Tag Archive for: Saudi Arabia

ओमान के सुल्‍तान हैथम बिन तारिक़ की भारत यात्रा

ओमान के सुल्‍तान हैथम बिन तारिक़ 15 से 17 दिसम्बर तक भारत की यात्रा पर थे. उनकी यह पहली भारत यात्रा थी. ओमान के सुल्‍तान हैथम बिन तारिक़ ने 16 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई थी.

मुख्य बिन्दु

  • दोनों नेताओं की इस वार्ता में भारत-ओमान सामरिक संबंधों को गति देने और व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दिया गया. वार्ता में 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए दृष्टिकोण पत्र स्वीकार किया गया.
  • श्री मोदी और श्री तारिक ने हमास-इस्राइल संघर्ष से उत्पन्न स्थिति, आतंकवाद की चुनौतियों और फिलिस्तीन मुद्दे के द्वि-राष्ट्र समाधान के लिए कोशिश करने पर भी विचार-विमर्श किया.
  • दोनों पक्षों ने करीब ढाई हजार करोड़ रुपये के ओमान-भारत संयुक्त निवेश कोष के तीसरे हिस्से की भी घोषणा की. इस राशि का उपयोग भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में निवेश के लिए किया जाएगा.

कुवैत के अमीर शेख नवाफ का निधन, भारत में एक दिन का राजकीय शोक

भारत ने कुवैत के अमीर शेख नवाफ अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के सम्मान में 17 दिसम्बर को देशभर में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.

मुख्य बिन्दु

  • गृह मंत्रालय के अनुसार पूरे देश में भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और आज सरकारी स्तर पर मनोरंजन के कोई कार्यक्रम नहीं होंगे.
  • कुवैत के अमीर शेख नवाफ का 16 दिसम्बर को निधन हो गया था. वे 86 वर्ष के थे.
  • कुवैत के शहजादे शेख मेशल अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबह को देश का अगला अमीर घोषित किया गया है.
  • केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जाबिर अल-सबाह से मुलाकात की और पूर्व अमीर शेख नवाफ अल-अहमद अल-जाबिर अल-सबाह के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया.

बहरीन के प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल खलीफा का निधन

बहरीन के प्रधानमंत्री शेख खलीफा बिन सलमान अल खलीफा का 11 नवम्बर को निधन हो गया है. वह 84 वर्ष के थे. वह विश्व के सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले प्रधानमंत्री थे.

24 नवंबर 1935 को जन्‍मे शेख खलीफा बहरीन के शाही परिवार से थे. 15 अगस्त 1971 को बहरीन की स्वतंत्रता से एक साल पहले शेख खलीफा ने पदभार ग्रहण किया था. उन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक बहरीन के राजनीतिक और आर्थिक मामलों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

हैथम-बिन-तारिक-अल-सईद ने ओमान के नए सुल्तान के रूप में शपथ ली, कबूस बिन-सईद का निधन

ओमान के सुल्तान कबूस बिन-सईद का 10 जनवरी को निधन हो गया. 79 वर्षीय सुल्तान पिछले एक वर्ष से गंभीर रूप से बीमार थे. उन्हें ओमान को एक आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र में बदलने का श्रेय दिया जाता है. वह 1970 से ओमान पर शासन कर रहे थे. ओमान के सुल्तान देश के प्रमुख निर्णय-निर्माता होते हैं. सुल्तान कबूस अल सईद परिवार के आठवें सुल्तान थे. वे हाल के अरब शासकों में अब तक के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सुल्तान थे.

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने ओमान के सुल्तान कबूस बिन सईद अल सईद के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुल्तान कबूस भारत का सच्चा मित्र बताया है.

ओमान के सुल्तान के सम्मान में भारत में एक दिन का शोक

भारत सरकार ने ओमान के सुल्तान क़ाबूस बिन सईद अल सईद के सम्मान में 13 जनवरी को शोक रखने की घोषणा की है. शोक के दौरान सरकारी समारोह स्थगित रहेंगे। देशभर में राष्ट्र ध्वज झुका रहेगा.

