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भारत छठी बार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य चुना गया

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के सदस्य देश के रूप में भारत को फिर से चुना गया है. भारत छठी बार भारी बहुमत से UNHRC के लिए फिर से निर्वाचित हुआ है. UNHRC में भारत का कार्यकाल 2022 से 2024 तक रहेगा.

UNHRC का सदस्य देशों का चुनाव संयुक्त राष्ट्र में गुप्त मतदान के जरिए किया गया. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस चुनाव में अर्जेंटीना, बेनिन, कैमरून, इरिट्रिया, फिनलैंड, जाम्बिया, होंडुरास, भारत, कजाकिस्तान, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मलेशिया, मोंटेनेग्रो, पराग्वे, कतर, सोमालिया, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका का चयन किया.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) क्या है?

UNHRC संयुक्त राष्ट्र का एक निकाय है जो विश्व भर में मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए काम करता है. इस परिषद का गठन वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के जरिए किया गया था. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग इस काम को करता था. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है.

UNHRC के सदस्य का चुनाव

UNHRC में 47 सदस्य देश होते हैं. इनका चुनाव संयुक्त राष्ट्र महासभा के जरिए किया जाता है. इस परिषद के सदस्य देशों की सीट का बंटवारा भौगोलिक आधार पर किया गया है. जिसमें अफ्रीका और एशिया पैसिफिक क्षेत्र से 13-13 सदस्य चुने जाते हैं. इसके अलावा दक्षिण अमेरिका और कैरिबियाई देशों से 8 सदस्य, पश्चिमी यूरोप से 7 और पूर्वी यूरोप से 6 सदस्यों का चुनाव किया जाता है.

वैश्विक बाल श्रम पर ILO और UNICEF ने संयुक्त रिपोर्ट जारी की

वैश्विक बाल श्रम पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और UNICEF ने हाल ही में एक संयुक्त रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में कई लाख बच्‍चे बाल मजदूरी के लिए विवश हैं और अंतिम दो दशकों में बाल श्रम में वृद्धि हुई.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • पिछले दो दशक में बालश्रम की दर में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है. 2016 में वैश्विक स्‍तर पर बालश्रमिकों की संख्‍या 15.2 करोड़ थी जो अब बढ़कर 16 करोड़ पहुंच गई है. पिछले 4 वर्षों में करीब 84 लाख बच्चे बालश्रम में जुड़ गए हैं.
  • आने वाले वर्षों में बालश्रम दर में बढोत्‍तरी हो सकती है. आंकड़ों के अनुसार 4.6 करोड़ बच्‍चे बालश्रम संकट की चपेट में आ सकते हैं. सबसे ज्‍यादा खराब स्थिति सब सहारा अफ्रीका रीजन में हैं. यहां आर्थिक संकट पहले से ही परेशानी की वजह बना हुआ है. मौजूदा स्थिति को कोरोना महामारी ने और भी खराब कर दिया है.
  • कोरोना के चलते ग्‍लोबल लॉकडाउन, स्‍कूल, कारखानों के बंद रहने और राष्‍ट्रीय बजट में गिरावट का असर परिवारों पर हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक 28 फीसदी 5 से 11 साल के ऐसे बच्‍चे हैं जो स्‍कूल जाने की बजाय मजदूरी कर रहे हैं. जबकि, 35 फीसदी 12 से 14 साल के ऐसे बच्‍चे हैं मजदूरी करने को मजबूर हैं.

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के तीन निकायों के लिए भारत को चुना गया

भारत, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (United Nations Economic and Social Council) के तीन निकायों में निर्वाचित हुआ है. ये निकाय हैं-

  1. अपराध निरोधक एवं आपराधिक न्याय आयोग (Commission on Crime Prevention and Criminal Justice),
  2. संयुक्त राष्ट्र लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण कार्यकारी बोर्ड (Executive Board of the UN Entity for Gender Equality and Empowerment of Women) और
  3. विश्व खाद्य कार्यक्रम का कार्यकारी बोर्ड (Executive Board of World Food Programme).

भारत को मौखिक अनुमोदन के साथ अपराध निरोधक एवं आपराधिक न्याय आयोग में चुना गया है. इसका कार्यकाल 1 जनवरी 2022 से तीन साल के लिए होगा. वहीं ऑस्ट्रिया, बहरीन, बेलारूस, बुल्गारिया, कनाडा, फ्रांस, घाना, लीबिया, पाकिस्तान, कतर, थाइलैंड, टोगो और अमेरिका को भी मौखिक अनुमोदन के साथ चुना गया जबकि ब्राजील, डोमिनिक गणराज्य, प्राग, चिली, क्यूबा को गुप्त मतदान के जरिए चुना गया.

भारत को संयुक्त राष्ट्र लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण संस्था के कार्यकारी बोर्ड में भी 1 जनवरी, 2022 से तीन साल के कार्यकाल के लिए अनुमोदन के द्वारा निर्वाचित किया गया. इस निकाय में अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कैमरून, कोलंबिया, डोमिनिक गणराज्य, मिस्र, गांबिया, गुयाना, केन्या, मोनाको, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका, थाइलैंड, तुर्कमेनिस्तान और यूक्रेन भी निर्वाचित हुए.

