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पिनकोड MH-1718: इंडिया पोस्ट ने अंटार्कटिका में अपना तीसरा पोस्ट ऑफिस खोला

भारतीय डाक विभाग (इंडिया पोस्ट) ने दक्षिणी ध्रुव के पास बर्फीले महाद्वीप अंटार्कटिका में 5 अप्रैल 2024 को अपना तीसरा पोस्ट ऑफिस खोला. इसकी शुरुआत वेब लिंक के जरिए महाराष्ट्र सर्कल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल के.के. शर्मा ने की. अंटार्कटिका में खुले नए पोस्ट ऑफिस को एक्सपेरिमेंटल तौर पर पिनकोड MH- 1718 दिया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • अंटार्कटिका में भारत के रिसर्च स्टेशन का नाम ‘भारती स्टेशन’ है. भारत इस बर्फीले, निर्जन इलाके में रिसर्च मिशन चलाता है जहां 50-100 वैज्ञानिक काम करते हैं.
  • भारत ने अंटार्कटिका में ‘दक्षिण गंगोत्री’ स्टेशन में अपना पहला पोस्ट ऑफिस खोला था. और दूसरा पोस्ट ऑफिस ‘मैत्री’ स्टेशन में 1990 में खुला था.
  • अंटार्कटिका में तीसरा पोस्ट ऑफिस खोलने के लिए 5 अप्रैल का दिन चुना गया क्योंकि इसी दिन नैशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) का 24वां स्थापना दिवस था.
  • अंटार्कटिका ‘अटलांटिक संधि’ द्वारा शासित है, जो किसी भी देश के क्षेत्रीय दावों को अलग रखता है और सैन्य गतिविधि या परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध लगाता है. यह रेखांकित करता है कि महाद्वीप का उपयोग केवल साइंटिफिक रिसर्च के लिए किया जा सकता है.
  • अंटार्कटिका एक ऐसी भूमि पर भारतीय पोस्ट ऑफिस खोलने का अनूठा अवसर देता है जो विदेशी है और हमारी नहीं है. इसलिए यह महाद्वीप पर उपस्थिति का दावा करने के संदर्भ में एक रणनीतिक उद्देश्य पूरा करता है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार क्षेत्र में 100% FDI को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार क्षेत्र में 100% विदेशी निवेश (FDI) को को मंजूरी दी है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 15 सितम्बर को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गयी.

मुख्य बिंदु

  • मंत्रिमंडल ने कर्ज से जूझ रहे दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए दूरसंचार क्षेत्र में कई संरचनात्मक और प्रक्रिया सुधारों को मंजूरी दी है. राहत पैकेज में दूरसंचार कंपनियों द्वारा वैधानिक बकाया के भुगतान पर 4 साल की मोहलत (moratorium) शामिल है.
  • सरकार ने स्वचालित मार्ग के तहत दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 49% से बढ़ाकर 100% कर दिया है. किसी देश के किसी व्यक्ति या फर्म से किसी दूसरे देश में किया गया कोई भी निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कहलाता है.

भारत में 5G नेटवर्क के परीक्षण की अनुमति दी गयी

दूरसंचार विभाग (DoT) ने देश में 5G नेटवर्क के परीक्षण की अनुमति दी है. दूरसंचार विभाग ने रिलाइंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन और एमटीएनएल के आवेदन को इसके लिए मंजूरी दी है. इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर रही है.

दूरसंचार विभाग ने 5G परीक्षण के लिए स्वीकृत दूरसंचार गीयर विनिर्माताओं की सूची में एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सी-डॉट और रिलायंस जियो की स्वदेशी रूप से विकसित टेक्नोलॉजीज को शामिल किया है. रिलाइंस जियोइंफोकॉम लिमिटेड अपनी खुद की 5G तकनीक का उपयोग करके यह परीक्षण करेगी.

इस परीक्षण में किसी भी चीनी कंपनियों को शामिल नहीं किया गया है. भारत के अलाबे अमेरिका, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया ने भी चीनी कंपनियों को 5G नेटवर्क सेवाएं प्रदान करने पर प्रतिबंध लगाया है.

