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बशर-अल-असद ने चौथी बार सीरिया का राष्‍ट्रपति चुनाव जीता

सीरिया के मौजूदा राष्‍ट्रपति बशर-अल-असद ने चौथी बार सीरिया का राष्‍ट्रपति चुनाव जीत लिया है. वह चुनाव जीतने के बाद अगले कार्यकाल (सात साल तक) के लिए सीरिया के राष्‍ट्रपति बने रहेंगे.

असद वर्ष 2000 से राष्‍ट्रपति पद पर हैं. वे अपने पिता हफीज के स्‍थान पर राष्‍ट्रपति बने थे जिन्‍होंने एक चौथाई से अधिक सदी तक शासन किया था.

पश्चिम देशों ने सीरिया के चुनाव को अस्वीकार कर दिया है और कहा कि यह न तो स्‍वतंत्र तरीके से हुआ है और न ही निष्‍पक्ष है. बाइडन प्रशासन ने कहा है कि वह सीरिया में चुनाव के परिणाम को तब तक मान्यता नहीं देगा जब तक कि संयुक्त राष्ट्र और सीरियाई समाज के सभी प्रतिनिधियों की निगरानी में निष्पक्ष मतदान नहीं होता.

ISIS आंतकी समूह का प्रमुख अबू बकर अल बगदादी की अमरीकी सैन्य कार्रवाई में मौत

इस्‍लामिक स्‍टेट (ISIS) आंतकी समूह का प्रमुख अबू बकर अल बगदादी 27 अक्टूबर को सीरिया के उत्‍तर पश्चिम में अमरीकी सैन्य कार्रवाई में मारा गया. बगदादी के मारे जाने की घोषणा व्‍हाईट हाउस में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्‍प ने की. अलबगदादी पर था 25 मिलियन अमरेकी डालर का इनाम था.

तुर्की की सीमा को कुर्द लड़ाकों से खाली कराने के लिए रूस और तुर्की ने एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किये

सीरिया और तुर्की की सीमा को कुर्द लड़ाकों से खाली कराने के लिए रूस और तुर्की ने 22 अक्टूबर को एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किये. इसका उद्देश्‍य सीरिया के उत्‍तर-पूर्वी इलाके पर साझा नियंत्रण स्‍थापित करना है.

समझौते के तहत तुर्की को उन इलाकों का नियंत्रण मिलेगा, जिनमें उसने इस महीने के शुरू में कार्रवाई की थी. सीमा के बाकी हिस्‍सों पर रूस और सीरिया- दोनों की सेनाएं तैनात रहेगी. दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अंतर्गत कुर्दिश लड़ाकों को तुर्की और सीरिया की (440 किलोमीटर लंबी) सीमा से 30 किलोमीटर दूर हटने के लिए और 150 घंटों का समय दिया गया है. रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और तुर्की के राष्‍ट्रपति रज़प तैय्यप एर्दोआन ने सीमावर्ती इलाकों की साझा गश्‍ती पर भी सहमति व्‍यक्‍त की.

उल्लेखनीय है कि तुर्की, कुर्द बलों को आतंकी मानता है और सीरिया की सीमा के अंदर तक वह एक ‘सेफ़ ज़ोन’ बनाना चाहता है. यह समझौता अमरीका समर्थित सीरियाई कुर्द लड़ाकों के नेतृत्‍व वाली सेना के उत्‍तरी सीरिया से हटने के बाद हुआ है, जिसकी मांग तुर्की करता रहा है.

तुर्की ने उत्‍तरी सीरिया में ‘पीस स्प्रिंग’ नाम से अपना सैन्‍य अभियान शुरू किया

तुर्की ने उत्‍तरी सीरिया में ‘पीस स्प्रिंग’ नाम से अपना सैन्‍य अभियान शुरू किया है. इसकी वजह से अमरीका समर्थित कुर्द विद्रोहियों से उसके सीधे मुकाबले की आशंका बढ़ गई है. तुर्की का दावा है कि वह कुर्द बलों और इस्लामिक स्टेट के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.

क्या है मामला?
तुर्की सीरिया के कुर्द लड़ाकों को आतंकी मानता है. उसने अपनी सीमा से लगी उत्‍तरी सीरिया में यह सैन्‍य अभियान अमेरिका द्वारा उत्‍तरी सीरिया से अपनी सेना हटा लेने के बाद की है.


अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि सीरिया के कुर्दों ने ISIS के खिलाफ जंग में अमेरिका की कोई मदद नहीं की. इस बयान के जरिए उन्होंने अमेरिकी बलों को वापस बुलाने के अपने फैसले का बचाव किया है जिससे तुर्की को पूर्वोत्तर सीरिया पर हमला करने के लिए सैन्य अभियान शुरू करने का रास्ता मिल गया.

जब तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सीरिया पर हवाई हमले की घोषणा की तो अमेरिका ने इस कदम पर चेताते हुए कहा था कि अगर वह अपनी हद पार करेगा तो वह उसकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा.


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आपातकालीन बैठक
उत्तरी सीरिया में कुर्द सेनाओं के खिलाफ तुर्की के सैन्य आक्रमण पर विचार-विमर्श करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज आपातकालीन बैठक करेगा. बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और पोलैंड के अनुरोध के पर परिषद की यह बैठक होनी है.

तुर्की सेना के हमले की कड़ी निंदा
भारत सहित कई देशों ने तुर्की के सीरिया में सैन्‍य अभियान की निंदा की है. भारत ने तुर्की से अपील की कि वह सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे.

अरब लीग ने तुर्की आक्रमण को रोकने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद से आवश्‍यक कदम उठाने का आग्रह किया है.बैठक में भाग लेने वालें विदेश मंत्रियो ने चेतावनी दी कि‍ इस हमले ने क्षेत्रिय सुरक्षा और शांति के लिए सीधा खतरा पैदा कर दिया है. सऊदी अरब और यूएई ने इस समस्‍या के राजनैतिक समाधान खोजने पर बल दिया.

फ्रांस और जर्मनी ने सीरिया में कुर्दों के खिलाफ तुर्की की सैन्य कार्रवाई के लिए उसे हथियारों का निर्यात रोक दिया है क्योंकि इसका इस्तेमाल सीरिया में हमले के लिए किया जा सकता है. कई यूरोपीय शहरों में तुर्की के खिलाफ रैलियां निकाली गई हैं.