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शंघाई सहयोग संगठन का 23वां शिखर सम्मेलन भारत की मेजबानी में आयोजित किया गया

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का 23वां शिखर सम्मेलन 4 जुलाई को आयोजित किया गया था. वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस सम्मेलन की मेजबानी भारत ने की थी. इस सम्मेलन में सभी सदस्य देशों (चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान) के राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.

SCO शिखर सम्मेलन 2023: मुख्य बिन्दु

  • SCO राष्ट्राध्यक्षों ने नई दिल्ली घोषणा-पत्र का अनुमोदन किया. इनमें एक अलगाववाद, उग्रवाद और आतंकवाद की ओर ले जाने वाले कट्टरपंथ का मुकाबला करने में सहयोग और दूसरा डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग है.
  • सदस्य देशों ने युद्ध और मादक पदार्थों से मुक्त एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के निर्माण पर बल दिया.
  • सदस्य देश वर्ष 2024 को एससीओ पर्यावरण वर्ष घोषित करने पर सहमत हुए. संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की अगली बैठक 2024 में कजाकिस्तान में होगी.
  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और समूह के अन्य नेता शामिल हुए. ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया था.
  • इस शिखर सम्मेलन में ईरान को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का नया स्थायी सदस्य बनाया गया.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि

शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में हुई थी. जिसे रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने शंघाई में एक शिखर सम्मेलन के दौरान स्थापित किया गया था.

साल 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके स्थायी सदस्य बने. उससे पहले भारत को 2005 में एससीओ में एक पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल किया गया था.

शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक (8th meeting of Agriculture Ministers of SCO) 12 मई को आयोजित की गई थी. वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता कृषि और परिवार कल्याण मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने की थी.

मुख्य बिन्दु

  • बैठक में SCO के सभी सदस्य देशों (रूस, उज्‍बेकिस्‍तान, कजाख्‍स्‍तान, किर्गिजस्‍तान, तजाकिस्‍तान, चीन और पाकिस्तान) ने भागीदारी की.
  • भारत की अध्यक्षता में संगठन के सदस्य देशों ने स्‍मार्ट कृषि परियोजना को मंजूरी दी.
  • कृषि और परिवार कल्याण मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने कहा कि पिछले वर्षों में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और इसने वैश्विक खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान किया है.
  • अपने संबोधन में कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि देश से कृषि और अन्य संबंधित उत्पादों का निर्यात 4 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है.
  • श्री तोमर ने कहा कि भारत कृषि क्षेत्र में विश्व में सबसे अधिक‍ रोजगार देने वाला देश है, जहां आधी से अधिक जनसंख्या कृषि और सहयोगी क्षेत्र में कार्यरत है.

समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन की 22वीं बैठक आयोजित की गई

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का 22वां शिखर सम्मेलन 2022 उज्‍बेकिस्‍तान के समरकंद में आयोजित किया गया था. इस बैठक में इसके सभी सदस्य देशों के नेताओं और अन्य निमंत्रित अतिथियों ने हिस्सा लिया था. सम्मेलन की अध्यक्षता उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने की थी.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के प्रयोजन से 15-16 सितम्बर को उज्‍बेकिस्‍तान की यात्रा पर थे. इस यात्रा के दौरान उन्होंने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया और इसके इतर कई बहुपक्षीय और द्विपक्षीय बैठकें भी की थी.

22वां SCO शिखर सम्मेलन 2022: मुख्य बिन्दु

  • 22वें SCO शिखर सम्मेलन में समसामयिक, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके अलावा संगठन में सुधार और विस्‍तार, सुरक्षा की स्थिति, क्षेत्र में विभिन्‍न देशों के साथ भारत के सहयोग, संपर्क को मजबूत बनाने और क्षेत्र में व्‍यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचा-विमर्श हुआ. शिखर सम्मेलन का समापन समरकंद घोषणा पर हस्ताक्षर के साथ हुआ.
  • ईरान ने एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि उसे SCO में पूर्ण सदस्यता मिल सके. फिलहाल उसे पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल है.
  • उज्बेकिस्तान ने SCO की अध्यक्षता भारत को सौंपी. भारत 2023 में संगठन के अध्यक्ष के रूप में SCO के अगले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
  • बैठक में वाराणसी को वर्ष 2022-2023 के लिए SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी नामित किया गया. इससे भारत और SCO सदस्य देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की द्विपक्षीय बैठकें

