Tag Archive for: Science Awards

नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन कोलकाता में आयोजित किया गया

नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी (ICONST) 2020 पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 5-7 मार्च को कोलकाता के बिस्वा बंगला पारंपरिक केंद्र में किया गया. इस सम्मलेन का आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के नैनो मिशन के तत्वावधान में किया गया था. आयोजन का उद्देश्य इस प्रमुख अनुसंधान क्षेत्र की हाल की प्रगतियो पर ध्यान केंद्रित करना था.

इस सम्मेलन में भौतिक, रासायनिक सामग्री के साथ-साथ जैविक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक विकास के कई विषयगत विषयों पर विचार-विमर्श किया गया. नैनो-सामग्रियों पर मौजूदा शोध के अलावा, कई उभरते क्षेत्रों जैसे कि क्वांटम मैटिरियल, ऊर्जा सामग्री और कृषि के लिए नैनो प्रौद्योगिकी को DST नैनो मिशन के चिन्हित क्षेत्रों में शामिल किया गया है.

प्रो. साबू थॉमस राष्ट्रीय अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित

उद्घाटन समारोह के दौरान, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोट्टायम के कुलपति प्रो. साबू थॉमस को नैनो विज्ञान के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में राष्ट्रीय अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित किया गया. IIT मुम्बई के डॉ. सौरभ लोढ़ा और TIFR, मुंबई के डॉ. विवेक पोलशेट्टीवार को नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में युवा अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने ‘विश्वकर्मा पुरस्कार’ 2019 प्रदान किए

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने 24 फरवरी को ‘विश्वकर्मा पुरस्कार’ 2019 प्रदान किए. पुरस्कार समारोह का आयोजन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) में किया गया था. यह विश्वकर्मा पुरस्कार का तीसरा संस्करण था.

विभिन्न उप-श्रेणियों के तहत कुल 23 टीमों को छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार (CVA) ये पुरस्कार प्रदान किए गए. केंद्रीय मंत्री निशंक ने उत्कृष्ट संस्थान विश्वकर्मा पुरस्कार (USVA) के तहत छह संस्थानों को सम्मानित किया.

विश्वकर्मा पुरस्कार: एक दृष्टि

AICTE (All India Council for Technical Education) वर्ष 2017 से विश्वकर्मा पुरस्कारों का आयोजन कर रहा है. AICTE ने इस पुरस्कार का गठन अपने मातहत संस्थानों के हितधारकों के जरिए समाज के समग्र विकास के लिए अभिनव और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए किया है. AICTE भारत में तकनीकी शिक्षा व तकनीकी शिक्षण संस्थानों का नियामक संसथान है.

इस पुरस्कार का उद्देश्य राष्ट्र के संपूर्ण विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए अपने क्षेत्र विशेष में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए युवाओं, मार्गदर्शकों और संस्थानों / संगठनों को प्रेरित करना है.

तीसरा विश्वकर्मा पुरस्कार 2019

वर्ष 2019 के विश्वकर्मा पुरस्कार के तीसरे संस्करण के लिए प्रविष्टियों के लिए प्रतियोगिता की घोषणा मानव संसाधन (HRD) मंत्री ने सितंबर, 2019 में की थी. यह प्रतियोगिता “गांव की आय कैसे बढ़ाएं” विषय पर आधारित थे. आवेदन दो श्रेणियों में मंगाए गए थे:

श्रेणी I: छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार (CVA) उत्कृष्ट नवाचार टीम के लिए (छात्रों और परामर्शदाता के लिए)
श्रेणी II: उत्कर्ष संस्थान विश्वकर्मा पुरस्कार (USVA) आदर्श संस्थागत हस्तक्षेप के लिए.

डॉ. नीति कुमार को ‘SERB महिला उत्कृष्टता पुरस्कार 2020’ से सम्मानित किया जायेगा

CSIR-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नीति कुमार को ‘SERB (Science and Engineering Research Board) महिला उत्कृष्टता पुरस्कार 2020’ से नवाजा गया है. उन्हें यह पुरस्कार 28 फरवरी को विज्ञान भवन में होने वाले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति प्रदान करेंगे. पुरस्कार के तहत साइंटिस्ट को विज्ञान और इंजिनियरिंग अनुसंधान बोर्ड 15 लाख रुपये की धनराशि देती है.

डॉ. नीति कुमार को यह पुरस्कार मलेरिया की रोकथाम के लिए वैकल्पिक दवाओं और नवीन लक्ष्यों की खोज के लिए मिला है. वह मानव मलेरिया परजीवी में प्रोटीन क्वॉलिटी कंट्रोल मशीनरी को समझने के लिए शोध कर रही हैं.