दूरसंचार विभाग ने परीक्षणों की अवधि छह महीने तय की है. ऑपरेटर्स को परीक्षण करने के लिए 2500 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज और 800 मेगाहर्ट्ज के अपने मौजूदा स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की अनुमति दी गयी है.

दूरसंचार कंपनियों को 5G परिक्षण शहरी क्षेत्रों समेत ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में भी करना होगा ताकि 5G तकनीक का लाभ केवल शहरों में ही नहीं बल्कि देशभर में उठाया जा सके.

5G तकनीक

दूरसंचार विंभाग के अनुसार 5G तकनीक (5G Technology) 4G के मुकाबले में दस गुना बेहतर डाउनलोड स्पीड देने और स्पेक्ट्रम क्षमता में तीन गुना तक बेहतर रिजल्ट्स देने में सक्षम है.

अंडमान निकोबार द्वीप समूह तक समुद्र के नीचे केबल बिछाने की परियोजना का उद्घाटन

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चेन्नई में चेन्नई से अंडमान निकोबार द्वीप समूह तक समुद्र के नीचे केबल बिछाने की महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन किया. सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम BSNL, युनिवर्सल सर्विस ऑब्लीगेशन फंड के अन्तर्गत इस परियोजना को कार्यान्वित करेगा. इस परियोजना के तहत शुरूआती तौर पर चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर स्थित कारबाइन्स कोव तक केबल बिछाई जायेगी. 2020 के अंत तक इस परियोजना के पूरे हो जाने की संभावना है.

इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद यहाँ डाटा नेटवर्क में सुधार होगा. सामरिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण इस द्वीप समूह की लंबाई-चौड़ाई को देखते हुए उपग्रह ट्रांसपोंडर आधारित दूरसंचार नेटवर्क सामरिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण द्वीप के लिए प्रर्याप्‍त नहीं था. इसलिए समुद्र में बिछाया जा रहा यह फाइबर ऑपटिक केबल जो कम लागत अत्‍यधिक भरोसेमंद और दूरसंचार व्‍यवस्‍था को सुनिश्चित करेगा. ये देश के भारत नेट और डिजिटल इंडिया की पहल को भी गति देगा.

सरकार ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की शुरुआत की, 2022 तक सभी गांवों को ब्रॉडबैंड इन्टरनेट का लक्ष्य

सरकार ने 17 दिसम्बर को राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM) की शुरुआत की. इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी गांवों को ब्रॉडबैंड इन्टरनेट उपलब्ध कराना है. केंद्रीय संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस मिशन का शुभारंभ किया. इसके तहत मोबाइल और इंटरनेट की सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने का भी लक्ष्य है.

इस मिशन के तहत देशभर, विशेषरूप से ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में सार्वभौमिक और समानता के आधार पर ब्रॉडबैंड पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी. इसके तहत 30 लाख किलोमीटर का अतिरिक्त आप्टिकल फाइबर केबल मार्ग बिछाया जाएगा. साथ ही 2024 तक देश में टावरों की संख्या मौजूदा 5.65 लाख से बढ़कर 10 लाख हो जाएगी और टावर का घनत्व 0.42 से बढ़ाकर 1.0 टावर प्रति हजार आबादी किया जाएगा. इस मिशन के तहत टावरों का ‘फाइबराइजेशन’ बढ़कर 70 प्रतिशत तक हो जाएगा, जो अभी 30 प्रतिशत है.

इस मिशन के जरिये शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यमिता और विकास के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा. इस मिशन के तहत संबद्ध पक्ष आगामी वर्षों में 100 अरब डॉलर (सात लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेंगे. इसमें 70,000 करोड़ रुपये यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड (ISOF) से उपलब्ध कराया जाएगा.

सरकार ने MTNL का BSNL में विलय का फैसला लिया

सरकार ने आर्थिक संकट से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी MTNL का BSNL में विलय का 23 अक्टूबर को फैसला लिया. पुनरुत्थान पैकेज के तहत दोनों कंपनियों का विलय होगा. दोनों कंपनियों की मजबूती के लिए सरकार 29,937 करोड़ रुपए खर्च करेगी. 15000 करोड़ रुपए सॉवरेन बॉन्ड के जरिए जुटाए जाएंगे.