Tag Archive for: SAARC

8 दिसम्बर: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन का घोषणा पत्र दिवस

8 दिसम्बर 2020 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) का 36वां घोषणा पत्र दिवस (36th SAARC Founding Day) मनाया गया. इसी दिन सार्क समूह के घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षर किये गए थे.

पिछला सार्क शिखर सम्‍मेलन वर्ष 2014 में काठमांडू में हुआ था. 2016 का शिखर सम्‍मेलन पाकिस्‍तान के इस्‍लामाबाद में होना था लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया था. बंगलादेश, भूटान और अफगानिस्‍तान के भी इंकार के बाद सम्‍मेलन रद्द कर दिया गया था.

सार्क (SAARC): एक दृष्टि

  • SAARC, South Asian Association for Regional Cooperation (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन- दक्षेस) का संक्षिप रूप है.
  • इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी. भारत के प्रयास से अप्रैल 2007 में सार्क के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बना था.
  • सार्क दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है. संगठन के सदस्य देशों में दुनिया की कुल जनसंख्या का 20 फीसदी (लगभग 1.7 अरब) निवास करता है.
  • सार्क का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है. इसका राजभाषा अंग्रेजी है.
  • संगठन का संचालन सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए सदस्य देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है.
  • सार्क के प्रथम महासचिव बांग्लादेश के अब्दुल अहसान और वर्तमान महासचिव पाकिस्तान के अमजद हुसैन बी सियाल हैं.

वर्तमान सदस्य देश

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, भूटान और अफ़ग़ानिस्तान

वर्तमान प्रेक्षक देश

अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ, ईरान, चीन, ऑस्ट्रेलिया. म्यान्मार, मॉरिशस और जापान

सार्क चार्टर में परिभाषित किए गए संगठन के उद्देश्य:

  • दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जीवन की उनकी गुणवत्ता में सुधार लाना.
  • क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाना.
  • दक्षिण एशिया के देशों के बीच सामूहिक आत्म-निर्भरता को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना.
  • आपसी विश्वास, एक दूसरे समस्याओं के प्रति समझ बढ़ाना.
  • आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना.
  • अन्य विकासशील देशों के साथ सहयोग को मजबूत करना.

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन देशों के विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों के विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 24 सितम्बर को आयोजित की गयी. इस बैठक की मेजबानी नेपाली विदेश मंत्री ने की थी. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया.

बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने पड़ोसी की पहली नीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता सभी पड़ोसी देशों से जुड़ाव, एकीकृत, सुरक्षित और समृद्ध दक्षिण एशिया के निर्माण की दिशा में काम करने की बात कही.

बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद, संपर्क को अवरुद्ध करना और व्यापार को बाधित करना तीन प्रमुख वैश्विक चुनौतियां हैं जिन्हें दूर करने के लिए सार्क देशों को कड़े कदम उठाने होंगे.

सार्क (SAARC): एक दृष्टि

  • SAARC, South Asian Association for Regional Cooperation (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन- दक्षेस) का संक्षिप रूप है.
  • इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी. भारत के प्रयास से अप्रैल 2007 में सार्क के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बना था.
  • सार्क दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है. संगठन के सदस्य देशों में दुनिया की कुल जनसंख्या का 20 फीसदी (लगभग 1.7 अरब) निवास करता है.
  • सार्क का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है. इसका राजभाषा अंग्रेजी है.
  • संगठन का संचालन सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए सदस्य देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है.
  • सार्क के प्रथम महासचिव बांग्लादेश के अब्दुल अहसान और वर्तमान महासचिव पाकिस्तान के अमजद हुसैन बी सियाल हैं.

