बिमल जुल्का ने 6 मार्च को केन्द्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) में 10वें मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner- CIC) के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह उन्हें पद की शपथ दिलाई. सुधीर भार्गव के 11 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद आयोग के प्रमुख का पद रिक्त था.
बिमल जुल्का मध्यप्रदेश कैडर के 1979 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी हैं. वह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव पद पर तैनात रहे हैं. बिमल जुल्का 10वें CIC हैं.
केन्द्रीय सूचना आयोग: एक दृष्टि
भारत सरकार ने देश के नागरिकों को सरकारी क्रियाकलापों की जानकारी देने और उस जानकारी का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिये 2005 में केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन किया था.
केंद्रीय सूचना आयोग का गठन सूचना का अधिकार (Right To Information- RTI) अधिनयम, 2005 के तहत 12 अक्टूबर 2005 को किया गया था. वजाहत हबीबुल्लाह देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त बनाए गए थे.
केन्द्रीय सूचना आयोग में CIC समेत सूचना आयुक्तों के 11 स्वीकृत पद हैं. अभी छह सूचना आयुक्त हैं. जुल्का के CIC के रूप में नियुक्त होने के बाद पांच और सूचना आयुक्तों के पद रिक्त हैं.
यदि कोई आवेदक किसी सरकारी विभाग या मंत्रालय से मांगी गई सूचनाओं से संतुष्ट नहीं है या उसे सूचनाएं नहीं दी गईं हैं तो अब वह सीधे CIC में ऑनलाइन द्वितीय अपील या शिकायत कर सकता है.
केन्द्रीय सूचना आयोग की शक्तियां और कार्य सूचना अधिकार अधिनियम की धाराओं, 18, 19, 20 और 25 में उल्लिखित हैं.
केन्द्रीय सूचना आयोग के अधिकार क्षेत्र में सभी केंद्रीय सार्वजनिक प्राधिकरण आते हैं.
RTI अधिनियम में यह व्यवस्था की गई है कि नागरिक किस प्रकार की सूचना सरकार से मांग सकेंगे और किस प्रकार सरकार जवाबदेह होगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-03-07 23:55:322020-03-08 00:01:27बिमल जुल्का ने 10वें मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में शपथ ली
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश (CJI) के कार्यालय को सूचना के अधिकार (RTI) के तहत माना है. कोर्ट ने 13 नवम्बर को दिए अपने निर्णय में इस मामले में 2010 में दिए गये दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.
अदालत के फैसले में कहा गया है कि CJI ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है, इसके तहत ये RTI के तहत आएगा. हालांकि, इस दौरान दफ्तर की गोपनीयता बरकरार रहेगी. अदालत ने कहा कि सूचना देने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित नहीं होती.
सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)
भारतीय संसद ने 15 जून, 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) पारित किया था और 12 अक्टूबर 2005 को लागू कर दिया गया था.
RTI का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार. इसके तहत सरकारी विभागों को नागरिकों द्वारा मांगी गयी सूचना का जवाब निश्चित समय के भीतर देना पड़ता है.
RTI अधिनियम का उद्देश्य पारदर्शिता का बढ़ावा देना व सरकारी विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-11-13 23:32:182019-11-14 00:34:19सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को सूचना के अधिकार के अंतर्गत माना