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फ्लेक्‍स ईंधन से चलने वाले वाहनों का निर्माण किया जायेगा

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 12 फरवरी को नई दिल्ली में वैश्विक व्‍यापार सम्‍मेलन को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ऑटोमोबिल कंपनियां छह महीने के भीतर फ्लेक्‍स ईंधन से चलने वाले वाहनों का निर्माण प्रारंभ कर देंगी. फ्लेक्‍स ईंधन गैसोलीन के साथ मेथेनॉल अथवा एथेनॉल के मिश्रण से तैयार किया जाता है.

उन्‍होंने कहा कि जल्‍द ही देश में अधिकतर गाडि़यां पूरी तरह एथेनॉल से चलने लगेंगी. सरकार पेट्रोल-डीजल के स्‍थान पर अन्‍य वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर जोर दे रही है. सरकार ने उत्‍पादन से जुड़े प्रोत्‍साहन यानी पीएलआई स्‍कीम में फ्लेक्‍स ईंधन इंजन के मोटर वाहन और कलपुर्जों को भी शामिल किया है.

भारत में एशिया का सबसे बड़ा हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक की शुरुआत

भारत में एशिया का सबसे बड़ा हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक ‘NATRAX’ (National Automotive Test Tracks) बनाया गया है. इसका उद्घाटन 28 जून को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया था. यह हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में है. इस ट्रैक पर 250 किमी की रफ्तार से सुपर कार (Super Car High Speed Testing Track) की टेस्टिंग हो सकेगी.

  • इंदौर के पीथमपुर में बने ट्रैक की लंबाई 11.30 किलोमीटर और चौड़ाई 16 मीटर है. है. दुनिया में सबसे लंबे ट्रैक की लंबाई 21 किलोमीटर है, जो जर्मनी में है. पीथमपुर ट्रैक दुनिया में पांचवां सबसे लंबा है.
  • इस ट्रैक पर 250 किमी की रफ्तार से हाई स्पीड कार की टेस्टिंग होगी. वहीं, कर्व पर 308 किलोमीटर की रफ्तार से टेस्टिंग संभव है. उद्घाटन से पहले लेंबागिनी कार की यहां स्पीड टेस्ट हुई थी.
  • यहां पर हाई स्पीड कैटेगरी की कार मर्सिडीज, टेस्ला, ऑडी, फेरारी, लेम्बोर्गिनी और बीएमडब्ल्यू की टेस्टिंग की जा सकती है.
  • इस ट्रैक पर वाहनों के हर तरह के परीक्षण किए जा सकते हैं, जैसे जैसे अधिकतम गति को आंकना, एक्सीलरेशन, तय गति पर ईंधन की खपत क्षमता, रियल रोड ड्राइविंग सिमुलेशन के माध्यम से उत्सर्जन परीक्षण, लेन बदलने के दौरान के दौरान वाहन की स्थिरता, उच्च गति की निरंतरता परखने की सुविधा है.

चारधाम राजमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत चम्‍बा में बनाई गई सुरंग का उद्घाटन

केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने चारधाम राजमार्ग विकास परियोजना के तहत चम्‍बा में बनाई गई 440 मीटर लम्‍बी सुरंग का 26 मई को विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन किया.

चम्‍बा सुरंग से चारधाम राजमार्ग (NH 94) के ऋषिकेश-धारसू और गंगोत्री मार्ग के यात्रियों के समय में काफी बचत होगी. इससे चम्‍बा में भीड-भाड से राहत मिलेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढावा मिलेगा.

चारधाम राजमार्ग विकास परियोजना

चारधाम राजमार्ग विकास परियोजना की आधारशिला 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी. इस परियोजना के तहत वर्तमान में उत्तराखंड में लगभग 12,000 करोड़ रुपये के लागत से इस राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना का निर्माण किया जा रहा है.

इस परियोजना के तहत लगभग 889 किलोमीटर लम्‍बे राष्‍ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाना है. इसमें से गंगोत्री और बद्रीनाथ से लगे 250 किलोमीटर लम्‍बे सडक मार्ग के निर्माण का कार्य सीमा सडक संगठन (BRO) को सौंपा गया है.

लंबी दूरी के लिए देश की पहली CNG बस सेवा की शुरुआत, दिल्ली और देहरादून के बीच चलेगी

केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय देश में पहली लंबी दूरी की CNG बस सेवा की शुरुआत की है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 24 दिसम्बर को इस बस सर्विस की शुरुआत की. यह CNG बस दिल्ली और देहरादून के बीच चलेगी. उत्तराखंड ने इस बस सर्विस के लिए IGL के साथ करार किया है.

आईजीएल ने अभी देहरादून के लिये 5 बसों की सेवा शुरू की है, जो आने वाले दिनों में अन्य शहरों तक भी अपनी पहुंच बनायेगा. लंबी दूरी की बस सेवा में CNG गैस की प्रचुरता होगी, जो एक बार में 800 से 1000 किलोमीटर की यात्रा कर सकेंगे.

वाहनों से पथकर वसूलने के लिए स्‍वचालित भुगतान व्‍यवस्‍था ‘फास्‍टैग’ लागू हुआ

वाहनों से पथकर वसूलने के लिए स्‍वचालित भुगतान व्‍यवस्‍था ‘फास्‍टैग’ (FASTag) 15 दिसम्बर से लागू हो गई. यह सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है. ‘फास्‍टैग’ के माध्यम से टोल प्‍लाज़ा पर भुगतान करने के लिए लोगों को अब अपने वाहन रोकने की आवश्यकता नहीं होगी. इससे समय तथा ईंधन की बचत, प्रदूषण में कमी और यातायात का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा.

निर्बाध आवागमन के लिए फास्‍टैग के माध्‍यम से पथकर वसूलने की राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक पथकर संग्रह प्रणाली लागू की गई है. फास्‍टैग में रेडियो तरंगों के जरिये वाहन की पहचान होती है और चलते वाहन से सीधे पथकर का भुगतान हो जाता है. यदि कोई चालक फास्‍टैग के बिना इलेक्‍ट्रॉनिक पथकर लेन में चला जाता है तो उसे दोगुने शुल्‍क का भुगतान करना होगा.

क्या है फास्‍टैग?

  • फास्‍टैग प्री-पैड री-चार्जेबल टैग है, जो रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित है. टोल प्‍लाजा पर लगी डिवाइस इस टैग को रीड कर टोल का गेट खोल देती है.
  • फास्टैग चेक 100 रुपये से 1 लाख रुपये तक की राशि से रीचार्ज कराया जा सकता है. टोल प्लाजा पर फास्टैग का इस्तेमाल होते ही राशि कट जाती है.