डॉ. नीति कुमार CSIR-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CDRI) के डिवीजन ऑफ मॉलिक्यूलर पैरासिटॉलजी ऐंड इम्युनॉलजी में कार्यरत हैं. उन्हें इनोवेटिव यंग बायोटेक्नोलॉजिस्ट अवार्ड (DBT-IYBA 2015), भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा INSA मेडल फॉर यंग साइंटिस्ट (2010) आदि जैसे कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हो चुके हैं.

SERB महिला उत्कृष्टता पुरस्कार: एक दृष्टि

यह पुरस्कार 40 वर्ष से कम आयु की महिला वैज्ञानिक को दिया जाता है, जिन्हें विभिन्न राष्ट्रीय अकादमियों से सम्मान प्राप्त हुआ है. महिला शोधकर्ताओं को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड द्वारा 3 वर्षों के लिए 5 लाख प्रति वर्ष के अनुसंधान अनुदान की सहायता दी जाएगी.

डॉ एमएस स्वामीनाथन को ‘मुप्पावरप्पु वेंकैया नायडू नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया गया

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ एम एस स्वामीनाथन को कृषि क्षेत्र में दिए गए उनके विशिष्ट योगदान के लिए 15 जनवरी को ‘मुप्पावरप्पु वेंकैया नायडू नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया. इस पुरस्कार की घोषणा हाल ही में हैदराबाद में मुप्‍पावरपु फाउंडेशन की दसर्वी वर्षगांठ के समारोह के दौरान की गई थी. पुरस्‍कार के रूप में 5 लाख नकद और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.

डॉ स्वामीनाथन देश के कृषि क्षेत्र में योगदान ने एक नई क्रांति का सूत्रपात किया जिसके कारण उन्‍हें हरित क्रांति का जनक कहा जाता हैं. स्वामीनाथन को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा ‘आर्थिक पारिस्थितिकी के जनक’ के रूप में वर्णित किया गया है, क्योंकि उनके योगदान से कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति हुई.

यूके की रॉयल एयरोनॉटिक्स सोसायटी ने DRDO के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी को सम्मानित किया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी को यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयरोनॉटिक्स सोसायटी द्वारा फेलोशिप (Fellowship By UK’s Royal Aeronautical Society) से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान एयरोस्पेस के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के समतुल्य माना जाता है.

जी सतीश रेड्डी बीते पहले भारतीय वैज्ञानिक हैं जिन्हें इस फेलोशिप से सम्मानित किया गया है. स्वदेशी हथियारों के निर्माण, उनका विकास तथा सही स्थान पर उनकी तैनाती में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है.

जी सतीश रेड्डी को भारत में विविध मिसाइल प्रणाली के विकास, एयरोस्पेस व्हीकल, गाइडेड हथियार और एवियोनिक्स तकनीक का विकास करने के लिए जाने जाते हैं. वह DRDO के चेयरमैन (अध्यक्ष) के साथ-साथ रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा प्रक्षेपास्त्र एवं रणनीतिक प्रणालियों के महानिदेशक भी हैं. उन्हें रॉकेट मैन भी कहा जाता है.

भारत के रवि प्रकाश को हाल ही में ‘ब्रिक्स-यंग इनोवेटर प्राइज’ दिया गया

भारत के रवि प्रकाश को हाल ही में ‘ब्रिक्स-यंग इनोवेटर प्राइज’ (BRICS Young Innovator Prize) का प्रथम पुरस्कार दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार ‘मिल्क चिल्लिंग यूनिट’ (Milk Chilling Unit) के अविष्कार के लिए दिया गया है. इस पुरस्कार स्वरुप उन्हें 25,000 अमेरिकी डॉलर धनराशी दी गयी है.

रवि प्रकाश द्वारा तैयार की गयी ‘मिल्क चिल्लिंग यूनिट’ Nano Fluid Based Phase Change Material तकनीक पर आधारित है. यह मशीन दूध निकालने के तुरंत बाद ही कच्चे दूध के तापमान को 37 डिग्री सेलसियस से 7 डिग्री सेलसियस तक सिर्फ़ 30 मिनट के भीतर पहुंचा देती है.

