्दी पहुंचने की उम्मीद है.
वास्तव में RBI ने नीतिगत दरों में कई बार कमी की है, लेकिन बैंक इसका फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुँचने दे रहे हैं. इसी के मद्देनजर RBI ने सर्कुलर जारी कर बैंकों के लिए सभी नए फ्लोटिंग दर वाले पर्सनल या खुदरा ऋण और MSMI को फ्लोटिंग दर वाले कर्ज को 1 अक्टूबर, 2019 से बाहरी मानक से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है.
RBI साल 2019 में चार बार रेपो रेट में कुल मिलाकर 1.10 फीसदी कटौती कर चुका है. इस वित्त वर्ष में अप्रैल के बाद से अब तक RBI नीतिगत दरों में 0.85% की कटौती कर चुका है. RBI का कहना है कि उसकी रेपो दर में 0.85 फीसदी कटौती के बाद बैंक अगस्त तक अपनी ब्याज दरों में केवल 0.30% तक ही कटौती कर पाए हैं.
लोन देने वाले बैंकों का कहना है कि उसकी देनदारियों की लागत कम होने में समय लगता है जिसकी वजह से रिजर्व बैंक की कटौती का लाभ तुरंत ग्राहकों को देना संभव नहीं है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-09-05 23:57:262019-09-07 15:36:02RBI ने बैंकों द्वारा दिए गये लोन को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 29 अगस्त को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की. यह रिपोर्ट हर साल जारी की जाती है. इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक (RBI) के कामकाज तथा संचालन के विश्लेषण के साथ ही अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन में सुधार के लिए सुझाव दिए जाते हैं.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में चलन में मौजूद मुद्रा 17 फीसदी बढ़कर 21.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
केंद्र सरकार को अधिशेष कोष (सरप्लस रिजर्व) से 52,637 करोड़ रुपये देने के बाद RBI के आकस्मिक कोष में 1,96,344 करोड़ रुपये की राशि बची है.
संकटग्रस्त परिसम्पत्तियों का जल्दी पता लगाकर समाधान करने से बैंकों को अपने फंसे ऋण का अनुपात नीचे लाने में मदद मिली है. यह पिछले वर्ष के ग्यारह दशमलव दो प्रतिशतसे कम होकर नौ दशमलव एक प्रतिशत पर आ गया है.
वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामले सामने आए हैं, जो पिछले वर्ष से 15 प्रतिशत अधिक है.
घरेलू मांग घटने से आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए निजी निवेश बढ़ाने की जरूरत है.
IL&FS संकट के बाद NBFC से वाणिज्यिक क्षेत्र को ऋण प्रवाह में 20 फीसदी की गिरावट आई है.
कृषि ऋण माफी, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन, आय समर्थन योजनाओं की वजह से राज्यों की वित्तीय प्रोत्साहनों को लेकर क्षमता घटी है.
RBI ने सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी उल्लेखनीय है कि RBI ने हाल ही में अपने डिविडेंड और सरप्लस फंड से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की घोषणा की है. RBI इस रकम में से 1.23 लाख करोड़ रुपये सरप्लस फंड से और बाकी 52,637 करोड़ रुपये सरप्लस रिजर्व से ट्रांसफर करेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-08-29 23:50:252019-08-30 19:03:18भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपए हस्तांतरित करने की फैसला किया है. यह राशि लाभांश और अधिशेष के रूप में दिया जायेगा. इस राशि में से 1,23,414 करोड़ रुपये वर्ष 2018-19 के लिए सरकार को मिलने वाला अधिशेष है, जबकि 52,637 करोड़ रुपए को अतिरिक्त प्रावधानों के रूप में चिन्हित किया गया है.
बिमल जालान समिति की सिफारिशों पर राशि को हस्तांतरित करने का निर्णय
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई में रिजर्व बैंक के केन्द्रीय निदेशक मंडल ने बिमल जालान समिति की सिफारिशों को मानते हुए यह राशि सरकार को हस्तांतरित करने का निर्णय किया.
RBI के अतिरिक्त रिजर्व को सरकार को स्थानांतरित करने पर विचार करने के लिए RBI के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में 26 दिसंबर 2018 को इस समिति का गठन किया गया था.
बिमल जालान समिति को RBI के वर्तमान इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क की समीक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई थी. इस समिति ने RBI के गवर्नर को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-08-27 23:12:132019-08-27 23:12:13रिजर्व बैंक सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपए लाभांश और अधिशेष के तौर पर हस्तांतरित करेगा