इसके अलावा भारत विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी बोर्ड में भी निर्वाचित हुआ. 1 जनवरी, 2022 से उसका कार्यकाल शुरू होगा. इस बोर्ड में फ्रांस, घाना, कोरिया गणराज्य, रूस और स्वीडन को भी अनुमोदन द्वारा निर्वाचित किया गया.

भारत को अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के संचालक मंडल की अध्यक्षता मिली

भारत को अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के संचालक मंडल की अध्यक्षता मिली है. श्रम सचिव अपूर्व चंद्र को ILO के संचालक मंडल के अध्यक्ष के लिए चुना गया है. वह इस पद पर अक्टूबर 2020 से जून 2021 तक रहेंगे. 35 साल बाद भारत को ILO के संचालक मंडल की अध्यक्षता मिली है.

अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) क्या है?

अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization) संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी है. यह अन्तर्राष्ट्रीय श्रम मानक तय करती है. यह संगठन अंतरराष्ट्रीय आधारों पर मजदूरों तथा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए नियम बनाता है. 1969 में इसे विश्व शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

संचालक मंडल ILO का शीर्ष कार्यकारी निकाय है. यह निकाय नीतियों, कार्यक्रमों, एजेंडा, बजट और महानिदेशकों का चुनाव करती है. वर्तमान में ILO के 187 सदस्य हैं. ILO का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है.

भारत को संयुक्‍त राष्‍ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के महिला स्थिति आयोग का सदस्‍य चुना गया

भारत को संयुक्‍त राष्‍ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (Economic and Social Council-ECOSOC) के महिला स्थिति आयोग का सदस्‍य चुना गया है. भारत 2021 से 2025 तक चार वर्ष के लिए इस प्रतिष्‍ठित संस्‍था का सदस्‍य रहेगा. यह चयन स्‍त्री-पुरूष समानता और महिला सशक्तीकरण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि है.

महिला स्थिति आयोग के सदस्‍यों के लिए हुए चुनाव में भारत, अफगानिस्‍तान और चीन ने भाग लिया था. 54 सदस्‍यों के बीच भारत और अफगानिस्‍तान को जीत हासिल हुई जबकि चीन को आधे से भी कम मत मिले.

ECOSOC क्या है?

संयुक्‍त राष्‍ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC), आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का प्रमुख अंग है.

WHO ने कोविड-19 के प्रकोप को वैश्विक महामारी घोषित किया

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने COVID-19 (नोवल कोरोना वायरस) के प्रकोप को ‘पैन्‍डेमिक’ यानी वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है. संगठन के प्रमुख टेडरोस अधनॉम गेब्रेयेसस ने बीमारी से निपटने के लिए की जा रही कार्रवाई को अपर्याप्‍त बताया. वर्तमान में COVID-19 से संक्रमित लोगों की संख्या 1,26,369 है. इस बीमारी के कारण अब तक 4,634 लोगों की मौत हो चुकी है.

किसी बीमारी को तब पैन्‍डेमिक करार दिया जाता है, जब यह कई देशों और महाद्वीपों में फैल जाती है. विश्‍व के स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का कहना है कि किसी बीमारी को वैश्विक महामारी करार देने के गंभीर राजनीतिक और आर्थिक परिणाम हो सकते हैं.

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इससे पहले 2009 में ‘H1N1 इन्‍फ्लुएन्‍जा’ के प्रकोप को वैश्विक महामारी घोषित किया था. H1N1 इन्फ्लुएंजा, H1N1 वायरस से होने वाली बीमारी है. इस बीमारी के कारण वैश्विक आबादी में 11% से 21% हिस्सा प्रभावित हुआ था. इसकी बीमारी की पहचान सबसे पहले मेक्सिको में हुई थी.

अर्जेंटीना के राफेल ग्रॉसी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख निर्वाचित हुए

अर्जेंटीना के राफेल ग्रॉसी संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख के रूप में 29 अक्टूबर को निर्वाचित हुए. ग्रॉसी ने रोमानिया के राजनयिक कॉर्नेल फेरूटा को पराजित किया. IAEA की पूर्व प्रमुख जापान की यूकिया अमानो की जुलाई में मौत के बाद यह चुनाव कराना पड़ा. राफेल IAEA के 6ठे प्रमुख हैं.

IAEA में अर्जेंटीना के राजदूत ग्रॉसी का निर्वाचन ऐसे महत्वपूर्ण समय में हुआ है जब ईरान 2015 के ऐतहासिक समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को धीरे-धीरे कम कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अपने देश को अलग कर लिया था.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था है. इका मुख्यालय ऑस्ट्रिया के वियना में है. विश्व के 171 सदस्य राष्ट्र हैं.