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने SCO की 22वीं बैठक से अलग रूस, उजबेकिस्‍तान, ईरान और तुर्की के नेताओं से मुलाकात की. इन नेताओं के साथ विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने पर चर्चा हुई.
  • रूस के राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट जैसे मुद्दों को उठाया. इस अवसर पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन, द्पिक्षीय व्‍यापार, रूस के उर्वरकों की आपूर्ति, कृषि में सहयोग, तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा और वीजा मुक्‍त पर्यटकों की आवाजाही के मुद्दे उठाए. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को रूस आने का निमंत्रण दिया.
  • भारत-उजबेकिस्‍तान द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और उजबेकिस्‍तान के राष्ट्रपति शावकत मिरजियोयेव ने चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्‍ट्रीय उत्‍तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के अधिक उपयोग सहित कुछ संभावनाओं का पता लगाने के लिए कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण बताया.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक चर्चा की और चाबहार बंदरगाह के विकास में प्रगति की समीक्षा की.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसिप तैय्यप अर्दोगन के साथ बातचीत की. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और क्षेत्रीय तथा वैश्विक घटनाक्रमों पर चर्चा की.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि

SCO की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे.

वाराणसी को SCO की पहली सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी घोषित किया जाएगा

वाराणसी को एक वर्ष के लिए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की पहली सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी घोषित किया जाएगा. यह घोषणा SCO के महासचिव झांग मिंग ने 15 जुलाई को की थी.

  • घोषणा के अनुसार वाराणसी को सितंबर 2022 से सितंबर 2023 तक के लिए सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी चुना गया है.
  • यह पहल आठ सदस्य देशों में लोगों से लोगों के बीच संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए है. इसके तहत सदस्य देशों को बारी-बारी से मौका मिलेगा.
  • इस साल 15-16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में होने वाले SCO के राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के बाद नई पहल लागू होगी.
  • इसके बाद भारत अध्यक्षता का पदभार संभालेगा और अगले राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

क्या है SCO?

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा गठबंधन है. चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उजबेकिस्तान सहित इसके 8 देश हैं. SCO का मुख्यालय बीजिंग में है. 9 जून 2017 को भारत और पाकिस्तान ने इसकी सदस्यता ली थी.
  • जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन और सबसे बड़ा उपभोक्ताओं वाला बाजार भी है. आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय शांति के लिए SCO के सदस्य देश काम करते हैं.

SCO के राष्‍ट्राध्‍यक्षों के परिषद की 21वीं बैठक दुशांबे में आयोजित की गयी

शंघाई सहयोग संगठन (SCO)  के राष्‍ट्राध्‍यक्षों के परिषद की 21वीं बैठक 17 सितम्बर को ताजिकिस्‍तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित की गयी थी. इस सम्मलेन की अध्यक्षता ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान ने की थी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को वर्चुअल माध्‍यम से संबोधित किया था. इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व ताजिकिस्‍तान की यात्रा पर गये विदेश मंत्री जयशंकर ने किया था.

इस सम्मेलन में, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों और पिछले दो दशकों की उपलब्धियों और भविष्य में सदस्‍य देशों के बीच सहयोग बढाने की संभावनाओं पर चर्चा हुई.

ईरान SCO का नया सदस्य बना

इस बैठक में ईरान को SCO के नए सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. इसके साथ ही सऊदी अरब, मिस्र और कतर को संवाद भागीदार बनाया गया है. अब SCO के सदस्य देशों की संख्या 9 हो गई है.

क्या है SCO?

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य संबंधित क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखना है. SCO को बनाने की घोषणा 15 जून, 2001 को हुई थी. शुरूआत में इसमें छह देश शामिल थे- किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, रूस, चीन, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान. वर्ष 2017 में भारत और पाकिस्तान के शामिल होने के बाद इसके सदस्यों की संख्या आठ हो गई थी.

शंघाई सहयोग संगठन परिषद के विदेश मंत्रियों की बैठक

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) परिषद के विदेश मंत्रियों की बैठक 14-15 जुलाई को ताजिकिस्‍तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित की गयी थी. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

इस वर्ष शंघाई सहयोग संगठन परिषद के गठन के 20 वर्ष पूरे हो रहे हैं. विदेश मंत्रियों की इस बैठक में इस वर्ष संगठन की 20वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्‍य में इसकी उप‍लब्‍धियों पर विचार किया गया.

भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन के इस बैठक से अलग चीन के विदेश मंत्री वांग ई के साथ मुलाकात की. दोनों मंत्रियों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास मौजूदा स्थिति पर विचार-विमर्श किया और भारत-चीन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. दोनों विदेश मंत्रियों ने सभी अनसुलझे मुद्दों का परस्‍पर स्‍वीकार्य समाधान ढूढने की बात कही.

भारत की मेजवानी में SCO के शासनाध्‍यक्षों की परिषद की 19वीं बैठक आयोजित की गयी

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शासनाध्‍यक्षों की परिषद की 19वीं बैठक भारत की मेजवानी में 30 नवम्बर को आयोजित की गयी. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इस वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की. भारत को 2017 में संगठन की पूर्ण सदस्यता मिली थी.

इस सम्मेलन में SCO के सभी आठ सदस्य देशों ने हिस्सा लिया. यह बैठक भारत की अध्यक्षता में पहली बार आयोजित की गयी थी. तुर्कमेनिस्तान को मेजबान भारत के विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.

यह शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष प्रधानमंत्रियों के स्तर पर आयोजित किया जाता है. SCO में व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर प्रमुख रूप से ध्यान केंद्रित किया जाता है. भारत ने 2 नवंबर 2019 को उज्बेकिस्तान से इस संगठन की अध्यक्षता ग्रहण की थी. भारत का अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल 30 नवम्बर को पूरा हो गया है.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि

  • शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) यूरेशिया का राजनीतिक आर्थिक, और सैनिक संगठन है. इसकी स्थापना 2001 में शंघाई में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने मिलकर की थी.
  • इस समय चीन, भारत, कजाकिस्‍तान, किर्गिस्‍तान, रूस, पाकिस्‍तान, ताजिकिस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान शंघाई सहयोग संगठन के सदस्‍य हैं.
  • 24 जून 2016 को अस्ताना में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को भी औपचारिक तौर पर SCO का पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया था.

शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के राष्ट्रअध्यक्षों का 20वां सम्मेलन

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के राष्ट्रअध्यक्षों का 20वां सम्मेलन 10 नवम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की.

इस सम्मेलन में SCO के सभी आठ सदस्य देशों ने हिस्सा लिया. रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान SCO के सदस्य देश हैं. इसके अलाबा पर्यवेक्षक देशों- ईरान, अफगानिस्तान, मंगोलिया और बेलारूस ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया.

2017 में SCO के पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद भारत की यह तीसरी बैठक थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन को संबोधित किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के SCO के देशों के साथ मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध होने की बात कही.

शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक

विदेश मंत्री एस जयशंकर 10-11 सितम्बर को रूस की यात्रा पर थे. वह मॉस्‍को में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के प्रयोजन से गये थे. रूसी परिसंघ की अध्‍यक्षता में इस संगठन की वार्ताओं में भारत सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है.

इस बैठक में SCO के आगामी शिखर सम्‍मेलन की तैयारियों की समीक्षा की गयी और अन्तर्राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया. विदेश मंत्रियों की परिषद की यह तीसरी बैठक थी जिसमें भारत SCO के पूर्ण सदस्‍य के रूप में भाग लिया.

रूस की यात्रा के दौरान डॉक्‍टर जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ से भेंट की. विदेश मंत्री ने कहा कि‍ भारत और रूस के बीच बातचीत विशेष सामरिक साझेदारी को प्रतिबिंबित करती है. श्री जयशंकर ने किर्गिस्‍तान के विदेश मंत्री दिंगीज हैदरबेकोफ और ताजिकिस्‍तान के विदेश मंत्री सिराजुद्दीन मोहरीद्दीन से भी मुलाकात की.

रक्षा मंत्री की रूस यात्रा, शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 3-5 सितम्बर को रूस की यात्रा पर थे. वे रूस के रक्षामंत्री शर्गेई शोइगु के निमंत्रण पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक हिस्सा लेने के प्रयोजना से गये थे. SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक 4 सितम्बर को रूस की राजधानी मॉस्‍को में आयोजित की गयी थी.