हैथम-बिन-तारिक-अल-सईद ने ओमान के नए सुल्तान के रूप में शपथ ली

ओमान की रक्षा समिति ने घोषणा की है कि हैथम-बिन-तारिक-अल-सईद सुल्‍तान काबूस के उत्‍तराधिकारी होंगे. सुल्‍तान काबूस ने अपने चचेरे भाई हैथम-बिन-तारिक-अल-सईद सुल्‍तान को नया शासक घोषित किया था. हैथम-बिन-तारिक-अल-सईद ओमान के विभिन्‍न महत्‍वपूर्ण मंत्रालयों में काम कर चु‍के हैं.

ओमान के संविधान के अनुसार राजगद्दी के रिक्‍त होने की स्थिति में शाही परिवार को तीन दिनों के भीतर नया उत्तराधिकारी चुनना होता है. इसमें विफल रहने पर शाही परिवार परिषद को लिखे पत्र के अनुसार क़ाबूस द्वारा नामित उत्तराधिकारी को शासक घोषित करना होगा.

यमन सरकार और दक्षिण अलगाववादियों के बीच समझौता

यमन की सऊदी समर्थित सरकार और दक्षिण अलगाववादियों ने 5 नवम्बर को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते से दक्षिण अलगाववादियों का यमन की नई कैबिनेट में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त होगा और दक्षिणी सशस्त्र बल यमन सरकार के नियंत्रण में आ सकेंगे.

दक्षिण यमन में सऊदी अरब समर्थित यमन सरकार और दक्षिण अलगाववादियों के बीच काफी समय से सत्ता संघर्ष चल रहा था. इस संघर्ष से अब तक कम से कम 7,000 नागरिकों की मृत्यु हुई है. यह समझौता यमन के गृह युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

सऊदी अरब की तेल कंपनी पर ड्रोन से हमले किये गये

सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के अबकैक और खुराइस में स्थित तेल कुओं पर 14 सितम्बर को ड्रोन से हमले किये गये. हमले के बाद से सऊदी अरब की तेल कंपनी ने उत्पादन को लगभग आधा कर दिया है. बीते 4 महीनों में यह छठा मौका है, जब सऊदी अरब के फैसिलिटी सेंटर या फिर आपूर्ति करने वाले तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया.

आपूर्ति को लेकर संकट

हमले से इस इंडस्ट्री के समक्ष पहली बार आपूर्ति को लेकर संकट खड़ा हो गया है. इस हमले के चलते आपूर्ति में 57 लाख बैरल प्रतिदिन की कमी आई है, जो वैश्विक आपूर्ति का 6 फीसदी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में ग्लोबल क्रूड सप्लाई चेन के लिए यह गंभीर चुनौती है और अनियंत्रित युद्ध की स्थिति में विकट हालात पैदा हो सकते हैं.

हमले की जिम्मेदारी हूथी विद्रोही संगठन ने ली

अरामको के अबकैक और खुराइस में स्थित तेल कुओं पर हमले की जिम्मेदारी यमन के हथियारबंद हूथी विद्रोही संगठन ने ली थी. लेकिन अमरीका और सउदी अरब को संदेह है कि यह हमला ईरान द्वारा किया गया है. सउदी अरब ने कहा है कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हमारे तेल संयंत्र पर हमला ईरानी हथियारों से किया गया था.

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव

सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव गहरा गया है. अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने ईरान पर सउदी तेल प्रतिष्‍ठानों पर कल के ड्रोन हमलों का आरोप लगाया है. जबकि ईरान ने अमेरिका के दावे को सिरे से खारिज किया है.ईरान ने कहा है कि अमेरिका उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई के बहाने तलाश रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सऊदी अरब को अमेरिका की ओर से समर्थन देने का प्रस्ताव दिया है.

सउदी अरब, अमरीका के नेतृत्‍व वाले संगठन में शामिल हुआ

सउदी अरब ने कहा है कि वह पश्चिम एशिया के समुद्री मार्गों और तेल उद्योग को ईरान से होने वाले संभावित हमलों से सुरक्षित रखने के लिए अमरीका के नेतृत्‍व वाले संगठन में शामिल हो गया है. सउदी अरब का यह फैसला अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की आगामी सउदी अरब यात्रा को देखते हुए किया गया है.