वर्तमान सदस्य देश

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, भूटान और अफ़ग़ानिस्तान

वर्तमान प्रेक्षक देश

अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ, ईरान, चीन, ऑस्ट्रेलिया. म्यान्मार, मॉरिशस और जापान

प्रधानमंत्री ने सार्क के सदस्‍य देशों के साथ विचार-विमर्श किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 15 मार्च को सार्क (SAARC) के सदस्‍य देशों के साथ वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए संवाद किया. इस संवाद का उद्देश्य कोविड-19 (कोरोना वायरस) बीमारी से निपटने के लिए संयुक्‍त रूप से एक सशक्‍त रणनीति तैयार करना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही सार्क सदस्यों के वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए रणनीति पर चर्चा का प्रस्ताव दिया था, जिसका सभी सदस्य देशों ने स्वागत किया था.

सार्क देशों के साथ इस संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘कोविड-19 इमर्जेंसी फंड’ बनाने का सुझाव दिया और भारत की तरफ से इसके लिए 1 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की. इस बैठक में सार्क देशों के शामिल प्रतिनिधियों ने अपने यहाँ उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.

इस कॉफ्रेंस में शामिल प्रतिनिधि

विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग और पाकिस्तान की तरफ से वहां के स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा शामिल हुए.

सार्क (SAARC): एक दृष्टि

  • SAARC, South Asian Association for Regional Cooperation (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन- दक्षेस) का संक्षिप रूप है.
  • इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी. भारत के प्रयास से अप्रैल 2007 में सार्क के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बना था.
  • सार्क दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है. संगठन के सदस्य देशों में दुनिया की कुल जनसंख्या का 20 फीसदी (लगभग 1.7 अरब) निवास करता है.
  • सार्क का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है. इसका राजभाषा अंग्रेजी है.
  • संगठन का संचालन सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए सदस्य देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है.
  • सार्क के प्रथम महासचिव बांग्लादेश के अब्दुल अहसान और वर्तमान महासचिव पाकिस्तान के अमजद हुसैन बी सियाल हैं.

वर्तमान सदस्य देश

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, भूटान और अफ़ग़ानिस्तान

वर्तमान प्रेक्षक देश

अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ, ईरान, चीन, ऑस्ट्रेलिया. म्यान्मार, मॉरिशस और जापान

सार्क चार्टर में परिभाषित किए गए संगठन के उद्देश्य:

  • दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जीवन की उनकी गुणवत्ता में सुधार लाना.
  • क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाना.
  • दक्षिण एशिया के देशों के बीच सामूहिक आत्म-निर्भरता को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना.
  • आपसी विश्वास, एक दूसरे समस्याओं के प्रति समझ बढ़ाना.
  • आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना.
  • अन्य विकासशील देशों के साथ सहयोग को मजबूत करना.

8 दिसम्बर: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन का स्‍थापना दिवस

8 दिसम्बर को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) का 35वां स्‍थापना दिवस (35th SAARC Founding Day) है. इसी दिन सार्क समूह के घोषणा पत्र पर हस्‍ताक्षर किये गए थे.

स्‍थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सार्क देशों से आतंकवाद और इसे समर्थन देने वाली ताकतों से निपटने के लिए कारगर उपायों की अपील की है. सार्क सचिवालय को भेजे गए पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि एकजुट प्रयासों से संगठन की मजबूती को बल मिलेगा.

श्री मोदी ने कहा कि सार्क देशों के बीच अधिक सहयोग के भारत के प्रयासों को आतंकवादी गतिविधियों से लगातार चुनौती मिलती रही है. ऐसे में संगठन की पूरी क्षमता के उपयोग के लिए साझा प्रयास जरूरी है. उन्होंने कहा कि संगठन ने प्रगति की है लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना जरूरी है.

पिछला सार्क शिखर सम्‍मेलन वर्ष 2014 में काठमांडू में हुआ था. 2016 का शिखर सम्‍मेलन पाकिस्‍तान के इस्‍लामाबाद में होना था लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया था. बंगलादेश, भूटान और अफगानिस्‍तान के भी इंकार के बाद सम्‍मेलन रद्द कर दिया गया.