इस बैठक में आतंकवाद और उग्रवाद जैसी क्षेत्रीय रक्षा चुनौतियों से निपटने के उपायों पर मुख्य रूप से चर्चा हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO के इस बैठक में भारत की रक्षा और सुरक्षा जरुरतों के अनुरुप ठोस सहायता उपलब्ध कराने पर रुस की सराहना की.

SCO की बैठक से अलग रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षामंत्री जनरल वेई फेंग ने भारत चीन सीमा की घटनाओं और दोनों देशों के संबंधों पर विस्‍तार से बातचीत की.

श्री सिंह ने रुस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु से मुलाकात की. दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में परस्पर सहयोग के व्यापक क्षेत्रों पर चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने भारत में एके-47 203 राइफलों के विनिर्माण के लिए भारत-रुस संयुक्त उपक्रम बनाने की चर्चा के अग्रिम चरण में पहुंचने का स्वागत किया. इस संयुक्त उपक्रम में प्रमुख भागीदारी आयुध निर्माणी बोर्ड की होगी. इन राइफलों का निर्माण उत्तर प्रदेश के कोनवा आयुध कारखाने में किया जाएगा.

रक्षा मंत्री SCO की बैठक के अलावा सामूहिक रक्षा समझौता संगठन (CSTO) और पूर्व सोवियत संघ के देशों के संगठन (CIS) की बैठक में भी हिस्सा लिया. वे रुसी संघ के विजय दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित बैठक में भी हिस्सा लिया.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि

  • शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) यूरेशिया का राजनीतिक आर्थिक, और सैनिक संगठन है. इसकी स्थापना 2001 में शंघाई में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने मिलकर की थी.
  • इस समय चीन, भारत, कजाकिस्‍तान, किर्गिस्‍तान, रूस, पाकिस्‍तान, ताजिकिस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान शंघाई सहयोग संगठन के सदस्‍य हैं.
  • 24 जून 2016 को अस्ताना में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को भी औपचारिक तौर पर SCO का पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया था.

SCO के आठ अजूबों की सूची में भारत के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को शामिल किया गया

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने भारत के ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को अपने आठ अजूबों (Eight wonders of SCO) की सूची में शामिल किया है. इस उद्देश्य सदस्य देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देना है. दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के SCO के आठ अजूबों की लिस्ट में शामिल होने से SCO खुद सदस्य देशों में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का प्रचार करेगा.

उल्लेखनीय है कि अनावरण के सालभर बाद ही स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को रोजाना देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या अमेरिका के 133 साल पुराने स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के पर्यटकों से ज्यादा हो गई है. गुजरात स्थित इस स्मारक को देखने औसतन 15000 से अधिक पर्यटक प्रति-दिन पहुंच रहे हैं.

SCO के 8 अजूबे

  1. स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी (भारत)
  2. दामिंग पैलेस (चीन)
  3. मुग़ल विरासत (पाकिस्तान)
  4. लाहौर मुग़ल विरासत (पाकिस्तान)
  5. नवरुज़ पैलेस (ताजीकिस्तान)
  6. तमगली गोर्ज (कजाखस्तान)
  7. पो-ई-कलान काम्प्लेक्स (उज्बेकिस्तान)
  8. द गोल्डन रिंग (रूस)

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी: एक दृष्टि

  • स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.
  • यह प्रतिमा गुजरात में केवड़िया कॉलोनी में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के समीप है.
  • भारतीय मूर्तिकार राम वी सुतार ने इसका डिजायन तैयार किया था.
  • सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की इस प्रतिमा को सिर्फ चार सालों के भीतर बनाया गया है. इसे बनाने की लागत 2989 करोड़ रुपए आई है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की 143वीं पुण्‍यतिथि के मौके पर 31 अक्टूबर, 2018 को उसका अनावरण किया था.

भारत शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की मेजबानी करेगा

भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की 2020 में मेजबानी करेगा. SCO के महासचिव व्लादिमिर नोरोव ने 12 नवम्बर को इसकी घोषणा की.

SCO के राष्ट्रप्रमुखों की 18वीं परिषद का आयोजन हाल ही में ताशकंद में किया गया था. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया था. बैठक में SCO सदस्य देशों ने 2020 में भारत द्वारा मेजबानी का प्रस्ताव रखा जिसे भारत ने स्वीकार किया.

भारत SCO में 2017 में शामिल हुआ था. यह पहला मौका होगा जब भारत इसकी मेजबानी करेगा. इसके अन्य सदस्य देशों में पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.