11वें ‘इन्फोसिस पुरुस्कार 2019’ के विजेताओं की घोषणा

इन्फोसिस साइंस फाउंडेशन (ISF) ने 7 नवम्बर को 11वें ‘इन्फोसिस पुरुस्कार 2019’ के विजेताओं की घोषणा कर दी है. यह पुरुस्कार छह श्रेणियों – इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान, मानविकी, जीव विज्ञान, गणितीय विज्ञान, भौतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के विजेताओं को दिया जायेगा.

इस वर्ष प्रत्येक श्रेणी के लिए पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक, एक प्रशस्ति पत्र तथा 1,00,000 डॉलर का पुरस्कार दिया जायेगा. विजेताओं को 7 जनवरी, 2020 को बेंगलुरु में सम्मानित किया जाएगा. नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन इस समारोह में सम्मानित अतिथि होंगे.

इस वर्ष पुरस्कार विजेताओं में सुनीता सारावगी और मंजुला रेड्डी दो महिलाएँ हैं. पुरस्कार विजेताओं की सूची इस प्रकार है:

  1. इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान: सुनीता सारावगी
  2. जीव विज्ञान: मंजुला रेड्डी
  3. मानविकी: मनु वी देवदेवन
  4. गणितीय विज्ञान: सिद्धार्थ मिश्रा
  5. भौतिक विज्ञान: जी मुगेश
  6. सामाजिक विज्ञान: आनंद पांडियन

इन्फोसिस पुरस्कार: एक दृष्टि

  • इन्फोसिस पुरस्कार इन्फोसिस साइंस फाउंडेशन (ISF) द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रदान किया जाता है. ISF 2009 में स्थापित एक गैर लाभकारी न्यास (ट्रस्ट) है.
  • यह पुरस्कार जीवन विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग व कंप्यूटर विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भौतिक विज्ञान और मानविकी के क्षेत्र में अनुसंधानकर्ताओं, वैज्ञानिकों और इंजिनियरों को प्रदान किया जाता.
  • प्रत्येक विजेता को 22 कैरट का स्वर्ण पदक, एक प्रशस्ति-पत्र और 100000 डॉलर की राशि प्रदान की जाती है. यह भारत में वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में सबसे अधिक धनराशी वाला पुरस्कार है.

वर्ष 2019 के शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा: मुख्य विजेताओं की सूची

वर्ष 2019 के शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा 27 सितम्बर को की गयी. पुरस्कारों की घोषणा काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के 78वें स्थापना दिवस समारोह में की गयी.

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2019: मुख्य विजेताओं की सूची

  1. जीवविज्ञान: डॉ कायरत साईं कृष्णन (भारतीय विज्ञान, शिक्षा व अनुसन्धान परिषद्, पुणे), डॉ सौमेन बसक (राष्ट्रीय इम्म्युनोलोजी संस्थान, नई दिल्ली)
  2. रसायन विज्ञान: डॉ. राघवन बी. सुनोज (IIT बॉम्बे), डॉ तपस कुमार माजी (जवाहरलाल नेहरु एडवांस्ड वैज्ञानिक अनुसन्धान केंद्र, बंगलुरु).
  3. पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर व ग्रहीय विज्ञान: डॉ. सुबिमल घोष (IIT बॉम्बे)
  4. इंजीनियरिंग विज्ञान: मानिक वर्मा (माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया, बंगलुरु)
  5. गणित: डॉ. धीरज कुमार (जेनेटिक इंजीनियरिंग व बायोटेक्नोलॉजी के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली), डॉ मोहम्मद जावेल अली (LV प्रसाद नेत्र संस्थान, हैदराबाद)
  6. भौतिक विज्ञान: डॉ. अनिन्दा सिन्हा (IISc बंगलुरु), डॉ. शंकर घोष (TIFR,मुंबई)

शांति स्वरुप भटनागर पुरस्कार: एक दृष्टि

  • शांति स्वरुप भटनागर पुरस्कार (Shanti Swarup Bhatnagar Prize for Science and Technology) की स्थापना 1957 में वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसन्धान परिषद् (CSIR) के संस्थापक निदेशक डॉ शांति स्वरुप भटनागर की स्मृति में की गयी थी.
  • यह पुरस्कार प्रतिवर्ष वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसन्धान परिषद् (CSIR) द्वारा 45 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिक अथवा इंजिनियर को शोधकार्य को प्रदान दिया जाता है.
  • यह पुरस्कार जीव विज्ञानं, रसायन विज्ञान, मेडिकल साइंस, भौतिक विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग, वायुमंडल, महासागर तथा ग्रहीय विज्ञान के क्षेत्र में प्रदान किया जाता है.
  • इस पुरस्कार में पांच लाख रुपये की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.